प्रसिद्ध डॉक्टरों ने कहा कि अपनी मानसिक संतुलन बनाए रखें और घबराएं नहीं
मधुबनी : “मेरा सभी से निवेदन है कि आप सभी शरीर के इलाज के साथ अपने मन को भी स्वस्थ और मजबूत रखें। सकारात्मक सोचें और अपना और अपने परिवार का ध्यान रखें।” उक्त बातें राज्य स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे ल ने सभी को प्रेरणा और हौसला देते हुए ऑनलाइन मैसेज के द्वारा कही।
प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय पटना के द्वारा, बिहार इंटर फेथ फोरम फॉर चिल्ड्रन (बीआईएफसी) और यूनिसेफ के सहयोग से किये गए “आशा और चिकित्सा की कड़ी बनाएं और कोरोना की कड़ी तोड़े” बी. के. ज्योति, प्रजापिता ब्रह्मा कुमारी ने ईश्वरीय विश्वविद्यालय, पटना, सभी को बताया, “कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य था कोरोना के वक्त लोगों, डॉक्टर, नर्सें और अन्य स्वास्थ्य कर्मचारियों के बढ़ते डर और चिंता को कैसे संभाला जाये और उनकी भावनात्मक और मानसिक स्वास्थ्य को सकारात्मक रूप से बनाये रखा जाये।”
सकारत्मक सोच जरूरी :
डॉ सी. एम. सिंह, अधीक्षक, एम्स, पटना, ने बताया कि “हम सभी डॉक्टर, नर्सें और अन्य स्वास्थ्य कर्मचारी लोगों के मानसिक तनाव को संभालने में प्रशिक्षित हैं। हम मरीज़ो की और उनके परिवार वालों की सकारात्मक मानसिकता बनाए रखने की पूरी कोशिश कर रहे हैं।” उन्होंने यह भी बताया कि सभी इस समय पूरी सावधानी से काम कर रहे हैं। सभी कर्मचारी पी. पी. ई. किट्स पहनकर और सारी सावधानियों को बरतकर लोगों का ध्यान रख रहे हैं।
5 से 10 % लोगों को ऑक्सीजन की होती है जरूरत :
“कोविड -19 के मरीज़ो में से 80-85 % लोगों को सिर्फ सर्दी या बुखार जैसे लक्षण दिखाई देंगे और वह ठीक हो जाते हैं। सिर्फ 5-10 % लोगों को ऑक्सीजन की जरुरत होती है और उसमे से भी चंद लोग आई. सी. यु. में भर्ती होते हैं।” यह बातें डॉ शेखर कुमार, सलाहकार, न्यूरो फिज़िशियन, पटना न्यूरो केयर, ने कही साथ ही उन्होंने लोगों से अनुरोध किया कि वे इस दौर में घबराएं नहीं।
गंभीर मरीज ही अस्पताल में हों भर्ती :
डॉ वीणा सिंह, सह-प्राध्यापक, एम्स, पटना, ने बताया कि, “सारे हस्पतालों में प्रोटोकॉल्स के मुताबित केवल उन्ही मरीज़ो को भर्ती किया जा रहा है जिनकी गंभीर स्थिति है। बाकी सभी को हम सलाह देते हैं कि वह घर पर कोविड-19 सुरक्षा व्यवहारों का पालन करते हुए अपना ध्यान रखें और हम उनके साथ लगातार संपर्क में रहते हैं सलाह देने के लिए।”
निपुण गुप्ता, संचार विशेषज्ञ, यूनिसेफ, बिहार, ने कहा कि , “सभी डॉक्टरों से निवेदन है कि वह सारे हस्पतालों में मनोवैज्ञानिक परामर्श (साइकोलॉजिकल काउंसलिंग) की सुविधा उपलब्ध करवाएं। मरीजों और उनके रिश्तेदारों और खासकर उनके बच्चों के लिए। ” उन्होंने बताया कि कई बच्चे कोविड-19 की वजह से अनाथ हो गए हैं और सभी बच्चों के ऊपर मानसिक और भावनात्मक तनाव बढ़ गया है। बच्चों की मदद के लिए सभी बिहार सरकार की परवरिश योजना का ध्यान रखें और राष्ट्रीय हेल्पलाइन CHILDLINE 1098 पर कॉल करें।
अधिक जानकारी मानसिक अवसाद का कारण :
डॉ बनारसी लाल शाह, प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय के मेडिकल विंग के एवर-हेअल्थी अस्पताल के निदेशक ने कहा कि , “हमें जानकारी सिर्फ उतनी ही लेनी चाहिए जितनी आवश्यक हो। हमे ज़्यादा जानकारी से अपने मानसिक तनाव को बढ़ाना नहीं चाहिए।” डॉ प्रमोद कुमार, पी. के. इमेजिंग, ने कहा, “सभी डॉक्टरों को यह प्रयास करना चाहिए कि मरीज़ो को सकारत्मक विचारों से उनकी मानसिक स्तिथि संभालने में मदद करें ताकि वह जल्द से जल्द स्वस्थ हो जाएं।” कार्यक्रम का संचालन बी. के. ज्योति जी द्वारा किया गया और बी. के संगीता जी द्वारा प्रतिभागियों को ध्यान लगाने की और सकारात्मक विचार रखने की तकनीक बताई गई।
कार्यक्रम के मुख्य प्रतिभागी के रूप में डॉ सी. एम. सिंह (अधीक्षक, एम्स, पटना), डॉ शेखर कुमार (सलाहकार, न्यूरो फिज़िशियन , पटना न्यूरो केयर ), डॉ प्रमोद कुमार (पी. के. इमेजिंग), डॉ वीणा सिंह (सह-प्राध्यापक, एम्स पटना), डॉ बनारसी लाल शाह (प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय के मेडिकल विंग के एवर-हेअल्थी अस्पताल के निदेशक), डॉ अजय कुमार (निदेशक पारस एच. एम. आर. आई. हॉस्पिटल और पाम व्यू हॉस्पिटल), निपुण गुप्ता (संचार विशेषज्ञ, यूनिसेफ, बिहार) और बी. के. ज्योति और बी. के संगीता (प्रजापिता ब्रह्मा कुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय, पटना) शामिल हुए।
जिला के निजी अस्पतालों में होगी रैपिड एंटीजन टेस्ट से कोरोना की जांच
मधुबनी : जिला में कोरोना का संक्रमण तेजी से फ़ैल रहा है. संक्रमित मरीजों की संख्या में भी लगातार वृद्धि देखी जा रही है. मरीजों की बढ़ती संख्या को देखते हुए जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग लगातार अस्पतालों में मरीजों की चिकित्सा को लेकर प्रयासरत है. सुविधाओं का विस्तार किया जा रहा है ताकि कोरोना के मरीजों को तत्काल चिकित्सीय उपचार उपलब्ध हो सके.
स्वास्थ्य विभाग संक्रमण की जांच हेतु पूरे जिले में रैपिड एंटीजन टेस्ट से कोरोना की जांच के लिए संकल्पित है. इसी क्रम में अब निजी अस्पतालों में संक्रमण की जांच के लिए व्यवस्था की गयी जाएगी. जिस मद्देनजर रोग नियंत्रण, लोक स्वास्थ्य, पारा मेडिकल स्वास्थ्य सेवाएं, बिहार पटना के निदेशक प्रमुख डॉ. नवीन चंद्र प्रसाद ने सिविल सर्जन को पत्र जारी कर निजी अस्पतालों के लिए जरुरी दिशानिर्देश जारी किये हैं.
जांच के लिए सिविल सर्जन को किया गया है प्राधिकृत :
भारतीय आर्युविज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) की दिशा निर्देश के आलोक में यह निर्णय लिया गया है कि सभी प्रकार के निजी चिकित्सा सेवा संस्थान, डायग्नोस्टिक सेंटर एवं लैबोरेट्री में रैबिट एंटीजन कीट के माध्यम से कोविड-19 जांच की सुविधा प्रदान की जाएगी। निजी चिकित्सा संस्थानों में रैपिड एंटीजन किट के माध्यम से जांच के लिए सिविल सर्जन को प्राधिकृत किया गया है।
सिविल सर्जन से अनुमति प्रदान करने के बाद ही रैपिड एंटीजन किट के माध्यम से निजी संस्थान जांच कर सकते हैं। संबंधित निजी अस्पताल कोविड-19 से संबंधित सभी प्रोटोकॉल के साथ आईसीएमआर पोर्टल पर दिए गए निर्देश का पालन करेंगे। हर दिन के पूरे टेस्टिंग का विवरण आईसीएमआर पोर्टल पर अपलोड करना होगा और पोर्टल पर अपलोड करने संबंधी जानकारी जिला स्वास्थ समिति, पटना को देनी होगी।
निजी स्वास्थ्य संस्थानों को इन शर्तों का करना होगा पालन :
रैपिड एंटीजन कीट जांच के लिए निजी स्वास्थ्य संस्थानों को शर्तों का पालन करना होगा। संबंधित निजी चिकित्सा संस्थान में अनिवार्य रूप से पैथोलॉजिस्ट, माइक्रोबायोलॉजिस्ट उपलब्ध कराने होंगे तथा संबंधित संस्थान के लैब टेक्नीशियन एवं डाटा एंट्री ऑपरेटर उपलब्ध कराना होगा तथा उनका दो दिवसीय प्रशिक्षण सदर अस्पताल में कराया जाएगा।
जिन्हें रैपिड इंजन किट से जांच एवं राज्य के पोर्टल पर जांच से संबंधित आंकड़ों को प्रविष्ट करने का प्रशिक्षण दिया जाएगा। बायो मेडिकल वेस्ट डिस्पोजल के लिए बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के निर्देश का पालन करना अनिवार्य होगा। राज्य स्वास्थ्य समिति से संपर्क कर निजी संस्थानों को डाटा एंट्री ऑपरेटर को लॉगिन पासवर्ड उपलब्ध कराया जाएगा।अनुमति प्राप्त निजी चिकित्सा संस्थान अनिवार्य रूप से प्रतिदिन किए जाने वाले जांच राज्य स्वास्थ समिति बिहार के पोर्टल पर प्रविष्ट भी करेंगे।
केयर इंडिया ने स्वास्थ्य विभाग को मुहैया कराये पांच लीटर क्षमता वाले 12 ऑक्सीजन कंसंट्रेटर
मधुबनी : कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर के दौरान ऑक्सीजन सिलेंडर की बड़े पैमाने पर जरूरत महसूस की गयी है। ऑक्सीजन को लेकर विभिन्न विकल्प तलाशे गये हैं। जिनमें ऑक्सीजन कंसंट्रेटर एक महत्वपूर्ण विकल्प के रूप में सामने आया है।
केयर इंडिया ने मुहैया कराये कंसंट्रेटर :
कोविड आपदा के दौरान ऑक्सीजन की कमी से निबटने के लिए हर संभव प्रयास किये जा रहे हैं।. इनमें स्वास्थ्य विभाग को सहयोग देने वाली संस्थाएं भी महत्वपूर्ण जिम्मेदारी निभा रहीं हैं। स्वास्थ्य विभाग को तकनीकी सहयोग देने वाली संस्था केयर इंडिया द्वारा ऑक्सीजन उपलब्ध कराने की दिशा में सराहनीय सहयोग प्रदान किया जा रहा है।
केयर इंडिया के डीटीएल महेंद्र सिंह सोलंकी ने बताया द्वारा जिला स्वास्थ्य समिति को पांच लीटर क्षमता वाला 12 ऑक्सीजन कंसंट्रेटर मुहैया कराया गया है। तीन ऑक्सीजन कंसंट्रेटर और उपलब्ध कराने की योजना है। इसमें पल्स ऑक्सीमीटर भी लगा हुआ है जिससे मरीज के शरीर में ऑक्सीजन के स्तर की जानकारी भी मिलती है। संस्था द्वारा इसके इस्तेमाल को लेकर स्वास्थ्यकर्मियों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है। ऑक्सीजन कंसंट्रेटर मिलने से मरीजों को काफी राहत मिल सकेगी
क्या है ऑक्सीजन कंसंट्रेटर :
ऑक्सीजन कंसंट्रेटर एक ऐसा मेडिकल डिवाइस है जो हवा से ऑक्सीजन निकाल कर उसे जमा करता है। यह मशीन हवा में मौजूद ऑक्सीजन को फिल्टर कर अन्य गैस को वापस पर्यावरण में छोड़ देता है। ऑक्सीजन सिलेंडर की तुलना में कंसंट्रेटर हल्के होते हैं और एक जगह से दूसरे जगह ले जाने में आसानी होती है।
दिनो दिन बढ़ रही है मांग :
कोविड संक्रमण काल में ऑक्सीजन कंसंट्रेटर की मांग बढ़ी है। ऑक्सीजन कंसंट्रेटर अलग अलग क्षमता के होते हैं।इनमें पांच लीटर क्षमता वाले कंसंट्रेटर प्रति मिनट पांच लीटर ऑक्सीजन फिल्टर कर सप्लाई करता है। पांच लीटर क्षमता वाले कंसंट्रेटर का उपयोग एक मरीज को ऑक्सीजन उपलब्ध कराने के लिए होता है।
जबकि दस लीटर क्षमता वाले कंसंट्रेटर से दो मरीजों को ऑक्सीजन उपलब्ध कराया जा सकता है। इससे प्राप्त ऑक्सीजन 90 से 95 प्रतिशत तक शुद्ध होती है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों का मानना है कि ऑक्सीजन कंसंट्रेटर माइल्ड लक्षण वाले कोविड रोगियों के लिए उपयोगी हैषलेकिन गंभीर रोगियों के लिए इसे बहुत अधिक उपयोगी नहीं माना जाता है। फिर भी पर्याप्त ऑक्सीजन नहीं मिल पाने की स्थिति में इसे कारगर माना गया है।
72 सौ बोतल नेपाली देसी शराब के साथ पांच कारोबरी गिरफ्तार
मधुबनी : जिले की बेनीपट्टी थाना पुलिस ने थाना क्षेत्र के बसैठ में डीकेबीएम सड़क पर कार्रवाई करते हुए 72 सौ बोतल नेपाली देसी शराब जब्त की है, साथ ही पुलिस ने पांच कारोबरी को भी गिरफ्तार किया है। इसके अलावे तीन वाहन भी जब्त की गई है। गिरफ्तार कारोबारियो की पहचान क्रमशः दरभंगा जिला के गंगवार के विष्णु कुमार, मधुबनी के साहरघाट के मिक्कू कुमार, सीतामढ़ी के चरौत के संजय कुमार, दरभंगा देवरी के नूर आलम और दरभंगा जाले के ही पुन्नू कुमार के रूप में की गयी है।
प्रभारी एसएचओ रवींद्र प्रसाद ने बताया कि पिपरौन से गुप्त सूचना मिली थी, जिसके आधार पर कार्रवाई की गई। कार्रवाई में प्रभारी एसएचओ के साथ एएसआई शेषनाथ प्रसाद और पुलिस बल शामिल थें। प्रभारी एसएचओ ने बताया कि सभी कारोबरियो के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर न्यायिक हिरासत में भेजा जा रहा है।
थाना का घेराव कर नाराज लोगों ने पुलिस के खिलाफ जमकर नारेबाजी
मधुबनी : जिले के रुद्रपुर थाना क्षेत्र में इन दिनों चोरो का हौसला सातवें आसमान जा पहुचा है। पुलिस की सुस्त रवैया के वजह से लगातार एक से एक घटना को अंजाम दिया जा रहा है। शुक्रवार के बाद देर रात को भी बेखोफ चोरो ने चोरी की घटना को अंजाम दिया था। हालांकि ग्रामीणों की अथक प्रयासों से देर रात एक चोर को मौके से पकड़ लिया गया।
वहीं उसके पास से एक देशी कट्टा भी बरामद हुआ है। लगातर हो रही चोरी की घटना से आक्रोशित ग्रामीणों ने सुबह से ही रुद्रपुर थाना का घेराव कर पुलिस के खिलाफ जमकर नारेबाजी करते हुए अंधराठाढ़ी झंझारपुर मुख्य सड़क पर आगजनी कर अपना विरोध जताया। इस दौरान करीब घंटो तक यातयात पूरी तरह प्रभावित रहा।
आक्रोशित ग्रामीणों ने थाना प्रभारी अशोक कुमार की तबादला और बीते दिनों हुए करीब दर्जनों से अधिक घरों में चोरी की घटनाओं का उद्भेदन करने की मांग रखी थी। ग्रामीणों का आक्रोश देख पुलिस पूरी तरह बेबस नजर आई। इस दौरान सभी स्थानीय पुलिस मेन गेट बंद कर थाना में दुबके रहे। वहीं सूचना पर झंझारपुर डीएसपी आशीष आनंद अपने दलबल के साथ पहुच आक्रोशित लोगों को समझाने का प्रयास भी विफल रहा। खबर लिखे जाने तक आक्रोशित ग्रामीणों ने जाम नही हटाया है। उन लोगों की मांग जारी है।
मालूम हो कि शुक्रवार रात को जलसैन पंचायत में चोरी घटना के बाद देर रात को चोरों ने फिर एक बार एक घर को निशाना बनाया था। ग्रामीणों की सूझबूझ ने एक चोर को पकड़ने में सफलता पाई, लेकिन शेष चोर भागने में भी सफल हो गए। इस चोरी की घटना में चोर हथियारों से लेश योजना बनाकर घटना को अंजाम देने में जुटे हुए थे। गोली बारी में एक ग्रामीण युवक भी घायल हो गए है।
पप्पू यादव को रिहाई को लेकर भड़के जाप कार्यकर्ताओ ने मुख्यमंत्री का किया पुतला दहन
मधुबनी : जिले के बिस्फी प्रखंड मुख्यालय के जीरोमाइल बिस्फी के मुख्य पथ विद्यापति चौक के चौराहे पर जाप सुप्रीमो पप्पू यादव को किये गए गिरफ्तारी के रिहाई को लेकर सैकड़ो कार्यकर्ताओ ने सीएम पीएम मुर्दावाद का नारा लगाते हुए हुए सीएम नीतीश कुमार का पुतला दहन किया गया, जिसका अध्यक्ष बिस्फी प्रखंड अध्यक्ष बेचन यादव ने किया।
इस मौके पर प्रखंड अध्यक्ष बेचन यादव ने प्रेस को बताया कि यह पीएम नरेंद्र मोदी एवं भाजपा के गोद में बैठा सीएम नीतीश कुमार का षड्यंत्र हैं। पुरे बिहार के गरीब गुरवा असहाय लोगो के हर मुशीबत में घर घर जाकर मदद करने वाले मसीहा को गिरफ्तार कर सरकार अपनी नाकामयाबी को छुपा रही है। कोरोना महामारी में कुव्यवस्था के कारण लोग मर रहे है, और मददगार मसीहा पप्पू यादव ने एम्बुलेंस चोर को पकड़ने का काम किये तो निक्कमी सरकार द्वारा गिरफ्तार कर जेल भेजवा दिया गया।
वही भड़के कार्यकर्ता ब्रज किशोर भारती ने कहा कि आज पूरे बिहार के जनता त्राहिमाम कर मर रही हैं अस्पतालों में भोजन, पानी,ऑक्सीजन मिलना तो दूर की बात है। लाश उठाने वाला कोई नही है और यह सरकार बैठ कर मददगार ब्यक्ति को फंसा कर जान लेने की षड्यंत्र रच रही हैं। उन्होंने बताया कि तक पप्पू यादव को जब तक रिहाई नही की जाती है तब तक उग्र आंदोलन और तेज होती जाएगी। इस मौके पर युवा शक्ति के प्रखंड अध्यक्ष अनिल यादव, प्रमोद दास, नर्सिंग दास, गणेश सहनी, गुड्डू यादव, दिनेश कुमार सहित कार्यकर्ता मौजूद थे।
सड़क निर्माण नहीं होने से ग्रामीण परेशान, मधुबनी जिलाधिकारी को लिखा पत्र
मधुबनी : पुलिस केंद्र के पास स्थित काली मंदिर के पीछे से होती हुई सड़क वार्ड संख्या-9 एवं 10 के लक्ष्मीसागर मोहल्ले को जाती है। यह सड़क वर्षों से जर्जर स्थिति में है। ग्रामीणों द्वारा विभिन्न स्तर पर प्रयास के उपरान्त बिहार सरकार के अपर सचिव, ग्रामीण कार्य विभाग, पटना के पत्रांक – BRRDA (HQ) MMGSY (BRICKS)- 75/17, Part -iv 743 पत्रांक – 29-06-2020 द्वारा इस जर्जर सड़क के निर्माण की स्वीकृति दी गई।
ध्यान देनेवाली बात यह है कि इस सड़क होकर बच्चे गाँव में स्थित सरकारी विद्यालय जाते हैं। जनवितरण प्रणाली की दो दुकानें गाँव में हैं, जहाँ अनाज से भरी गाडियाँ जाती हैं, और जर्जर सड़क पर दुर्घटना होने की संभावना हरदम बनी रहती है। अगर किसी ग्रामीण की तबीयत खराब हो जाए, तो उसे परिवहन की सुविधा सड़क के अभाव में नहीं मिल पाती। पिछले दिनों हुई वर्षा में उस सड़क पर कई लोग फिसलकर गिरते रहे। कुल मिलाकर स्थिति यह है कि सभी ग्रामीण जान जोखिम में डालकर इस जर्जर सड़क पर चलने को मजबूर हैं।
इस बाबत लक्ष्मीसागर मोहल्ले के महावीर राय, संजीत कुमार, रौशन कुमार झा, संतोष पाण्डेय, चंदन राय, मो० गुलाब सहित कई लोगों ने संयुक्त रूप से मधुबनी के जिला पदाधिकारी के नाम इस आशय का आवेदन देकर यथाशीघ्र सड़क निर्माण करवाने का अनुरोध किया है, जिससे कि आगामी बरसात में आवागमन में सुविधा हो सके।
सुमित कुमार की रिपोर्ट