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15 मई : मधुबनी की मुख्य खबरें

जरूरतमंद लोगो रिक्शा चालक, ठेला चालक, किसान, मजदूर के बीच किया गया मास्क वितरण

मधुबनी : वैश्विक महामारी कोरोना वायरस की संभावित खतरे को देखते हुए नगर पंचायत ने शनिवार को शहिद चौक जयनगर में जरूरतमंद लोगों जैसे रिक्शा चालक, ठेला चालक, किसान,मजदूर के बीच मास्क वितरण किया गया। नगर पंचायत के कार्यपालक पदाधिकारी अमित कुमार ने कहा कि कोरोना वायरस से बचने के लिए बचाव के सारे तरीकों को अपनाएं।

लगातार अपना हाथ धोते रहें। बिना ग्लब्स व मास्क के भीड़ में न जाएं। अपने परिजनों को भी इसके लिए प्रेरित करें कि वह बार-बार हाथ धोते रहें।कि लॉकडाउन का पालन करें,घर पर रहे, सतर्क रहें और सुरक्षित रहें।बेवजह घर से नही निकले,जरूरत कार्य से अगर घर से बाहर निकले है तो फेस मास्क पहनकर ही निकले,कोई भी खाद्य सामग्री खरीदते या बेचते समय सोशल डिस्टेन्स का ख्याल रखें।

भाकपा-माले का राज्यव्यापी प्रतिवाद दिवस के तहत जिला कार्यालय, मालेनगर में माले कार्यकर्ताओं ने दिया धरना

मधुबनी : भाकपा(माले) के मधुबनी जिला सचिव ध्रुब नारायण कर्ण ने मालेनगर अबस्थित पार्टी कार्यालय में कोविड प्रोटोकॉल के तहत आयोजित धरना को संबोधित करते हुए कहा कि मोदी सरकार ने पूरे देश को कोरोना महामारी में धकेल दिया है। इसलिए पार्टी ने देश बेचू, आदमखोर मोदी-शाह गद्दी छोड़ का नारा दिया है। जो सरकार अपने नागरिकों की जिंदगी को दांव पर लगा दे, उसे एक मिनट भी सत्ता में बने रहने का हक नहीं है। साथ ही, बिहार के नकारे और हत्यारे स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय की बर्खास्तगी, एम्बुलेंस घोटालेबाज भाजपा सांसद राजीव प्रताप रूढ़ी की गिरफ्तारी और पूर्व सांसद पप्पू यादव की रिहाई की भी मांग इस धरना के माध्यम से उठा रहे है।

उन्होंने कहा कि सरकार के तमाम दावों के विपरीत आज बहुत से टीकाकेंद्रों पर कोविड के टीके उपलब्ध नहीं है। हमारी मांग है कि सरकार अविलंब सबके लिए टीका का प्रावधान करे, और पंचायत स्तर तक जांच व टीकाकरण केंद्रों का विस्तार करे। साथ ही, 18-44 वर्ष आयु वर्ग के लोगों के लिए कोविड टीकाकरण की ऑनलाइन प्रणाली की बाध्यता खत्म करे। गांवों में जांच और इलाज के लिए मेडिकल टीम भेजकर जागरूकता अभियान चलाया जाए।

मधुबनी जिला अस्पतालों में वेंटिलेटर युक्त आइसीयू की व्यवस्था, रामपट्टी कोविड केयर सेंटर में 6 बंद पड़े वेंटिलेटर को चालू करने, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, सामुदायिक और रेफरल अस्पतालों में कोविड इलाज का विस्तार, व्यापक पैमाने पर डॉक्टर व अन्य स्वास्थ्य कर्मियों की बहाली, मेडिकल कॉलेजों में भर्ती के लिए कोविड पॉजिटिव का शर्त खत्म कर लक्षण के आधार पर भर्ती करने आदि मांगों को सरकार लगातार अनसुनी कर रही है। इस पर बिहार सरकार को गंभीरता से विचार करना चाहिए।

आशा कर्मी, सफाई मजदूरों सहित सभी कोरोना वारियर का स्वास्थ्य बीमा का लाभ व कोरोना भत्ता दिया जाना चाहिए, तथा जनवितरण प्रणाली के डीलरों से वार्ता कर हड़ताल समाप्त की जानी चाहिए। कोरोना व लाकडाउन के कारण जो बेरोजगारी व भूखमरी की समस्या उत्पन्न हो रही है, उसके निदान के लिए आवश्यक कदम उठाने चाहिए।

माले नेता बिशंम्भर कामत की अध्यक्षता में आयोजित धरना को किसान महासभा के जिला सचिव प्रेम कुमार झा, रहिका प्रखंड माले सचिव अनिल कुमार सिंह, राजनगर प्रखंड माले सचिव दानी लाल यादव, योगेन्द्र यादव, राम नारायण ठाकुर, राम पासवान वगैरह ने संबोधित किया, जबकि एक दर्जन माले कार्यकर्ताओं ने भाग लिया। वहीं, मौके पर कोरोना से मृत हुए हिंदुस्तान अख़बार के मधुबनी जिला प्रभारी दीपक कुमार को माले नेता एवं कार्यकर्ताओं ने मृतकों को श्रद्धांजलि दी।

उन्होंने निम्न मांगों के आलोक में धरना दिया है :-

1). देश बेचू आदमखोर मोदी-शाह गद्धी छोड़।
2). बिहार के नकारा स्वास्थ्य मंत्री को बर्खास्त करो।
3). एंबुलेंस चोर भाजपा सांसद राजीव प्रताप रूढ़ी को गिरफ्तार करो।
4). सभी जिला अस्पतालों में वेंटिलेटर युक्त आईसीयू का निर्माण करो।
5). रामपट्टी कोविड केयर सेंटर में बंद पड़े सभी 6 वेंटिलेटर को चालू करो।
6). सबके लिए टीका का प्रावधान करो एवं पंचायत स्तर तक जांच व टीकाकरण केंद्रों का विस्तार करो।

भारत की कम्युनिस्ट पार्टी(मार्क्सवादी) अंचल कमिटी ने सामुहिक किचन की व्यवस्था जल्द से जल्द चालू करने की किया मांग

मधुबनी : भारत की कम्युनिस्ट पार्टी(मार्क्सवादी) अंचल कमिटी,जयनगर के नेता कुमार राणा प्रताप सिंह ने जयनगर अनुमंडल प्रशासन के अपील करते हुए कहा है कि कोविड-19 का दूसरा लहर दौड़ बड़ा खतरनाक साबित हो रहा है। जिसको लेकर बिहार सरकार ने पुनः लॉक डाउन को 25 मई 2021 तक बढ़ा दी है, जिस कारण आम लोगों के सामने भुखमरी आ चुका हैं।

इसलिए इस लॉक डाउन की अवधि के दौरान सामूहिक किचन का व्यवस्था होना लाजमी है, पर सामूहिक किचन चालू नहीं होना मानवता के खिलाफ हैं। अतः आप से पार्टी अनुरोध करती हैं, कि सामूहिक किचन अविलंब चालू करवाया जाय, ताकि लोग भुखमरी से बच सकें।

कोरोना की जंग में नहीं रहे पत्रकार दीपक, सिल्लीगुड़ी में हुआ निधन

मधुबनी : कोरोना संक्रमण ने बेहतरीन पत्रकार दीपक कुमार को छीन लिया। उनके निधन की खबर पर पूरे जिले के पत्रकार मर्माहत है। बता दें कि दीपक कुमार मधुबनी में बतौर हिंदुस्तान अखबार में प्रभारी के पद पर थे। मिली जानकारी के अनुसार हाल ही में उन्हें कोरोना हो गया था। कोरोना की पुष्टि के बाद वे रामपट्टी के कोविड केयर सेंटर में भर्ती हुए थे। जहां दो-तीन दिन रहकर वे बेहतर इलाज के लिए सिल्लीगुड़ी चले गए थे।

बताया जा रहा है कि शुक्रवार को उन्हें हार्ट अटैक आया, जिसमें उनकी मौत हो गयी। दीपक कुमार के निधन पर राजनीतिक दल के नेताओं के साथ पत्रकारों ने दुख प्रकट किया है। उनके निधन पर राजनेताओं में समीर कुमार महासेरह, अखलाक सिद्दीकी, रामानंद सिंह, प्रकाश चंद्र झा, शत्रुमर्दन कुमार, विद्याधर झा, मदन झा, आमोद झा, मोहन झा, संतोष मिश्र, ऋषि सिंह, सुमित कुमार राउत, अमित कुमार, अनुराग गुप्ता, पांडव यादव, हीरेन पासवान, प्रभात झा आदि पत्रकारों ने शोक व्यक्त किया है।

युवा वैक्सीन लेते हुए अपनी फोटो सोशल मीडिया पर अपलोड कर लोगों को कर रहे जागरूक

मधुबनी : कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर ने एक बार फिर अपना प्रभाव दिखाना शुरू किया है। लोगों को फिर से घरों में रहने के लिए मजबूर कर दिया है। हालांकि पिछली बार की तरह इस बार कोरोना संक्रमण के दौरान लोगों में डर एवं भय थोड़ा कम दिखाई दे रहा है।सरकार द्वारा युवाओं के लिए वैक्सीनेशन अभियान शुरू किया गया है और बड़ी संख्या में युवा वर्ग वैक्सीन लगवाने के लिए पहुंच भी रहे हैं।

वहीं अभी भी कुछ युवा वैक्सीन लगवाने से डर रहे हैं। इसको लेकर लोगों को वैक्सीन के प्रति जागरूक करने के उद्देश्य से युवाओं ने एक अनूठी पहल शुरू की है। कोरोना वैक्सीन के प्रति लोगों में जागरूकता लाने और संक्रमण प्रसार को रोकने के लिए युवाओं ने सेल्फी के बढ़ते क्रेज का बेहतर इस्तेमाल करते हुए सेल्फी विद वैक्सीन का अभियान शुरू किया है। युवा वर्ग वैक्सीन लेने के बाद अपनी फोटो सोशल मीडिया पर अपलोड कर लोगों से वैक्सीन लेने के लिए अपील कर रहे हैं।

इंटरनेट मीडिया पर अपलोड कर रहे वैक्सीन वाली तस्‍वीर :

युवा वैक्सीन लगवाते हुए सेल्फी लेकर उसे इंटरनेट मीडिया पर अपलोड कर रहे हैं और कोरोना से बचाव का संदेश लिख कर उसे पोस्ट कर रहे हैं। साथ ही लोगों को भी जागरूक कर रहे हैं कि वह अपना वैक्सीनेशन जरूर करवाएं। उनके इस सेल्फी विद वैक्सीन मुहिम का काफी असर देखा जा रहा है। बड़ी संख्या में युवा वर्ग वैक्सीनेशन करवाने के लिए केंद्रों पर पहुंच रहे हैं इस अभियान में अबतक सैकड़ो लोगों ने वैक्सीन लगवाने वाली अपनी तस्‍वीरें सोशल मीडिया पर शेयर की हैं। इस अभियान में युवा के साथ युवतियां एवं बड़े बुजुर्ग भी अपनी सहभागिता निभा रहे है ।

इंटरनेट मीडिया जागरूकता फैलाने में अहम :

यूनिसेफ क एसएमसी प्रमोद कुमार झा ने बताया ने बताया कोरोना संक्रमण काल में इंटरनेट मीडिया को एक बेहतर माध्यम बनाकर लोगों को जागरूक किया जा रहा है। इंटरनेट मीडिया के माध्यम से लोगों के बीच जागरूकता लायी जा सकती है। उसी के तहत युवाओं ने वैक्सीन लेने वाली फोटो सोशल मीडिया पर अपलोड कर मुहिम चलाई है। इससे लोगों के बीच जागरूकता आएगी। उन्होंने बताया इस अभियान में काफी लोग जुड़ चुके हैं और प्रतिदिन लोग जुड़ रहे हैं। साथ ही उन्होंने लोगों से अपील की है कि संक्रमण को देखते हुए सरकार द्वारा जारी कोविड अनुरूप आचरण को अपने जीवनशैली का हिस्सा बनायें।

सोशल मीडिया लोगों से अपील करने का सबसे बड़ा माध्यम :

अपने कोचिंग संस्थान चलाने वाले शिक्षक सचिन मुरारका ने बताया उन्होंने कोरोना का पहला टीका लिया। आज अधिकांश युवक सोशल मीडिया से जुड़े होते हैं। इसलिए उन्होंने कोरोना टीके के लिए लोगों से अपील करने का इसे बड़ा माध्यम बनाया है। इसी उद्देश्य से उन्होंने टीके लेने वाली फोटो सोशल मीडिया पर अपलोड की। ताकि ज्यादा से ज्यादा युवा सरकार द्वारा चलाए जा रहे इस वैक्सीनेशन अभियान का हिस्सा बने और अपना वैक्सीनेशन कराएं।

युवा वर्ग जरूर कराएं अपना वैक्सीनेशन :

प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी करने वाले छात्र अमरजीत गौरव ने बताया,” मैंने कोरोना का टीका लिया किसी तरह की कोई परेशानी नहीं हुई. सरकार द्वारा युवाओं के लिए टीकाकरण अभियान चलाए जा रहे हैं. सभी युवा को टीका लेना चाहिए. इसी उद्देश्य से मैंने सोशल मीडिया पर अपना फोटो अपलोड किया ताकि अन्य लोग भी जागरूक हो और अपना वैक्सीनेशन करवाएं”।

कोविड वैक्सीनेशन के 14 दिनों बाद कर सकते हैं रक्तदान, एनबीटीसी की नई गाइडलाइन में की गयी चर्चा

मधुबनी : कोविड आपदा के दौरान रक्तदान में आयी कमी के कारण ब्लड बैंक प्रभावित हुए हैं. ऐसे में युवाओं से रक्तदान के लिए लगातार अपील की जा रही है. कोरोना संकट के बीच आमजन कई अन्य घातक बीमारियों के उपचार में समस्याओं का सामना कर रहे हैं. इनमें ऐसे रोग शामिल हैं जिनके इलाज के लिए मरीज को खून की हमेशा जरूरत होती रहती है. कोविड आपदा खून की कमी से जूझ रहे मरीजों की परेशानी का सबब बन गया है. इस संकटकाल में रक्तदान करने वालों की संख्या में कमी को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग सहित विभिन्न संस्थाओं द्वारा रक्तदान करने के प्रति जागरूकता लायी जा रही है.

वैक्सीनेशन के 14 दिन बाद कर सकते हैं रक्तदान :

इस दिशा में स्टेट रिसोर्स यूनिट के मैटरनल हेल्थ ईकाई के टीम लीड डॉ प्रमोद ने लोगों से कोरोना वैक्सीनेशन से पूर्व रक्तदान करने की अपील की है. उन्होंने कहा है कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए बड़े पैमाने पर 18 वर्ष या इससे से अधिक आयुवर्ग के लोगों को टीका लगाया जा रहा है. ऐसे में वैक्सीनेशन के साथ-साथ जरूरतमंदों के लिए रक्त की माँग को पूरा करने हेतु रक्तदान भी आवश्यक है. उनका कहना है कि कोविड संक्रमण काल में भी सुरक्षित रह कर रक्तदान किया जा सकता है. नेशनल ब्लड ट्रांसफ्यून कांउसिल की नई गाइडलाइन के मुताबिक कोविड टीकाकरण के पहले या दोनों डोज लेने के 14 दिनों बाद रक्तदान किया जा सकता है. उन्होंने कहा है कि रक्तदान किसी भी जरूरतमंद को एक नई जिंदगी दे सकता है.

रक्तदान से शरीर में बनता है नया खून, रहें स्वस्थ्य :

रक्तदान महादान है और कोविड काल में तमाम सुरक्षा उपायों का पालन करते हुए रक्तदान किया जा सकता है. रक्तदान का कोविड संक्रमण से कोई संबंध नहीं है. रक्तदान के कई फायदे भी हैं. यह शरीर में नई रक्त कोशिकाओं का निर्माण करता है और आपको स्वस्थ्य रखता है. रक्तदान से ह्रदयाघात की संभावना कम होती है. कोविड काल में रक्तदान करने से पूर्व ब्लड बैंक में संक्रमण से बचाव जैसे मास्क लगाना, सैनिटाइजर या साबुन पानी से हाथों की नियमित धुलाई, शारीरिक दूरी जैसे मानकों का पालन कर रक्तदान किया जा सकता है.

रक्तविकार संंबंधी रोगियों को होती है ब्लड की जरूरत :

रक्तविकार संबंधी कई ऐसी बीमारियां हैं जिसके लिए ब्लड की जरूरत होती है. ऐसे में उनलोगों का ध्यान रखना भी सभी की जिम्मेदारी हो जाती है. रक्तविकार की समस्याओं जैसे थैलीसीमिया, हीमोफीलिया व ब्लड कैंसर से प्रभावित लोगों को रक्त की हमेशा जरूरत होती है. एनीमिया प्रभावित गर्भवती महिलाओं के प्रसव संबंधी जोखिम को कम करने के लिए भी रक्त की जरूरत होती है. अत्यधिक रक्तस्राव से प्रसूता की जान भी जा सकती है. वहीं अन्य प्रकार के सर्जरी के दौरान भी रक्त की जरूरत लोगों को होती है. ऐसे समय के लिए अधिकतर लोग ब्लड बैंक पर ही निर्भर होते हैं. खून की आवश्यकता की पूर्ति तभी संभव है जब ब्लड बैंक में पर्याप्त खून का भंडारण किया गया हो. ऐसे में एक स्वस्थ्य व्यक्ति द्वारा रक्तदान किया जाना महादान माना जाता है.

आरएचपी को ऑनलाइन प्रशिक्षण देगा केयर इंडिया, जिले के सभी प्रखंड में चलाया जा रहा है सघन अभियान

मधुबनी : जिले में कोरोना का संक्रमण तेजी से फैल रहा है। इसलिए जमीनी स्तर के हेल्थ केयर सिस्टम को मजबूत करना जरूरी है। केयर इंडिया के तत्वावधान में कोविड-19 की रोकथाम एवं इलाज के लिए जिला के (आरएचपी) रूरल हेल्थ प्रैक्टिशनर यानी ग्रामीण चिकित्सा व्यवसायियों से केयर इंडिया के अधिकारियों द्वारा मिलकर सर्दी, खांसी, बुखार तथा कोरोना संक्रमित मरीजों का डाटा संग्रहित किया जा रहा है. डाटा संग्रहित करने का उद्देश्य है कि मरीजों को प्राथमिक स्तर में सही इलाज मिल पाए। साथ ही केयर इंडिया के द्वारा चिन्हित ग्रामीण चिकित्सकों को कोविड होम आइसोलेशन से संबंधित प्रशिक्षण भी दिया जाएगा। माइल्ड कोविड मरीज का होम आइसोलेशन में उपचार तथा गंभीर स्थिति में कोविड केयर सेंटर में रेफर करने की जानकारी दी जाएगी।

आरएचपी को ऑनलाइन प्रशिक्षण देगा केयर इंडिया :

केयर इंडिया के डीटीएल महेंद्र सिंह सोलंकी ने बताया ग्रामीण क्षेत्र में ग्रामीण चिकित्सकों का चिकित्सा क्षेत्र में खास योगदान हुआ करता है। इसके लिए ग्रामीण चिकित्सकों को केयर इंडिया के द्वारा प्रशिक्षित किया जाएगा। उनके द्वारा कोरोना के मरीज को सही समय पर सही सलाह देना आवश्यक है। मरीज को देखने के समय इसे इतना भयानक नहीं बताया जाए, इसके लिए उन्हें जानकारी दी जाएगी। अधिकतर कोरोना संक्रमित होम आइसोलेशन में ठीक हो जाते है। ऐसा देखा जा रहा है कि जिनका ऑक्सीजन लेवल 98 से 95 हो जाता है, वह भयभीत हो जाते हैं और हॉस्पिटल का रुख करते है।

चिकित्सक द्वारा पर मरीज को वेंटीलेटर और रेमडेसिविर लेने की सलाह दी जाती है। लोगों में यह एक धारणा बन गई है कि रेमडेसिविर कोरोना की जादुई दवा है। ग्रामीण चिकित्सकों से मरीजों को ऐसा सुझाव नहीं देना चाहिए। उन्होंने बताया मरीज को वेंटीलेटर की आवश्यकता तभी पड़ती है, जब ऑक्सीजन लेबल 95 फीसद के नीचे आ जाता है और सांस लेने में तकलीफ होती है। उस समय ऑक्सीजन (वेंटीलेटर) का सुझाव देना चाहिए।

ऑक्सीजन का कहीं भी भंडारण नहीं किया जाना चाहिए। यदि इसका भंडारण किया जाएगा तो जरूरतमंदों को ऑक्सीजन नहीं मिल सकेगा। उन्होंने चिकित्सकों को कहा कि जिस परिस्थिति के लिए जिस दवा की आवश्यकता है, वहीं दिया जाए। कोरोना के विभिन्न स्टेज के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा ट्रीटमेंट प्रॉटोकॉल जारी किया गया है, इसकी पूरी जानकारी अच्छी तरह से ले ली जाए। सभी मरीज को प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में रेफर न करें। उनकी रिपोर्ट करें और टेस्टिग करावें। साथ ही कोरोना संक्रमण की रोकने के लिए मास्क का प्रयोग, शारीरिक दूरी का अनुपालन के लिए लोगों को जागरूक करें। टीकाकरण के लिए लोगों को प्रेरित करें। यदि किसी को टीका के संबंध में कोई संशय है, तो उसे दूर करने की जरूरत है।

कोरोना से संबंधित दी जाएगी जानकारी :

केयर इंडिया के डीटीएल महेंद्र सिंह ने बताया ने बताया प्रशिक्षण में कोविड-19 संक्रमण से संबंधित अद्यतन जानकारी एवं सरकार द्वारा कोविड 19 संक्रमण के रोकथाम के लिए जारी गाइडलाइन के संबंध में जानकारी दी जाएगी। ग्रामीण चिकित्सकों को कोरोना का संक्रमण कैसे फैलता है और कोरोना की दूसरी लहर पहली लहर से किस तरह अलग है। कोरोना मरीजों की आपतकालीन चिकित्सीय देखभाल कब की जानी है एवं माइल्ड कोरोना केस में देखभाल करने के लिए घरेलू उपचार के संबंध में भी बताया जाएगा।

सुमित कुमार की रिपोर्ट