डाॅ संजय कुमार के 34वी बिहार बटालियन के लेफ्टिनेंट नियुक्त होने पर शिक्षको ने दी बधाई, कॉलेज में खुशी का माहौल
मधुबनी : इन्डो-नेपाल सीमा स्थित ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय की आनुषंगिक इकाई डी०बी० कॉलेज, जयनगर के सहायक प्रोफेसर व राष्ट्रीय कैडेट कोर के पदाधिकारी व डा० संजय कुमार एन०सी०सी० के आफीशर्स ट्रेनिंग एकेडमी, नागपुर से तीन माह का कठीन प्रशिक्षण लेकर 34वी बिहार बटालियन के लेफ्टिनेंट नियुक्त हुए हैं। तदोपरान्त वह मुख्यालय व अन्य स्थानों पर एन०सी०सी० के कैडेट्स को प्रशिक्षण देने के साथ एकता और अनुशासन का पाठ पढाएंगे।
प्रशिक्षण से वापसी के पश्चात डाॅ० संजय कुमार ने कॉलेज के शिक्षको के साथ प्रशिक्षण के समय का दिनचर्या व अनुभव वर्चुअली साझा किया। इस उपलब्धि पर कॉलेज के प्रधानाचार्य डा० नंद कुमार ने बधाई देते हुए कहा कि, डा० संजय कुमार ने जिस त्याग और लगन के साथ प्रशिक्षण प्राप्त कर लेफ्टिनेंट के पद पर नियुक्ति पाई है, वह वाकई प्रशंसनीय है। डा० कुमार के इस उपलब्धि ने राष्ट्रीय स्तर पर महाविद्यालय का नाम रौशन किया है।
गौरतलब है कि कोरोना काल में इस तरह की ट्रेनिंग कठिन हो जाती है, इस दौरान उन्हें मुख्य तौर पर प्रायः ड्रील, मैप रीडिंग, युद्ध कौशल व आपदा प्रबंधन की तकनीकी, समाजसेवा के कैंप लगाने हेतू ट्रेनिंग दी गई, साथ ही पीड़ादायक दौर में क्वारंटाईन के दौरान लेखन, पुस्तक समीक्षा व ड्रील नर्सरी का अभ्यास भी कराया गया। इस मौके पर डाॅ० विमलेंदू मिश्रा, डाॅ० उमेश कुमार सिंह, डाॅ अवध बिहारी यादव, डाॅ० संजय कुमार पासवान, डाॅ० रंजना, डाॅ० शैलेश कुमार सिंह, डाॅ० बुद्धदेव प्रसाद सिंह, डाॅ० आनंद कुँवर सहित समस्त शिक्षको ने उनके उज्जवल भविष्य की बधाई दी।
जाप सुप्रीमो पप्पू यादव के गिरफ्तारी के बाद भड़के कार्यकर्ता, भ्रष्टाचार को उजागर करने का कार्य किए तो उनके ऊपर सितम ढाई जा रही
मधुबनी : जिले के बिस्फी प्रखंड क्षेत्र के जन अधिकार पार्टी के कार्यकर्ताओं एवं अन्य आम लोगों ने जाप सुप्रीमो पप्पू यादव के गिरफ्तारी के बाद लोगों में काफी आक्रोश व्याप्त हैं। लोगों ने सोशल मीडिया पर सरकार को तानाशाह बताते हुए कहा कि केंद्र और बिहार सरकार की नाकामी को उजागर करने की सजा पप्पू यादव को दी गई है। इस करवाई से एक बात स्पष्ट हो गई है कि हम किसी गरीब असहाय लोगों को मदद नहीं करेंगे, और नहीं किसी को करने देंगे।
वहीं बिहार सरकार नीतीश कुमार से नैतिकता के आधार पर इस्तीफा देने की भी लोग मांग कर रहे हैं। लोगों ने अपने आक्रोश जाहिर करते हुए कहा कि जिन पुलिसवालों ने जाप सुप्रीमो पप्पू यादव को गिरफ्तार की गई ओ आज अंदर ही अंदर रो रहे होंगे, क्योंकि पप्पू यादव असहाय लोगों का मसीहा थे। यह गुलामी की एक तस्वीर सामने आ गई। भ्रष्टाचार और गलत का विरोध करने वाले पप्पू यादव का गिरफ्तारी घोर अन्याय हैं।
इस बाबत जन अधिकार पार्टी के प्रखंड अध्यक्ष बेचन यादव ने कहा कि निकम्मी सरकार को यह समझना की जरूरत है कि समय एक जैसा नहीं होता है। केंद्र और राज्य सरकार की अभी लाठी और भैंस दोनों है। जनता इस संकट के समय त्राहिमाम कर मरती रहती है, और यह सरकार तमाशा देखने का कार्य करती रहती है। संकट के समय में पप्पू यादव ने भ्रष्टाचार को उजागर करने का कार्य किए, तो उनके ऊपर सितम ढाई जा रही है। जो चोर नेताओ भ्रष्टाचार में संलिप्त है, जनता एवं लोगों के साथ गद्दारी करने का कार्य करती है तो उसे बढ़ावा देने का काम किया जा रहा हैं।
इस मौके पर अनिल यादव, गुड्डू कुमार, उमेश यादव, अशोक कुमार, चंदन कुमार, विमलेश कुमार, विजय कुमार, मनोज यादव, कैलाश यादव, अमरेंद्र कुमार, दिनेश यादव, मोहम्मद कासिम, मोहम्मद फैज सहित कार्यकर्ता एवं आम लोगों ने दोषी पर कार्रवाई करते हुए पप्पू यादव को रिहाई करने की मांग कर रहे हैं।
जन अधिकार पार्टी के नेताओं का फूटा गुस्सा, कहा अपनी निक्कमेपन को छुपाने के लिए पप्पू यादव को भेजा गया जेल
मधुबनी : जाप ने की पप्पू यादव की गिरफ्तारी की निंदा। जन अधिकार पार्टी के सुप्रीमो पप्पू यादव की गिरफ्तारी की जाप के कार्यकर्ताओं ने निंदा की है। जाप नेता रोहित नारायण यादव ने कहा कि सरकार ने अपनी नाकामी छिपाने और पोल खुलने के डर से यह कार्रवाई की हैं। प्रकृति आपदा हो या वैश्विक महामारी कोरोना पप्पू यादव ने हमेशा जान पर खेलकर पीड़ित मानवता की सेवा की हैं।
यह पूरे बिहार के लोग जानते हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश की सरकार अधिकारी व सत्ताधारी दल के विधायक सांसद से लेकर अधिकांश कार्यकर्ता आपदा की इस घड़ी में दुबके हुए हैं। वहीं, पप्पू यादव हर जगह घूम कर जरूरतमंदों की सेवा कर रहे हैं। वह सरकार की नाकामियों की उजागर कर रहे हैं, इसी से बौखला कर सरकार उन पर करवाई कर रही हैं। लोकतांत्रिक अधिकारों का गला घोट जा रहा है। इसका जबरदस्त प्रति कारण किया जाएगा।
सिटी मैनेजर पर मुख्य पार्षद ने लगाए गंभीर आरोप, कहा करोड़ो के गबन की आशंका
मधुबनी : नगर परिषद के मुख्य पार्षद सुनैना देवी ने मधुबनी नगर निगम के सिटी मैनेजर नीरज कुमार झा पर विभिन्न मदों में अग्रिम करोड़ों रुपये का समायोजन नहीं करने तथा कई विपत्र फर्जी तरीके से जमा करने का आरोप लगाया है।
पत्र में बताया गया है कि सिटी मैनेजर द्वारा समर्पित कुछ विपत्र फर्जी होने से बड़े पैमाने पर अग्रिम राशी के लूट-खसोट को नकारा नहीं जा सकता है। इनके द्वारा समर्पित श्रम पुस्तिका पर एक भी वास्तविक मजदूरों का निशान और सही हस्ताक्षर नहीं है। श्रम पुस्तिका पर सिटी मैनेजर द्वारा स्वयं निशान बनाकर विपत्र समर्पित किया गया है। पत्र में बताया गया है कि सिटी मैनेजर द्वारा करोड़ों रुपये का समायोजित राशि इनके जिम्मे लंबित है। इनकी सेवा वापस लेकर किसी अन्य सिटी मैनेजर को प्रतिनियुक्त किया जाए। इनके द्वारा दायित्व का निर्वहन नहीं किया जा रहा है।
इस सिलसिले में मुख्य पार्षद ने नगर विकास एवं आवास विभाग के प्रधान सचिव को लिखे पत्र में बताया है कि सिटी मैनेजर द्वारा करोड़ो रुपये अग्रिम लेने के बाद न तो कार्य पूरा हो पाया है, और ना ही अग्रिम राशि के समायोजन के संबंध में कोई कारगर कदम उठाया जा रहा हैं। उनके द्वारा आज तक किसी भी प्रकार के राजस्व संग्रह की प्रगति पर कोई कार्य नहीं किया गया है। वित्तीय वर्ष 2020-21 में कर संग्रह विगत वर्ष 2019-20 से भी कम है।
इनके द्वारा कर वसूली संबंधी की प्रक्रिया नहीं अपनाई जा रही है। जिससे नगर निगम को राजस्व की प्राप्ति नहीं होने से करदाताओं पर मोटी राशि बकाया आ रहा है। नगर निगम क्षेत्र के किसी भी योजना की देखरेख भी नहीं कर रहे हैं। पत्र में मुख्य पार्षद ने बताया है कि सिटी मैनेजर स्थानीय राजनीति में हस्तक्षेप कर नगर निगम का सौहार्दपूर्ण वातावरण दूषित कर रहे हैं। इनके द्वारा नगर निगम की राजनीति में दखलंदाजी से विकास कार्य ठप हो गया है। इधर, इस बाबत सिटी मैनेजर नीरज कुमार झा ने बताया कि सारे आरोप बेबुनियाद हैं। वे मुख्य पार्षद द्वारा प्रधान सचिव को भेजे गए पत्र में लगाए गए आरोप की जांच के लिए तैयार हैं।
जिले के सभी आयुष चिकित्सक होने जा रहे होम आइसोलेट, असोसिएशन ने लिया है निर्णय
मधुबनी : जिला आयुष चिकित्सक एसोसिएशन के जिलाध्यक्ष डॉ० गजेंद्र पांडेय, जिला संयोजक डॉ० डी०के० राय ने बताया कि मानदेय बढ़ाने तथा सेवा नियमित करने की मांग को लेकर 12 मई तक काला बिल्ला लगाकर कार्य करेंगे। इसके बाद भी मांग पूरा नहीं होने पर 15 मई से आयुष चिकित्सक होम आइसोलेट हो जाएंगे। उन्होंने बताया कि एमबीबीएस चिकित्सकों की तरह दो वर्ष पूर्व सरकार द्वारा आयुष चिकित्सकों का मानदेय 65 हजार रुपये प्रतिमाह करने का निर्णय लिया गया। इसके बाद भी प्रतिमाह 44 हजार रुपये का भुगतान किया जा रहा है।
उन्होंने बताया कि सरकार संविदा पर कार्यरत आयुष चिकित्सकों की अनदेखी की जा रही है। आयुष मेडिकल सर्विसेज एसोसिएशन के राज्यव्यापी निर्णय के आलोक में सदर अस्पताल सहित जिले के विभिन्न पीएचसी में कार्यरत 105 आयुष चिकित्सक मानदेय बढोत्तरी सहित अन्य मांगों को लेकर मंगलवार को दूसरे दिन भी काला बिल्ला लगाकर कार्य किया।
वहीं, आयुष मेडिकल सर्विसेज एसोसिएशन, बिहार के आह्वान पर आयुष चिकित्सक काला बिल्ला लगा कर अस्पताल में चिकित्सा कार्य कर रहे हैं। झंझारपुर कोविड केयर सेंटर में कोविड मरीजों की सेवा में लगे अमसा, मधुबनी के जिला सचिव डॉ० पवन कुमार ने बताया कि एसोसिएशन के आह्वान पर आयुष चिकित्सकों के द्वारा 10 से 12 मई तक काला बिल्ला लगा कर चिकित्सा कार्य को अंजाम दिया जाएगा।
15 मई से सभी आयुष चिकित्सक होम आइसोलेशन में चले जाएंगे। उन्होंने मांगों के बारे में बताया कि छह सूत्री मांग को लेकर यह आंदोलन प्रारंभ किया गया है। जिसमें प्रति माह मानदेय 65 हजार करने के अलावा 3270 आयुष चिकित्सकों की बहाली, संविदा पर कार्यरत आयुष चिकित्सक स्थाई करने आदि मांग शामिल है। मांग पूरी होने तक आंदोलन जारी रहेगी।
काला बिल्ला लगाकर कार्य करने वालों में डॉ. रमेश पासवान, डॉ. डीके निराला, डॉ. मृत्युंजय सिंह, डॉ. पवन कुमार, डॉ. मनोज कुमार, डॉ. अखलाकूर रहमान, डॉ. आफताब आलम, डॉ. अब्दुल गफ्फार, डॉ. रामरूप, डॉ. नंदनी कुमारी, डॉ. आफरीना, डॉ. उषा कुमारी, डॉ. अनुपम कुमारी, डॉ. संजीव कुमार, डॉ. रामकुमार, डॉ. अमित कुमार, डॉ. रवि चौधरी, डॉ. गणेश साह, डॉ. अनूप, डॉ. श्याम कुमार, डॉ. गोपाल प्रसाद राय, डॉ. महेन्द्र शर्मा, डॉ. सुधीर कुमार सहित अन्य चिकित्सक शामिल है।
सुमित कुमार की रिपोर्ट