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07 मई : सारण की मुख्य खबरें

होम आइसोलेशन वाले मरीजों के लिए नई गाइडलाइन जारी

छपराः कोरोना मरीजों की बढ़ती संख्या के बीच केंद्र सरकार ने होम आइसोलेशन वाले मरीजों के लिए नई गाइडलाइन जारी की है। केंद्रीय स्वास्थ्य एंव परिवार कल्याण मंत्रालय ने बिना लक्षण और हल्के लक्षण वाले मरीजों को लेकर विशेष ध्यान दिया है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि होम आइसोलेशन में रहने वाले मरीज बिना किसी डॉक्टरी सलाह के किसी भी दवा का प्रयोग न करें। सोशल मीडिया पर इलाज के तौर तरीकों पर विश्वास न करें। इससे सेहत पर बुरा असर पड़ सकता है।

जारी गाइडलाइन में कहा गया है कि डॉक्टर बताएंगे कि आपको हल्का लक्षण है या लक्षण रहित संक्रमण है। संक्रमित व्यक्ति का पूरा परिवार नियमानुसार 14 दिन क्वारेंटाइन रहेगा। रोगी की देखरेख के लिए एक व्यक्ति दिनभर रहे, डॉक्टर से लगातार संपर्क में रहें। 60 वर्ष से अधिक उम्र के मरीज जिन्हें बीपी, मधुमेह, हृदय, किडनी समेत अन्य बीमारियां हैं वो डॉक्टरी सलाह के बाद ही होम आइसोलेशन में रहेंगे। संक्रमित के संपर्क में रहने वाला हर व्यक्ति डॉक्टरी सलाह के बाद एचसीक्यू दवा खाएगा।

होम आइसोलेशन में इलाज :

संक्रमित व्यक्ति हमेशा अपने डॉक्टर के संपर्क में रहेंगे । तकलीफ होने पर डॉक्टर से बात करें। संक्रमण के साथ कोई दूसरी बीमारी है तो डॉक्टरी सलाह के बाद उसकी भी दवा जारी रखें, अपने मन से दवा न बंद करें। संक्रमित को बुखार, खांसी, नाक बहना और अन्य तकलीफें हैं तो लक्षणों को नियंत्रित करने की दवा नियमित लेते रहें। मरीज दिन में कम से कम दो बार गरारा करें और भाप लें, इससे श्वांस नलिका साफ रहेगी।

दवा से नहीं उतर रहा बुखार तो लें चिकित्सकीय सलाह :

बुखार पैरासीटामॉल 650एमजी से दिन में चार बार लेने के बाद भी नियंत्रित नहीं हो रहा है तो डॉक्टर से बात करें। डॉक्टरी सलाह पर स्टेरॉयड का इस्तेमाल करें। कोरोना प्रोटोकॉल के तहत आइवरमेक्टिन दवा का इस्तेमाल जरूर करें। बुखार और खांसी लगातार 5 दिन बाद भी है तो इन्हेलेशन से दी जाने वाली दवाएं लें।

रेमडेसिविर सिर्फ डॉक्टर की निगरानी में :

नई गाइडलाइन में स्वास्थ्य मंत्रालय ने एक बार फिर कहा है कि होम आइसोलेशन में रहने वाले लोग रेमडेसिविर का इस्तेमाल न करें। ये डॉक्टर की निगरानी में ही लगेगी। मुंह से खाने वाला स्टेरॉयड हल्के लक्षण में नहीं लेनी है। बुखार और खांसी जैसे संक्रमण के सात दिन बाद भी है तो डॉक्टर से विमर्श के बाद ही स्टेरॉयड की हल्की डोज ले सकते हैं।

दस दिन बाद आइसोलेशन से मुक्ति :

नई गाइडलाइन के अनुसार पहली बार लक्षण आने के दस दिन बाद मरीज स्वस्थ महसूस कर रहा है तो होम आइसोलेशन खत्म कर सकता है। बिना लक्षण वाले रोगी सैंपल देने के दस दिन बाद आइसोलेशन खत्म कर सकते हैं, ध्यान रहे, इससे तीन दिन पहले बुखार नहीं आना चाहिए । आइसोलेशन पूरा होने पर जांच की जरूरत नहीं है।

संक्रमण का दूसरा स्ट्रेन अपना पैर पसार चुका है फिर भी लोग दिख रहे लापरवाह

छपराः वैश्विक महामारी कोरोना संक्रमण का दूसरा स्ट्रेन अपना पैर पसार चुका है। लगातार लोग काफी संख्या में संक्रमित हो रहे हैं। बिहार के साथ-साथ सारण जिला भी इससे अछूता नहीं है। ऐसे में लोग भी कोरोना को लेकर लापरवाह दिख रहे है। कोरोना संक्रमण काल में आम जनता को ध्यान में रखते हुए सारण के निवासी व आईजीआईसी पटना के चिकित्सक डॉ. हिमांशु कुमार ने कई महत्वपूर्ण सुझाव दिये हैं। डॉ. हिमांशु कुमार ने कहा है कोरोना के शुरुआती लक्षणों को नजरअंदाज करना भारी पड़ सकता है।

लक्षण दिखते ही कोरोना की जांच कराना आवश्यक है। उन्होंने कहा प्राय: ऐसा देखा जा रहा है कि अगर किसी व्यक्ति को सर्दी-खांसी जुखाम हो रहा है तो वे आम बुखार समझकर मेडिकल स्टोर से दवा लेकर खा ले रहे हैं। यह कहीं से भी सही नहीं है। लापरवाही बरतना भारी पड़ सकता है।

सभी बुखार कोविड है। सभी गले में खराश कोविड है। सभी हल्की खांसी-सर्दी कोविड है। जब तक डॉक्टर पूर्णतः जाँच के बाद संतुष्ट न हो जाये कि ये कोविड नहीं है, तब तक इन सभी लक्षण को कोविड मानकर ही इलाज करना है। कहा अगर कोरोना का लक्षण है तो इन्कार न करें। तुरंत जांच कराएं और दवा शुरू करने के लिए आरटी-पीसीआर का इंतजार न करें। डॉक्टर से संपर्क करें इलाज शुरू करें। कोविड का प्रत्येक दिन महत्वपूर्ण है। कोविड से मौत केवल इंतजार और इंकार के कारण ही हो रही है ।

वाट्सअप के माध्यम से ले सकते हैं सलाह :

डॉ. हिमांशु कुमार ने बताया कोई भी मरीज जिनको बुखार, खांसी, सर्दी, स्वाद ना होना, सुगंध ना होना, बदन दर्द, सिर दर्द, सांस फूलने की शिकायत हो और कोविड की जाँच आरटी-पीसीआर संभव ना हो पा रहा हो तो घबराये नहीं। सीबीसी, सीआरपी कराएं और रिपोर्ट वाहट्सएप्प करें। रिपोर्ट के अनुसार मरीजों को आवश्यक सलाह दी जायेगी। वाट्सअप नंबर 7292809311 पर दोपहर 2 बजे से 3 बजे तक संपर्क कर सकते है।

कोरोना से घबराएं नहीं धैर्य और समझदारी से करें मुकाबला :

डॉ. हिमांशु कुमार ने कहा कोरोना होने पर घबराएं नहीं। धैर्य व समझदारी से इसका मुकाबला करें। पूरी तरह सकारात्मक माहौल रखें। समस्या गंभीर होने पर लोग अपनी मर्जी से दवा लेकर सेवन करने लगते हैं। बहुत लोग डॉक्टर की सलाह के बिना खुद स्टेरायड का इस्तेमाल शुरू कर देते हैं, जिससे नुकसान होता है। संक्रमण होने पर जल्द स्वस्थ होने के लिए आराम करना बेहद जरूरी है।

लक्षण दिखने पर टेस्ट कराएं :

• सामान्य वायरल व कोरोना के लक्षण करीब-करीब एक जैसे हैं
• गले में खराश, बदन दर्द जैसे हल्के लक्षणों को नजरअंदाज नहीं करें
• जुकाम, थकान, हल्का बुखार होने पर भी जांच कराएं
• घर पर ही रहकर भरपूर आराम करना चाहिए
• डॉक्टर की सलाह से घर पर ही रहकर इलाज शुरू कर दें

जेल में बंद कैदियों के सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए टीकाकरण अभियान

छपरा : जिले में कोरोना संक्रमण के फैलाव को रोकने तथा इसे बचाव को लेकर सकरात्मक पहल जिला प्रशासन की ओर से की जा रही है। अब जेल में बंद कैदियों के सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए टीकाकरण अभियान की शुरूआत की गयी है। छपरा मंडल कारा में 45 वर्ष या उससे अधिक उम्र वाले कैदियों को कोविड-19 वैक्सीन का पहला डोज दिया गया। टीकाकरण के लिए स्वास्थ्य विभाग की टीम को प्रतिनियुक्त किया गया है। जेल के अंदर ही टीकाकरण केंद्र बनाया गया है। जहां पर टीकाकरण किया जा रहा है।

जिलाधिकारी डॉ. नीलेश रामचंद्र देवरे ने कहा कि स्वास्थ विभाग और जिला प्रशासन के समन्वय से बंदियों के स्वास्थ्य जांच के बाद बंदियों को टीका देने का कार्य हो रहा है। कोरोना संक्रमण जिस रफ्तार से बढ़ रही है, लोगों के लिए यह एक चुनौती बनती जा रही है। इसको देखते हुए कैदियों को टीकाकरण की शुरूआत की गई है। कोरोना का टीका हमे गंभीर लक्षणों वाले संक्रमण से बचाता हैं, और हमें गंभीर बीमारी और मृत्यु से बचाने के लिए कारगर हथियार है।

टीकाकरण से गंभीर संक्रमण की आशंका कम होगी :

जिलाधिकारी ने बताया कि कोरोना संक्रमण काल में जिदगी बचाने की चुनौती के बीच वैक्सीन हथियार बन सहारा दे रही है। वैक्सीन से प्रतिरक्षित लोगों में गंभीर संक्रमण की आशंका काफी कम है। टीका लगवाने से कोरोना से लड़ने की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है। शरीर में कोरोना वायरस के लिए एंटीबॉडी तैयार होती हैं। संक्रमित होने की आशंका कम हो जाएगी। अगर संक्रमण हो भी जाएगा तो गंभीर स्थिति में नहीं पहुंचेगा।

कोविड-19 टीके का दोनों डोज लेना है जरूरी :

जिलाधिकारी डॉ. नीलेश रामचंद्र देवरे ने कहा कि टीका दो डोज में पूरा किया जाएगा। सभी लाभार्थियों को दोनों डोज लेना अनिवार्य है। कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए कोविड-19 का टीकाकरण कारगर हथियार साबित हो रहा है। वैक्सीन के दोनों डोज लेने के करीब 4 सप्ताह बाद कोविड-19 के खिलाफ शरीर में प्रतिरोधक क्षमता का विकास होता है। ऐसे में टीका लेने के बाद भी सावधानी बरतना अति आवश्यक है। पहला डोज लेने के बाद समय अंतराल पूरा होने पर दूसरा डोज भी अवश्य लें। तभी आप खुद को और अपने परिवार को सुरक्षित रख सकेंगे।

जेल में करीब 500 कैदियों को दिया जायेगा टीका :

यूएनडीपी के कोल्ड चेन मैनेजर अंशुमान पांडेय ने बताया कि छपरा जेल में 45 वर्ष या उससे अधिक उम्र के करीब 500 लाभार्थी है, जिनको कोविड-19 का टीका दिया जायेगा। उन्होने बताया कि टीकाकरण के लिए कैदियों को सरकार की ओर से जेल आईडी उपलब्ध कराया गया है। उसके आधार पर टीकाकरण किया जा रहा है। करीब 200 कैदियों के पास आधार कार्ड भी उपलब्ध है। जिनके पास आधार कार्ड नहीं है उनका जेल आईडी के माध्यम टीकाकरण किया जा रहा है।