06 मई : मधुबनी की मुख्य खबरें

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कोरोना संक्रमित मरीजों का उपचार एवं कांटेक्ट ट्रेसिंग अत्यंत महत्वपूर्ण

मधुबनी : कोरोना वायरस से लड़ाई में कॉन्टेक्ट ट्रेसिंग सबसे ज्यादा अहम है। जिससे न सिर्फ वायरस से संक्रमित लोगों का पता लगाया जा रहा है, बल्कि ऐसे लोग जो संक्रमित के संपर्क में आये हैं, उनकी खोज भी की जा रही है। इसी कड़ी में स्वास्थ्य विभाग के बीएचएम प्रभात रंजन मिश्रा ,केयर इंडिया के अमित कुमार विपुल तथा यूनिसेफ के चंचल कुमार के द्वारा शहर के संकट मोचन कॉलोनी में कांटेक्ट ट्रेसिंग, सैम्पलिंग तथा दवा का वितरण किया गया।

विपुल ने बताया होम आइसोलेशन में रह रहे मरीजों को फील्ड विजिट के दौरान हाथ धोने, गंभीर स्थिति में कोविड केयर सेंटर की जानकारी, तथा 104 नंबर पर कॉल कर विस्तृत जानकारी की सलाह देते हैं। सहयोगी संस्था तथा स्वास्थ्य विभाग के द्वारा जिले के सभी प्रखंडों में संक्रमित लोगों के संपर्क में आए लोगों की जांच कर कोविड संक्रमण का पता लगाया जा रहा है। वहीं जिले में वर्तमान में 2898 मरीज कोरोना से संक्रमित हैं। जिले में वैक्सीनेशन के तहत अब तक 3 लाख से अधिक लोगों का टीकाकरण किया जा चुका है।

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क्या है कॉन्टेक्ट ट्रेसिंग :

केयर इंडिया के डीटीएल महेंद्र सिंह सोलंकी ने बताया किसी संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने वाले लोगों की निगरानी प्रक्रिया को कॉन्टेक्ट ट्रेसिंग कहा जाता है। कोरोना वायरस से संक्रमित किसी व्यक्ति के सम्पर्क में आने से ये संक्रमण दूसरों को आसानी से हो सकता है। संक्रमित व्यक्ति के सीधे संपर्क में आने वाले लोगों के संक्रमित होने की अधिक संभावना रहती है। इसलिए जो लोग संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आए हों उन्हें 14 दिन के लिए क्वॉरेंटाइन में रखा जाता है। कोरोना संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आए लोगों पर ध्यान रखना महत्वपूर्ण है, ताकि उनकी देखभाल की जा सके और जरूरत पड़ने पर जल्दी से उपचार किया जा सके।

कॉन्टेक्ट ट्रेसिंग तीन प्रकार की होती है :

जब किसी व्यक्ति के वायरस से संक्रमित होने की पुष्टि हो जाती है तो बीमारी की शुरुआत के बाद से उसकी गतिविधियों के बारे में पूछकर उसके संपर्क में आए लोगों के बारे में जाना जाता है।

संपर्क सूची :

संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने वाले सभी लोगों को सूचीबद्ध किया जाता है। उन्हें खुद आइसोलेट होने को कहा जाता और लक्षण आने पर मेडिकल टीम से संपर्क करने को कहा जाता है। संपर्क में आए लोगों को बीमारी की रोकथाम के बारे में भी जानकारी दी जाती है।

संपर्क में आए व्यक्ति का फॉलोअप :

संपर्क में आए सभी व्यक्तियों से स्वास्थ्य अधिकारी नियमित रूप से सपंर्क में बने रहते हैं। उनके लक्षणों पर निगरानी करते हैं कि कहीं उनमें वायरस के लक्षण तो नहीं आ रहे। कॉन्टेक्ट ट्रेसिंग कोरोना वायरस को रोकने के लिए बहुत आवश्यक है।

इन मानकों का करें पालन, कोविड-19 संक्रमण से रहें दूर रहें :-

– मास्क का उपयोग और शारीरिक दूरी का पालन जारी रखें।
– लक्षण महसूस होने पर कोविड-19 जाँच कराएं।
– जरूरी नहीं हर सर्दी-खांसी कोरोना ही है, इसलिए, निर्भीक होकर सकारात्मक सोच के साथ कराएं जाँच।
– अधिक जरूरी पड़ने पर ही घर से बाहर निकलें ।
– घर में साकारात्मक माहौल बनाएं और रचनात्मकता कार्य करें।
– साफ-सफाई का विशेष ख्याल रखें और लगातार साबुन या अल्कोहल युक्त पदार्थों से हाथ धोएं।

निजी एंबुलेंस के रेट का हुआ निर्धारण, डीसीएचसी रामपट्टी में कर्मचारियों की प्रतिनियुक्ति

मधुबनी : स्वास्थ्य विभाग ने निजी एम्बुलेंस चालकों की मनमानी पर रोक लगाने के लिए निजी एम्बुलेंस का किराया तय कर दिया है। स्वास्थ्य विभाग के निदेशक प्रमुख डॉ. नवीन चंद्र प्रसाद ने बुधवार को किराया निर्धारण सम्बन्धी आदेश जारी कर दिया। इस आदेश के अनुसार स्वास्थ्य विभाग और परिवहन विभाग की समिति ने विस्तृत समीक्षा के बाद निजी एम्बुलेंस का किराया निर्धारित किया है। इसका उल्लंघन करने वालों पर बिहार आपदा नियंत्रण कोविड 19 कानून के तहत कार्रवाई की जाएगी। इन एम्बुलेंस में लाइफ सपोर्ट सिस्टम, जीवन रक्षक दवाएं एवं प्रशिक्षित स्वास्थ्यकर्मी उपलब्ध होने चाहिए।

निर्धारित किया गया दर :

स्वास्थ्य विभाग ने जो दर तय किया है उसमें सामान्य यानि नॉन एसी और एसी गाड़ियों के लिए अलग-अलग दरें रखी गई हैं| छोटी कार सामान्य 50 किमी तक आने जाने के लिए अब 1500 रुपया लगेगा| छोटी कार वातानुकूलित के लिए 50 किमी तक अब 1700 रुपया तक किराया देना होगा.

बोलेरो, सूमो, मार्शल 50 किमी तक के लिए 1800, बोलेरो, सूमो, मार्शल वातानुकूलित के लिए 50 किमी तक 2100 रुपये का किराया देना होगा| मैक्सी, सिटी राइड, विंगर जैसी गाड़ियों में 50 किमी के लिए 2500 रुपये, जाइलो, स्कॉर्पियो वातानुकूलित में 50 किमी के लिए 2500 रुपये का किराया मान्य होगा| छोटी गाड़ी के लिए 50 किमी से अधिक दूरी पर 18 रुपये प्रति किमी से किराया देना होगा| छोटी गाड़ी के लिए 50 किमी से अधिक दूरी पर 18 रुपये प्रति किमी किराया देना होगा|

डेडीकेटेड कोविड केयर सेंटर रामपट्टी में कर्मचारियों की प्रतिनियुक्ति :

डेडिकेटेड कोविड केयर सेंटर रामपट्टी में पारा मेडिकल एवं चतुर्थ वर्गीय कर्मचारियों की प्रतिनियुक्ति की गई है| जिसमें उपेंद्र मंडल, मोहम्मद सादिक हुसैन, उपेंद्र यादव, दिनेश कुमार चौधरी, अनोज कुमार (एसटीएस), मुलायम सिंह यादव (एसटीएस), गिरीधर कुमार साहनी (एसटीएस), आनंद कुमार (एसटीएस), प्रेम कुमार (एसटीएस), नीरद शार्दूल (एसटीएस), आनंद कुमार एसटीएस को अनुमंडलीय अस्पताल जयनगर कोविड केयर सेंटर जयनगर तथा भुवन नारायण कंठ जिला यक्ष्मा केंद्र कार्यालय मधुबनी को डेडिकेटेड कोविड हेल्थ सेंटर रामपट्टी में प्रतिनियुक्त किया गया है।

इन मानकों का करें पालन, कोविड-19 संक्रमण से रहें दूर रहें :-

– मास्क का उपयोग और शारीरिक दूरी का पालन जारी रखें।
– लक्षण महसूस होने पर कोविड-19 जाँच कराएं।
– जरूरी नहीं हर सर्दी-खांसी कोरोना ही है, इसलिए, निर्भीक होकर सकारात्मक सोच के साथ कराएं जाँच।
– अधिक जरूरी पड़ने पर ही घर से बाहर निकलें ।
– घर में साकारात्मक माहौल बनाएं और रचनात्मकता कार्य करें।
– साफ-सफाई का विशेष ख्याल रखें और लगातार साबुन या अल्कोहल युक्त पदार्थों से हाथ धोएं।

मेडिकल दुकानों में जीवन रक्षक दवाओं के स्टॉक की जांच शुरू, आधे दर्जन दुकानों की डीसीएलआर ने की जांच

मधुबनी : कोरोना संकट के बीच मेडिकल स्टोर्स व दवा दुकानों में जीवन रक्षक दवाओं की किल्लत देखीं जा रही है, जिसको लेकर लोगों को काफी परेशानी झेलनी पड़ रही है। हालांकि प्रशासन इस बात को गंभीरता से लेकर जिले में सभी मेडिकल स्टोर्स और दबा दुकानों की जांच करना शुरू कर दी है। गुरुवार को जिलाधिकारी के निर्देश के आलोक में बेनीपट्टी के डीसीएलआर शिवकुमार पंडित, सीओ पल्लवी गुप्ता और औषधि निरीक्षक श्रीधर नारायण द्वारा बेनीपट्टी मुख्यालय में आधे दर्जन मेडिकल दुकानों का निरीक्षण किया गया।

टीम द्वारा दुकानों में जीवन रक्षक दवाओं की स्थिति, सप्लाई की स्थिति, दवाओं का भंडारण एवं उपलब्धता, लाइसेंस, सेलबिल सहित अन्य बिंदुओं की जांच की गई। डीसीएलआर ने बताया कि डीएम के निर्देश पर यह कार्रवाई शुरू की गई है, जो पुरे अनुमंडल क्षेत्र में चलेगा। इसका मुख्य उदेश्य आमजनों के हितों को ध्यान में रखतें हुए मेडिकल दुकानों में जीवन रक्षक दबा अधिक मात्रा में उपलब्ध है की नही, सप्लाई ठीक से हो रहा है की नही, साथ ही कितने दुकानों में जीवन रक्षक दवाओं की उपलब्धता कम है, इस संबंध में जिलाधिकारी को अवगत कराना है, ताकि वें सरकार को स्थिति से अवगत करा सकें।

सुमित कुमार की रिपोर्ट

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