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05 मई : मधुबनी की मुख्य खबरें

दरवाजे पर से हुई पत्रकार की ग्लैमर बाइक की चोरी, बासोपट्टी थाना में प्राथमिकी दर्ज

मधुबनी : जिले के बासोपट्टी प्रखंड के प्रभात खबर के पत्रकार रौशन ठाकुर के घर के बाहर से ग्लैमर बाइक की चोरी होने का मामला प्रकाश में आया है, जिसको लेे बासोपट्टी थाना में आवेदन देकर प्राथमिकी दर्ज करवाया है। जिसमें बताया गया है कि बासोपट्टी वभंदेई चौक पर जहां विगत कई वर्षों से वे एक किराए के मकान में सपरिवार रह रहे हैं।

वहीं विगत 3 मई को रात्रि करीब नौ बजे अपने घर के बाहर गाड़ी को खड़ी कर दिया और उसके बाद खाना खा कर सो गए। अगले दिन 4 मई की सुबह जब उठे और बाहर निकले तो देखा गया कि घर के बाहर गाड़ी नहीं थी। हालाकि पत्रकार रौशन ठाकुर ने अपने तरफ से पूरा प्रयास किया गाड़ी को ढूंढने का लेकिन विफल रहे।

बताया गया कि ग्लैमर बाइक की डिक्की में गाड़ी के कागजात के साथ साथ कुछ अन्य जरूरी कागजात भी रखा हुआ था। इस संबंध में जानकारी देते हुए थाना प्रभारी इंदल यादव ने बताया कि दिए गए आवेदन के अनुसार प्राथमिकी दर्ज कर लिया गया है,साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि पुलिस मामले की जांच कर रही है।

वर्ल्ड हैंड हाइजीन डे, हाथों को स्वच्छ बनाएं, कुछ पल आपकी जिंदगी बचा सकते हैं, हाथों को साफ रखिए

मधुबनी : हाथों की स्वच्छता हर समय ही आवश्यक है। परंतु वर्तमान में कोरोना वायरस संक्रमण के द्रष्टिगत हाथों को साबुन से धोना कोरोना वायरस की रोकथाम का एक महत्वपूर्ण तरीका है। इसके माध्यम से किसी भी प्रकार के वायरस के संक्रमण से बचा जा सकता है। आज विश्व हैंड हाइजीन दे यानि विश्व हाथों की स्वच्छता दिवस पर सभी को हाथों को साफ रखने के लिए प्रेरित किया जा रहा है। इस वर्ष का थीम (कुछ पल आपकी जिंदगी बचा सकते हैं- हाथों को साफ रखिए) रखा गया है।

कोरोना से बचाव में हाथों की स्वच्छता एक सबसे महत्वपूर्ण निरोधक उपाय :-

मधुबनी जिला सिविल सर्जन डॉ सुनील कुमार झा का कहना है विभिन्न प्रकार की चीजों को छूने और उठाने में हम हाथों का ही प्रयोग करते है ऐसे में वायरस आसानी से हाथों के जरिये हमारे शरीर तक पहुच जाता है। ऐसे में हाथों की स्वच्छता पर विशेष ध्यान देना की आवश्यकता है। वर्तमान में जो कोरोना वायरस संकट है इसके लिए हाथों की स्वच्छता एक सबसे महत्वपूर्ण निरोधक उपाय है।

हाथों की स्वच्छता से 31 प्रतिशत गैस और 21 प्रतिशत साँसों से संबन्धित बीमारियों से बचा जा सकतानेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलोजी इन्फॉर्मेशन (आईसीबीआई) के अनुसार हाथों की स्वच्छता से 31 प्रतिशत गैस की बीमारी और 21 प्रतिशत साँसों से संबन्धित बीमारियों से बचा जा सकता है। वहीं सेंटर फॉर डिजीज एंड प्रीवेंशन के अनुसार साबुन और पानी से हाथ धुलना डायरिया से जुड़ी बीमारियों को 50 प्रतिशत तक कम कर सकता है।

हाथों को स्वच्छ बनाने का फॉर्मूला – सुमन के कोरोना वायरस से बचाव के लिए सबसे महत्वपूर्ण सुमन के फॉर्मूला के अनुसार हाथों को बार बार धोना है।
• एस- सीधा हाथ
• यू- उल्टा हाथ
• म- मुट्ठी
• ए- अंगूठा
• एन- नाखून
• के- कलाई

कोरोना काल में बरतनी होंगी ये आवश्यक सावधानियां :
• घर पर रहें।
• नियमित रूप से साबुन से हाथ धोते रहें।
• बिना मास्क या फेस कवर के घर से बाहर न निकलें ।
• बिना हाथ धोए अपने चेहरे को छूने से बचें।
• किसी से बात करते समय कम से कम 6 फीटर की दूरी बनाएं रखें।

लाॅक डाउन की घोषणा के बाद पुलिस प्रसाशन सड़कों पर, लोगों को दे रहे हिदायतें

मधुबनी : जिले के बिस्फी प्रखंड क्षेत्र में भी बुधवार से बिहार में पूर्ण लाॅक डाउन प्रभावी हो गया है। प्रखंड में इसका प्रथम दिन मिला-जुला प्रभाव देखने को मिला। सड़क पर दो पहिया से लेकर चार पहिया वाहन धड़ल्ले से चलते दिखाई पड़े। प्रशासन हालांकि लाॅकडाउन का पालन कराने के लिए काफी सक्रिय हैं।

बीडीओ अहमर अब्दाली सीओ प्रभात कुमार, बिस्फी थाना अध्यक्ष संजय कुमार, पतौना ओपी प्रभारी विजय पासवान, औंसी ओपी प्रभाती कुणाल कुमार दलबल के साथ बिस्फी, नूरचक, औंसी जीरो माइल सिमरी, बैंगरा, भैरवा आदि स्थानों पर वाहनों पर चलने वाले लोगों से बाहर नही निकले की अपील करते हुए कड़ी फटकार लगाते हुए कड़ी हिदायत दी गई।

बिस्फी, धजबा, नूरचक, बांका, चहुटा, बैंगरा आदि बाजारों की दुकानें पूर्णतः बंद रही। लेकिन चहुटा, जगवन, नूरचक सिमरी आदि पंचायतों में वाहनों के आने-जाने का अधिकतर सिलसिला जारी रहा एवं ऑटो वाहन सड़कों पर चलती रही है। वहीं सिमरी में 11 बजे के बाद भी सब्जी मंडी खुली रही। लोग बाजारों में खरीदारी करते देखे गये एवं नूरचक गांव में भी भाड़ी संख्याओं में भीड़ लगा कर सब्जी खरीद बिक्री चलती रही।

बीडीओ अहमर अब्दाली ने बताया कि कोरोना कॉल का यह दूसरी लहर पूरी तरह से फैल गई है। लोगों को खुद सतर्क रहने की आवश्यकता है। अब्दाली ने बताया गया कि जागरूकता के बाद भी अगर लोग लॉकडाउन को उलंघन करते पाए गए, तो उनके ऊपर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। अनावश्यक रूप से पांव पैदल भी सड़कों पर चलने की आदेश नही हैं।

कोविड वैक्सीनेशन से पूर्व एक बार जरूर करें रक्तदान, कोविड वैक्सीनेशन के 70 दिनों बाद दिया किया जा सकता है रक्तदान

मधुबनी : कोरोना संकट के बीच आम जन कई अन्य घातक बीमारियों के उपचार में समस्याओं का सामना कर रही है। कोरोना महामारी, विशेषकर खून की कमी से जूझ रहे मरीजों के लिए परेशानी का सबब बन गयी है। इस संकटकाल में रक्तदान करने वालों की संख्या में लगातार कमी देखी गई है जिससे ब्लड बैंकों को पर्याप्त मात्रा में खून को स्टोर करने में समस्या हो रही है।

हालाँकि स्वास्थ्य विशेषज्ञों का मानना है कि कोविड काल में भी तमाम सुरक्षा नियमों को अपनाते हुए रक्तदान किया जा सकता है। रक्तदान महादान है और कोविड संक्रमण से इसका कोई संबंध नहीं है। किसी भी ब्लड बैंक में संक्रमण से बचाव यथा मास्क लगाना, सैनिटाइजर या साबुन पानी से हाथों की नियमित धुलाई, शारीरिक दूरी जैसे मानकों का पालन करते हुए रक्तदान किया जा सकता है. स्वास्थ्य विभाग तथा सहयोगी संस्थाएं विभिन्न संदेशों के माध्यम से लोगों को रक्तदान करने के लिए प्रोत्साहित कर रही है।

वैक्सीनेशन से पूर्व एक बार जरूर करें रक्तदान :

इस दिशा में स्टेट रिसोर्स यूनिट के मैटरनल हेल्थ ईकाई के टीम लीड डॉ प्रमोद ने लोगों से कोरोना वैक्सीनेशन से पूर्व रक्तदान करने की अपील की है। उन्होंने कहा कि कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए बड़े पैमाने पर 18 वर्ष या इससे से अधिक आयुवर्ग के लोगों को टीका लगाया जा रहा है। ऐसे में वैक्सीनेशन के साथ-साथ जरूरतमंदों के लिए रक्त की माँग को पूरा करने हेतु रक्तदान भी आवश्यक है।

उनका कहना है कि कोविड संक्रमण काल में भी सुरक्षित रह कर रक्तदान किया जा सकता है। चूंकि टीकाकरण के 70 दिनों तक रक्तदान नहीं किया जा सकता है, इसलिए वैक्सीनेशन से पूर्व युवावर्ग आगे बढ़कर रक्तदान करें. उन्होंने लोगों से कोरोना टीकाकरण अभियान को सफल बनाने के साथ-साथ टीकाकरण से पहले एक बार रक्तदान अवश्य करने की अपील की है. उन्होंने कहा है कि रक्तदान किसी भी जरूरतमंद को एक नई जिंदगी दे सकता है।

थैलीसीमिया व प्रसव के दौरान होती है रक्त की जरूरत :

कोरोना काल में कई लोगो को रक्त की जरूरत होती है। रक्त से संंबधित समस्या वाले रोगियों को रक्त की हमेशा जरूरत पड़ती है। विशेषकर थैलीसीमिया से पीड़ित मरीजों को समय समय पर खून की जरूरत पड़ती है। वहीं प्रसव के दौरान गर्भवती महिलाओं को भी खून की अधिक आवश्यकता होती है. ऐसे में उनके स्वास्थ्य का ध्यान रखना हम सबकी जिम्मेदारी है। खून की कमी के कारण कहीं भी तथा किसी की भी जान जा सकती है। खून की आवश्यकता की पूर्ति के लिए ब्लड बैंक में पर्याप्त खून होना जरूरी है। स्वस्थ्य व्यक्ति ब्लड बैंक जाकर खून दे सकते हैं।

सुमित कुमार की रिपोर्ट