04 मई : सारण की मुख्य खबरें

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वैक्सीनेशन से पूर्व एक बार जरूर करें रक्तदान

छपरा: कोरोना संकट के बीच आम जन कई अन्य घातक बीमारियों के उपचार में समस्याओं का सामना कर रही है। कोरोना महामारी, विशेषकर खून की कमी से जूझ रहे मरीजों के लिए परेशानी का सबब बन गयी है। इस संकटकाल में रक्तदान करने वालों की संख्या में लगातार कमी देखी गई है जिससे ब्लड बैंकों को पर्याप्त मात्रा में खून को स्टोर करने में समस्या हो रही है।

हालाँकि स्वास्थ्य विशेषज्ञों का मानना है कि कोविड काल में भी तमाम सुरक्षा नियमों को अपनाते हुए रक्तदान किया जा सकता है। किसी भी ब्लड बैंक में संक्रमण से बचाव यथा मास्क लगाना, सैनिटाइजर या साबुन पानी से हाथों की नियमित धुलाई, शारीरिक दूरी जैसे मानकों का पालन करते हुए रक्तदान किया जा सकता है। स्वास्थ्य विभाग तथा सहयोगी संस्थाएं विभिन्न संदेशों के माध्यम से लोगों को रक्तदान करने के लिए प्रोत्साहित कर रही है।

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इस दिशा में स्टेट रिसोर्स यूनिट के मैटरनल हेल्थ ईकाई के टीम लीड डॉ प्रमोद ने लोगों से कोरोना वैक्सीनेशन से पूर्व रक्तदान करने की अपील की है। उन्होंने कहा कि कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए बड़े पैमाने पर 18 वर्ष या इससे से अधिक आयुवर्ग के लोगों को टीका लगाया जा रहा है। ऐसे में वैक्सीनेशन के साथ-साथ जरूरतमंदों के लिए रक्त की माँग को पूरा करने हेतु रक्तदान भी आवश्यक है।

उनका कहना है कि कोविड संक्रमण काल में भी सुरक्षित रह कर रक्तदान किया जा सकता है। चूंकि टीकाकरण के 70 दिनों तक रक्तदान नहीं किया जा सकता है, इसलिए वैक्सीनेशन से पूर्व युवावर्ग आगे बढ़कर रक्तदान करें। उन्होंने लोगों से कोरोना टीकाकरण अभियान को सफल बनाने के साथ-साथ टीकाकरण से पहले एक बार रक्तदान अवश्य करने की अपील की है। उन्होंने कहा है कि रक्तदान किसी भी जरूरतमंद को एक नई जिंदगी दे सकता है।

थैलीसीमिया व प्रसव के दौरान होती है रक्त की जरूरत :

कोरोना काल में कई लोगो को रक्त की जरूरत होती है। रक्त से संंबधित समस्या वाले रोगियों को रक्त की हमेशा जरूरत पड़ती है। विशेषकर थैलीसीमिया से पीड़ित मरीजों को समय समय पर खून की जरूरत पड़ती है। वहीं प्रसव के दौरान गर्भवती महिलाओं को भी खून की अधिक आवश्यकता होती है। ऐसे में उनके स्वास्थ्य का ध्यान रखना हम सबकी जिम्मेदारी है। खून की कमी के कारण कहीं भी तथा किसी की भी जान जा सकती है। खून की आवश्यकता की पूर्ति के लिए ब्लड बैंक में पर्याप्त खून होना जरूरी है। स्वस्थ्य व्यक्ति ब्लड बैंक जाकर खून दे सकते हैं।

चिकित्सक के साथ मारपीट व हंगामा करने वालों के खिलाफ होगी कार्रवाई

छपराः वर्तमान में जिले में कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर का व्यापक प्रभाव है। उक्त संबंध में जनमानस में व्याप्त भय को देखते हुए राज्य के सरकारी एवं निजी चिकित्सा तंत्र पर अत्यधिक दबाव पड़ना अवश्यम्भावी है। ऐसी स्थिति में मरीजों के परिजनों द्वारा चिकित्सकों एवं अस्पताल प्रबंधन पर अनुचित दबाव डालने तथा उनके साथ दुर्व्यहार एवं मारपीट की घटनाएं सामने आ सकती हैं। इससे विधि व्यवस्था की गंभीर समस्या उत्पन्न होने की सम्भावना है। इसको लेकर गृह विभाग ने जिलाधिकारी व पुलिस अधीक्षक को पत्र जारी कर आवश्यक दिशा-निर्देश दिया है।

जारी पत्र में कहा गया है कि जिला पदाधिकारी एवं जिला पुलिस अधीक्षक अपने अपने जिले में कोविड-19 के इलाज हेतु चिह्नित अस्पतालों, कोविड केयर सेंटर एवं अन्य चिकित्सा प्रतिष्ठान क्वारेंटाइन सेंटर, जहाँ कोविड-19 के मरीजों का इलाज किया जा रहा है या संक्रमण की आशंका वाले व्यक्तियों को संस्थागत आइसोलेशन में रखा गया है, उसके आसपास विधि व्यवस्था के समुचित संधारण हेतु आवश्यकता के अनुरूप पुलिस बल के साथ दंडाधिकारियों की प्रतिनियुक्ति सुनिश्चित करेंगे।

पेट्रोलिंग की व्यवस्था को सुदृढ़ किया जाए :

उन क्षेत्रों में जहाँ ऐसे अस्पताल कोविड केयर सेंटर अवस्थित है, पेट्रोलिंग की व्यवस्था को सुदृढ़ किया जाए तथा गश्त की संख्या में वृद्धि की जाए। सभी जिला पुलिस अधीक्षक स्थिति के आकलन के आधार पर उपर्युक्त दृष्टिकोण से संवेदनशील क्षेत्रों में स्टैटिक पुलिस दल की प्रतिनियुक्ति कर सकेंगे। जिला प्रशासन यह सुनिश्चित करेगा कि कोविड-19 के इलाज में संलग्न सभी चिकित्सकों, अस्पतालों एवं अन्य संस्थाओं को विधि व्यवस्था एवं राहत कार्यों से सम्बद्ध महत्वपूर्ण पुलिस एवं प्रशासनिक पदाधिकारियों के मोबाइल नम्बर उपलब्ध कराये जाएँ, ताकि मरीजों के परिजन या अन्य व्यक्तियों द्वारा इलाज में बाधा पहुंचाए जाने, हिंसक व्यवहार किए जाने या अन्य आपात स्थिति में पुलिस दल या अन्य आवश्यक मदद के लिए तत्काल सम्पर्क किया जा सके।

यदि कोई व्यक्ति समूह उपर्युक्त चिकित्सा संस्थानों में किसी चिकित्सक, चिकित्सा कर्मी या अस्पताल प्रबंधन को इलाज या उनके कर्तव्यों के निर्वहन के दौरान कोई हानि, इति अवरोध या बाधा पहुंचाता है और/या चिकित्सा संस्थानों की सम्पत्ति को नुकसान पहुंचाता है, तो उसके उनके विरुद्ध “बिहार चिकित्सा सेवा संस्थान और व्यक्ति सुरक्षा अधिनियम, 2011” (समय समय पर यथासंशोधित) तथा भा०५०वि० की प्रासंगिक धाराओं के अंतर्गत कार्रवाई की जाए। जिला पदाधिकारी एवं जिला पुलिस अधीक्षक जिले के प्रमुख चिकित्सक एवं प्रतिष्ठित अस्पतालों के प्रबंधन के साथ कोड-19 के इलाज में आ रही समस्याओं को समझने तथा उन समस्याओं के समाधान हेतु समय समय पर बैठक करेंगे, ताकि कोड 19 महामारी के विरुद्ध उनके अनुभव, परामर्श एवं सहयोग का समुचित उपयोग किया जा सके।

मरीज के परिजनों की प्रतीक्षा के लिए होगी अस्थाई व्यवस्था :

गृह विभाग ने आदेश दिया है कि जिला प्रशासन जिले में ऑक्सीजन कोड के इलाज में सहायक दवाओं एवं अन्य आवश्यक वस्तुओं की कालाबाजारी रोकने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाएगा। सभी कोविड अस्पतालों के बाहर मरीजों के परिजनों द्वारा प्रतीक्षा करने के लिए अस्थायी व्यवस्था का निर्माण किया जाए। परिजनों को मरीजों के स्वास्थ्य के सम्बन्ध समय समय पर अद्यतन सूचना उपलब्ध कराना सुनिश्चित किया जाए।

जून माह की छुट्टी मई माह में शिफ्ट कर दी गई है, मई माह में गेस्ट फैकल्टी को नहीं किया जाएगा कोई भुगतान

छपराः जेपीयू के कुलपति प्रो० फारूक अली ने सभी महाविद्यालय के प्राचार्य एवं सभी स्नातकोत्तर विभाग के अध्यक्ष के साथ एक आन लाइन वर्चुअल मीटिंग किए। जहाँ कई महत्वपूर्ण जानकारियां साझा किया जिसमें जून माह की छुट्टी मई माह में शिफ्ट कर दी गई है, इसलिए मई माह में गेस्ट फैकल्टी को कोई भुगतान नहीं किया जाएगा, मीटिंग बुलाने का एक उद्देश्य यह भी था जिससे सभी प्राचार्य और विश्वविद्यालय हेड को इसकी जानकारी दी जाए।

पहले 13 बीएड महाविद्यालय में ही ऐडमिशन लिया जा सकता था इस बार SRT महाविद्यालय, गोपालगंज को NCET ने पुनः मान्यता दे दिया है इसलिए 2021 में अब 14 B Ed महाविद्यालय में ऐडमिशन होगा। एक जून से बी सी ए और पीजी 3rd सेमेस्टर की परीक्षाएं आयोजित होंगी, इसके लिए सबको मानसिक रूप से तैयार रहने को कहा गया। कुलपति ने पीजी एवं यूजी का (स्थिति सामान्य होने पर) रजिस्ट्रेशन यथाशीघ्र करवाने का भी आदेश दिए।

मुख्य रूप से आन लाइन वर्चुअल मोड पर मीटिंग में उपस्थिति प्रोफेसर लक्ष्मी नारायण सिंह PVC, वित्त परामर्शी ,अशोक कुमार पाठक, सी सी डी सी, प्रोफेसर हरिश्चंद्र, प्रोफेसर अनिल कुमार सिंह परीक्षा नियंत्रक, डॉक्टर आर पी श्रीवास्तव, प्रभारी कुलसचिव, इंजीनियर प्रमोद कुमार सिंह, डॉक्टर मधुप्रभा, डॉक्टर के के बैठा, प्रोफेसर एन सिंह, प्रोफेसर अजय कुमार, प्रोफेसर राम ध्यान राय, डॉक्टर एस के सिंह, प्रोफेसर ए एम हाशमी आदि उपस्थित हुए।

नीलेश रामचंद्र देवरे ने सदर अस्पताल स्थित कोविड केयर सेंटर का किया निरीक्षण

छपरा : वैश्विक महामारी कोरोना संक्रमण की रोकथाम को लेकर जिला प्रशासन लगातार प्रयास कर रहा है। जिलाधिकारी डॉ निलेश रामचंद्र देवरे प्रतिदिन इसकी समीक्षा तथा मॉनिटरिंग कर रहे हैं। इसी कड़ी में मंगलवार को जिलाधिकारी डॉ नीलेश रामचंद्र देवरे ने सदर अस्पताल स्थित कोविड केयर सेंटर निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी ने सिविल सर्जन और डीपीएम को कई आवश्यक दिशा निर्देश दिए। डीएम ने कोविड केयर सेंटर में बेड की उपलब्धता भर्ती मरीजों की संख्या, साफ सफाई समेत मरीजों को दी जाने वाली सुविधाओं के बारे में विस्तार से जानकारी प्राप्त की।

जिलाधिकारी ने पूर्व में दिए गए निर्देश के तहत कोविड केयर सेंटर में अतिरिक्त बेड की उपलब्धता की भी जानकारी ली। इस दौरान जिलाधिकारी ने बताया कि कोविड केयर सेंटर में ऑक्सीजन युक्त 22 अतिरिक्त बेड तैयार कर लिया गया है। जिलाधिकारी ने निर्देश दिया कि कोविड केयर सेंटर में आने वाले सभी मरीजों का भर्ती किया जाना सुनिश्चित करें। सभी मरीजों का बेहतर उपचार कर अपने कर्तव्यों का निर्वहन करें। इस दौरान जिलाधिकारी ने निर्देश दिया कि मरीजों के इलाज के लिए सभी आवश्यक संसाधनों को अधिक से अधिक खरीदारी कर उपलब्ध रखें। डीएम ने कहा कि लगातार अनुपस्थित रहने वाले

चिकित्सकों का प्रतिवेदन उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें। ताकि उक्त चिकित्सकों के विरुद्ध निलंबन की कार्रवाई करते हुए आपदा प्रबंधन अधिनियम की सुसंगत धाराओं के तहत प्राथमिकी दर्ज कर कार्रवाई की जाए। निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी ने कहा कि कोविड-19 सेंटर में मरीजों के परिजन अनावश्यक रूप से भीड़ न लगाएं। किसी भी परिजन को अंदर प्रवेश करने की अनुमति नहीं है। परिजन अगर भीड़ लगाते हैं तो इससे संक्रमण फैलने की खतरा अधिक है। उन्होंने अपील किया कि कोई भी व्यक्ति अनावश्यक रूप से कोविड-19 सेंटर के अंदर प्रवेश न करें।

निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी डॉ नीलेश रामचंद्र देवरे ने निर्देशित करते हुए कहा कि कोविड-19 सेंटर में भर्ती मरीजों को अगर ऑक्सीजन की जरूरत नहीं है तो वैसे मरीजों को दूसरे वार्ड में शिफ्ट करें। ताकि जरूरतमंद मरीज को ऑक्सीजन युक्त बेड उपलब्ध हो सके। इससे कोविड-19 सेंटर में दबाव भी कम होगा। डीएम ने कहा कि भर्ती मरीजों को समय से दवा उपलब्ध कराएं इसके साथ ही साथ भोजन व नाश्ता काफी समय से प्रबंध करें। मरीजों को किसी तरह की परेशानी ना हो इसका विशेष रूप से ख्याल रखें। वार्ड में नियमित रूप से साफ सफाई कराते रहें।

जिलाधिकारी डॉ नीलेश रामचंद्र देवरे ने कहा कि जिले में कोरोना संक्रमित मरीजों के इलाज के लिए बेहतर सुविधा उपलब्ध है। परिजनों की घबराने की आवश्यकता नहीं है। सभी आवश्यक दवाओं उपकरणों व संसाधनों की उपलब्धता सुनिश्चित की गई है। कोविड केयर सेंटर में 200 बेड तथा डेडिकेटेड कोविड हेल्थ सेंटर में 200 बेड के अतिरिक्त ऑक्सीजन युक्त 22 बेड की व्यवस्था की गई है। वही सोनपुर अनुमंडलीय अस्पताल में भी 75 बेड की व्यवस्था सुनिश्चित की गई है। कोविड-19 रोस्टर के अनुसार चिकित्सकों व स्वास्थ्य कर्मियों की ड्यूटी लगाई गई है। निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी के अलावे एडीएम डॉ गगन, सिविल सर्जन डॉ जनार्दन प्रसाद सुकुमार, डीपीएम अरविंद कुमार, डीपीसी रमेश चंद्र कुमार, डीएमईओ भानु शर्मा, हेल्थ मैनेजर राजेश्वर प्रसाद समेत अन्य स्वास्थ्य कर्मी मौजूद थे।

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