04 मई : आरा की मुख्य खबरें

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आरा की मुख्य ख़बरें

बैंक से लूटी गई 2.38 में से 1 लाख 63 हजार रुपये किया बरामद, 9 में 7 अपराधी गिरफ्तार

आरा : भोजपुर पुलिस ने आरा मुफ्फसिल थानान्तर्गत पिरोता गाँव से पंजाब नेशनल बैंक की शाखा से लुटे गए 2.38 लाख रूपये में से 1.63 लाख रुपये बरामद कर लिया साथ ही 9 में से 7 अपराधियों को भी गिरफ्तार किया है| गिरफतार अपराधियों में नवादा थानान्तर्गत हाउसिंग कॉलोनी चोकीपुर चंदवा का दिलबाग पासवान का पुत्र सुजित कुमार उर्फ टेंगरा, बडहरा थानान्तर्गत नेकनाम टोला का मनोज सिंह का पुत्र हिमांशु सिंह, आरा नगर थानान्तर्गत गौसगंज का नवल किशोर यादव का पुत्र आशिष यादव है|

इसके पूर्व पुलिस ने चार लाइनर्स को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था| पुलिस ने कांड में लूटी गयी रकम में से 1,62,400 / – रूपया ( एक लाख बासठ हजार चार सौ रूपया ), कांड में प्रयोग होने वाले 7.65 एम.एम का पिस्टल , दो मैगजीन एवं चार जिन्दा 7.65 का गोली, कांड में प्रयोग होने वाला मोबाईल 3 , कांड में प्रयुक्त दो देशी कट्टा एवं एक जिन्दा गोली एवं एक मिस फायर गोली कांड में प्रयोग होने वाला दो मोटरसाइकिल बरामद की गयी है|

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भोजपुर एस पी राकेश कुमार दुबे ने आज पत्रकारों से वार्ता के क्रम में बताया कि बिगत 27 अप्रैल को आरा मुफ्फसिल थानान्तर्गत पिरोता शाखा के पंजाब नेशनल बैंक से चार अपराधियों ने हथियार के बल पर करीब 2.38 लाख रूपये लूट लिए थे| ग्रामीणों के विरोध के चलते अपराधियों ने गोली चलाई जिसमे उसके एक साथी अभिषेक कुमार को गोली लग जाने से घायल हो गया और इलाज़ के दौरान उसकी पटना में मौत हो गयी| बैंक प्रबंधक के आवेदन पर सम्बंधित थाने में इस सम्बन्ध में एक प्राथमिकी दर्ज दी गयी थी|

एसपी ने बताया कि उन्होंने इसे एक चुनौती के रूप में लिया और काण्ड के उद्भेदन के लिए उन्होंने पुलिस उपाधिक्षक (परिक्ष्यमान), जितेश पाण्डेय के नेतृत्व में एक पुलिस दल का गठन किया| अनुसंधान के क्रम में यह पता चला कि बैंक डकैती में कुल 9 अपराधी शामिल थे जिसमे चार लाइनर और पांच अपराधियों ने हथियार के साथ बैंक में घुसकर लूटपाट की थी| चार लाइनर को पुलिस ने पहने ही गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है तथा एक अपराधी अभिषेक कुमार जो अपने ही साथियों की गोली से जख्मी हो गया था इलाज़ के दौरान उसकी मौत हो गयी| शेष चार अपराधियों में से तीन को पुलिस दल हथियार और लुटे गए कुछ रुपये के साथ गिरफ्तार कर लिया है जबकि एक अपराधी अजित कुमार अभी भी फरार चल रहा है जिसकी गिरफ्तारी के लिए छापेमारी चल रही है|

एसपी ने बताया कि पुलिस दल ने कई स्थानों पर छापेमारी करने के बाद नवादा थानान्तर्गत चोकीपुर चंदवा के सुजीत कुमार सिंगर तथा बडहरा थानान्तर्गत नेकनाम टोला के मनोज सिंह को गिरफ्तार किया तथा बाद में आरा नगर थानान्तर्गत गौसगंज के आशीष यादव को गिरफ्तार किया गया| इन तीनों को गिरफ्तारी के लिए आरा एवं पटना सहित कई स्थानों पर छापेमारी की थी|

बाइक से गिरकर महिला की मौत

आरा : भोजपुर जिला मुख्यालय आरा के नवादा थानान्तर्गत अनाइठ ठाकुरबाड़ी मोहल्ले के समीप कल शाम बाइक से गिरकर एक अधेड़ महिला की मौत हो गई। इलाज के दौरान सदर अस्पताल उन्होंने दम तोड़ दिया। मृतका नवादा थानान्तर्गत बिहारी मिल भट्टी गली निवासी स्व.जय कुमार शाह की 50 वर्षीया पत्नी शिवकुमारो देवी है।

नवादा थानाध्यक्ष ने बताया कि वह आज सुबह वह बाइक से अपने भतीजे के साथ चरपोखरी थानान्तर्गत सेमराव गांव अपनी बड़ी बेटी पूनम के घर गई थी। बेटी से मिलकर जब वह वापस शाम में घर लौट रही थी तभी अनांइठ ठाकुरबारी मोहल्ले के समीप वह अचानक असंतुलित होकर बाइक से गिर पड़ी और गंभीर रूप से जख्मी हो गई। उन्हें इलाज के लिए सदर अस्पताल लाया गया जहां इलाज के दौरान उन्होंने दम तोड़ दिया। इसके बाद परिजन अपनी स्वेच्छा से शव का बिना पोस्टमार्टम कराये ही वापस घर ले गए।

कोईलवर स्टेशन से बुजुर्ग का शव बरामद

आरा : कोईलवर रेलवे स्टेशन के प्रतीक्षालय टिकट काउंटर के समीप से बुजुर्ग का शव बरामद हुआ। शव मिलते ही लोगों के बीच सनसनी मच गई। सूचना मिलते ही रेल पुलिस घटनास्थल पर पहुंची और शव को अपने कब्जे में लेकर उसका पोस्टमार्टम सदर अस्पताल में करवाया। पुलिस ने मृतक के पॉकेट से मिले आधार कार्ड के आधार पर पटना जिला के पार्क जीपीओ निवासी प्रयाग पासवान के 65 वर्षीय पुत्र मुन्दर पासवान रूप में हुई। इसके पश्चात पुलिस ने सूचना मृतक के परिजनों को दी।

पुलिस के अनुसार बुजुर्ग की मौत अत्यधिक बृद्ध, कुपोषण व दुर्बलता के कारण मौत होना प्रतीत होता है। हालांकि पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही मौत का कारण पूरी तरह स्पष्ट हो पाएगा। वही पुलिस अपने स्तर से मामले की छानबीन कर रही है।

कोरोना से जंग जीतकर भोजपुर सीएस डॉ. एलपी झा लौटे काम पर

आरा : भोजपुर जिले में दहशत के बीच एक रहत भरी खबर यह है कि आरा सदर अस्पताल के 66 वर्षीय सिविल सर्जन डाक्टर एलपी झा इस महामारी से संक्रमित, प्रभावित हुए पर धैर्य और संयम से काम लेते हुए उपचार, आइसोलेशन एवं अन्य प्रोटोकॉल का पालन करके वे आज इस महामारी को हराकर वापस कार्य पर लौट आए।

सिविल सर्जन ने बताया कि बीमारी में उपचार आवश्यक है पर सबसे बड़ी बात अपनी हिम्मत एवं सकारात्मक के साथ मजबूती से परिस्थिति का सामना करना इस बीमारी से उबरने में बहुत सहायक होता है। उन्होंने जिलेवासियों से अपील की कि वे अपनी स्थिति पर नियंत्रण रखते हुए लक्षण आते ही अविलंब जांच कराएं एवं जारी की गयी एडवाइजरी का पालन जिसमें दवा एवं अन्य घरेलू उपचार का समावेश है जरूर करें ताकि संक्रमण के बृहद फैलाव को रोका जा सके। सामान्य स्थिति में मास्क का प्रयोग, हाथों की सफाई एवं घर से अनावश्यक न निकलने जैसे नियमों का अनिवार्य रूप से पालन करें।

भारी मात्रा मे शराब के साथ धंधेबाज गिरफ्तार

आरा : भोजपुर पुलिस ने गुप्त सुचना के आधार पर सरैंयां बाज़ार में छापेमारी कर सैकड़ो बोतल विदेशी शराब के साथ एक शराब धंधेबाज को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। पुलिस ने उसके पास से एक कार भी बरामद की है। कृष्णागढ धानाध्यक्ष ने बताया कि पुलिस को सूचना मिली थी कि बड़हरा थाना क्षेत्र के लाला टोला गांव निवासी शराब धंधेबाज धीरज कुमार हुंडई कार से ग्रामीण इलाके में बेचने के लिए विदेशी शराब लेकर आ रहा है। पुलीस ने त्वरित करवाई करते हुए छापेमारी की और कार से 750 एमएल के 200 पीस ऑफिसर चॉइस विदेशी शराब बरामद किया। आपको बता दे कि शराब धंधेबाजो के लिए सरैयां गांव का इलाका सेफ जोन बनते जा रहा है।

कोविड संक्रमित गंभीर बच्चों में बढ़ता है न्यूमोनिया का खतरा, शिशुओं के लिए स्तनपान जरूरी

आरा : देश में दिन प्रतिदिन बढ़ते कोरोना केसेज के मद्देनज़र बच्चों में कोविड 19 संक्रमण की रोकथाम व संक्रमित के उपचार के लिए स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने ‘प्रोटोकॉल फॉर मैनेजमेंट ऑफ़ कोविड—19 इन द पेडियाट्रिक ऐज ग्रूप’ एक एडवाइजरी जारी करते हुए संक्रमित बच्चों की देखभाल के विषय में विस्तार से जानकारी दी गयी है.

एडवाइजरी में कहा गया है कि अभी तक कोविड संक्रमण का बहुत कम प्रभाव बच्चों पर देखा गया है. हालांकि बच्चों में संकमण के बहुत हल्के लक्षण देखे गये हैं।10% से 20% बिना लक्षण वाले बच्चों को अस्पताल में भर्ती कराने की जरूरत पड़ती है. एक से 3 प्रतिशत कोविड लक्षण वाले बच्चे गंभीर रूप से बीमार पड़ते हैं ,जिन्हें इंटेसिव केयर में भर्ती कराने की आवश्यकता होती है।

बच्चों में कोविड संक्रमण अधिकतर माइल्ड यानि हल्के या एसिम्टोमेटिक होते हैं. एस्मिटोमेटिक मामले में बच्चे संक्रमित तो होते हैं लेकिन उनमें लक्षण नहीं दिखते हैं. जबकि माइल्ड केस में कुछ सामान्य लक्षण नजर आते हैं. कोरोना संक्रमण के सामान्य लक्षणों में बुखार, कफ, सांस लेने में समस्या, थकान, गले में खराश, डायरिया, सुगंध और स्वाद नहीं मिलना, मांसपेशियों में दर्द व नाक बहना आदि शामिल हैं। कुछ बच्चों में पाचन संबंधी समस्या आदि भी देखने को मिलती हैं. बच्चों में इन लक्षणों के अलावा एक नये लक्षण देखने को मिले हैं जिसे मल्टी सिस्टम इंफ्लामेट्री सिंड्रोम कहते हैं। इनमें लंबे समय तक लगातार 100 डिग्री बुखार रहता है।

एडवाइजरी में कोविड 19 संक्रमित बच्चों के उपचार प्रबंधन के विषय में बताया गया है कि परिवार में किसी सदस्य के कोरोना संक्रमित होने के बाद बच्चों के स्क्रीनिंग कराये जाने पर उनमें संक्रमण की पुष्टि की जाती है. ऐसे बच्चों में लक्षणों के विकसित होने पर खास नजर रखी जाती है तथा संक्रमण की गंभीरता के आधार पर उपचार किया जाता है. माइल्ड व एस्मिटोमेटिक मामले में बच्चों को होम आइसोलेशन में रखकर उपचार दिया जा सकता है।

होम आइसोलेशन से पूर्व यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि आवश्यक सभी सुविधाएं, बच्चे के स्वास्थ्य की निगरानी के लिए देखभालकर्ता की हर समय मौजूदगी, आरोग्य सेतु, माता-पिता या देखभालकर्ता बच्चों के स्वास्थ्य की निगरानी कर सूचना सर्विलांस पदाधिकारी या चिकित्सक को देने की व्यवस्था हो. साथ ही माता-पिता या देखभालकर्ता द्वारा सेल्फ आइसोलेशन तथा होमआइसोलेशन या क्वारेंटाइन गाइडलाइन के पालन करने में सक्षम हों। एडवाइजरी में यह भी कहा गया है कि दिल की बीमारी, गंभीर फेफड़ों के रोग या अंग विकार, मोटापा आदि जैसे गंभीर रोग से ग्रसित बच्चों में हल्के लक्षण होने पर उनका उपचार प्रबंधन घर पर भी किया जा सकता है। लेकिन ऐसी स्थिति में यह सुनिश्चित करना होगा कि उनके स्वास्थ्य की बिगड़ने की स्थिति में सभी स्वास्थ्य सुविधाएं उन्हें आसानी से उपलब्ध हो सके। अन्यथा ऐसा करना उचित नहीं है।

माइल्ड लक्षण वाले बच्चों में चिकित्सीय परामर्श के साथ बुखार की दवा दी जा सकती है। बच्चों को पौष्टिक आहार व शरीर को हाइड्रेट रखने के लिए अधिकाधिक पानी व जूस दिया जाना चाहिए। एडवाइजरी में कहा गया है कि हल्के लक्षण वाले बच्चों के श्वसन दर को दिन में दो से तीन बार रिकॉर्ड करें। साथ ही ऑक्सीजन स्तर की भी जांच करें।

एडवाइजरी में माइल्ड, मोडेरेट तथा सिवियर तीनों स्थिति में संक्रमित बच्चों के स्वास्थ्य की निगरानी करते हुए चिकित्सक को इसकी जानकारी देते रहने के लिए कहा गया है और सलाह दी गयी है कि कोविड संक्रमण के मोडेरेट मामलों में बच्चों को डेडिकेटेड कोविड हेल्थ सेंटर में भर्ती कराया जाये. मोडेरेट मामलों में कोविड संक्रमित बच्चे की श्वसन गति पर इन स्थिति में ध्यान रखें। यदि शिशु दो माह से कम है तो उनकी श्वसन दर 60 प्रति मिनट या इससे अधिक हो, 2 माह से 12 माह तक के शिशु का श्वसन दर 50 प्रति मिनट या इससे अधिक हो तथा एक से पांच साल के बच्चों का श्वसन दर 40 प्रति मिनट या इससे अधिक हो तथा पांच साल से अधिक उम्र के बच्चों का श्वसन दर 30 प्रति मिनट या इससे अधिक हो।

ऐसे बच्चों में न्यूमोनिया हो सकता है जो साफ तौर पर नहीं दिखता है. बच्चों के शरीर में इलेक्ट्रोलाइन संतुलन बना रहे इसका ध्यान दिया जाना चाहिए. इसके लिए माताएं शिशुओं को नियमित स्तनपान कराती रहें। यदि कोविड संक्रमित गंभीर मामलों में बच्चों का ऑक्सीजन स्तर 90 प्रतिशत से कम होता है तो ऐसे बच्चों को गंभीर न्यूमोनिया की शिकायत होती है. साथ ही गंभीर श्वसन समस्या एवं कई अंगों का काम नहीं करना आदि की भी समस्या हो सकती है। ऐसे बच्चों को डेडिकेटेड कोविड अस्पताल में भर्ती किये जाने की सलाह दी जाती है।

राज्य सरकार ने 15 मई तक संपूर्ण लॉकडाउन का किया एलान

आरा : अनियंत्रित गति से फैलते कोरोना मरीजों की संख्या को देखते हुए अब तक किये किसी भी उपाय का कोई प्रभाव नही पड़ता देख बिहार के मुख्यमंत्री नितीश कुमार ने 5 मई से 15 मई तक टोटल लॉकडाउन का एलान किया गया है तथा इस संबध में एक दिशा निर्देश भी जारी कर दिया है| सीएम ने इसके लिए आपदा प्रबंधन समूह को निर्देश दिया है।

मंगलवात को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने खुद ट्वीट कर लॉकडाउन लगाने की जानकारी दी। सीएम ने ट्विटर पर लिखा कि “कल सहयोगी मंत्रीगण एवं पदाधिकारियों के साथ चर्चा के बाद बिहार में फिलहाल 15 मई, 2021 तक लॉकडाउन लागू करने का निर्णय लिया गया। इसके विस्तृत मार्गनिर्देशिका एवं अन्य गतिविधियों के संबंध में आज ही आपदा प्रबंधन समूह को कार्रवाई करने हेतू निदेश दिया गया है।

बता दें कि बिहार में कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए हाईकोर्ट की कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की थी और राज्य सरकार से तत्काल जरूरी कदम उठाने को कहा था। इस दौरान पटना हाईकोर्ट ने सोमवार को महाधिवक्ता से कहा था कि राज्य सरकार से बात करें और मंगलवार यानी चार मई को बताएं कि राज्य में लॉकडाउन लगेगा या नहीं। साथ ही कहा कि अगर आज निर्णय नहीं आता है तो हाईकोर्ट कड़े फैसले ले सकता है। इस दौरान एक जनहित याचिका की सुनवाई करते हुए पटना हाईकोर्ट ने कहा था कि आदेश के बाद भी कोरोना मरीजों के उपचार की सुविधाएं नहीं बढ़ी हैं। राज्य के अस्पतालों में निर्बाध ऑक्सीजन आपूर्ति की ठोस कार्ययोजना नहीं बनी है।

इस दौरान केंद्रीय कोटा से मिले रोजाना 194 टन की जगह मात्र 160 टन ऑक्सीजन का उठाव हो रहा है। राज्य में एडवाइजरी कमेटी तक नहीं बनी, जो इस कोरोना विस्फोट से निपटे, कोई वार रूम तक नहीं बना है। बिहार में संपूर्ण लॉकडाउन के बावजूद भी शादी समारोह पर पाबंदी नहीं रहेगी. हालांकि इसके लिए कुछ नए नियम बनाये गए हैं. नई गाइडलाइन में कहा गया है कि शादी में सिर्फ 50 लोगों के ही शामिल होने की अनुमति रहेगी. इतना ही नहीं, जिसके घर भी शादी है। उसे शादी के तीन दिन पहले अपने थाने को सूचना देनी होगी।

आपको बता दें कि शादी ब्याह में बैंड बाजे के साथ नाच-गाने पर रोक लगाई गई है. सरकार ने डीजे पर पूरी तरह से रोक लगा दिया है। ना बजेगा डीजे औऱ ना ही होगा डांस. शादी ब्याह में पहले 100 लोगों के शामिल होने की अनुमति थी। सरकार ने बुधवार को इसमे कटौती कर दी है। अब किसी शादी ब्याह में सिर्फ 50 लोग शामिल हो पायेंगे। यानि बाराती और सराती मिलाकर कुल पचास लोग ही शामिल हो पायेंगे। श्राद्धकर्म के लिए भी नए नियम बनाये गए हैं। अंतिम संस्कार या श्राद्धकर्म में सिर्फ 20 लोगों के शामिल होने की अनुमति दी गई है।

सकारी, निजी स्कूल, कॉलेज, कोचिंग सेंटर, ट्रेनिंग एवं शैक्षणिक संस्थान, बंद रहेंगे तथा इस अवधि में किसी प्रकार की परीक्षा नही ली जायेगी| इसके अतिरिक्त आवश्यक सेवायों को छोड़ राज्य सरकार के सभी कार्यालय, निजी एवं वाणिज्यिक प्रतिष्ठान, बंद रहेंगे| अस्पताल, स्वास्थ्य सम्बन्धी प्रतिष्ठान, अम्बुलेंस सेवा, बैंक, बीमा कंपनी, एटीएम्, प्रिंट एवं इलेक्ट्रॉनिक मीडिया, कृषि, कोल्ड स्टोरेज, निजी सुरक्षा, पेट्रोल पंप, एलपीजी सेवा, फल सब्जी, दूध इत्यादि को इससे मुक्त रखा गया है|

सब्जी, फल, दूध, पीडीएस की दुकाने सुबह 7 बसे से 11 बजे तक ही खुलेंगी| आवश्यक कार्यों में लगे वाहनों को छोड़ सभी तरह के वाहन का परिचालन बंद रहेगा| सभी प्रकार के राजनितिक, सामाजिक, धार्मिक, सांस्कृतिक, खेल-कूद, मनोरंजन गतिविधियों पर पूर्णतया प्रतिबन्ध लगाया गया है| सिनेमा हॉल, शौपिंग मॉल, क्लब, स्विमिंग पूल, स्टेडियम, जिम, पार्क, उद्यान बंद रहेंगे| शादी विवाह में सिर्फ 50 जबकि श्राद्ध या शव यात्रा में सिर्फ 20 लोगों को ही अनुमति होगी| शादी के लिए 3 से पूर्व ही स्थानीय थाने को सूचना देनी होगी|

सार्वजनिक स्थलों पर सरकारी या निजी आयोजन नही होंगे| होटल एवं रेस्टोरेंट बंद होंगे पर होम डिलीवरी की सुविधा सुबह 9 बजे से शाम 9 बजे तक रहेगी| ड्यूटी पर जाने वाले सरकारी सेवकों एवं आवश्यक अनुमान्य सेवाओ को वाहन की सुविधा रहेगी| अस्पताल, रेलवे स्टेशन या हवाई अड्डा जाने वाले निजी वाहन या प्रशासन द्वारा निर्गत पास पर निजी वाहनों को बंद से मुक्ति रहेगी| इसी बीच नीतीश कुमार के लॉकडाउन के फैसले के बाद सियासत गरमा गयी है. हम पार्टी ने नाराजगी जाहिर की है. हम का कहना है कि सरकार के इस फैसले से मजदूर और गरीब प्रभावित होने और वे कोरोना से तो बच सकते हैं लेकिन भूख से नहीं।

हम के प्रवक्ता दानिश रिजवान कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने निःसंदेह लॉकडाउन लगाने का फैसला न्यायालय की टिप्पणी के बाद लिया है. लेकिन इस निर्णय के बाद कहीं ना कहीं गरीब तबका निराश होगा क्योंकि गरीब कोरोना से बच भी सकता है लेकिन वह भूख से मर जाएगा। न्यायालय ने टिप्पणी जरूर की है लेकिन न्यायालय को गरीबों का भी ख्याल रखना चाहिए था। उन्होंने सरकार से अनुरोध किया कि लॉकडाउन के फैसले के साथ-साथ मजदूर और गरीबों की भी चिंता करनी होगी। जिन लोगों से बैंक से लोन लिया है उनको बैंकों का इंटरेस्ट माफ़ होने चाहिए और किरायेदारों का किराया भी। इस ओर सरकार को ध्यान देना चाहिए नहीं तो जनता के बीच आक्रोश पनपेगा जिसका नतीजा बिलकुल ख़राब होगा।

राजीव एन० अग्रवाल की रिपोर्ट

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