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02 मई : आरा की मुख्य खबरें

आरा सदर अस्पताल में प्रवेश पर रोक के बाद पप्पू यादव ने नीतीश कुमार को कहा जल्लाद

आरा : जाप सुप्रीमो पप्पू यादव को रविवार को आरा सदर अस्पताल का निरीक्षण करने से आरा एसडीएम वैभव श्रीवास्तव और पुलिस बल ने अस्पताल के गेट पर ही रोक दिया गया. पप्पू यादव को शनिवार को ही निरिक्षण का कार्यक्रम निर्धारित था पर उनके कार्यकर्ताओं की गिरफ्तारी की वहज से वे आज निर्धारित कार्यक्रम के तहत जैसे ही अस्पताल पहुंचे, पहले से तैनात पुलिस बल ने उनको कोरोना के बढ़ते संक्रमण का हवाला देकर अंदर जाने से रोक दिया।

सदर अस्पताल के गेट पर ही रोक देने के बाद पप्पू यादव ने प्रेस वार्ता की जिसमें उन्होंने बिहार के मुख्यमंत्री पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि बिहार की जनता ने एक जल्लाद को अपना मुख्यमंत्री चुना है. यहां एक नंगा खेल खेला जा रहा है. बिहार के सभी सदर अस्पतालों का यहीं हाल है। लोग यहां पैदल आते है और स्ट्रेचर पर घर जाते हैं। यहां ना तो ऑक्सीजन है और ना ही कोई स्टाफ काम कर रहा है। अगर आप इलाज कराने जायेगा तो आपको मार कर भेजा जाएगा।

पप्पू यादव निजी अस्पतालों पर भी गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि आरा के जितने भी प्राइवेट अस्पताल हैं वो सब पहले से ही ऑक्सीजन सिलेंडर का ब्लैक मार्केटिंग कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि डीएम और एसडीएम को चाहिए कि वे शहर के सभी निजी अस्पताल को टेक ओवर कर ले। सरकारी अस्पताल में कोई पूर्ति नहीं करते हैं और निजी अस्पताल में जहां 60-70 ऑक्सीजन सिलेंडर चाहिए वहां 150-200 दे रहे हैं. पप्पू यादव ने कहा कि अगर पप्पू यादव के रुकने से आरा में मौत का सिलसिला रुक जाए यहीं सोचकर मैं सदर अस्पताल में नहीं गया।

पप्पू यादव ने कहा कि बिहार का ऐसा कोई भी अस्पताल नहीं है जहां आउटसोर्सिंग के बिना कोई काम हो. अस्पताल का टेंडर सिर्फ किसी बड़े नेता है या कोई पैरवी वाला को मिलता है। अस्पताल में परिजन मरीज को ले जाते हैं। वही सेवा भी करते हैं. लोग मार्केट जाएंगे और शादी-ब्याह होता रहेगा तो संक्रमण की चेन को कैसे तोड़ेंगे। केंद्र सरकार पर सवाल खड़ा करते हुए कहा कि बिहार के साथ हमेशा ही सौतेला व्यवहार किया जाता है. बिहार को जितनी ऑक्सीजन, वैक्सीन रेमडेसीवीर की जरूरत है उतना केंद्र सरकार क्यों नहीं दे रही है? मतलब बिहार के लिए इनके पास कुछ भी नहीं है. बिहार में 500 से ज्यादा मौत हर दिन हो रहा है. बिहार की सरकार इसको छुपा रही है।

पप्पू यादव ने आरा के सांसद आर के सिंह को लेकर कहा कि यह नियम और कानून केकल पप्पू यादव के लिए है। यह नियम और कानून मंत्री और सांसद के लिए क्यों नहीं था। उन्होंने कहा कि जनप्रतिनिधि की एक जिम्मेदारी होती है, इसके साथ ही सब घर में सो रहे है और ट्विटर पर ट्वीट करते रहते हैं। सत्ता पक्ष गणेश परिक्रमा 15 दिनों के बाद करते हैं. चुनाव में वोट के लिए तो नेताओ के लिए कोरोना नहीं था, अब कोरोना है।

बारात से लौट रहे जीजा-साला को पिकअप ने रौंदा, जीजा की मौत

आरा : भोजपुर जिला के शाहपुर थानान्तर्गत शाहपुर पेट्रोल पंप के नजदीक आरा-बक्सर मुख्य मार्ग पर शनिवार की देर शाम पिकअप ने बाइक सवार जीजा-साला को रौंद दिया। हादसे में जीजा की मौत हो गई। इलाज के लिए सदर अस्पताल लाने के दौरान उसने दम तोड़ दिया। जबकि साला जख्मी हो गया। जख्मी का आरा शहर के निजी अस्पताल में इलाज कराया जा रहा है। मृतक उदवंतनगर थानान्तर्गत मोहनपुर गांव निवासी शिवनाथ राम का 45 वर्षीय पुत्र सुरेश राम है। वह गांव पर ही रह कर खेती गृहस्थी करते थे।

मृतक के परिजनों ने बताया कि शुक्रवार की शाम वे बक्सर जिला के मुरार थाना क्षेत्र के मुरार गांव अपने बडे साले रंजीत कुमार का बारात गए थे। शनिवार को जब वे वापस अपने छोटे साले विकास कुमार के साथ बाइक पर पीछे बैठकर वापस लौट रहे थे। इसी बीच शाहपुर पेट्रोल पंप के समीप पीछे से आ रही पिकअप दोनों को रौंद दिया। इससे दोनों जख्मी हो गए। इसके बाद उन्हें इलाज के लिए सदर अस्पताल लाया जा रहा था। तभी सुरेश राम ने रास्ते में ही दम तोड़ दिया। बावजूद इसके परिजन उन्हें सदर अस्पताल आये, जहां चिकित्सक ने देख उन्हें मृत घोषित कर दिया।

अनशन पर बैठे कार्यकर्ताओं के आगे झुके जिला अधिकारी, मांग को पूरा करने का किया वादा

आरा : भोजपुर डीएम रौशन कुशवाहा के आश्वासन के बाद टाउन थाना में ही आकर सदर एसडीओ ने जन अधिकार पार्टी (लो) के अनशन तुड़वाया गया। सदर एसडीओ ने कहा कि सदर अस्पताल की स्वास्थ्य व्यवस्था हम लोग लगातार ठीक करने के लिए प्रयासरत हैं और जितने भी निजी क्लीनिक बंद है सबको कल से चालू करवा दिया जाएगा और कुछ चालू भी हो गया है, जितने भी सदर अस्पताल के मरीज है उन्हें बेड हम दिलवा रहे हैं अगर कल तक सभी मरीज को बेड नहीं मिलेगा तो आप फिर अनशन कर सकते हैं।

बताते चले कि जन अधिकार पार्टी के बैनर तले पूर्व विधायक भाई दिनेश के नेतृत्व में आरा सदर अस्पताल में 8 सूत्री मांगों को लेकर चिकित्सा सुविधाओं को बेहतर करने के लिए आमरण अनशन शुरू किया गया था। उनकी मुख्य मांग प्रत्येक प्रखंड अनुमंडल मुख्यालय और आरा शहर के सभी बंद किए गए निजी अस्पतालों को तत्काल खुलवाया जाए और नहीं खुलने वाले डॉक्टर निजी क्लीनिक के प्रबंधक पर देशद्रोह का मुकदमा कर गिरफ्तारी की जाए।

भोजपुर जिले के सभी प्रखंड अनुमंडल स्तर पर एंबुलेंस की व्यवस्था पर हेल्पलाइन नंबर जारी की जाए, भोजपुर जिले के किसी भी मरीज को पटना रेफर करने से पहले बेड मेडिकल सुविधा की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए, प्रखंड से लेकर अनुमंडल जिला मुख्यालय पर भी सभी अस्पतालों को ऑक्सीजन की आपूर्ति सुनिश्चित की जाए, भोजपुर जिले के सभी जनप्रतिनिधि जिला मुख्यालय अस्पताल तक समुचित बेड जांच मशीन ऑक्सीजन सिलेंडर इत्यादि चिकित्सा संबंधी संसाधनों को उपलब्ध कराने हेतु खर्च किया जाए।

यदि भोजपुर जिले में स्वास्थ्य कर्मियों की कमी है तो ग्रामीण चिकित्सक को 1 सप्ताह का प्रशिक्षण शिविर देकर उनसे कार्य लिया जाए, जिला वासियों को इस संकट का काल में तत्काल इलाज मिल सके अनशन शुरू करने से पहले आरा सदर एसडीओ से बातचीत इन मुद्दों पर बात भी की गयी थी जो असफल रही| तब अनशन शुरू किया गया| ऐसे में जिला प्रशासन ने अनशनकारी नेताओं को हिरासत में ले लिया|

राजीव एन० अग्रवाल की रिपोर्ट