सहायक शिक्षक की सड़क हादसे में मौत
आरा : भोजपुर जिला के हसन बाज़ार पीओ अंतर्गत बैसाडीह-सहजैनी मार्ग पर मंगरु टोला गांव के समीप सुबह ट्रैक्टर ने रोहतास निवासी एक सहायक शिक्षक को रौंद दिया जिससे उनकी मौके पर ही मौत हो गई। घटना के बाद चालक ट्रैक्टर छोड़ फरार हो गया। सूचना मिलते ही हसन बाजार ओपी इंचार्ज शिवेंद्र कुमार घटनास्थल पर पहुंचे और मौके से ट्रैक्टर को जप्त कर लिया है। इसके बाद शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम सदर अस्पताल में करवाया।
मृतक रोहतास जिला के सूर्यपुरा थाना क्षेत्र के चौरासी मठिया गांव निवासी राधाकृष्ण गिरी के 52 वर्षीय पुत्र राम अवतार गिरी है। वह तरारी प्रखंड के रन्नी डूंमरिया गांव स्थित श्रीमती तेतरा देवी टेन प्लस टू उच्च विद्यालय में सहायक शिक्षक के पद पर पदस्थापित थे। मृतक के परिजनों ने बताया कि वे आज सुबह अपने गांव से बाइक पर द्वारा ड्यूटी करने स्कूल आ रहे थे। इसी बीच बैसाडीह-सहजैनी मार्ग पर मंगरू टोला के समीप विपरीत दिशा से आ रही ट्रैक्टर ने उन्हें रौंद दिया, जिससे उनकी मौके पर ही मौत हो गई।
दहेज लोभियों ने विवाहिता को घर से निकाला
आरा : भोजपुर जिला मुख्यालय आरा के बड़ी मठिया के पास की रहने वाली एक विवाहिता को दहेज में दस लाख रुपया के लिए मारपीट कर ससुराल से भगा दिये जाने का मामला सामने आया है। इसे लेकर समीक्षा कुमारी ने पति, सास, ससुर और देवर की खिलाफ थाने में प्राथमिकी दर्ज करायी गयी है। विवाहिता के पति आशीष कुमार बैंक कर्मी बताये जा रहे हैं। पुलिस मामले की छानबीन कर रही है|
प्राथमिकी के अनुसार मझौंवा निवासी समीक्षा कुमारी की शादी 24 फरवरी 2019 को बड़ी मठिया के पास रहने वाले आशीष कुमार के साथ हुई थी। शादी के बाद तीन दिनों तक सब ठीक रहा। उसके बाद दहेज काफी कम मिलने की बात कह समीक्षा से दहेज में दस लाख रुपये की मांग की जाने लगी। इसे लेकर उसे प्रताड़ित भी किया जाने लगा।
कहा गया कि ससुराल में रहना है तो दस लाख ला कर दो| फिर दस दिन बाद मायके पहुंचा दिया गया। तब किसी तरह एक लाख रुपये का इंतजाम कर ससुराल वालों को दिया गया। उसके बाद ससुराल वाले उसे विदा करा ले गये। लेकिन कुछ दिन के बाद फिर दस लाख की मांग शुरू कर दी गयी। इस दौरान मारपीट भी की जानी लगी। उसका हाथ भी जला दिया गया। बाद में सारे गहने छीनकर मायके पहुंचा दिया गया।
कोरोना से ठीक हुए मरीजों की माला पहना एवं उपहार देकर विदाई
आरा : आरा सदर अस्पताल के ओपीडी भवन स्थित डेडीकेटेड कोविड हेल्थ सेंटर, आरा में भर्ती एक महिला सहित 3 मरीज कोरोना से जंग जीत विजेता बने। उन्हें अस्पताल से डिस्चार्ज किया गया। सदर अस्पताल के प्रभारी अधीक्षक डॉ. प्रवीण कुमार सिन्हा तीनों मरीजों को माला पहनाकर व उपहार देकर विदाई दी।
डॉ प्रवीण कुमार सिन्हा ने बताया कि सभी मरीज कोरोना संक्रमित थे एवं स्वस्थ होकर सदर अस्पताल से वापस जा रहे हैं। सभी को सुझाव एवं सावधानी बताते हुए तथा कम से कम 10 से 14 दिनों तक होम आइसोलेशन में रहने के निर्देश के साथ डिस्चार्ज किया गया। अगर कोई लक्षण नहीं आते हैं, और यदि उन्हें हल्के लक्षण भी विद्यमान रहते है, तो 28 दिनों तक होने आइसोलेशन में रहने एवं डॉक्टरों द्वारा दी गई दवाइयों को समय लेते रहने के सलाह दी गयी|
डाक्टर सिन्हा ने बताया कि तीनो बिल्कुल सही व स्वस्थ्य थे। छुट्टी के उपरांत उन्हें घर पर रहकर होम आइसोलेशन के सभी आवश्यक पहलूओं का पालन करने का आदेश दिया गया है। उनसे कहा गया है कि वे घर पर अलग अलग कमरे में रहे, अपना कोई भी सामान घर वालों से साझा नहीं करना, न तो अपने बिछावन पर अन्य किसी को बैठाना, न ही दूसरों के बिछावन का इस्तेमाल करना, हमेशा मास्क लगा कर रहना, अन्य लोगों से दो गज की दूरी कायम रखना, 10-14 दिनों का आइसोलेशन बरकरार रखना।
इस बीच कोई तकलीफ़ होने पर डॉक्टर से फोन पर संपर्क कर समुचित सलाह प्राप्त करना। विशेष आवश्यकता पड़ने पर अस्पताल में संपर्क करना। 14 दिनों के बाद सामान्य जीवन यापन करना, इन 14 दिनों में चर्बीदार आहार जैसे पुरी, पुवा, बचका आदि एवं मांसाहारी भोजन जैसे-अण्डा, मीट-मुर्गा आदि का सेवन नहीं करना। साथ ही साथ इस अवधि में धुम्रपान, शराब के सेवन से बचना है|
डर, चिंता व घबराहट से कमजोर होती है रोग प्रतिरोधक क्षमता
आरा : रोग से इंसान की सुरक्षा शरीर की प्रतिरोधक क्षमता करती है। शरीर खुद विभिन्न रोगों के जीवाणुओं से लड़ता है और शरीर को विभिन्न रोगों से बचाता है| प्रतिरोधक क्षमता में कमी के कारण व्यक्ति कई प्रकार की बीमारियों का शिकार हो जाता है| इसलिए हर व्यक्ति को अपनी रोग-प्रतिरोधक क्षमता को बनाए रखना होता है ताकि किसी भी बीमारी की चपेट में आने के बाद उसे अनावश्यक परेशानियों का सामना नहीं करना पड़े।
वैश्विक कोरोना महामारी के इस दौर में शारीरिक प्रतिरोधक क्षमता मजबूत रखने एवं बढ़ाने के लिए पौष्टिक आहार जरूरी है। रोग-प्रतिरोधक क्षमता मजबूत रहने से लोग शारीरिक एवं मानसिक रूप से भी मजबूत रहते हैं और संक्रामक बीमारियों से दूर रहते हैं। ऐसे में जरूरी है कि कोरोना संक्रमण के लक्षण दिखने पर लोग संयम और धैर्य से काम लें।
जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ. संजय कुमार सिन्हा ने बताया विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भी माना है कि घर पर रहकर ही 80 प्रतिशत से ज्यादा कोरोना के मरीज ठीक हो रहे हैं। इसलिए घबराएं नहीं और अपनी सोच सकारात्मक रखें। सकारात्मक सोच रखना इसलिए जरूरी है, क्योंकि डर, चिंता और घबराहट की वजह से ही ऑक्सीजन के स्तर के साथ साथ शरीर की रोग-प्रतिरोधक क्षमता में गिरावट होती है।
जिसकी वजह से यह बीमारी जानलेवा हो सकती है। उन्होंने बताया नकारात्मक बातों से मन विचलित होने लगता है। इसलिए इससे और इस स्वभाव के लोगों से दूर रहें। इसलिए जरूरी है कि संक्रमित मरीज चिकित्सकों की बताई गई दवाइयां नियमित रूप से लें, श्वसन संबंधी व्यायाम करे, भाप लें, गर्म पानी पीएं, पौष्टिक खाना खाएं, शरीर का तापमान और ऑक्सीजन लेवल जाँचते रहें। इससे जल्द स्वस्थ हो जाएंगे।
डॉ. सिन्हा ने बताया जो लोग इलाज के दौरान सकारात्मक हैं, वह बाकी लोगों की अपेक्षा जल्द स्वस्थ हो रहे हैं। इसलिए मजबूत रोग-प्रतिरोधक क्षमता के लिए सकारात्मक होना जरूरी है। साथ ही, विटामिन, कैल्शसयम और आयरनयुक्त आहार का सेवन जरूरी है। उन्होंने बताया लोगों को अधिक देर तक भूखा न रहते हुए समय पर खाना खाना चाहिए और खाना खाने के करीब 30 मिनट बाद भरपूर मात्रा में पानी पीना चाहिए।
इससे हमारी रोग-प्रतिरोधक क्षमता मजबूत होती है। समय पर भोजन-नाश्ता करने से शरीर की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है। नींद पूरी लेना, शारीरिक रूप से सक्रिय रहना, तनाव से दूर रहना, नियमित रूप से 10 से 20 मिनट ध्यान करने, धूप में बैठकर विटामिन-डी लेने से इम्युन सिस्टम को मजबूती मिलती है। गुनगुना पानी पीना, नमक मिलाकर सुबह-शाम गरारा करना भी सुरक्षात्मक है। इन मानकों का भी पालन करना चाहिए :हमेशा शारीरिक-दूरी का पालन करें, आवश्यकतानुसार बार-बार साबुन या अल्कोहल युक्त पदार्थों से हाथ धोएं, भीड़-भाड़ वाले जगहों से परहेज करें, मास्क और सैनिटाइजर का नियमित रूप से उपयोग करें।
राजीव एन० अग्रवाल की रिपोर्ट