व्यवहार न्यायालय 01 मई तक के लिए पूरी तरह से लॉक डाउन, आदेश जारी

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नवादा : व्यवहार न्यायालय को अगामी 1 मई तक के लिए बंद कर दिया गया है। प्रभारी जिला एवं सत्र न्यायाधीश के द्वारा इससे संबंधित आदेश जारी कर दिया गया है। निर्गत आदेश में कोरोना संक्रमित लोगों की बढ़ती संख्या को वजह बताया गया है। आदेश में कहा गया है कि कोरोना चेन को तोड़ने के उद्देश्य से पटना उच्च न्यायालय से निर्देश प्राप्त कर अदालत को 23 अप्रैल से 01 मई तक के लिए बंद किया जाता है।

आदेश में सभी न्यायिक पदाधिकारियों व कर्मियों को अपने-अपने आवास पर रहने तथा इस अवधि में अपना मोबाइल फोन को चालू रखने का निर्देश दिया गया है। गिरफ्तार कैदियों को जेल भेजने के अलावा अन्य कार्य के लिए अदालत परिसर में प्रवेश को पूरी तरह से बंद कर दिया गया है।

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बता दें जिला व सत्र न्यायाधीश के बाद अन्य कर्मियों के संक्रमित होने के कारण अदालती काम-काज प्रभावित हुआ है। जेल मेंं बंद कैदियों के परिजन जमानत की सुनवाई के लिए अपने अधिवक्ता पर दवाब बना रहे हैं, लेकिन जमानत आवेदन पर सुनवाई को ले अनिश्चितता बरकरार है। वैसे अवकाश पर जाने के पूर्व जिला जज ने वर्चुअल सुनवाई का आदेश जारी किया था। लेकिन वर्चुअल काम-काज किस प्रकार संचालित होगा इससे संबंधित कोई स्पष्ट आदेश जारी नहीं किया गया था।

07 अप्रैल की संध्या जिला एवं सत्र न्यायाधीश राजेश नारायण सेवक पांडेय कोरोना संक्रमित हो गए थे। इसके बाद वे आइसोलेट हो गए थे। इधर, कोरोना का रफ्तार घटने की बजाय बढ़ता गया। धीरे-धीरे अदालत में कर्मियों के संक्रमित होने में इजाफा होता रहा। परिणाम हुआ कि काेरोना का चेन तोड़ने की खातिर अब अदालत काे बंद कर दिया गया।

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