22 अप्रैल : मधुबनी की मुख्य खबरें

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पीड़ित जनता की सेवा करो, लोकतंत्र व न्याय के लिए जन आंदोलन को शक्तिशाली करो :- भाकपा(माले)

मधुबनी : भाकपा(माले) के 52वां स्थापना दिवस पर मालेनगर अबस्थित भाकपा-माले के जिला कार्यालय में बिशंम्भर कामत की अध्यक्षता में संकल्प सभा का आयोजन किया गया। इस अवसर पर तमाम शहीदों व गुजर चूके साथियों और नेताओं को दो मीनट खड़ा होकर सम्मान भरी श्रद्धांजलि अर्पित किया गया। साथ ही पिड़ित जनता की सेवा करने और लोकतंत्र व न्याय के लिए जन आंदोलन को शक्तिशाली बनाने का संकल्प लिया गया। गांव-गांव में सक्षम व सक्रिय पार्टी शाखाओं का गठन, पुनर्गठन करने का आवाह्नन किया गया, साथ ही मालेनगर के मुख्य द्वार पर पार्टी का झंडोत्तोलन भी किया गया।

पार्टी के मधुबनी जिला सचिव ध्रुब नारायण कर्ण ने झंडोत्तोलन किया साथ ही संकल्प सभा को संबोधित करते हुए कहा कि इस अवसर पर हम अपने तमाम सदस्यों एवं शुभचिंतकों का तथा फासीवादी मोदी सरकार के खिलाफ अपने लोकतांत्रिक व संबैधानिक अधिकारों के लिए कठीन लड़ाई लड़ रही जनता को गर्मजोशी भरा क्रांतिकारी अभिनंदन करते हैं।

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उक्त कार्यक्रम में भाकपा-माले जिला कमिटी सदस्य प्रेम कुमार झा, अनिल कुमार सिंह, बिशंम्भर कामत, बेचन राम, दानी लाल यादव, शांति सहनी, योगेन्द्र यादव, प्रमोद कामत,शंभू साह, राम बाबू साह, हरी कामत, सुकदेव कामत, गूड्डू मंडल, सोनी देवी, कैलाश चौपाल सहित दर्जनों माले कार्यकर्ताओं ने भाग लिया।

खिरहर डबल मर्डर केस में पुलिस को मिली सफलता, गिरफ्तार हुए दोनों आरोपी

मधुबनी : जिले के हरलाखी प्रखंड के खिरहर थाना क्षेत्र के खिरहर में धरोहर नाथ महादेव मंदिर में में हुई एक साथ दो संतो की हत्या के मामले में एक नामजद अभियुक्त को गिरफ्तार कर लिया गया है।

मिली जानकारी के अनुसार बताते चलें कि बासोपट्टी थाना प्रभारी इंदल यादव के नेतृत्व में आरोपी की गिरफ्तारी की गई है। गिरफ्तार किए गए आरोपी की पहचान खिरहर थाना क्षेत्र के खिरहर गांव निवासी दीपक चौधरी के रूप में किया गया है। मिली जानकारी के अनुसार एसपी द्वारा गठित बेनीपट्टी सर्किल पुलिस निरीक्षक राजेश कुमार के नेतृत्व में छापेमारी किया गया, उसी दौरान हत्यारा दीपक चौधरी को गिरफ्तार कर लिया गया है।

आग लगने से घर पूरी तरह जल कर राख दो मवेशी बुरी तरह से झुलसी, एक की हुई मौत

मधुबनी : जिले के बिस्फी प्रखंड क्षेत्र के सिंघिया पूर्वी पंचायत के ससरमा गांव के वार्ड संख्या दस में एक किसान के आवसीय के घर में आग लगने से लाखों की क्षती हो गया। हवा की तेज रफ्तार कुछ मिनटों में ही घर को धू-धू कर जल के खाख कर दिया। सिंघिया पूरी पंचायत के ससरमा गांव के वार्ड संख्या दस के निवासी महेंद्र यादव के घर में आग लग गई, जिस घर में बंधे दो मवेशी आग से झुलस गई, जिसमें एक मवेशी भैंस की मौत हो गई एवं घर में रखे आनाज, मवेशी की चारा सहित जल कर राख हो गया।

ग्राम पंचायत राज सिंधिया पूर्वी के मुखिया दिलीप साफी ने बताया कि आग की तेज रफ्तार इतनी थी, की ग्रामीणों की सहयोग एवं तत्परता से आग को बुझाने में काबू नहीं आती तो कई घर लपेटे में आ जा सकती थीं। वही पंचायत के मुखिया द्वारा सीओ प्रभात कुमार एवं मवेशी अस्पताल के प्रभारी को सुचना दिया गया, जहाँ सीओ के आदेश पर राजस्व कर्मचारी रमन कुमार ने घटना स्थल पर पहुंच जायजा लिया।

इस बाबत राजस्व कर्मचारी रमन कुमार ने बताया कि घटना की जाँच कर ली गई हैं, सरकार से मिलने वाली उचित मुआवजा हेतु वरीय पदाधिकारी को रिपोर्ट सौंपी जाएगी। इस मौके पर पूर्व मुखिया सामाजिक कार्यकर्ता टेक नाथ यादव, सुनील यादव सहित लोग मौजूद थे।

कोरोना के मरीजों को नहीं लिखी जाएगी रेमडेसिविर इंजेक्शन

मधुबनी : बिहार में कोरोना से जारी मौत के बीच पिछले कई दिनों से रेमडेसिविर इंजेक्शन को लेकर मारामारी चल रही है। कोरोना मरीजों को देने के लिए यह इंजेक्शन नहीं मिल रहा है और परिजन इंजेक्शन के लिए अस्पताल से लेकर दवा दुकानों तक खाक छानते फिर रहे हैं। अब पटना के एनएमसीएच अस्पताल ने इसको लेकर बड़ा फैसला किया है।

वहीं इंडियन मेडिकल काउंसिल ने भी प्रेस रिलीज जारी कर रेमडेसीविर के इस्तेमाल को लेकर आवश्यक जानकारी दी है.
एनएमसीएच के अधीक्षक डॉ. विनोद सिंह ने आदेश जारी कर दिया है कि कोविड मरीजों के लिए रेमडेसिविर इंजेक्शन की उपयोगिता नहीं है। अधीक्षक डॉ. सिंह ने डब्ल्यूएचओ का हवाला देते हुए सभी चिकित्सकों को आदेश दिया है कि अभी से कोई डॉक्टर कोविड मरीजों के लिए रेमडेसिविर इंजेक्शन नहीं लिखेंगे , क्योंकि डब्लूएचओ ने इसकी उपयोगिता को नकार दिया है। इस बात की पुष्टि रिसर्च में भी हो चुकी है कि यह इंजेक्शन कोविड की रोकथाम के लिए कारगर नहीं है।

इसके बावजूद इसे लेकर पैनिक क्रिएट हो रहा है और परिजन परेशान हो रहे हैं। दरअसल इस इंजेक्शन को लेकर लगातार बिहार में भी हाय तौबा मची हुई है और एक एक मरीज के लिए डॉक्टर 07 से 08 इंजेक्शन देने का पर्चा लिख रहे हैं। दूसरी तरफ इंजेक्शन का मिलना मुश्किल है। इंजेक्शन की जमकर कालाबाजारी भी हो रही है। पीड़ित लोग 15 से 25 हजार में एक फाइल खरीद रहे हैं।

इससे पहले शोध में यह भी साबित हो चुका है कि इस इंजेक्शन की एआरडीएस रोकने में कोई भूमिका नहीं है। डॉक्टरों की माने तो यह इंजेक्शन ऑक्सिजन लेवल घटने अर्थात 90 से नीचे आने पर ही दी जाती है ताकि मरीज की जान बचाई जा सके। अब एनएमसीएच के अधीक्षक डॉ. सिंह के पत्र के बाद चर्चा है कि स्वास्थ्य विभाग भी इससे सम्बंधित शीघ्र आदेश जारी करेगा और चिकित्सकों को इसे लिखने की सलाह न देने की अपील करेगा।

इंडियन मेडिकल काउंसिल ने भी दी है जरूरी सलाह :

वहीं इंडियन मेडिकल काउंसिल ने भी कहा है कि रेमेडीसिविर नाम की दवा का कोविड 19 रोगियों की मृत्यु को कम करने का कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है. इसका केवल कुछ रोगियों में बीमारी की गंभीरता को कम करने के लिए चिकित्सक की निगरानी में उपयोग होता है. आइएमए ने कहा है कोविड लक्षणों वाले रोगियों को इम्यूनिटी बढ़ाने वाले पौष्टिक भोजन, भाप और श्वसन संबंधी व्यायाम इस बीमारी के तकलीफ को कम करने में मदद करते हैं.

बताया गया है कि ज्यादातर कोविड संक्रमित लोग बिना लक्षण के अथवा साधारण लक्षण युक्त होते हैं जिनका इलाज डॉक्टरों द्वारा बताये गये कुछ दवाओं से होम आइसोलेशन में हो सकता है. जबतक कोई डॉक्टर सलाह नहीं दें तब तक अस्पताल में भरती होने की जरूरत नहीं है. साथ ही कहा गया है कि सही मास्क का प्रयोग, हाथ को बार बार धोना, दो गज की दूरी एवं टीकाकरण के द्वारा ही इस बीमारी पर काबू पाया जा सकता है.

कोविड ईलाज को लेकर सिविल सर्जन सहित पांच चिकित्सकों को दिया गया प्रशिक्षण :

वहीं गुरुवार को राज्य स्वास्थ्य समिति द्वारा जिले के सिविल सर्जन डॉ सुनील कुमार झा सहित पांच चिकित्सकों झंझारपुर के प्रसन्न कुमार मिश्रा, कोविड केयर सेंटर से डॉ. पंकज कुमार, बेनीपट्टी से डॉ. एसएन झा, जयनगर से डॉ रवि शंकर प्रसाद, डॉ सुनील कुमार झा इन सभी को जूम एप के माध्यम से राज्य समिति द्वारा प्रशिक्षण दिया गया। प्रशिक्षण के उपरांत उपरोक्त डॉक्टर जिले के अन्य डॉक्टरों तथा पैरामेडिकल स्टाफ को प्रशिक्षित करेंगे।

जिले में 2.35 लाख लोगों का हुआ वैक्सिनेशन :

जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ एसके विश्वकर्मा ने बताया बुधवार को जिले में 41 सत्र स्थलों पर टीकाकरण किया गया. वहीं जिले में अब तक 2 लाख 35 हजार 908 लोगों का वैक्सीनेशन किया जा चुका है जिसमें 16,054 हेल्थ केयर वर्कर को प्रथम डोज,11,980 हेल्थ केयर वर्कर को सेकंड डोज, 9,111 फ्रंटलाइन वर्कर को प्रथम डोज, 4,279 फ्रंटलाइन वर्कर को सेकंड डोज, 1,23,742 लोग जो 60 वर्ष से ऊपर के हैं को प्रथम डोज, 15,300 को सेकंड डोज तथा 45 से 59 वर्ष के 50,792 लोगों को प्रथम डोज,4,650 लोगों को सेकंड डोज दिया जा चुका है।

सुमित कुमार की रिपोर्ट

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