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16 मार्च : सारण की मुख्य खबरें

कुलपति ने किया साइंस ब्लॉक अवस्थित मनोविज्ञान विभाग का निरीक्षण

छपरा : जयप्रकाश विश्वविद्यालय के कुलपति महोदय ने साइंस ब्लॉक अवस्थित मनोविज्ञान विभाग का निरीक्षण सर्वप्रथम किया। निर्देश-असाइनमेंट के विद्यार्थियों की उपस्थिति को परीक्षा के दिन भी उपस्थिति पंजी में भी उपस्थिति बनाना है। अध्यक्ष उस समय विभाग में नहीं थे, थोड़ी देर बाद आये। बनस्पति विज्ञान विभाग में क्लास चल रहा था।डाक्टर सुनीता कुमारी सिंह के वर्ग में कुलपति ने Auto Troph aur Hetero Troph के विषय में छात्रों से पूंछा तो कोई छात्र नहीं बता पाया। Lichen aur Fungi के बारे में डाक्टर सुनीता बता रही थीं।अभिषेक सिंह 50 किलोमीटर दूर चैनवा से आते हैं,वर्ग के लिए।

कुलपति ने कहा कि छात्र पढ़ने मे में बहुत ही कमजोर हैं,छात्रों को अलग से भी पढ़ाने की आवश्यकता है। जन्तु विज्ञान विभाग में कुल 54 छात्रों में10 ही वर्ग में उपस्थित थे।साथ में सीसीडीसी प्रोफेसर हरिश्चन्द भी थे। जन्तु विज्ञान विभाग के अध्यक्ष तथा वनस्पति विज्ञान विभाग के अध्यक्षडाक्टर सर्फराज अहमद,जन्तु विज्ञान विभाग के अध्यक्ष डॉक्टर रवीन्द्र कुमार सिंह,प्रोफेसर आर डी राय,डाक्टर ए के झा जी भी साथ में थे।

जन्तु विज्ञान विभाग के वर्ग में माननीय कुलपति महोदय ने HIV और AIDS पर भी प्रश्न किया। डाक्टर प्रशांत कुमार के वर्ग में छात्रों से ये प्रश्न कुलपति महोदय ने पूंछा। कुलपति महोदय ने सबको Human Biology नामक पुस्तक खरीद कर पढ़ने के लिए कहा।

मार्च महीने से पोषण ट्रैकर एप के उपयोग का लिया गया निर्णय

छपराः आईसीडीएस से संबंधित सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार व आंगनबाड़ी केंद्रों के अनुश्रवण की प्रक्रिया को आसान बनाने के विभागीय तौर पर सतत प्रयास किये जा रहे हैं। इसी क्रम में आंगनबाड़ी केंद्रों की सतत निगरानी व इसके अनुश्रवण के लिये मार्च महीने से पोषण ट्रैकर एप के उपयोग का निर्णय लिया गया है। आंगनबाड़ी केंद्रों की निगरानी व अनुश्रवण के लिये इससे पहले आईसीडीएस केस नामक एप्लीकेशन का उपयोग किया जाता था।

भारत सरकार से प्राप्त दिशा निर्देश के आलोक में आईसीडीएस केस एप्लीकेशन के प्रयोग व इसे लेकर आंगनबाड़ी सेविकाओं को दिये जा रहे प्रशिक्षण पर पूरी रोक लगा दी गयी है। अब इसके जगह पर पोषण ट्रैकर एप का उपयोग किया जाना है। आईसीडीएस के जिला कार्यक्रम पदाधिकारी वंदना पांडेय ने बताया कि राष्ट्रीय पोषण अभियान के तहत जिले की सभी आंगनबाड़ी सेविकाओं को स्मार्ट फोन पूर्व में ही उपलब्ध कराया गया है।

इसके माध्यम से आईसीडीएस सेवाओं की गुणवत्ता व सुगम अनुश्रवण प्रक्रिया का संचालन सभी सेविकाओं के द्वारा किया जा रहा था। अब आईसीडीएस केस एप्लीकेशन के उपयोग पर सरकार ने प्रभावी रोक का आदेश जारी किया है। साथ ही इसके स्थान पर पोषण ट्रैकर एप के प्रयोग सुनिश्चित कराने को कहा गया है।

पोषण ट्रैकर एप डाउनलोड करने का निर्देश :

आईसीडीएस निदेशालय बिहार सरकार द्वारा इसको लेकर जारी आदेश में सभी नव चयनित आंगनबाड़ी सेविकाओं को मोबाइल उपलब्ध कराते हुए इसमें पोषण ट्रैकर एप डाउनलोड किया जाना सुनिश्चित कराने को कहा गया है। सेविकाओं के मोबाइल में पोषण ट्रैकर एप डाउनलोड करने की जिम्मेदारी पोषण अभियान के अंतर्गत कार्यरत जिला समन्वयक, जिला परियोजना सहायक, ब्लॉक समन्वयक, व ब्लॉक परियोजना सहायकों को सौंपी गयी है।

वैसे जिले जहां परियोजना के तहत अब तक पर्याप्त संख्या में कर्मियों के नियोजन की प्रक्रिया पूरी नहीं हो पायी है। वैसे जगहों पर ये जिम्मेदारी संबंधित सीडीपीओ व महिला पर्यवेक्षिका को सौंपी गयी है। खास बात ये कि मार्च महीने में सेविकाओं के मानदेय का भुगतान पोषण ट्रैकर एप्लीकेशन की डाउनलोडिंग व एप्लीकेशन पर किये गये कार्य के मुताबिक ही किया जाना है।

मोबाइल एप में अपलोड होगी सेवाएं :

राष्ट्रीय पोषण मिशन के जिला समन्वयक सिद्धार्थ सिंह ने बताया कि इससे रियल टाइम मॉनिटरिंग की प्रक्रिया को मजबूती मिलेगी। इसमें केंद्र खुलने के समय से लेकर केंद्र पर नामांकित बच्चे, उपस्थिति पंजी, टीएचआर का वितरण, बच्चों के ग्रोथ मॉनिटरिंग की प्रकिया बेहद आसान होगी। केंद्र के संबंध में तमाम जानकारी एप पर दर्ज होगी। एप के माध्यम से कुपोषण से संबंधित मामलों को सूचीबद्ध करना आसान होगा।

इतना ही नहीं एप पर किये गये कार्य के मुताबिक ही सेविकाओं को उनके मानदेय का भुगतान किया जाना है। एप्लीकेशन के माध्यम से आंगनबाड़ी केंद्रों के माध्यम से गर्भवती व धात्री महिलाओं के साथ-साथ छह साल तक के बच्चों को उपलब्ध करायी जाने वाली सुविधाओं की सतत निगरानी आसान होगी।

स्वास्थ्य विभाग अलर्ट मोड में, संक्रमण बढ़ने की संभावना को लेकर गाइडलाइन जारी

छपराः वैश्विक महामारी कोरोना संक्रमण को लेकर स्वास्थ्य विभाग अलर्ट मोड में है। होली के मद्देनजर संक्रमण बढ़ने की संभावना को देखते हुए विभाग के द्वारा गाइडलाइन जारी किया गया है। महाराष्ट्र, केरल एवं पंजाब समेत अन्य राज्यों में कोरोना के बढ़ते मामले को देखते हुए विशेष सावधानी बरतने का निर्देश जारी किया गया है। इस संबंध में स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव प्रत्यय अमृत ने प्रमंडलीय आयुक्त, जिला पदाधिकारी एवं सिविल सर्जन को पत्र जारी कर आवश्यक दिशा-निर्देश दिया है|

जारी पत्र के माध्यम से कहा गया है कि सभी एयरपोर्ट पर महाराष्ट्र, केरल एवं पंजाब से आने वाले यात्रियों को अनिवार्य रूप से से कोविड-19 के निगेटिव प्रमाण पत्र प्राप्त करने के साथ बाहर आने की अनुमति दी जाये। यदि कोई यात्री कोविड-19 प्रमाण पत्र के साथ नहीं है तो उनकी जांच रैपिड एंटिजन के माध्यम से तुरंत किया जाये और कोविड-19 जांच रिजल्ट के आधार पर आईसोलेशन के सबंध में निर्णय लिया जाये। यह व्यवस्था 17 मार्च से लागू होगी।

ट्रेन से आने वाले यात्रियों की रैंडमली जांच :

होली के मद्देनजर काफी संख्या में मजदूर व अन्य व्यक्ति अपने-अपने घर को लौट रहे हैं। ऐसे में महाराष्ट्र, केरल एवं पंजाब से आने वाली ट्रेनों के यात्रियों का रैंडम बेस में कोविड-19 जांच करने का निर्देश दिया गया है। इन राज्यों से आने वाले ट्रेनों के सबंध में भी दैनिक रूप से सूचना प्राप्त कर यात्रियों की रैपिड एंटीजन किट के माध्यम से रैंडमली जांच कराने एवं परिणाम के आधार उचित निर्णय लेने का निर्देश दिया गया है।

माइकिंग के माध्यम से प्रचार-प्रसार :

सिविल सर्जन डॉ. जेपी सुकुमार ने बताया कि प्रधान सचिव के निर्देशानुसार जिन पंचायतों में भारी संख्या में अन्य राज्यों से यात्री आये हैं उन पंचायतों में माइकिंग के माध्यम से कोविड-19 की जांच अपील की जायेगी तथा आरटीपीसीआर जांच के लिए सैंपल लेने के लिए व्यवस्था की जा रही है। इस कार्य में स्वास्थ्य विभाग के कर्मियों के साथ पंचायत प्रतिनिधियों की मदद ली जायेगी।

होली मिलन मनाने पर लगी रोक :

गाइडलाइन के अनुसार किसी भी सार्वजनिक स्थान पर होली मिलन समारोह का आयोजन नहीं किया जायेगा। इसे सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया है। वहीं सार्वजनिक स्थानों एवं यातायात संसाधनों में शारीरिक दूरी तथा मास्क् के प्रयोग के लिए जारी आदेशों का कड़ाई से पालन कराने का निर्देश दिया गया है।

कोविड केयर सेंटर को तैयार रखने का निर्देश :

प्रधान सचिव ने निर्देश दिया है कि जिले में स्थापित किये गये कोविड केयर सेंटर एंव डेडिकेटेड कोविड हेल्थ सेंटर की उपलब्ध सुविधाओं का सत्यापन करा लिया जाये तथा इसे रेडी मोड में रखा जाये। कोविड पॉजिटिव केस पाये जाने पर माइक्रो कंटेन्मेंट जोन गठित किया जाये एवं इस संबंध में पूर्व में निर्गत निर्देशों का पालन सुनिश्चित किया जाये।

जन्नत पैलेस में वैश्य समाज की बैठक

छपरा : वैश्य समाज की एक बैठक जन्नत पैलेस में आयोजित की गयी। जिसमें आगामी 21 मार्च को संध्या सत्र में होली मिलन का आयोजन करने का निर्णय लिया गया। बैठक की अध्यक्षता कर रहे शत्रुध्न गुप्ता उर्फ चतुरी जी ने बताया कि होली मिलन के कार्यक्रम के साथ साथ सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित किये जायेंगे।

कार्यक्रम में स्थानीय विधायक डॉ सी. एन. गुप्ता सहित वैश्य समाज के सभी उपघटक के प्रतिनिधि व वरिष्ठ जनों का स्वागत एवं अभिनंदन किया जायेगा। उक्त अवसर पर सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित किये जायेंगे। बैठक में मुख्य रूप से लक्ष्मी नारायण प्रसाद, राजेश फैशन, आदित्य अग्रवाल, डॉ राजेश डाबर, अधिवक्ता प्रदीप गुप्ता, मनोज कुमार गुप्ता, ब्रजेश गुप्ता, मनोज गुप्ता, उमेश प्रसाद सहित वैश्य समाज के अन्य लोग उपस्थित थे।

महर्षी दधिचि आश्रम उमानाथ मंदिर दहियावां में चौथारी व विशाल भंडारा

छपरा : महर्षी दधिचि आश्रम उमानाथ मंदिर दहियावां महाशिवरात्रि के बाद भगवान का चौथारी एवं विशाल भंडारा का आयोजन मंदिर परिसर में किया गया। शहर के विभिन्न संगठनों के लोगों ने प्रसाद ग्रहण किया।

युवा ब्राह्मण चेतना मंच के जिला अध्यक्ष विमलेश तिवारी, आचार्य रंगनाथ शांडिल्य, संजय पाठक, अंजनी कुमार मिश्र, आयुष मिश्रा,विश्व हिंदू परिषद गंगोत्री प्रसाद, युवा कांति रोटी बैंक सुधाकर प्रसाद विक्की, लायंस क्लब के आदित्य अग्रवाल, ब्राह्मण महासभा के प्रांतीय उपाध्यक्ष विजय मिश्रा, तपोवन हनुमान मंदिर के बलराम सिंह, रामजन्म शोभायात्रा समिति के सदस्य लक्ष्मी नारायण गुप्ता, रामकृष्ण आश्रम से प्रो अमरनाथ प्रसाद, प्रोफ़ेसर बाल्मीकि, मनोकामना नाथ शिव विवाह शोभायात्रा समिति के सदस्यगण, सहित बड़ी संख्या में शहर के धार्मिक सामाजिक लोगों की उपस्थिति रही। सभी ने एक स्वर में प्रशासन से महर्षि दधीचि आश्रम को पर्यटक स्थल घोषित करने का संकल्प लिया।