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13 अप्रैल : मधुबनी की मुख्य खबरें

चैती नवरात्र को लेकर निकाली गई कलश शोभायात्रा, हजारों श्रद्धालुओं की लगी भीड़

मधुबनी : चैती नवरात्र को लेकर मधुबनी जिले के जयनगर प्रखंड में शक्तिरुपा मां दुर्गा की पूजा-अर्चना में लोग लीन हो गए हैं। इसको लेकर मंगलवार को जयनगर प्रखंड के धौलीटोल कमलाबाड़ी से भव्य कलश शोभायात्रा भी निकाली गई। शोभायात्रा में काफी संख्या में लोग शामिल हुए। चैत मास में होने वाली दुर्गा पूजा को लेकर भव्य कलश शोभा यात्रा निकाली गयी।

इस चेती दुर्गा पूजा को लेकर पहले दिन मंदिर परिसर से 101 कन्याओं के साथ गाजे बाजे के साथ निकली। यह कलश शोभा यात्रा धौलीटोल कमलाबाड़ी से निकलकर कमलानदी घाट में जलभर कर पूरे गांव का भ्रमण कर मंदिर पहुंची। जहां उस जल से मंदिर के शुद्धि करण करने के बाद पूजा शुरु हुई। साथ ही मंदिर मे पूजा संक्रीतन भी प्रारंभ हुआ।

इस अवसर मन्दिर के पूजा कमिटी के सदस्य सह पूर्व प्रमुख जयनगर के सूर्यनाथ यादव ने कहा विगत कई वर्षों से यहाँ चेती दुर्गा पूजा को लेकर पूजा-पाठ का भी आयोजन किया जाता है।इस वर्ष भी बड़ी ही धूमधाम से मनाया जा रहा हैं, साथ ही कोविद को देखते हुए सोशल डिस्टन्सेस का पालन करके और सरकार के गाइडलाइन को ध्यान में रखकर पालन किया जा रहा है। इस मौके पर समाजसेवी पाण्डव यादव, विनोद यादव सहित अन्य सैकड़ों लोग मौजूद थे।

बीड़ी मजदूर यूनियन का हुआ सम्मेलन आयोजित, मो० रशीद बनें अनुमंडल सचिव

मधुबनी : बीड़ी मजदूर यूनियन की बैठक मधुबनी जिले के जयनगर प्रखंड के देवधा के गोबरही टोला में संम्पन्न हुआ। सभा स्थल पर मोहम्मद रशीद की अध्यक्षता में सभा आयोजित की गई, जिसमें 18 सदस्यीय कमेटी की गठन की गई और सर्वसम्मति से मोहम्मद रशीद को अनुमंडल सचिव पद पर चुनाव किया गया।

उक्त सभा को संबोधित करते हुए भाकपा माले के प्रखंड सचिव सह बीड़ी मजदूर यूनियन के प्रभारी भूषण सिंह ने कहा कि कठिन कठोर परिश्रमी बीड़ी मजदूर को मजदूरी में शोषण किया जा रहा है, तो दूसरी ओर सरकार के द्वारा मिलने वाला विभिन्न प्रकार के सुविधाएं से वंचित किया जा रहा है, जो मजदूर विरोधी व निंदनीय है।

हिंदी नव वर्ष के उपलक्ष्य में पर आरएसएस के कार्यकर्ताओं ने शहर में निकाली पदयात्रा

मधुबनी : हिंदू नववर्ष पर राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) की ओर से मंगलवार को पथ संचलन निकाला गया। पथ संचलन में सैकड़ों की संख्या में स्वयंसेवक शामिल हुए। स्वयंसेवक कतारबद्ध होकर शहर के तमाम इलाकों से निकले। इस दौरान स्वयंसेवकों के ऊपर कई जगह पुष्प वर्षा भी की गई। पूर्ण गणवेश में अनुशासित ढंग से चल रहे पथ संचलन को देखने के लिए शहरियों की खूब भीड़ भी जुटी।

इस पथ संचलन की शुरूआत जयनगर शहर के सरस्वती शिशु विद्यालय से हुई जो पटना गद्दी रोड-भेलवा टोल-वाटरवेज चौक जयनगर मार्ग से होता हुआ शाखा कार्यकाल में समाप्त किया गया। इस मौके पर वक्ताओं ने कहा की संघ वर्ष प्रतिपदा को अपने आरंभिक काल से ही एक उत्सव के रूप में मनाता आ रहा है। विक्रम संवत के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा गया कि भारत की समय गणना दुनिया में सबसे ज्यादा वैज्ञानिक है। संघ द्वारा समय-समय पर किए जाने वाले पथ संचलन के उद्देश्य की चर्चा करते हुए कहा कि जब हम स्वयं सेवक पंक्तिबद्ध होकर अनुशासन में सड़कों पर संचालन करते हुए निकलते हैं, तो इससे बिना कुछ बोले देश की जनता में आत्मविश्वास का संचार होता है। इस अवसर पर कमलकांत झा, अरविंद तिवारी, हरिश्चंद्र नायक, श्याम किशोर सिंह, मोहन राय, पुरुषोत्तम गुप्ता, दिनेश वर्मा सहित अन्य उपस्थित थे।

टीबी उन्मूलन कार्यक्रम के तहत नवोदय विद्यलय में लगाया गया कैप, तीन छात्रों का लिया गया स्पुटम

मधुबनी : जिले को यक्ष्मा मुक्त बनाने के लिए एनटीईपी (नेशनल ट्यूबरक्लोसिस एलिमेशन कार्यक्रम,) के तहत प्रत्येक माह के दूसरे सोमवार को टीबी जागरूकता को लेकर यक्ष्मा विभाग द्वारा निश्चय दिवस मनाया जाता है। इस अवसर पर जिले के जवाहर नवोदय विद्यालय के प्रांगण में हेल्थ कैंप का आयोजन किया गया। जिसमें विद्यालय के 67 छात्र तथा 18 शिक्षक तथा कर्मचारियों का स्क्रीनिंग किया गया। जिसमें 3 छात्र में सर्दी- खांसी के लक्षण पाए गए जिन्हें स्पुटम जांच के लिए कंटेनर दिया गया। जिनका विभाग द्वारा बलगम जांच किया जाएगा।

वर्ष 2025 तक टीबी मुक्त करने का लक्ष्य:

जिला योजना समन्वयक पंकज कुमार ने बताया भारत में टीबी को नियंत्रित करने के लिए पिछले लगभग 60 वर्षो से लगातार प्रयास किए जा रहे हैं, फिर भी यह एक गंभीर समस्या बनी हुई है। वर्ष 1962 में भारत सरकार ने राष्ट्रीय टीबी नियंत्रण कार्यक्रम की शुरुआत की थी। 30 वर्ष बाद इस कार्यक्रम की समीक्षा में यह पाया गया कि इससे अपेक्षित परिणाम नहीं मिले। अत: 1993 में पुनरीक्षित राष्ट्रीय क्षय रोग नियंत्रण कार्यक्रम (आरएनटीसीपी) प्रारंभ किया गया। 30 दिसंबर, 2019 को इस कार्यक्रम का नाम राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम कर दिया गया। इसकी भयावहता को देखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश से टीबी को 2025 तक समाप्त करने की घोषणा की है। देश की 40 प्रतिशत जनसंख्या टीबी के जीवाणुओं से प्रभावित है, लेकिन देश में टीबी रोगियों की संख्या 27 लाख ही है। क्योंकि जिनकी इम्युनिटी एवं पोषण अच्छा होता है, उनको संक्रमण के बाद भी टीबी रोग नहीं होता है। अत: पोषण और इम्युनिटी टीबी को रोकने में मददगार साबित होती हैं।

दो सप्ताह से लगातार खांसी होने पर कराएं टीबी की जांच-

जिला संचारी रोग पदाधिकारी (यक्ष्मा) टीबी डॉ. आरके सिंह ने बताया कि टीबी एक संक्रामक बीमारी है। सामूहिक भागीदारी से इसे जड़ से खत्म किया जा सकता है। यदि किसी व्यक्ति को दो सप्ताह से अधिक समय तक लगातार खांसी की शिकायत हो तो उन्हें तुरंत नजदीकी चिकित्सा केंद्र पर अपने बलगम की जांच करानी चाहिये। बलगम जांच की सुविधा जिला के सभी पीएचसी में उपलब्ध है। टीबी संक्रमण की पुष्टि होने पर पूरे कोर्स की दवा रोगी को मुफ्त उपलब्ध कराया जाता है। जांच से इलाज की पूरी प्रक्रिया बिल्कूल नि:शुल्क है। टीबी मरीजों के लिए जरूरी है कि वे खांसते समय अपने मुंह को कपड़ा व रूमाल से ढक कर रखें इससे संक्रमण के फैलने की संभावना कम होती है। टीबी के मरीजों को नियमित रूप से दवा खाने की जरूरत होती है बीच में दवा छोड़ देने से बीमारी लाइलाज होने की संभावना हो जाती है। मरीजों के लिए एचआईवी की जांच जरूरी है। एमडीआर टीबी मरीज को 9 से 11 और 18 से 21 माह नियमित रूप से दवा खाना पड़ता है। निक्षय पोषण योजना के तहत सभी टीबी मरीजों को 500 रुपये प्रतिमाह निक्षय पोषण सहायता राशि देने का भी प्रावधान है।

जनवरी से मार्च तक 1103 मरीज चिन्हित:

जिले में जनवरी 2021 से 3 अप्रैल 2021 तक 1,103 टीबी के मरीजों को चिन्हित किया गया। जिसमें 427 मरीज सरकारी संस्थान तथा 676 मरीज प्राइवेट क्लिनिक से चिन्हित किया गया। वहीं वर्ष 2020 में 1443 मरीज सरकारी संस्थान तथा 932 मरीज प्राइवेट क्लीनिक से चिन्हित किए गए। वहीं वर्ष 2019 में सरकारी संस्थानों से 2305 मरीज तथा प्राइवेट क्लीनिक से 42 मरीज चिन्हित किया गया है।सभी मरीजों को आवश्यक जांच के बाद दवा उपलब्ध कराया जा रहा है।

टीबी (क्षयरोग) के लक्षण:

• लगातार 3 हफ्तों से खांसी का आना और आगे भी जारी रहना
• खांसी के साथ खून का आना
• छाती में दर्द और सांस का फूलना
• वजन का कम होना और ज्यादा थकान महसूस होना
• शाम को बुखार का आना और ठंड लगना
• रात में पसीना आना