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13 मार्च : सारण की मुख्या खबरें

सिविल सर्जन जनार्दन प्र० सुकुमार ने सभी विभागों में घूम घूम कर जायजा लिया

छपरा : सारण के सिविल सर्जन डॉ जनार्दन प्रसाद सुकुमार ने शनिवार को सदर अस्पताल के विभिन्न विभागों का औचक निरीक्षण किया तथा कर्मियों को आवश्यक दिशा निर्देश दिया। सिविल सर्जन ने सभी विभागों में घूम घूम कर जायजा लिया तथा उपलब्ध सेवाओं के बारे में जानकारी ली। सिविल सर्जन डॉ जेपी सुकुमार ने कहा कि जिले में स्वास्थ्य सेवाओं को सुदृढ़ बनाने के लिए विभाग कृत संकल्पित है।

स्वास्थ्य सेवाओं में काफी सुधार आया है। सेवाओं में और सुधार की आवश्यकता है। जिसको लेकर कार्य किया जा रहा है। सिविल सर्जन ने इमरजेंसी वार्ड, प्रसव कक्ष, ऑपरेशन कक्ष में प्रत्येक बिंदुओं पर गहनता से निरीक्षण किया तथा सेवाओं में आवश्यक सुधार के लिए कर्मियों को निर्देशित किया। सिविल सर्जन ने कहा कि साफ सफाई का विशेष रूप से ध्यान रखें। अस्पताल में आने वाले मरीजों को किसी तरह की परेशानी ना हो इसका विशेष रूप से ख्याल रखने की आवश्यकता है।

मरीजों से लिया फीडबैक :

निरीक्षण के दौरान सिविल सर्जन डॉ जेपी सुकुमार के द्वारा अस्पताल में आए मरीजों से मिल रही स्वास्थ्य सेवाओं के बारे में फीडबैक लिया । अस्पताल में किस तरह की सुविधा मिल रही है इसके बारे में मरीजों व उनके परिजनों से पूछताछ की इस दौरान मरीजों से मिले फीडबैक के आधार पर सिविल सर्जन ने कर्मियों को आवश्यक सुधार का निर्देश दिया।

स्वस्थ संस्थानों में दवाओं की उपलब्धता की जाएगी सुनिश्चित :

सिविल सर्जन ने कहा कि स्वास्थ्य सेवा को गुणवत्तापूर्ण बनाने के लिए प्रयास किया जा रहा है। सभी स्वास्थ संस्थानों में दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित की जाएगी। ताकि मरीजों को किसी प्रकार की परेशानी ना हो। इमरजेंसी वार्ड में साफ सफाई का विशेष रूप से ख्याल रखना है। उन्होंने कहा कि सभी कर्मी अपने कर्तव्यों का ईमानदारी से पालन करें किसी प्रकार की शिकायत की कोई गुंजाइश नहीं रहे। ओपीडी में आने वाले मरीजों को सभी तरह की सुविधा उपलब्ध कराएं। किसी भी मरीज को बाहर की दवा ना लिखें। अस्पताल में उपलब्ध दवाओं को ही डॉक्टरों के द्वारा लिखे जाने का निर्देश दिया गया।

संस्थागत प्रसव के लिए आम लोगों को करें प्रेरित :

सिविल सर्जन डॉ जेपी सुकुमार ने प्रसव कक्ष में निरीक्षण के दौरान काकी संस्थागत प्रसव अति आवश्यक है। मातृ शिशु मृत्यु दर में कमी लाने के लिए संस्थागत प्रसव को ही अपनाने की आवश्यकता है। अस्पताल में आने वाले मरीजों को संस्थागत प्रसव के लिए अधिक से अधिक जागरूक करें।

एनआरसी में आने वाले बच्चों का दें समुचित उपचार :

सिविल सर्जन ने कहा कि पोषण पुनर्वास केंद्र में भर्ती कुपोषित बच्चों के उपचार में किसी प्रकार की लापरवाही नहीं करें। बच्चों को समुचित उपचार दें तथा समय पर पौष्टिक आहार दें। ताकि कुपोषित बच्चों को स्वस्थ कर भेजा जाए। अधिक से अधिक आशा और आंगनबाड़ी सेविकाओं को कुपोषित बच्चों की पहचान कर एनआरसी में भर्ती कराने का निर्देश दिया गया। इस मौके पर जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ अजय कुमार शर्मा, डीपीएम अरविंद कुमार, अस्पताल उपाधीक्षक डॉ रामइकबाल प्रसाद, स्वास्थ्य प्रबंधक राजेश्वर प्रसाद समेत अन्य पदाधिकारी मौजूद थे।

इन विभागों का किया गया निरीक्षण :

• यक्ष्मा कार्यालय •प्रतिरक्षण कार्यालय आप्रसव कक्ष
•ऑपरेशन थिएटर •इमरजेंसी वार्ड
•ओपीडी
•आईसीयू
•एनआरसी

प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों में गुणवत्ता पूर्ण स्वास्थ्य सेवायें प्रदान करने को लेकर बैठक

छपरा : राष्ट्रीय शहरी स्वास्थ्य मिशन अन्तर्गत क्षेत्रीय स्तर पर सारण एवं सिवान अंतर्गत शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर कायाकल्प एवं गुणवत्ता मानक के अनुसार स्वास्थ्य सेवायें प्रदान करने के लिए क्षेत्रीय अपर निदेशक डॉ रत्ना शरण के अध्यक्षता में बैठक का आयोजन किया गया।

कार्यशाला को संबोधित करते हुए डॉ रत्ना शरण ने कहा कि इसका मुख्य उद्देश्य सभी शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर दी जाने वाली स्वास्थ्य सुविधायें एवं अन्य गतिविधियों का संचालन तय मानक के अनुसार सुनिश्चित करना है। शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों को कायाकल्प एवं क्वालिटी मानक के लिए तैयार करना है। जिससे शहरी गरीब आबादी की स्वास्थ्य संबंधि समस्याओं को प्रभावी ढ़ंग से दूर किया जा सके।

कायाकल्प एवं गुणवत्ता मानक पर चर्चा:

कार्यशाला में जिला सारण एवं सिवान अंतर्गत सभी शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों से आये वार्ड सदस्यों, एएनएम, स्टाफ नर्सों, लैब टेक्निशीयन एवं प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी तथा जिला स्वास्थ्य समिति, सारण एवं सिवान से जिला गुणवत्ता सलाहकार, जिला सामुदायीक उत्प्रेरक, जिला योजना समन्वयक एवं जिला कार्यक्रम के साथ उपरोक्त विषय पर विस्तारपूर्वक चर्चा की गई।

उक्त बैठक में शादाँ रहमान, प्रभारी क्षेत्रीय कार्यक्रम प्रबंधक, मनोज कुमार, प्रभारी क्षेत्रीय लेखा प्रबंधक एवं संतोष कुमार सिंह, प्रमंडलीय आशा समन्वयक, क्षेत्रीय कार्यक्रम प्रबंधन इकाई, सारण प्रमंडल, छपरा, राजेश कुमार, नानी मिश्रा, जिला सारण एवं सिवान से जिला गुणवत्ता सलाहकार, जिला सामुदायीक उत्प्रेरक, जिला योजना समन्वयक एवं जिला कार्यक्रम प्रबंधक उपस्थित थें।

साफ-सफाई तथा संक्रमण रोकने के लिए किए गए प्रयासों को बढ़ावा :

क्षेत्रीय कार्यक्रम प्रबन्धक शादान रहमान ने बताया कि अस्पताल के साफ सफाई संबधी मुख्य पहलुओं पर चर्चा कर बताया कि कैसे सफाई रखी जानी चाहिए। उन्होंने बताया कि सार्वजनिक स्वास्थ्य संस्थाओं में स्वच्छता के लिए दिशा-निर्देश भी जारी किए गए हैं।

सार्वजनिक स्वास्थ्य संस्थानों में पूर्ण स्वच्छता पहल का उद्देश्य संस्थानों का इस्तेमाल करने वाले उपयोगकर्ताओं के मनोबल को ऊंचा करना, गुणवत्तापूर्ण सेवा मुहैया कराना तथा टीम वर्क को उत्साहित करना है। कायाकल्प कार्यक्रम का उद्देश्य सार्वजनिक स्वास्थ्य संस्थानों में साफ-सफाई तथा संक्रमण रोकने के लिए किए गए प्रयासों को बढ़ावा देना और सफाई व संक्रमण नियंत्रण के मानक प्रोटोकॉल के पालन में अनुकरणीय प्रदर्शन करने वाले संस्थानों की पहचान करना है।

स्वास्थ्य केंद्रों में सुधार को लेकर मुहिम शुरू :

कायाकल्प योजना के तहत सभी तरह के स्वास्थ्य केंद्रों में सुधार को लेकर मुहिम शुरू कर दी गई है। स्वास्थ्य केंद्रों को बेहतर तरीके से सुविधाएं उपलब्ध कराने को लेकर हर तरह के प्रयास किए जा रहे हैं। स्वास्थ्य केंद्र के कर्मचारी अस्पताल प्रबंधन में सुधार के लिए पूरी तन्मयता से लगे हुए हैं। जिससे विभिन्न अस्पतालों में हो रहे गुणवत्तापूर्ण सुधार से मरीजों को भी काफी लाभ मिल रहा है।

स्वास्थ्य संस्थानों में बेहतर सेवा देने की कवायद :

अस्पतालों में बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं को बढ़ावा देने के लिए विभाग ने मुख्य रूप से तीन तरह की सुविधाओं पर फोकस किया है। जिसके तहत स्वच्छता(हाईजीनिक), बायोमेडिकल वेस्ट मैनेजमेंट, हॉस्पिटल इंफेक्शन, मरीजों के साथ स्वास्थ्य कर्मियों का उत्तम व्यवहार, जिस पर अस्पताल प्रशासन को कार्य करना होगा।

सामान्य अस्पताल के सभी वार्डों में स्वास्थ्य केंद्रों के कर्मचारियों द्वारा इलाजरत मरीजों या आने वाले अभिभावकों के साथ अच्छा व्यवहार बनाए रखने का निर्देश दिया गया है । मरीजों से मिलने का समय भी निर्धारित किया जा रहा है। स्वास्थ्य केंद्रों में पीने के लिए स्वच्छ व शुद्ध पेयजल की व्यवस्था की गई है।