08 अप्रैल : मधुबनी की मुख्य खबरें

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स्वास्थ्य मंत्रालय का निर्देश, सरकारी व निजी दफ्तरों में होगा कोविड-19 का टीकाकरण

मधुबनी : कोरोना महामारी के संक्रमण पर प्रभावी नियंत्रण के लिए लोगों को तेजी से वैक्सीन लगाई जा रही है। वर्तमान में 45 से ऊपर के उम्र के लोगों को वैक्सीन दी जा रही है। लेकिन अब सरकार एक और बड़ा कदम उठाने जा रही है। सरकार ने सार्वजनिक और निजी काम करने की जगहों में कोविड-19 टीकाकरण की इजाजत दे दी है।

स्वास्थ्य मंत्रालय ने 11 अप्रैल से उन जगहों के लिए अनुमति दी है, जहां करीब 100 योग्य लाभार्थी हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार विकास मंत्रालय के द्वारा जारी गाइडलाइन में कहा गया है कि अर्थव्यवस्था के संगठित क्षेत्र में 45 साल और ज्यादा उम्र की आबादी का पर्याप्त हिस्सा है और दफ्तरों (सरकारी और निजी) में औपचारिक व्यवसाय या मैन्युफैक्चरिंग या सेवाओं में शामिल है। यहां पर टीकाकरण किया जा सकता है।

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100 लाभार्थी मौजूद होना जरूरी :

जारी गाइडलाइन के अनुसार इन आबादी को वैक्सीन की पहुंच बढ़ाने के लिए कोविड-19 टीकाकरण सत्र काम करने की जगहों (दोनों सरकारी और निजी) में आयोजित किए जा सकते हैं, जहाँ करीब 100 योग्य और इच्छुक लाभार्थी मौजूद हों। ऐसा मौजूदा कोविड टीकाकरण केंद्र के साथ इन्हें टैग करके किया जा सकता है। निजी/ सार्वजनिक क्षेत्र के नियोक्ता और प्रशासन के साथ टीकाकरण के लॉन्च की तैयारी करने को लेकर परामर्श शुरू कर सकते हैं। उनके मुताबिक, ऐसे काम करने की जगह वाले टीकाकरण केंद्र राज्यों या केंद्र शासित प्रदेशों में 11 अप्रैल 2021 से इसे लॉन्च किया जा सकता है।

सिर्फ 45 वर्ष तक कर्मचारियों को टीका लगाने का निर्देश :

गाइडलाइंस के मुताबिक, केवल 45 साल या ज्यादा उम्र के कर्मचारी काम करने की जगह पर टीकाकरण के लिए योग्य होंगे और कोई बाहरी को टीकाकरण की इजाजत नहीं होगी। जिसमें उनके योग्य परिवार के सदस्य भी शामिल हैं। कार्यालय या संगठन का एक वरिष्ठ कर्मचारी नोडल अफसर के तौर पर काम करेगा, जो जिला स्वास्थ्य प्राधिकरण/ निजी कोविड वैक्सीनेशन सेंटर्स के साथ समन्वय करेगा और टीकाकरण के काम को समर्थन करेगा।

दफ्तर में ही मिलेगी रजिस्ट्रेशन की सुविधा :

दफ्तरों में किसे टीका लेना है, इसके बारे में कोविड वैक्सीनेशन सेंटर के नोडल ऑफिसर फैसला लेंगे। सीवीसी के माध्यम से ही लाभार्थियों का रजिस्ट्रेशन कराया जाएगा। इन कर्मचारियों का दफ्तर में ही रजिस्ट्रेशन करने की सुविधा दी जाएगी। यह सुविधा सिर्फ दफ्तर में काम करने वाले कर्मचारियों को ही मिलेगी। हालांकि यह वैक्सीनेशन सेंटर तभी बनाया जाएगा जब किसी दफ्तर में कम से कम 50 कर्मचारी टीकाकरण के लिए खुद को रजिस्टर करेंगे।

15 दिन पहले करनी होगी तैयारी पूरी :

दफ्तर में वैक्सीनेशन की पूरी तैयारी टीका दिए जाने की तारीख से 15 दिन पहले किए जाएंगे। इस बारे में दफ्तर को पहले सूचित किया जाएगा और ज्यादा से ज्यादा लोग दफ्तर में हाजिर हों, इसके लिए उन्हें जागरूक भी किया जाएगा। इससे अधिकांश लोगों को टीका दिया जा सकेगा और कोरोना संक्रमण पर रोक लगाने में मदद मिलेगी। सरकार के मुताबिक, अधिकांश सरकारी दफ्तरों में 15 दिन के भीतर टीकाकरण का काम संपन्न कर लिया जाएगा।

कोरोना संक्रमित मरीजों का उपचार एवं कांटेक्ट ट्रेसिंग अत्यंत महत्वपूर्ण

मधुबनी : कोरोना वायरस से लड़ाई में कॉन्टेक्ट ट्रेसिंग सबसे ज्यादा अहम है। जिससे न सिर्फ वायरस से संक्रमित लोगों का पता लगाया जा रहा है, बल्कि ऐसे लोग जो संक्रमित के संपर्क में आये हैं, उनकी खोज भी की जा रही है। जिले में केयर इंडिया की टीम के द्वारा सभी प्रखंडों में संक्रमित लोगों के संपर्क में आए लोगों की का जांच कर कोविड संक्रमण का पता लगाया जा रहा है।

टीम के द्वारा जिले में अब तक 73 लोगों की का ट्रेसिंग की किया गया गई है। वहीं जिले में वर्तमान में 61 मरीज कोरोना से संक्रमित हैं। जिसमें 55 मरीज होम आइसोलेशन तथा 6 मरीज कोविड केयर सेंटर तथा डेडीकेटेड कोविड हेल्थ केयर में उपचाराधीन हैं। जिले में वैक्सीनेशन के तहत अब तक 1.58 लाख लोगों का टीकाकरण किया जा चुका है।

क्या है कॉन्टेक्ट ट्रेसिंग :

केयर इंडिया के डीटीएल महेंद्र सिंह सोलंकी ने बताया किसी संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने वाले लोगों की निगरानी प्रक्रिया को कॉन्टेक्ट ट्रेसिंग कहा जाता है। कोरोना वायरस से संक्रमित किसी व्यक्ति के सम्पर्क में आने से ये संक्रमण दूसरों को आसानी से हो सकता है। संक्रमित व्यक्ति के सीधे संपर्क में आने वाले लोगों के संक्रमित होने की अधिक खतरा होता है। इसलिए जो लोग संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आए हों उन्हें 14 दिन के लिए क्वॉरेंटाइन में रखा जाता है। कोरोना संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आए लोगों पर ध्यान रखना महत्वपूर्ण है, ताकि उनकी देखभाल की जा सके और जरूरत पड़ने पर जल्दी से उपचार किया जा सके।

कॉन्टेक्ट ट्रेसिंग तीन प्रकार की होती है :

जब किसी व्यक्ति के वायरस से संक्रमित होने की पुष्टि हो जाती है तो बीमारी की शुरुआत के बाद से उसकी गतिविधियों के बारे में पूछकर उसके संपर्क में आए लोगों के बारे में जाना जाता है।

संपर्क सूची :

संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने वाले सभी लोगों को सूचीबद्ध किया जाता है। उन्हें खुद आइसोलेट होने को कहा जाता है और लक्षण आने पर मेडिकल टीम से संपर्क करने को कहा जाता है। संपर्क में आए लोगों को बीमारी की रोकथाम के बारे में भी जानकारी दी जाती है।

संपर्क में आए व्यक्ति का फॉलोअप :

संपर्क में आए सभी व्यक्तियों से स्वास्थ्य अधिकारी नियमित रूप से सपंर्क में बने रहते हैं। उनके लक्षणों पर निगरानी करते हैं कि कहीं उनमें वायरस के लक्षण तो नहीं आ रहे। कॉन्टेक्ट ट्रेसिंग कोरोना वायरस को रोकने के लिए बहुत आवश्यक है।

जिले में बनाए गए 22 कंटेंटमेंट जोन :

वर्तमान में जिले में 22 कंटेंमेंटमेंट जोन बनाया गया है जिसमें रहिका 10, पंडौल 1, विस्फी 2, बेनीपट्टी 3, हरलाखी 1, मधेपुर 1, राजनगर 1, अंधराठाढ़ी 1, बाबूबरही 2 कंटेंटमेंट जोन बनाया गया है।

जिले में 1.58 लाख लोगों का हुआ वैक्सिनेशन :

जिले में अब तक 1 लाख 58 हजार 494 लोगों का वैक्सीनेशन किया जा चुका है जिसमें 15,966 हेल्थ केयर वर्कर को प्रथम डोज,11509 हेल्थ केयर को सेकंड डोज, 8,649 फ्रंटलाइन वर्कर को प्रथम डोज, 3434 फ्रंटलाइन वर्कर को सेकंड डोज, 92,560 लोग जो 60 वर्ष से ऊपर के हैं को प्रथम डोज, 1839 को सेकंड डोज तथा 45 से 59 वर्ष के 24,077 लोगों को प्रथम डोज, 460 लोगों को सेकंड डोज दिया जा चुका है। कांटेक्ट ट्रेसिंग में एसीएमओ डॉ. एसएस झा, रहिका प्रभारी डॉ० आर के महतो, केयर इंडिया के डीटीएल महेंद्र सिंह सोलंकी केयर इंडिया के बीएम अमित कुमार विपुल आदि उपसथित थे।

महिलाओं में सुरक्षा व जागरूकता को लेकर अन्को ट्रेडिंग की पहल शुरू

मधुबनी : जिले के हरलाखी प्रखंड के कल्याणेश्वर स्थान स्थित पंचायत सरकार भवन के सभागार में महिलाओं के लिए जागरुकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसकी अध्यक्षता अन्को ट्रेडिंग कंपनी की जिला संयोजक अमरेश शर्मा ने की। मुख्य अतिथि के रूप में कंपनी के सीईओ प्रदीप कुमार व पवनसुत कुमार ने कहा कि हमारे कंपनी का उद्देश्य है कि महिलाओं को स्वस्थ्य रखना और उचिद दर पर उन्हें सेनिटरी पैड घर तक पहुँचाना। इस मौके पर उन्होंने कहा कि आज हमारे समाज में महिलाओं की सुरक्षा को लेकर कोई व्यापक प्रबंध नहीं है।

माहवारी व डिलीवरी के समय महिलाओं को देखभाल नहीं होने से उन्हें कई तरह की बीमारियों से जूझना पड़ता है। बीमारी के कारण मृत्यु भी हो जाती है। दरअसल कुछ लोगों के द्वारा महिलाओं में जागरूकता के नाम पर सिर्फ दिखावा व प्रचार प्रसार ही किया जा रहा है, लेकिन हमारी संस्था की ओर से महिलाओं के लिए सभी पंचायतों में महिला स्वास्थ्य सुरक्षा कार्ड बनाया जाएगा।

कार्ड धारकों को अन्को द्वारा सभी स्वास्थ्य सुविधाएं दी जाएगी, जिसमें माहवारी के दौरान सेनेटरी पैड व महिलाओं को नार्मल डिलीवरी के समय 11 सौ रुपये दिए जाएंगे। इसके अलावा विषम परिस्थिति में प्रसूता का ऑपरेशन होने पर 5100 रुपये भी दिए जाएंगे।

इसके अलावा महिलाओं की सुरक्षा एवं कई अन्य तरह की स्वास्थ्य सुविधाएं भी प्रदान किये जाएंगे, साथ ही महिलाओं को जागरूक करने के लिए सभी पंचायतों में महिला काॅडिनेटर रखा जा रहा है। मुख्य अतिथि के रूप में कलना पंचायत के मुखिया रमेश मिश्र, समाजसेवी अरुण ठाकुर, सुपरवाइजर रामबहादुर राम, रंजन कुमार चौधरी, रौशन कुमार शर्मा, मो. रहमत, अरुण ठाकुर समेत दर्जनों महिलाएं भी मौजूद रहे।

सुमित कुमार की रिपोर्ट

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