20 दिसंबर : नवादा की मुख्य खबरें

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नगर पंचायत का धावादल ने पॉली बैग उपयोग करने वाले दुकानदारों से वसूला जुर्माना

नवादा : आधुनिकता की भाग दौड़ भरी जीवन शैली और बढ़ते प्लास्टिक का उपयोग से मानव में कई विमारियों का कारण बन रहा है। जबकि पशुओं पक्षियों के जीवन को भी प्रभावित कर रहस्य है। इसलिए पतले व कभी नष्ट नहीं होने वाले प्लास्टिक का दुष्प्रभाव को देखते हुए सरकार ने कम माइक्रोन से निर्मित पॉली बैग के प्रचलन पर प्रतिबंध लगा दिया है। बावजूद नगर क्षेत्र समेत ग्रामीण इलाकों के छोटे बड़े दुकानदारो द्वारा पॉलिथीन बैग का बिना रोक-टोक धड़ल्ले से उपयोग कर रहे हैं। जो उपयोग बाद कचरा बनकर वातावरण को प्रदूषित कर रहा है।

उच्च अधिकारियों से मिले आदेश का एक बार पुनः पालन करते हुए शनिवार को नगर पंचायत की कार्यपालक पदाधिकारी उपेंद्र कुमार सिन्हा के नेतृत्व में गठित धावा दल के द्वारा पॉलिथीन बैग का उपयोग करने वाले दुकानदारों की दुकानों व प्रतिष्ठानों पर छापेमारी कर उपयोग में लाया जा रहा पॉलिथीन बैग को जप्त किया गया। जबकि आरोपी दुकानदार को भविष्य में पॉली बैग का उपयोग नहीं करने की चेतावनी देते हुए जुर्माना वसूला गया।

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नगर के कार्यपालक अधिकारी श्री सिन्हा की अगुवाई में हुई छापेमारी में नगर पंचायत के जेई अरुण कुमार, कर्मी हिमांशु कुमार गोरे, मुकुल कुमार पुलिस अधिकारी दिनेश रजक सहित आधा दर्जन पुलिस बल के साथ वारिसलीगंज के आधा दर्जन से अधिक दुकानों पर छापेमारी कर 10 किलो से अधिक पॉलिथीन बैग जप्त किया गया। वहीं दुकानदारों से बतौर जुर्माना डेढ़ हजार रुपया वसूला गया।

प्लास्टिक बैग का उपयोग करने वाले दुकानदारों के यहां छापेमारी की खबर लगते ही बाजार के सब्जी विक्रेता व अन्य दुकानदार में हड़कंप मच गया और दुकान में रखा पॉलिथीन बैग छुपाते देखे गए। बता दें कि कुछ माह पहले भी अधिकारियों के द्वारा पॉलिथीन बैग का उपयोग करने वाले दुकानदारों और आम लोगों के विरुद्ध कार्रवाई की गई थी। बावजूद बाजार में पॉलिथीन बैग का उपयोग धड़ल्ले से जारी है।

ट्रेन की चपेट में आया युवक जख्मी

नवादा : किउल- गया रेलखंड के वारिसलीगंज रेलवे स्टेशन पर शनिवार की शाम 30 बर्षीय युवक स्टाप ट्रेन की चपेट में आने से गंभीर रूप से जख्मी हो गया। बाद में स्थानीय लोगो द्वारा जख्मी को ईलाज के लिए वारिसलीगंज पीएचसी लाया गया। जहाँ प्राथमिक चिकित्सा बाद बेहतर इलाज के लिए नवादा रेफर किया गया।

बताया गया कि किउल की तरफ से स्टाप ट्रेन गया की तरफ जा रही थी। इस बीच वारिसलीगंज रेलवे स्टेशन पर ट्रैक पार करने के चक्कर में युवक इंजन की चपेट में आ गया। काफी प्रयास के बाद जख्मी युवक को इंजन से निकाला जा सका। बाद में जख्मी की पहचान काशीचक थाना क्षेत्र के उपरावां गांव निवासी रामलखन प्रसाद चंद्रवंशी का 30 बर्षीय पुत्र श्रवण कुमार के रूप में हुई।बताया गया कि जख्मी युवक पीएचईडी विभाग के तहत गया जिले के बजीरगंज में नौकरी करता है। डियूटी पर जाने के लिए ट्रेन पर सवार होने जा रहा था।

चिकित्सको के द्वारा जख्मी युवक की हालत नाजुक बताया गया। घटना की सूचना जैसे ही जख्मी की तस्वीर के साथ वारिसलीगंज प्रशासन पत्रकार और आप व्हाट्सऐप ग्रुप में चलाया गया। तब कुछ ही मिनटों में जख्मी के परिजन तस्वीर पहचान कर वारिसलीगंज पीएचसी पहुंच गए। बाद में स्वजनों द्वारा निजी एम्बुलेंस के माध्यम से बीम्स पावापुरी इलाज के लिए ले गए।

मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी ने थानाध्यक्ष के विरुद्ध लिए कई संगीन धाराओं में लिया संज्ञान

नवादा : थाने में बंद कर अधिवक्ता पिटाई कांड में नवादा के मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी ने गोविंदपुर थाना अध्यक्ष डॉक्टर नरेंद्र प्रसाद के विरुद्ध कई संगीन धाराओं में संज्ञान लिया है। नवादा जिला अधिवक्ता संघ के पूर्व महासचिव ईश्वरी प्रसाद शर्मा के साथ ही महासचिव संत शरण शर्मा ,मोहम्मद तारिक ,दिनेश यादव आदि ने अधिवक्ता संघ की ओर से जिला एवं सत्र न्यायाधीश को अल्टीमेटम देकर थानाध्यक्ष के विरुद्ध कार्रवाई नहीं होने पर हड़ताल की चेतावनी दी थी।

परिवादी अधिवक्ता दिनेश यादव ने बताया कि 13 दिसंबर 2020 को नाली के झगड़े की शिकायत करने थाना गए थे ।जहां थाना अध्यक्ष नरेंद्र प्रसाद ने कुर्सी पर बैठ जाने के जुर्म में उन्हें घसीट- घसीट कर पीटा था। मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी ने मामले को गंभीरता से लेते हुए थानाध्यक्ष के विरुद्ध संज्ञान लेते हुए कार्रवाई आरंभ की है । ऐसे में थानाध्यक्ष की मुश्किलें बढ गयी है ।

थानाध्यक्ष के विरुद्ध अदालत ने लिया संज्ञान

नवादा : अधिवक्ता के साथ मरपीट करने के मामले में गोविन्दपुर थानाध्यक्ष डा0 नरेन्द्र प्रसाद के विरूद्ध मुख्य न्यायायिक दंडाधिकारी ने संज्ञान लिया तथा अभियुक्त थानेदार को अदालत में उपस्थित होने का सम्मन जारी करने का आदेश दिया है। गौरतलब हो कि गोविन्दपुर थाना क्षेत्र के विशुनपुर निवासी अधिवक्ता दिनेश प्रसादने 15 दिसम्बर को अदालत में परिवाद दायर किया था।

जिसमें गोविन्दपुर थानाध्यक्ष डा0 नरेन्द्र प्रसाद को अभियुक्त बनाया था। भादवि की धारा 341/323/307/504/506/ 379 अंतर्गत दायर परिवाद में कहा गया है कि परिवादी नाली विवाद को ले 12 दिसम्बर की संध्या थाना पहुॅच कर वहॉ रहे कुर्सी पर बैठा था। तभी आरोपी थानेदार वहॉ पहुॅचे तथा परिवादी द्वारा अधिवक्ता होने का परिचय देते हुए अपनी शिकायत बताने लगा। परिवादी द्वारा अपने को अधिवक्ता बताने पर थानेदार व अन्य दो सिपाही ने अधिवक्ता को कुर्सी से खींचकर मारपीट किया तथा काफी अपमानित करते हुए हाजत में बंद कर दिया।

अधिवक्ता के पास रहे दो हजार रूप्ये भी थानेदार ने छीन लिया।स्थानीय जनप्रतिधि के हस्तक्षेप के बाद थानेदार ने अधिवक्ता को रात लगभग 10 बजे मुक्त किया। हाजत से मुक्त होने के बाद परिवादी ने स्थानीय अस्पताल में अपना ईलाज कराया था। घटना से पीडि़त होकर अधिवक्ता ने अदालत में परिवाद दायर कर न्याय की गुहार लगाई।गवाहों द्वारा अदालत में दिये गये बयान तथा चिकित्सिय पुर्जा के अवलोकन के बाद मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी अमित कुमार पांडेय ने आरोपी थानेदार के विरूद्ध लगाये गये आरोप को प्रथम दृष्टया में सत्य पाते हुए भादवि की धारा 342/323/308/ 379/504 में संज्ञान लिया है। इस कारण थानेदार की मुश्किलें बढ़ गई।

गोविन्दपुर थानाध्यक्ष के विरूद्ध अदालत द्वारा लिये गये संज्ञान में भादवि की धारा 342 जमानतीय है। जो किसी भी व्यक्ति को गलत तरीके से बंद रखने की अपाराधिक धारा है। वहीं धारा 323 मारपीट करने व धारा 504 गाली गलौज करने का जमानतीय धारा है। जबकि धारा 308हत्या के प्रयास की गैर जमानतीय अपाराधिक धारा है। धारा 308 का विचारण सत्र न्यायालय में किया जाता है। धारा 379 चोरी का गैर जमानतीय धारा है। अब देखना यह है कि अदालत द्वारा सम्म्न प्राप्त करने के बाद आरोपी थानेदार कौन सा कानूनी कदम का सहारा लेते हैं।

गोदाम में लगी आग, लाखों रूपए का सामान जल कर राख

नवादा : जिले के वारिसलीगंज नगर पंचायत की वार्ड संख्या 08 स्थित गुमटी रोड निवासी अखबार एजेंट सह पान मसाला आदि के थोक एवं खुदरा बिक्रेता दिनेश चौरसिया की गुमटी रोड स्थित गोदाम में रात अचानक आग लग जाने से उसमें रखा लाखों रुपए मूल्य का सामान जल कर खाक हो गया। सूचना बाद स्थानीय थाना से पहुंची मिनी अग्नि शमन वाहन व स्थानीय लोगों की मदद से देर रात बाद आग पर काबू पाया जा सका।

पीड़ित चौरसिया ने बताया कि बीती रात करीब आठ बजे गोदाम बन्द कर दुकान के दूसरे तल्ला स्थित घर चला गया था। रात दस बजे के करीब पड़ोसियों के द्वारा आग लगने की सूचना पर जब गोदाम के पास पहुंचा तो कमरे से आग की लपटों के साथ तेज धुंआ निकल रहा था। तत्काल स्थानीय थाना को सूचना दिया गया तब थाना में तैनात मिनी दमकल की टीम पहुंच कर दो घंटे की कड़ी मशक्कत बाद आग पर काबू पाया। कारण जब दमकल पहुंचा तब उसमें पानी ही नहीं थी। इस बीच दर्जनों युवा पड़ोसियों के बैकल्पिक व्यवस्था से आग और घना धुंए के बीच गोदाम की संकीर्ण गली से घुसकर किसी प्रकार से जोखिम जानते हुए आग बुझाने का कार्य शुरू किया।

पीड़ित ने बताया कि गोदाम मेन रोड स्थित गली में था जिसकी खिड़की कमरे में लाइट पहुंचने को लेकर खुली रहती थी। उक्त रात किसी असमाजिक व्यक्ति द्वारा खुली खिड़की से गोदाम में आग लगा दिया गया। आग लगने से गोदाम में बिक्री के लिए संग्रह कर रखा गया माचिस का कार्टन बिस्कुट, कुरकुरे तथा गुटखा के अलावा अन्य सामान जिसका कीमत करीब तीन लाख रुपया के आस पास होता है पूरी तरह से जलकर बरबाद हो गया। साथ ही साथ कमरे में लगा किबाड़, चौखट, खिड़की आदि भी जल कर खाक हो गया। बड़े स्तर पर पूंजी का अचानक नुक़सान होने से पीड़ित के सामने आर्थिक तंगी की समस्या खड़ी हो गई है।

पीड़ित ने स्थानीय प्रशासन से आग में हुए सामानों का नुकसान की भरपाई के लिए स्थानीय प्रशासन से मुआवजे की मांग की है। बताया गया कि रात 10 बजे के करीब एक पड़ोसी दुकनदार खाना खाने के बाद सड़क पर टहलने निकला तब श्री चौरसिया के गोदाम की गली तरफ वाली खिड़की से काफी धुंआ के साथ आग की लपटें निकलते देखा, पड़ोसी द्वारा शोर मचाने के बाद पूरे मोहल्लेवासियों ने जगकर आग पर काबू पाने का प्रयास में जुट गया।

एचआईवी जागरूकता को ले निकाली रैली

नवादा : नारदीगंज सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र परिसर से रविवार को एचआईवी जागरूकता रैली निकाली गयी। सीएचसी प्रभारी डा0 अखिलेश प्रसाद, डा0 उमेश प्रसाद शर्मा,परामर्शी सह डीआईसएस संजीव कुमार गुप्ता, फिल्ड ऑफिसर ब्रजभूषण कुमार ने संयुक्तरूप से हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। कार्यक्रम युनिसेफ के सौजन्य से आयोजित किया गया । कार्यक्रम में प्रचार वाहन के द्वारा प्रखंड के विभिन्न गांवो में जाकर लोगों को जागरूक किया गया। नारदीगंज बाजार के अलावा शादिकपुर,मिरचायगंज,मियांबिगहा,बस्तीबिगहा समेत अन्य गांवों में प्रचार प्रसार किया।

यह रैली परिसर से निकलकर नारदीगंज बाजार समेत अन्य गांव तक पहुंचकर लोगों को एचआईवी रोग से बचाव के लिए जागरूक किया। कहा गया कि एचआईवी उस विषाणु को कहते है,जो मनुष्य के शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता या बीमारियो से बचाने वाली ताकत को कम कर देती है। जिन व्यक्तियों के शरीर में यह विषाणु होता है,उन्हें एचआईवी पॉजेटिव कहा जाता है।इस वायरस को पूर्णतया समाप्त करने के लिए कोई दवानहीं है,लेकिन खोज जारी है ।

चिकित्सकों ने कहा एचआईवी वायरस एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति तक पहुंचने के लिए चार रास्ते हैं,जिसमें एचआईवी संक्रमित व्यक्ति के साथ असुरक्षित यौन सम्पर्क से,एचआईवी संक्रमित सिरिंजों व सुईयों के पुन;उपयोग से, एचआईवी संक्रमित रक्त या रक्त उत्पाद चढ़ाने से के अलावा एचआईवी संक्रमित मां से उसके होने वाले शिशु से रोग होता है।

उन्होने कहा इस रोग से बचने का उपाय है अगर आप अपने साथी के साथ वफादारी करते है. असुरक्षित यौन संबंध के दौरान कंडोम का सही ओर हर वार इस्तेमाल, केवल लाईसेंस प्राप्त ब्लड बैंक से जांच किये गये खून का इस्तेमाल, हर बार नई सुई व सिंरिंज का इस्तेमाल के अलावा गर्भावस्था के दौरान एचआईवी की जांच और सही सलाह लेना आपके हित में है।

वारिसलीगंज के अपसङ में दो युवकों की संदेहास्पद मौत, दो गंभीर रूप से बीमार

नवादा : जिले के वारिसलीगंज प्रखंड क्षेत्र के अपसङ गांव में दो युवकों की संदेहास्पद मौत हो गयी जबकि दो गंभीर रूप से बीमार को इलाज के लिए जिले के बाहर निजी क्लिनिक में भर्ती कराया गया है । मौत के कारणों का पता नहीं चल सका है । सूत्रों के अनुसार दोनों की मौत जहरीले शराब पीने से हुई है । वैसे ग्रामीण से लेकर प्रशासन तक इस संबंध में कुछ बताने से परहेज कर रहे हैं । दोनों शवों का आनन फानन में अंतिम संस्कार कर दिया गया ताकि मौत के कारणों पर पर्दा डाला जा सके।

बताया जाता है कि मृतक चिन्टू कुमार पिता चान्दो सिंह, विपुल कुमार पिता जयनारायण सिंह, कुन्दन उर्फ पुन्नी पिता लुखु सिंह व रौशन कुमार पिता जयकरण सिंह एक साथ बैठकर बंगाल निर्मित राॅयल स्टैग शराब पी रहे थे। अचानक चिन्टू समेत चारों बेहोश हो गये। इनमें से बगैर इलाज कोई मौका दिये चिन्टू व विपुल की मौत हो गयी जबकि दो में से एक को इलाज के लिए शेखपुरा व एक को बिहारशरीफ के निजी क्लिनिक में भर्ती कराया गया ।

सूचना के आलोक में पहुंचे विधायक पति अखिलेश सिंह ने दोनों का आनन-फानन में अंतिम संस्कार करा दिया। अब सबसे बङा सवाल यह है कि जब दो की रहस्यमय मौत हुई तो फिर बगैर पोस्टमार्टम या फिर प्रशासन को सूचित किये बगैर अंतिम संस्कार क्यों कराया गया?

फिर दो बीमार को इलाज के लिए अलग-अलग स्थानों पर निजी क्लिनिक में क्यों भेजा गया? ऐसे में मौत के कारणों का खुलासा कौन करेगा? जब प्रशासन से बात करने का प्रयास किया गया तो किसी अधिकारी ने अपसङ में किसी प्रकार की घटना से इंकार कर दिया। बहरहाल मामला चाहे जो हो, मौत का कारण जो हो लेकिन दो युवकों की संदेहास्पद मौत से गांव में मातम छाया हुआ है ।

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