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16 दिसंबर : मधुबनी की मुख्य खबरें

कोरोना काल में निरंतर बेहतर सेवा प्रदान करने वाले डाटा ऑपरेटर को मिला सम्मान

मधुबनी : वैश्विक महामारी कोरोना काल में सिविल सर्जन कार्यालय में कार्यरत डाटा ऑपरेटर सहनी भास्कर निषाद महीनों से लगातार अपनी सेवा दे रहे हैं. मार्च के शुरुआती दिनों से ही कोरोना के मरीजों को चिकित्सकीय सुविधा उपलब्ध कराने में इनकी भूमिका अहम रही है. लगातार 10 महीनों से डाटा आपरेटर भास्कर विभागीय कार्यों में अपना हाथ बढ़ा रहे हैं. उनके इस निरंतरता को सम्मानित करते हुए अपर निदेशक सह राज्य प्रतिरक्षण पदाधिकारी ने प्रशस्ति पत्र प्रदान कर हौसला अफजाई की. पदाधिकारी ने भास्कर के कर्तव्यनिष्ठता की प्रशंसा की।

कोरोना संक्रमण के मद्देनजर शुरुआती दिनों में चारों तरफ भय व्याप्त था. इसी बीच जिला प्रशासन के आदेश से भास्कर की ड्यूटी में आपदा विभाग में लगाई गई. जहां संचालित कॉल सेंटर में दर्जनों लोगों के कॉल को रिसीव करते हुए भास्कर ने उन्हें तत्काल चिकित्सकीय सुविधा प्रदान करने में अपनी अहम भूमिका अदा की. इसके अलावा टीकाकरण एवं सर्वे कार्य में भी प्रखंडों से प्राप्त रिपोर्ट को जिला स्वास्थ्य समिति को प्रेशित करते हुए राज्य स्वास्थ्य समिति को भी कोरोना की अद्यतन जानकारी से अवगत कराया. इस प्रकार कोरोना काल मे मरीज़ों को सेवा प्रदान करते हुए विभागीय सूचनाओं के आदान प्रदान में भास्कर ने महत्त्वपूर्ण योगदान दिया.

कोरोना काल में घर से निकलकर परेशानी से जूझ रहे लोगों की मदद की। कोरोना काल के विषम परिस्थिति में जब कोई घर से निकलना नही चाहता था. संक्रमण के मद्देनजर सरकार ने भी लॉकडाउन की घोषणा कर दी थी. चारों तरफ सन्नाटा पसरा था. कोरोना को लेकर लोग आशंकित थे, उस समय विभागीय निर्देश का पालन करते हुए डाटा ऑपरेटर सहनी भास्कर निषाद अपने कर्तव्य पथ पर आगे बढ़ चले. भास्कर ने बताया कि शुरुआती समय में बहुत परेशानी थी. दिन भर कॉल सेंटर में फोन की ट्रिंग ट्रिंग बजती ही रहती थी।

सब कुछ लाइव हो रहा था. सभी कॉल को रिसीव करते हुए उन्हें मेडिकल सहायता व अद्यतन जानकारी देने को लेकर विभागीय निर्देश का अनुपालन किया. इस दौरान कभी भी फोन को डिस्कनेक्ट नहीं किया. परेशानी से जूझ रहे लोगों को फोन पर सरकारी सहायता प्रदान की. बताया कि आपदा विभाग के दिए गए नंबर पर आए फोन पर लोगों को कोरोना जांच की सुविधा, आश्रय स्थल एवं अन्य मदद की जानकारी देते थे. वह इसकी जानकारी उस क्षेत्र के मेडिकल टीम को देते थे. टीम तुरन्त लोगों के बीच पहुंचकर सहायता करती थी. फिलहाल वह सर्वे, कंटेंटमेंट जोन, टीकाकरण से संबंधित डाटा कार्ड को संपादित करते हैं. साथ ही संबंधित डाटा को विभागों के बीच व्यतीत आदान प्रदान करते हैं. महीनों से बेगैर अवकाश लिए, भास्कर कर्तव्य पथ पर अग्रशील हैं.

विभागीय अधिकारी भी करते सराहना

सिविल सर्जन कार्यालय में डाटा ऑपरेटर भास्कर की कार्य में निरंतरता की चर्चा होती है. अधिकारी से लेकर कर्मी तक डाटा ऑपरेटर की कार्य की प्रशंसा करते हैं. विभागीय अधिकारी भी भास्कर के कार्यशैली की सराहना करते है. अधिकारी बताते हैं कि भास्कर ड्यूटी पर रहते हुए भी सच्ची मानव सेवा कर रहे हैं. अन्य कर्मियों ने छुट्टी को लेकर आवेदन भी दिया है. लेकिन भास्कर ने अभी तक छुट्टी की मांग नहीं की है. इससे भास्कर के कर्त्तव्यनिष्ठता व मानव सेवा की झलक मिलती है.

आयुष मंत्रालय ने जिले के दो प्रखंड को आयुष ग्राम के लिए लिया गोद

मधुबनी : आयुष मंत्रालय भारत सरकार ने बिहार के 7 जिलों को आयुषग्राम के लिए गोद लिया है. जिसमें मधुबनी जिले के पंडौल प्रखंड तथा राजनगर प्रखंड को सम्मिलित किया गया है. कार्यक्रम के तहत 5 गांव मिलाकर 10 हजार आबादी पर एक केंद्र बनाया जाएगा। वर्तमान में पंडौल प्रखंड के बेलाही पंचायत के लोहट ग्राम का चुनाव किया गया है। वहीं राजनगर प्रखंड के पटवारा गांव का आयुषग्राम के लिए चुनाव किया गया है।

जिसमें कैंप लगाकर आयुर्वेदिक, यूनानी, होम्योपैथिक तथा योगा पद्धति से मरीजों का इलाज किया जाएगा। कार्यक्रम के संचालन के लिए स्थानीय होटल में जिले के आयुष चिकित्सकों का एक दिवसीय प्रशिक्षण दिया गया। जिला देसी चिकित्सा पदाधिकारी डॉक्टर हरेंद्र कुमार लाल दास ने बताया 18 दिसंबर को पंडौल प्रखंड के हाई स्कूल मैदान पर स्वास्थ्य कैंप लगाया जाएगा, जिसमें चिन्हित पंचायत सहित पूरे प्रखंड के लोगों को देशी चिकित्सा का लाभ मिलेगा।तथा आयुष ग्राम लोहट में 19 व पटवारा में 21 दिसंबर को शिविर लगाया जाएगा।

क्या है आयुष ग्राम योजना :

जिला देसी चिकित्सा पदाधिकारी डॉक्टर हरेंद्र कुमार लाल दास ने बताया आयुष मंत्रालय भारत सरकार द्वारा आम जनता को आयुष चिकित्सा सेवाएं सहज रूप से उपलब्ध करवाए जाने एवं उनके आधार पर स्वास्थ्य सूचकांकों के लक्ष्य को प्राप्त करने के उद्देश्य से आयुषग्राम योजना ”आयुष मिशन” के तहत प्रारंभ की है। इस योजना के तहत 5 गांव के लगभग 10,000 जनसंख्या को शामिल किया गया है। आयुर्वेदिक भारतीय चिकित्सा प्राचीन चिकित्सा पद्धति है, जिनमें स्वस्थ जीवन-यापन रोगों की रोकथाम तथा उपचार के लिए अथाह भंडार है। आयुष चिकित्सा पद्धति में आयुर्वेदिक, योग, यूनानी, होम्योपैथिक चिकित्सा पद्धतियों का समावेश है। इस योजना से ग्राम वासियों के स्वास्थ्य का स्तर सुधरेगा जिसके फलस्वरूप उनका जीवन स्तर भी सुधरेगा।

बिहार में इन जिलों का किया गया है चुनाव :

राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के जिला समन्वयक डॉ. कमलेश शर्मा ने बताया आयुष ग्राम योजना के तहत बिहार के पटना, नालंदा, मधुबनी, भागलपुर तथा नवादा के 2 प्रखंडों का चुनाव किया गया है।

आयुष ग्राम योजना के उद्देश्य :

आयुष ग्राम योजना के तहत संचारी रोग रोग जैसे हेपेटाइटिस बी, सी, मलेरिया, डेंगू, ट्यूबरक्लोसिस, एचआईवी, कोविड-19, चिकनगुनिया, वायरस, इनफ्लुएंजा एवं गैर संचारी रोग जैसे डायबिटीज, एनीमिया, मानसिक तनाव, ब्लड प्रेशर, थायराइड आदि बीमारियों का इलाज, रोकथाम एवं उपचार करना है तथा रोकथाम के और उपचार के लिए उपाय बताना है।

कार्यक्रम के सफल संचालन के लिए इन विभागों का लिया जाएगा सहयोग :

कार्यक्रम को सफल संचालन के लिए आयुष विभाग के अतिरिक्त चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग, शिक्षा विभाग, कृषि विभाग, वन विभाग, आईसीडीएस एवं एनजीओ का सहयोग लिया जाएगा। जिसमें चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग स्वास्थ्य योजनाओं की प्रदर्शनी तथा जानकारी उपलब्ध करवाएंगे एवं प्राथमिक उपचार के लिए ओपीडी तथा इमरजेंसी सेवाएं प्रदान करेंगे, शिक्षा विभाग सरकारी एवं गैर सरकारी विद्यालयों के छात्र छात्राओं को शिविर में स्वास्थ्य प्रदर्शनी का अवलोकन तथा स्वास्थ्य जानकारी उपलब्ध करवाएंगे, कृषि विभाग औषधीय पादपों के कृषि से संबंधित जानकारियां उपलब्ध करवाएंगे, वन विभाग औषधीय वनस्पति की प्रदर्शनी तथा वनस्पतियों के बारे में जानकारी उपलब्ध कराना पौधे वितरण करवाना, विद्यालय में पौधारोपण करवाना आदि कार्य करेंगे. आईसीडीएस विभाग महिलाओं एवं बच्चों के स्वास्थ्य पोषण संबंधी प्रदर्शनी एवं जानकारी उपलब्ध करवाएंगे।

ईसीसीई गतिविधियों से घर पर रह रहे बच्चों की संवर रही सेहत एवं शिक्षा

मधुबनी : कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों की रोकथाम देश के साथ राज्य के लिए भी चुनौतिपूर्ण साबित हो रहा है। इस महामारी में सरकारी महकमा प्रत्येक स्तर पर राहत एवं बचाव कार्य में जुटी है। कोरोना संक्रमण के कारण स्कूल एवं आंगनबाड़ी केंद्र भी लंबे समय से बंद है, जिसके कारण बच्चे स्कूल भी नहीं जा पा रहे हैं।

ऐसे में आईसीडीएस द्वारा संचालित प्रारंभिक बाल्यावस्था देखभाल एवं शिक्षा (ईसीसीई) कार्यक्रम बच्चों की सेहत एवं शिक्षा का ख्याल उनके घर पर ही रख रही है। इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य बच्चों की दैनिक गतविधियों को रचनात्मक बनाना है। बच्चों की आंगनबाड़ी केन्द्रों पर नहीं जाने की दशा में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता घर-घर जाकर उन्हें ईसीसीई गतिविधियों की जानकारी भी दे रही है।

एक मिस्ड कॉल पर बच्चे सुन रहे दादी-नानी की कहानियाँ

कोरोना संकटकाल में छोटे बच्चों को साइको सोशल सपोर्ट देने के लिए एक अच्छी पहल शुरू की गई है। आईसीडीएस-यूनिसेफ और प्रथम बुक्स के तहत यह प्रयास किया गया है। ‘‘मिस्ड कॉल दो कहानी सुनो’’ गतिविधि के तहत एक फोन नंबर 08033094243 उपलब्ध कराया गया है, जिससे केवल एक मिस काल देकर छात्र अपने उम्र के अनुसार कहानियों का आनंद ले सकते है। कहानी दादी-नानी की आवाज के साथ ही बॉलिवुड की सेलिब्रिटीज की आवाज में भी है। इसका मुख्य उद्देश्य है कि बच्चों में पढ़ने और सुनने की संस्कृति को विकसित करना है। कोरोना संकट में स्कूल बंद है ऐसी स्थिति में छोटे बच्चों के मन में कई तरह के सवाल आते हैं। इन कहानियों के जरिए बच्चों को साइको सोशल सपोर्ट देने की कोशिश की जा रही है।

गतिविधि कैलेंडर के विषय में माताओं को किया जा रहा जागरूक :

बच्चों की बेहतर दैनिक दिनचर्या एवं उन्हें रचनात्मक कार्यों में संलग्न करने के उद्देश्य से गतिविधि कैलेंडर जारी किया गया है एवं आईसीडीएस के सभी जिला कार्यक्रम पदाधिकारी को यह कैलेंडर व्हाट्सएप एवं अन्य इलेक्ट्रॉनिक माध्यमों से सभी महिला पर्यवेक्षकाओं एवं आंगनबाड़ी सेविकाओं को भेजने के निर्देश दिए गए हैं ताकि आंगनबाड़ी सेविकाएँ गृह-भ्रमण के दौरान बच्चों के माता-पिता को दैनिक गतिविधि कैलेंडर के विषय में जानकारी दे सकें और माता-पिता आसानी से अपने घरों में बच्चों के साथ गतिविधि कर सके।

मनोरंजन के साथ शिक्षा :

आईसीडीएस के अपर मुख्य सचिव अतुल प्रसाद ने बताया कि कोरोना संक्रमण काल में ईसीसीई गतिविधियों की उपयोगिता बढ़ी है। आंगनबाड़ी केंद्र बंद होने के कारण बच्चे घर पर हैं। ऐसे में यह जरुरी है कि बच्चे खेल के माध्यम से भी शिक्षा ग्रहण करते रहें एवं उनका प्रारंभिक देखभाल घर पर ही सुनिश्चित किया जा सके। इस दिशा में ईसीसीई कैलेंडर काफ़ी प्रभावी साबित हो रहा है। इसमें पूरे महीने बच्चों के लिए विभिन्न गतिविधियों की चर्चा की गयी है। इससे बच्चे मनोरंजन के साथ पढेंगे भी।

दैनिक कैलेंडर में इन बातों को किया गया है शामिल :

दैनिक गतिविधि कैलेंडर यूनिसेफ एवं आईसीडीएस बिहार के संयुक्त सहयोग से निर्मित की गयी है. कैलेंडर में नियमित दिनचर्या में बच्चों के लिए मनोरंजक, स्वास्थ्यकर एवं खेल-कूद जैसी गतिविधियों को शामिल किया गया है। इस महामारी के दौरान बच्चे मानसिक रूप से परेशान हो सकते हैं। इसलिए बच्चों से बात करने के क्रम में माता-पिता का सकारत्मक दृष्टिकोण और ईमानदार रहना बहुत महत्वपूर्ण है। इसमें माता-पिता एवं देखभाल करने वाले महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर सकते हैं। दैनिक कैलेंडर में नियमित व्यायाम, खेल-कूद, चित्र बनाना, कहानी सुनाना, गीत गाना एवं रोल प्ले आदि क्रियाओं को उत्साहवर्धक बनाया गया है ताकि बच्चे यह महसूस कर सकें कि वह एक सुरक्षित और अनुकूल वातावरण में हैं।

टॉल फ्री नंबर पर लें जानकारी :

जिला कार्यक्रम पदाधिकारी डॉ. रश्मि वर्मा ने बताया आईसीडीएस निदेशालय ने आम जनता को पोषण और प्रारंभिक बाल्यावस्था देखभाल एवं शिक्षा के बारे में जागरूक करने के लिए एक हेल्पलाइन नंबर जारी किया है। कोई भी व्यक्ति टॉल फ्री नंबर 18001215725 पर फ़ोन कर पोषण और प्रारंभिक बाल्यावस्था देखभाल एवं शिक्षा (ईसीसीई) से जुड़ी जानकारियां घर बैठे प्राप्त कर सकते हैं।

पोषण के बारे में जन-जागरूकता के लिए यह टॉल फ्री नंबर जारी किया गया है। इस निःशुल्क हेल्पलाइन नंबर से बच्चों, गर्भवती एवं धात्री माताओं, किशोर-किशोरियों समेत पूरे परिवार के पोषण की जानकारी प्राप्त की जा सकती है। साथ ही इस हेल्पलाइन पर बच्चों के जीवन में शुरूआती वर्षों के महत्व, बच्चों के मस्तिष्क विकास की प्रकिया एवं प्रभावित करने वाले कारकों, प्रारंभिक बाल्यावस्था देखभाल एवं शिक्षा की अवधारणा एवं महत्व और 3-6 वर्ष के आयु के बच्चों की वृद्धि एवं विकास से जुड़ी हर जानकारी भी उपलब्ध है।

नवनिर्वाचित विधायक के आवास पर किसान सम्मेलन सह आभार सभा का आयोजन

मधुबनी : जिले के बिस्फी विधानसभा क्षेत्र के रघौली गांव में नवनिर्वाचित विधायक हरिभूषण ठाकुर बचौल के आवास पर किसान सम्मेलन सह आभार सभा आयोजित की गई। इस कार्यक्रम की अध्यक्षता रामसकल यादव किया। वहीं मंच राजकिशोर मिश्र बुलेट ने किया।

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मधुबनी भाजपा सांसद डॉ अशोक कुमार यादव ने कहा कि विरोधी दल कुष्ठिकरण की राजनीति करते हैं 2005 से बिहार में जो बदलाव हुए यह उन्हें नहीं दिखाई पड़ता है। यह खुशी की बात है कि यह बदलाव मतदाता स्वयं देख रहे हैं एवं उसी के अनुरूप भाजपा को अपना समर्थन भी दें रहें हैं। बिस्फी से उन्होंने इस बार भाजपा उम्मीदवार हरिभूषण ठाकुर बचौल को जीताकर जो ऐतिहासिक कार्य किया है हम आभार प्रकट करते हैं।

विधायक हरिभूषण ठाकुर बचौल ने कहा कि वे हमेशा लोगों के साथ रहेंगे एवं उन्हें विजयी दिलाने के लिए जनता का आभार व्यक्त किया।इस अवसर पर बिस्फी विधानसभा में एक से दस तक नंबर प्राप्त करने वाले पंचायतो को सम्मानित किया गया। मौके पर प्रदेश मंत्री सजल झा, जिलाध्यक्ष शंकर झा, जिला संगठन मंत्री अशोक सहनी, वैजनाथ यादव, प्रभांशु झा, सुनील मिश्रा, देवेंद्र यादव, पूर्व जिलाध्यक्ष घनश्याम ठाकुर, आदि ने भी संबोधित किया।