आर एस ए कार्यकर्ताओं के द्वारा कुलपति का घेराव एवं पुतला दहन
छपरा : आर एस ए कार्यकर्ताओं के द्वारा कुलपति का घेराव किया गया एवं पुतला दहन विश्वविद्यालय कैंपस में किया गया। उसके बाद विश्वविद्यालय के कुलपति सहित कई पदाधिकारियों ने संगठन के प्रतिनिधिमंडल से वार्ता किया। स्नातक प्रथम खंड नामांकन में छात्र- छात्राओं से महाविद्यालय के प्रिंसिपलओं के द्वारा निर्धारित शुल्क से अत्याधिक शुल्क वसूला जा रहा है एवं ऑनलाइन पेमेंट के नाम पर छात्रों का आर्थिक दोहन महाविद्यालय के प्रिंसिपलों के द्वारा टेक्निकल तरीको से अवैध पैसा वसूला जा रहा है। वही महाविद्यालयों में अलग-अलग पेमेंट वसूला जा रहा है।
जिस पर तुरंत रोक लगाया जाए। पीएचडी सेक्शन में कर्मचारियों के द्वारा बिना पैसा का कोई कार्य नहीं किया जा रहा है। पीएचडी शाखा में सीसीटीवी लगाया जाए। B.Ed, बीसीए के छात्रों का ओरिजिनल प्रमाण पत्र नहीं मिलता है। उसे तुरंत निर्गत किया जाए।’ पेट ‘ का आयोजन जल्द से जल्द किया जाए। पी जी आर सी की बैठक जल्द से जल्द बुलाई जाए। एफिलिएटेड महाविद्यालयों में परीक्षा प्रपत्र भरने एवं नामांकन में चार गुना निर्धारित शुल्क से अधिक छात्र-छात्राओं का आर्थिक दोहन किया जा रहा है। जिस पर तुरंत रोक लगाया जाए।
कुलपति से स्पष्ट रूप में संगठन के नेता अमरेश सिंह राजपूत ने कहा कि आप से बार-बार मिलने के बाद आवेदन दिया जाता है और आप करवाई नहीं करते हैं। प्रमाण के साथ भी कोई तथ्य दिया जाता है उसके बाद भी कार्रवाई नहीं किया जाता है। केवल आश्वासन देकर छोड़ दिया जाता है। ऐसा लगता है कि आपके संरक्षण में ही महाविद्यालय के प्रिंसिपल एवं विश्वविद्यालय के कर्मचारी आर्थिक भ्रष्टाचार को बढ़ावा दे रहे हैं। कुलपति सहित सभी पदाधिकारियों ने आश्वस्त किया कि जल्द सारे बिंदुओं पर कार्रवाई की जाएगी।
B.Ed ,बीसीए का ओरिजिनल प्रमाण पत्र निर्गत तुरंत होगा। पेट का परीक्षा फॉर्म जनवरी माह में भरा जाएगा। प्रिंसपलों की बैठक बुलाई जा रही है। ताकि छात्र छात्राओं का आर्थिक दोहन नहीं हो सके। पीजी आर सी की भी बैठक तुरंत होगी। संगठन के तरफ से संरक्षक मनीष पांडे मिंटू, अमरेश सिंह राजपूत ,विवेक कुमार विजय , संयोजक परमेंद्र सिंह कुशवाहा, परमजीत कुमार सिंह, राजन सिंह, अंशु सिंह, गोलू सिंह विकास सिंह, सौरभ गोलू छात्रसंघ अध्यक्ष मनीष सिंह, सुधांशु सिंह इत्यादि लोग थे।
किसानों को दिग्भ्रमित कर अपनी राजनीति करने की विपक्षियों की साजिश : रामदयाल शर्मा
छपरा : भारतीय जनता पार्टी के जिला अध्यक्ष रामदयाल शर्मा आज एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर जिला प्रवक्ता विवेक कुमार सिंह के हवाले से बताया की, कि किसानों को दिग्भ्रमित कर अपनी राजनीति करने की विपक्षियों की साजिश को भारतीय जनता पार्टी प्रत्येक विधानसभा में किसान महासम्मेलन कर विपक्षियों को बेनकाब करेगी श्री राम दयाल शर्मा ने बताया कि प्रत्येक विधानसभा में किसान महासम्मेलन के तैयारी हो चुकी है उनकी तिथियां निम्न है 18दिसंबर को छपरा विधानसभा में,19 दिसंबर बनियापुर, 20 दिसंबर गरखा और सोनपुर, 21 दिसंबर को माझी, 22 दिसंबर को एकमा, 23 दिसंबर को मढौरा, एवं 25 दिसंबर को तरैया में होना निश्चित हुआ।
इस किसान महासम्मेलन में हर विधानसभा में प्रदेश के नेता एवं मंत्री शामिल होंगे इसमें छपरा में स्वास्थ्य एवं पथ निर्माण मंत्री श्री मंगल पांडे जी रहेंगे एवं माझी में नंदकिशोर यादव जी मढौरा में पूर्व मंत्री प्रेम कुमार जी बनियापुर में पूर्व मंत्री प्रमोद जी, श्रीमती अमृता भूषण गरखा में सहित प्रदेश के अन्य गणमान्य नेता एवं स्थानीय विधायक सांसद और गणमान्य लोग पदाधिकारी सहित कार्यकर्ता इस सम्मेलन में रहेंगे इसके साथ ही जिला अध्यक्ष ने प्रत्येक विधानसभा के लिए सम्मेलन हेतु प्रभारियों की भी नियुक्ति की है।
क्रम है छपरा में श्रीमती गायत्री देवी ,बनियापुर में वीरेंद्र पांडे, गरखा में सुपन राय, सोनपुर में राजेश ओझा ,माझी में बृजमोहन सिंह, एकमा में सत्यानंद सिंह, मढौरा में श्रीमती तारा देवी, अमनौर में लालबाबू कुशवाहा, परसा में अनिल सिंह एव तरैया में मनोज गिरी को बनाया गया है। इस किसान महासम्मेलन बड़ी संख्या में किसान उपस्थित रहेगे उक्त विषय की जानकारी जिला प्रवक्ता विवेक कुमार सिंह ने दी।
50 हजार रुपया का कैंसर रोग मुख्यमंत्री सहायता चिकित्सा कोष स्वीकृत
छपरा : भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता सह सारण के सांसद श्री राजीव प्रताप रूडी के अनुशंसा पर राहुल कुमार पिता श्याम साह नयका लोहा टोला, रिविलगंज को 50 हजार रुपया का कैंसर रोग के लिय दुबारा मुख्यमंत्री सहायता चिकित्सा कोष से स्वीकृत कराया है। पीड़ित का इलाज इंदिरा गांघी आयुर्वेद संस्थान पटना में चल रहस है।
स्वीकृति पत्र सांसद श्री राजीव प्रताप रूडी के निर्देश पर बिहार भाजपा के क्रीड़ा प्रकोष्ठ के क्षेत्रीय प्रभारी धर्मेन्द्र सिंह चौहान, नगर भाजपा मंडल अध्यक्ष अनुरंज प्रसाद, पूर्व मंडल अध्यक्ष बिपिन बिहारी सिंह पूर्व जिला सैनिक प्रकोष्ठ के संयोजक कैप्टन श्याम देव साह, वार्ड प्रसाद मोहन मुरारी गुप्ता पीड़ित के हाथ में दिया है। स्वीकृति पत्र मिलने पर पीड़ित के परिवार ने सांसद श्री राजीव प्रताप रूडी के प्रति आभार प्रकट किया।
परिवार नियोजन में महिलाओं ने दिखाई दिलचस्पी
छपरा : विगत 5 सालों में जिले के 32 प्रतिशत से अधिक महिलाओं ने परिवार नियोजन के किसी भी साधन को अपनाने में दिलचस्पी दिखाई है। हाल ही में जारी किए गए राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण-5 द्वारा जारी किए गए नए आंकड़ों के अनुसार जिले में में कंडोम इस्तेमाल करने वाले लोगों की संख्या में भी 4 गुणा वृद्धि हुयी है, जो परिवार नियोजन कार्यक्रमों के जमीनी स्तर पर बेहतर क्रियान्वयन की तरफ इशारा कर रही है.बेहतर प्रजनन स्वास्थ्य एवं जनसंख्या स्थिरीकरण के लिए परिवार नियोजन कार्यक्रमों की सफलता बेहद मायने रखती है।
पांच वर्षों के अंतराल पर जारी होते हैं आंकड़ें :
स्वास्थ्य कार्यक्रमों के बेहतर क्रियान्वयन को लेकर सरकार का प्रयास अनवरत जारी है। लेकिन इन कार्यक्रमों का समुदाय स्तर पर कितना असर हुआ है इसे जानने के लिए आंकड़ों का सहारा लेना जरुरी हो जाता है। इस दिशा में प्रत्येक पांच वर्षों के अंतराल पर राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण स्वास्थ्य के विभिन्न सूचकांकों को लेकर आंकडें जारी करता है। हालांकि अभी तक राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण के 4 संस्करण के आंकडें ही उपलब्ध थे जो वर्ष 2015-16 में जारी किए गए थे. अब राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण के 5 वें संस्करण के आंकड़े जारी कर दिए गए हैं।
लगभग 41.1% महिलाएं अपना रही परिवार नियोजन साधन:
राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण-4(2015-16) के अनुसार पहले 8.7% महिलाएं ही परिवार नियोजन के किसी भी साधन को अपना रही थी, जो राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण-5(2019-20) के अनुसार अब बढ़कर 41.1% हो गयी. वहीं वर्ष 2015-16 में केवल 8 प्रतिशत महिलाएं ही परिवार नियोजन के आधुनिक साधनों का इस्तेमाल करती थी, जो वर्ष 2019-20 में बढ़कर 31.4% हो गयी। इस तरह परिवार नियोजन के किसी भी साधन को अपनाने में दोगुनी से अधिक एवं आधुनिक साधनों को अपनाने में लगभग दोगुनी वृद्धि दर्ज हुयी है।
महिला बन्ध्याकरण में भी 18.1% की वृद्धि :
जनसंख्या स्थिरीकरण के लिहाज से महिला बन्ध्याकरण एवं पुरुष नसबंदी की उपयोगिता काफी बढ़ जाती है। इस दिशा में अब भी महिलायें ही यह जिम्मेदारी निभा रही है। वर्ष 2015-16 में सिर्फ 5% महिलाओं ने बन्ध्याकरण कारवाई थी, जो वर्ष 2019-20 में बढ़कर 23.6% हो गयी. इस तरह विगत 5 सालों में लगभग 18.6% महिलाओं ने बन्ध्याकरण को अपनाया।
कंडोम इस्तेमाल पहले की तुलना में 3.2 प्रतिशत बढ़ा :
राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण-4 के अनुसार जिले में केवल 1.7% लोग ही कंडोम का इस्तेमाल करते थे, जो राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण-5 के मुताबिक अब बढ़कर 4.9% हो गयी है। इस तरह विगत पांच सालों में कंडोम इस्तेमाल के प्रति 4 गुना अधिक लोगों ने दिलचस्पी दिखाई है।
गर्भनिरोधक गोली एवं सुई के इस्तेमाल में भी बढ़ोतरी :
राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण-4 के अनुसार बिहार में 0.8% महिलाएं ही गर्भनिरोधक गोली का इस्तेमाल करती थी जो राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण-5 के अनुसार अब बढ़कर 1.7% हो गयी है. वहीं पहले 0.1% महिलाएं ही गर्भनिरोधक सुई का इस्तेमाल करती थी, जो अब बढ़कर 0.5% हो गयी है। इस बदलाव में नवीन गर्भनिरोधक गोली( छाया) एवं गर्भनिरोधक सुई( अंतरा) की शुरुआत का योगदान है।