भारतीय संस्कृति का प्रतीक है भारतीय संविधान-
दरभंगा : आज दिनांक 26 नवंबर 2020 को कुंवर सिंह महाविद्यालय लहरिया से दरभंगा परिसर में राष्ट्रीय सेवा योजना कुंवर सिंह महाविद्यालय इकाई द्वारा यूजीसी के पत्र में दिए गए दिशा निर्देश के आलोक में संविधान दिवस के अवसर पर कार्यक्रम आयोजित किया गया जिसकी अध्यक्षता प्रधानाचार्य डॉ मोहम्मद रहमतुल्लाह ने की। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रधानाचार्य डॉ मोहम्मद रहमतुल्लाह ने कहां आजाद भारत के इतिहास में 26 नवंबर का दिन खास है यही वह दिन है जब गुलामी की जंजीरों से आजाद होकर पुरे आजाद अस्तित्व को आकार देने का प्रयास कर रहे राष्ट्र ने संविधान को अंगीकार किया था इसी दिन संविधान सभा ने इसे अपनी स्वीकृति दी थी, इसी वजह से इस दिन को संविधान दिवस के तौर पर मनाया जाता है।
भारत में बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर के नेतृत्व में 2 साल 11 महीने और 18 दिन के लंबी मेहनत के बाद संविधान तैयार किया गया था। भारतीय संविधान देश के सभी नागरिकों को हर क्षेत्र में समानता का अधिकार देता है। 26 नवंबर 1949 को भारत का संविधान तैयार हुआ था और साल 1950 में 26 जनवरी के दिन इसे लागू किया गया था। राष्ट्रीय सेवा योजना के कार्यक्रम पदाधिकारी डॉ अशोक कुमार सिंह ने कहा भारतीय संस्कृति में अधिकारों और कर्तव्यों के संतुलन से मानवीय गरिमा की रक्षा भारतीय संविधान में उल्लेखित है ।किसी भी लोकतांत्रिक देश का संविधान उसके समस्त नागरिकों की आजादी की मर्यादा है।हमारा संविधान हमसे इस की गरिमा की रक्षा की अपेक्षा करता है।
कार्यक्रम के अंत में प्रधानाचार्य डॉ मोहम्मद रहमतुल्लाह ने सभी शिक्षकों, कर्मचारियों, छात्र-छात्राओं एवं राष्ट्रीय सेवा योजना के स्वयंसेवकों को भारत का संविधान का शपथ दिलाएं ।इस कार्यक्रम में डॉक्टर खालिद सज्जाद, डॉक्टर शांभवी, डॉ अभिषेक राय, डॉक्टर विनीत श्रीवास्तव, डॉक्टर अमित कुमार, डॉ विजय कुमार, कर्मचारी संघ के नेता हर्षवर्धन कुमार सिंह, विनोद कुमार सिंह, चंद्रशेखर सिंह, अमित कुमार सिंह, फूल मंडल, प्रेम कुमार, विश्वनाथ पासवान, सहित राष्ट्रीय सेवा योजना के स्वयंसेवक एवं छात्र छात्राओं ने संविधान दिवस के अवसर पर कार्यक्रम में भाग लेकर शपथ लिया।
भारतीय संविधान दिवस के पावन अवसर पर किया गया विचार गोष्ठी का आयोजन
दरभंगा : आज दिनांक 26 नवंबर 2020 को राष्ट्रीय सेवा योजना के तत्वावधान में भारतीय संविधान दिवस के पावन अवसर पर भारतीय संविधान की प्रस्तावना वाचन एवं प्रस्तावना के वैचारिक मूल्यों पर विचार गोष्ठी का आयोजन ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय के सभागार में किया गया। सर्वप्रथम माननीय कुलपति प्रोफ़ेसर सुरेंद्र प्रताप सिंह ने प्रस्तावना का वाचन कराया और अपने उद्बोधन की शुरुआत करते हुए कहा कि,” कुछ बात है कि हस्ती, मिटती नहीं हमारी। सदियों रहा है दुश्मन, दौर- ए-जमां हमारा”। वस्तुतः भारतीय संविधान आज 71वें वर्ष में प्रवेश कर रहा है लेकिन आज भी भारतीय संविधान अविचल स्थिर और भारतीय जनता की आस्था और आकांक्षा का प्रतीक बना हुआ है।
इसके पीछे कारण है भारतीय संविधान का मूलतः तीन खंभों कार्यपालिका, विधायिका, और न्यायपालिका पर खड़ा होना। भारत जैसे देश में सरकार के तीन खंभों को संतुलित करने के लिए मीडिया हमेशा सजग रहा है जो तीनों अंगों को अपनी सीमा और मर्यादा में रहने को विवश करता है। इसीलिए पत्रकारिता को प्रजातंत्र का चतुर्थ स्तंभ कहा गया है । यही कारण है कि भारत का संविधान राष्ट्र की एकता और अखंडता को अक्षुण्ण बनाए रखने में पूरी तरह सक्षम रहा है और संविधान के स्थायित्व का सबसे बड़ा कारण भी यही है। संविधान दिवस के अवसर पर माननीय प्रतिकुलपति महोदया प्रोफेसर डौली सिन्हा ने कहा कि भारतीय संविधान के स्थायित्व का सबसे बड़ा कारण संविधान संशोधन है। अब तक संविधान में 114 संशोधन हो चुके हैं।
समय और युग परिवर्तन की मांग के कारण संविधान में परिवर्तन देश की जनता की आस्था को और अधिक बद्धमूल करता है। दूसरी बात यह कि संविधान की प्रस्तावना में बंधुता शब्द सभी भारतीय को भावात्मक एकता और अखंडता के सूत्र में जोड़े रखती है। इस विचार गोष्ठी के मुख्य वक्ता के रूप में प्रोफेसर अनिल कुमार झा ने अपने वक्तव्य में कहा कि प्रस्तावना संविधान का दर्पण है इसमें संपूर्ण भारतीय सभ्यता और संस्कृति का चित्र उत्कीर्ण है। उन्होंने आगे कहा कि भारत के संविधान की प्रस्तावना का ड्राफ्ट पंडित जवाहरलाल नेहरू ने तैयार किया था जो अमेरिका के संविधान की प्रस्तावना पर आधारित है। हमारे देश के संविधान निर्माताओं ने भारत की प्राचीन संस्कृति से लेकर अद्यतन तक के मूल्यों, आदर्शों, मर्यादाओं और उदार चित्र को समाहित किया है। इस विचार गोष्ठी में अपने वक्तव्य में कुलसचिव प्रोफेसर मुस्ताक अहमद ने कहा कि 26 नवंबर 1949 का दिन ऐतिहासिक रहा है।
इस दिन ही भारत के विशाल संविधान को पूरा किया गया। प्रस्तावना भारतीय नागरिकों के अधिकारों का विशाल कोश है जिसमें 1976 के 42 वें संशोधन में पंथनिरपेक्ष शब्द जोड़कर और भी अधिक प्रासंगिक बनाया गया है। इस विचार गोष्ठी में विषय प्रवेश कराते हुए राजनीति विज्ञान के प्रभारी अध्यक्ष प्रोफेसर मुनेश्वर यादव ने कहा कि भारत का संविधान विशिष्ट और व्यापक है। आवश्यकता इस बात की है कि हम अपने कर्त्तव्यों के प्रति सजग और सचेत रहेंगे तभी संविधान के प्रति हमारी आस्था और भी मजबूत होगी। वस्तुतः कर्तव्यों के निर्वहन से ही अधिकारों की गंगा निकलती है।
इस कार्यक्रम में प्रोफेसर शीला विज्ञान संकायाध्यक्ष, सामाजिक विज्ञान संकायाध्यक्ष डॉ. गोपी रमण सिंह, ललित कला संकायाध्यक्ष डॉ. पुष्पम नारायण , हिंदी विभागाध्यक्ष डॉ. राजेंद्र साह, संस्कृत विभागाध्यक्ष डॉ. जीवानंद झा, पूर्व संकायाध्यक्ष डा. लावण्या कीर्ति सिंह काव्या, अर्थशास्त्र विभागाध्यक्ष प्रोफेसर हिमांशु शेखर, डीडीए के निदेशक प्रोफेसर अशोक मेहता, सहायक निदेशक डॉक्टर शंभू प्रसाद, वित्त पदाधिकारी सैयद फजले रहमान, उप कुलसचिव प्रथम- डा राजीव कुमार, परीक्षा नियंत्रक डॉक्टर एस.एन. राय, गणित विभागाध्यक्ष डॉ.एन. के. अग्रवाल सहित विश्वविद्यालय के सभी पदाधिकारी एवं कर्मचारीगण उपस्थित थे। इस कार्यक्रम का संचालन प्रोफेसर मुनेश्वर यादव एवं धन्यवाद ज्ञापन एन. एस. एस समन्वयक डा. आनंद प्रकाश गुप्ता ने किया।
रसायन विज्ञान के शिक्षण एवं रासायनिक अनुसंधान में वर्तमान प्रगति“ विषय पर अन्तर्राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन
दरभंगा : रसायन विज्ञान विभाग, एम0 एल0 एस0 एम0 काॅलेज, दरभंगा द्वारा रसायन विज्ञान के शिक्षकों का राष्ट्रीय अधिवेशन-2020 एवं “रसायन विज्ञान के शिक्षण एवं रासायनिक अनुसंधान में वर्तमान प्रगति“ विषय पर अन्तर्राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन दिनांक 29, 30 नवम्बर एवं 01 दिसम्बर 2020 को किया जाएगा। यह आयोजन अशोसिएसन आॅफ केमिस्ट्री टीचर्स ब्ध्व होमी भाभा विज्ञान शिक्षण केन्द्र (टाटा मूलभूत अनुसंधान संस्थान, मुम्बई) के द्वारा अपने 20 वें स्थापना वर्ष के उपलक्ष्य में किया जा रहा है। रसायन विज्ञान विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो0 प्रेम मोहन मिश्र इस आयोजन के राष्ट्रीय संयोजक मनोनीत किये गये हैं।
इस समारोह में देश एवं विदेशों ( अमेरिका, कनाडा, मारीशस, स्पेन, इंगलैण्ड आदि ) के विश्वप्रसिद्ध संस्थानों के विद्वानों को आमंत्रित किया गया है तथा देश एवं विदेशों के लगभग डेढ़ दर्जन रसायन विज्ञान के अन्तर्राष्ट्रीय विद्वानो ने अपनी सहभागिता देने की सहमति दी है।अधिवेशन मे वक्ताओं के भाषण के अतिरिक्त रसायन विज्ञान के शिक्षकों, शोधार्थियों एवं छात्रों के द्वारा उनके अनुसंधान से सम्बन्धित पोस्टर भी प्रदर्शित किए जाएँंगे।
कार्यक्रम के प्रथम दिन 29/11/2020 को दिन के 11 बजे संयुक्त कार्यक्रम का उदधाटन मिशिगन स्टेट यूनिवर्सीटी, अमेरिका की प्रोफेसर एवं अमेंरिकन केमिकल सोसायटी की निर्वाचित अध्यक्ष प्रो0 एंंिजला विल्सन करेंगी। इस समारोह के विशिष्ट अतिथि होंगे ल0 ना0 मि0 वि0 के माननीय कुलपति प्रो0 एस0 पी0 सिंह एवं होमी भाभा विज्ञान शिक्षन केन्द्र (टाटा मूलभूत अनुसंधान संस्थान ;ज्प्थ्त्द्ध मुम्बई के निदेशक प्रो0 के सुब्रहमण्यम। अध्यक्षता करेंगे एसोसिएशन के अध्यक्ष प्रो0 ब्रजेश पारे। तकनीकी सत्र की मुख्यवक्ता प्रो0 एंजिला विल्सन होंगी तथा अन्य वक्ता भारतीय विज्ञान संस्थान के एस0 ई0 आर0 बी0 डिस्टींग्वीस्ड फेलो प्रो0 के0 चन्द्रशेखरन तथा मारिशस विश्वविद्यालय के प्रो0 पन्नादुरई रामासामी।
इस अवसर पर सम्मेलन के सोवेनियर, असोसिएसन के 20 वर्षो के कार्यकलापो का संकलन एवं डा0 सुभाष प्रसाद सिंह द्वारा निर्मित आवर्तसारणी का लोकार्पण भी किया जाएगा। साथ ही असोशिएसन के द्वारा विभिन्न कोटि के रसायन विज्ञान के 6 शिक्षकों को सम्मानित किया जाएगा एवं दो शिक्षकों को लाइफ टाइम एचीभमेंट एवार्ड दिया जाएगा जिसकी घोषणा संस्थापक महासचिव प्रो0 डी0 भी0 प्रभु करेंगे। इसके अतिरिक्त प्रतिभागियों के शोध आलेखों के मौखिक व्याख्यान एवं पोस्टर की भी प्रस्तुति होगी।इसके बाद अशोसिएसन आॅफ केमिस्ट्री टीचर्स की कार्यकारिणी की बैठक आयोजित की जाएगी।
कार्यक्रम के दुसरे दिन 30/11/2020 को किंग विश्वविद्यालय एडमोन्टोन, कनाडा के प्रो0 पीटर महाफी, केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा वोर्ड (सी0 बी0 एस0 ई0) नई दिल्ली के निदेशक प्रो0 विश्वजीत साहा, इन्दिरागाॅधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय नागपुर के क्षेत्रीय निदेशक पी0 शिव स्वरूप, एलीकेन्टे विश्वविद्यालय स्पेन के प्रोफेसर तथा इन्टरनेशनल यूनियन ऑफ प्यौर एण्ड अप्लाईड केमिस्ट्री (आई0 यू0 पी0 ए0 सी0) के निर्वाचित अध्यक्ष जेवियर गार्सिया मार्टिनेज, रोयाल सोसायटी ऑफ लंदन, इंग्लैण्ड के अध्यक्ष तथा इम्पिरियल काॅलेज, लंदन के प्रो0 टाॅम वेल्टन के आलेखों की प्रस्तुति होगी। प्रतिभागियों के शोध आलेखों का मौखिक एवं पोस्टर की प्रस्तुति की जाएगी। अन्त में अशोसिएसन आॅफ केमिस्ट्री टीचर्स के आजीवन सदस्यों की आम सभा आयोजित की जाएगी।
कार्यक्रम के अंतिम दिन 01/12/2020 को एन्थ्रा टेक्नोलाजी कन्सल्टींग, टेक्सस, अमेरिका के प्रिन्सिपल पोलिमर कन्सल्टेन्ट, डा0 वेंकट नारायण, भारतीय विज्ञान शिक्षण एवं अनुसंधान संस्थान (आई0 आई0 एस0 ई0 आर0) कोलकाता, के निदेशक प्रो0 सौरभ पाल, प्छै। वरीय वैज्ञानिक एवं भारतीय विज्ञान शिक्षण एवं अनुसंधान संस्थान (आई0 आई0 एस0 ई0 आर0) पुणे के प्रो0 एस0 शिवराम, होमी भाभा विज्ञान शिक्षण केन्द्र (टाटा मूलभूत अनुसंधान संस्थान, मुम्बई) के अंकुश गुप्ता, ब्राईटोन विश्वविद्यालय इंगलैण्ड के एंडी चान्डलर ग्रीभेट की प्रस्तुति होगी। समापन समारोह के मुख्य अतिथि इन्दिरागाॅधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो0 नागेश्वर राव एव ंविशिष्ट अतिथि ल0 ना0 मि0 वि0 के प्रतिकुलपति प्रो0 डाली सिन्हा होंगी। लगभग एक हजार प्रतिभागियों का निबंधन हो चुका है।
बी० एड० माईनरिटी कॉलेज में प्रवेश लेने हेतु अल्पसंख्यक समुदाय (मुस्लिम/ईसाई) के अभ्यर्थियों के लिए 50% स्थान आरक्षित
दरभंगा : बी० एड० में नामांकन हेतु नामित नोडल विश्वविद्यालय के राज्य नोडल पदाधिकारी प्रोफ़ेसर अजीत कुमार सिंह ने बताया कि सेट-बेड-2020 की परीक्षा में उत्तीर्ण वैसे अभ्यर्थी जो अल्पसंख्यक समुदाय (मुस्लिम/इसाई) से आते हैं तथा अल्पसंख्यक हेतु आरक्षित सीटों पर माईनरिटी कॉलेज में प्रवेश लेना चाहते हैं, जहां 50% स्थान अल्पसंख्यक के लिए आरक्षित है, वेबसाईट- http://www.bihar-cetbed-lnmu.in पर अपने क्रेडेंशियल से log in कर कॉम्युनिटी एवं कॉलेज का चयन 26.11.2020 से 30.11.2020 तक कर सकते हैं 30.11.2020 के बाद वेबसाईट पर यह सुविधा उपलब्ध नहीं रहेगा I माईनरिटी कॉलेज की सूची वेबसाईट पर उपलब्ध हैI
जिसे देखकर अभ्यर्थी अपने चयन की प्रविष्टि कर सकते हैं I बिहार प्रदेश में लगभग 21 महाविद्यालय माईनरिटी कॉलेज है I प्रदेश के माईनरिटी बी. एड. महाविद्यालयों में 50% स्थान संबंधित समुदाय के सेट-बेड-2020 परीक्षा उत्तीर्ण अभ्यर्थियों के लिए आरक्षित हैं, परंतु इस हेतु सेट-बेड-2020 की परीक्षा उत्तीर्ण होना आवश्यक है I प्रदेश के सभी मान्यता प्राप्त B.Ed. महाविद्यालयों में सेट-बेड-2020 उत्तीर्ण अभ्यर्थियों का नामांकन उनकी मेघा के आलोक में नोडल विश्वविद्यालय ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय की अनुशंसा पर ही की जानी है I
राज्य नोडल पदाधिकारी श्री सिंह ने यह जानकारी दी कि दिनांक 10, 11, 12, 23, 24 एवं 25 नवम्बर को संपन्न counselling द्वारा नामंकन हेतु अनुशंसित अभ्यर्थियों को दिनांक 27.11.2020 तक आवंटित बीएड महाविद्यालयों में नामांकन ले लेना है अन्यथा उनका नामांकन का दावा समाप्त हो जायेगा I बी. एड. महाविद्यालयों के द्वारा अपने क्रेडेंशियल से वेबसाइट http://www.bihar-cetbed-lnmu.in पर लॉगइन कर नामांकन स्थिति को अद्यतन करना है I तदनुसार दिनांक 28.11.2020 को प्रदेश के विभिन्न बी. एड. महाविद्यालयों में नामांकित अभ्यर्थियों की सूची वेबसाइट पर प्रदर्शित कर दी जाएगी तथा दिनांक 01.12.2020 को अभ्यर्थी दूसरे दौर के आवंटित महाविद्यालय के नाम, वेबसाइट पर अपने क्रेडेंशियल से लॉगिन कर देख सकता हैं I दूसरे दौर के आवंटित महाविद्यालयों की Counselling प्रक्रिया 11.12.2020 से 14.12.2020 तक निर्धारित है, जिसकी विस्तृत विवरण सूची तथा एतद सम्बन्धी एवं सूचनाएं वेबसाइट पर उपलब्ध हैं I अभ्यर्थिगण वेबसाइट पर अपलोड सुचनाओं से सभी जानकारी हासिल कर सकते हैं I
बिहार के 325 कॉलेजों में बी०एड० एडमिशन के लिए काउंसलिंग और पेपर वेरिफिकेशन का कार्य दिनांक 10, 11, 12, 23 और 24 नवंबर को बिहार के विभिन्न 14 सहभागी विश्वविद्यालयों में नोडल ऑफिसर के निरीक्षण में निष्पादित किया गयाI पेपर वेरिफिकेशन प्रक्रिया में कुल 15421 विद्यार्थियों ने नामांकन लिया, 846 विद्यार्थियों ने ब्लॉक एंड अपग्रेड ऑप्शन का चयन किया, 10890 विद्यार्थियों ने सेकंड काउंसलिंग का चयन कियाI
उन्होंने बताया कि सारी प्रक्रिया ऑनलाइन सिस्टम से की जानी है, जिसके तहत सहभागी विश्वविद्यालय के नोडल पदाधिकारी ने पेपर वेरिफिकेशन सह काउंसलिंग का कार्य अपने डैशबोर्ड से संपन्न कर कॉलेज के डैशबोर्ड पर प्रेषित कर दिया हैI अब कॉलेजों की जिम्मेवारी बनती है कि वे ससमय अपने डैशबोर्ड से लॉगइन कर नामांकित छात्रों का नामांकन स्वीकार कर डैशबोर्ड पर अपडेट करेंI यह कार्य दिनांक 27 नवंबर तक संपन्न किया जाना है, जिससे राज्य नोडल पदाधिकारी के कार्यालय को यह डाटा ससमय प्राप्त हो जाए कि कॉलेज में कितने नामांकन संपन्न हुए और कितने रिक्त रह गएI इसके बाद दूसरे काउंसलिंग प्रक्रिया प्रारंभ की जाएगीI दूसरी काउंसलिंग का लिस्ट वेबसाइट पर दिनांक 1 दिसंबर को प्रकाशित कर दी जाएगीI