सरदार वल्लभ भाई पटेल के जन्म दिवस पर मनाया गया राष्ट्रीय एकता दिवस
दरभंगा : आज दिनांक 31 अगस्त 2020 को ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय के सभागार में लौह पुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल के जन्म दिवस के पावन और पुनीत अवसर पर राष्ट्रीय एकता दिवस मनाया गया। इस अवसर पर माननीय कुलपति प्रोफेसर सुरेंद्र प्रताप सिंह की अध्यक्षता में राष्ट्र की एकता और अखंडता को अक्षुण्य बनाए रखने के लिए शपथ समारोह कार्यक्रम का आयोजन किया गया। अपने अध्यक्षीय संबोधन में माननीय कुलपति महोदय ने कहा कि लौह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल का संपूर्ण जीवन राष्ट्र की एकता और अखंडता को अक्षुण्य बनाए रखने के लिए समर्पित रहा है।
वर्तमान युवा पीढ़ी को उनके जीवन संघर्ष से प्रेरणा लेने की आवश्यकता है। कुलसचिव डा मुस्ताक अहमद ने लौह पुरुष सरदार पटेल जी के जीवन वृत्त को प्रकाश पुंज कहा और कहा कि राष्ट्र की अस्मिता को अक्षुण्य बनाए रखने में उनका योगदान अविस्मरणीय रहा है। माननीय कुलपति महोदय ने विश्वविद्यालय के पदाधिकारियों एवं कर्मचारियों को राष्ट्र की एकता और अखंडता की रक्षा के लिए शपथ दिलाया। इस शपथ समारोह में माननीया प्रति कुलपति प्रोफ़ेसर डॉली सिन्हा, पूर्व कुलसचिव एवं विश्वविद्यालय वाणिज्य विभाग के प्रोफेसर अजीत कुमार सिंह, वित्त पदाधिकारी श्री फजले रहमान, उप कुलसचिव प्रथम डॉ राजीव कुमार, उप कुलसचिव द्वितीय डॉक्टर अखिलेश्वर प्रसाद सिंह, सी सी डी सी डॉ सुरेंद्र कुमार, विकास पदाधिकारी प्रोफेसर के के साहू, भू संपदा पदाधिकारी डॉ विजय यादव, परीक्षा नियंत्रक डॉ एस एन राय , गणित विभागाध्यक्ष प्रो एन के अग्रवाल, दूरस्थ शिक्षा निदेशालय के सहायक निदेशक डॉ शंभू प्रसाद, उपनिदेशक डॉ अखिलेश मिश्रा , डॉ विनोद बैठा सहित अनेक पदाधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन डॉ आनंद प्रकाश गुप्ता ने किया।
एकता के वल पर बलवान शत्रु को भी पराजित किया जा सकता है : डॉ0 मो0 रहमतुल्लाह
दरभंगा : आज दिनांक 31. अक्टुवर 2020 को कुँवर सिंह महाविद्यालय में राष्ट्रीय एकता दिवस सरदार वल्लभ भाई पटेल की जयंती पर कुँवर सिंह महाविद्यालय राष्ट्रीय सेवा योजना के तत्वाधान में हर्ष उल्लास के साथ मनाया गया। इय मौके पर डॉ0 मो0 रहमतुल्लाह ने कहा की हमारा देश विभिन्न संस्कृतियों का देश है जो समूचे विश्व में अपनी एक अलग पहचान रखता है। अलग.अलग संस्कृति और भाषाएं होते हुए भी हम सभी एक सूत्र में बंधे हुए हैं तथा राष्ट्र की एकता व अखंडता को अक्षुण्ण रखने के लिए सदैव तत्पर रहते हैं। संगठन ही सभी शक्तियों की जड़ हैएएकता के बल पर ही अनेक राष्ट्रों का निर्माण हुआ है प्रत्येक वर्ग में एकता के बिना देश कदापि उन्नति नहीं कर सकता। एकता में महान शक्ति है। एकता के बल पर बलवान शत्रु को भी पराजित किया जा सकता है।
राष्ट्रीय एकता का मतलब ही होता है ए राष्ट्र के सब घटकों में भिन्न.भिन्न विचारों और विभिन्न आस्थाओं के होते हुए भी आपसी प्रेमए एकता और भाईचारे का बना रहना। राष्ट्रीय एकता में केवल शारीरिक समीपता ही महत्वपूर्ण नहीं होती बल्कि उसमें मानसिक बौद्धिक वैचारिक और भावात्मक निकटता की समानता आवश्यक है।
राष्ट्रीय सेवा योजना के सवन्यक डॉ0 अशोक कुमार सिंह ने अपने संबोधन में कहा की भारत विभिन्न संस्कृतिय धर्मों और सम्प्रदायों का संगम स्थल है। यहां सभी धर्मों और सम्प्रदायों को बराबर का दर्जा मिला है। हिंदु धर्म के अलावा जैन मुस्लिम बौद्ध और सिक्ख धर्म का उद्भव यहीं हुआ है। अनेकता के बावजूद उनमें एकता है। यही कारण है कि सदियों से उनमें एकता के भाव परिलक्षित होते रहे हैं। शुरू से हमारा दृष्टिकोण उदारवादी है। हम सत्य और अहिंसा का आदर करते हैं। इस मौके पर उन्होने सदार वल्लभ पटेल के जयंती के अवसर पर विन्रम श्रदांजलि अर्पित किया।
सभा को प्रधानाचार्य डॉ0 मो0 रहमतुल्लाह के द्वारा छात्र/छात्राए शिक्षक एवं शिक्षकेत्तर कर्मचारियों को राष्ट्रीय एकता दिवस शपथ दिलाय के मै सत्यनिष्ठा से शपथ लेता हूँ में राष्ट्र की एकता अखंडता और सुरक्षा को बनाए रखने के लिए स्वयं को समर्पित करूंगा और अपने देशवासियों के बीच यह संदेश फैलाने का भी भरसक प्रयत्न करूंगा। मैं यह शपथ अपने देश की एकता की भावना से ले रहा हूँ। जिसे सरदार बल्लभभाई पटेल की दूररर्शिता एवं कार्यो द्वारा संभव बनाया जा सका। मैं अपने देश की आंतरिक सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए अपना योगदान करने का भी सत्यनिष्ठा से संकक्ल्प करता हॅँ। इस मौके पर राष्ट्रीय सेवा योजना के स्वयंसेवक शिक्षक व कर्मचारी ने अपना भरपूर योगदान दिया है