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18 नवंबर : सारण की मुख्य खबरें

मृत परिवार के परिजनों को भोला सिंह ने दिया सामग्री

छपरा : मृत परिवार के परिजनों को धर्मेंद्र सिंह के सौजन्य से सामग्री देते हुए भोला सिंह रिविलगंज सिताबदियारा के कैलाश गौड़ जो आलेख टोला, सिताबदियारा के रहने वाले थे। उनका बनारस में रोड एक्सीडेंट हो गया था। जिससे उनके सर में भयंकर चोट हो गई थी वहां बनारस अस्पताल में इलाज के दरमियान मौत हो गई इनकी स्थिति ठीक नहीं थी।

धर्मेंद्र सिंह समाजसेवी ने कहा कि स्वर्गीय कैलाश गौड़ सिताब दियारा में एक अच्छे हमारे कार्यकर्ता हैं और वह हर एक सामाजिक कार्यों में बढ़ चढ़ के समाज सेवा के प्रति जागरूक रहते थे उनकी मौत पर हमारे सभी सदस्यों को बहुत ही दुख है उनके बच्चे और पत्नी बहुत ही गरीबी हालत में अपना जीवन यापन कर रहे थे मदद के तौर पर धर्मेंद्र सिंह समाजसेवी ने आटा,चावल,आलू, प्याज,मसाला,तेल,रिफाइन,और आर्थिक मदद की वहीं भोला सिंह ने कहा कि धर्मेंद्र सिंह समाजसेवी 6 -7 सालों से गरीबों की सेवा करते आ रहे हैं सिताबदियारा की हर एक समस्याएं किसी के दुख में इलाज में या कोई भी ग्रामीण समस्याएं सड़क, नल जल, स्वास्थ्य, शिक्षा पर यह हमेशा मदद करते रहते हैं और सिताबदियारा के प्रत्येक गांव वासी इन्हें दिल से प्यार करता है वहां पर ग्रामीणों के उपस्थिति में सभी सामग्री दी गई।

महिला जवान बिहार संपर्क क्रांति ट्रेन से फिसल कर गिरी

छपरा : नगर थाना में पदस्थापित बिहार पुलिस के महिला जवान बिहार संपर्क क्रांति ट्रेन से फिसल कर गिर गई। जिसके कारण वह गंभीर रूप से घायल हो गई। वही घटनास्थल से रेल पुलिस के द्वारा उठाकर छपरा सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया है जहां इलाज चल रहा है। घायल महिला जवान की पहचान मधुबनी जिला निवासी थाना अंधराठाढ़ी गांव दन्धुआर निवासी इंद्र काला कुमारी के रूप में की गई है।

इनरव्हील क्लब छपरा द्वारा लोक आस्था का महापर्व छठ को लेकर किया गया साफ-सफाई

छपरा : इनरव्हील क्लब छपरा द्वारा लोक आस्था का महापर्व छठ व्रत के लिए राजेंद्र सरोवर की साफ-सफाई किया गया। चार दिनों का अनुष्ठान आज नहाए खाए से प्रारंभ हो रहा है।ज्ञात हो कि प्रति वर्ष यहां पर छठ व्रती सूर्य को अर्घ देने के लिए काफी संख्या व्रती में एकत्र होते हैं। इस व्रत में साफ सफाई का अत्यंत ही महत्व रहता है। क्लब अध्यक्ष वीणा सरन और पूर्व अध्यक्ष अलका जैन ने स्वयं उपस्थित होकर साफ सफाई की देखरेख किया और सहयोग भी दिया। इस अवसर पर क्लब द्वारा 21 साड़ियां और फल भी छठव्रतियों के बीच बाँटी गई। इस आशय की जानकारी क्लब एडिटर आशा शरण ने दिया।

सोनपुर के बेटी छपरा की बहू संजना जालान ने छठ गीत गाकर यूट्यूब चैनल पर मचाई धमाल

छपरा : सोनपुर के बेटी छपरा की बहू संजना जालान ने बहुत ही सुंदर छठ गीत गाकर यूट्यूब चैनल पर धमाल मचा दिया है। बिहार से पश्चिम बंगाल कोलकाता जाने के पश्चात भी अपनी बिहार की संस्कृति को जीवित किए हुए हैं। संजना जालान चाहती तो फिल्मी दुनिया में भी प्यार भरे गीत गाकर नाम कमा सकती थी, लेकिन उन्होंने भोजपुरी की मिठास की विरासत को बचाए रखने के लिए भोजपुरी में छठ गीत को प्राथमिकता दी है। संजना जालान ने बताया शादी के बाद भी उनके इस शौक को जिंदा रखने के लिए पति नवल जालान के प्रति आभार जताते हुए कहा उन्होंने हर कदम पर मेरी हौसला अफजाई की है तथा हर कदम पर मेरा साथ दिया है, उनकी बदौलत ही मैं आज गायिका के रूप में स्थापित हो सकी हूँ।

सर्दी के मौसम में बच्चों को निमोनिया का ख़तरा बच्चें रहें सतर्क़ : डॉ माधवेश्वर झा

छपरा : सर्दी के मौसम में बच्चों को निमोनिया का अधिक ख़तरा होता है। इसलिए इस मौसम में बच्चों को निमोनिया से बचाव पर अधिक ध्यान देने की जरूरत होती है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार बच्चों में होने वाली मौतों में निमोनिया एक प्रमुख कारण है. विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार विश्व भर में प्रति वर्ष 5 वर्ष से कम आयु के लगभग 13 लाख बच्चों की जान केवल निमोनिया के कारण चली जाती है, जो कुल होने वाली मौतों का लगभग 18 प्रतिशत है। इस दिशा में सरकार ने निमोनिया से बचाव के लिए नियमित टीकाकरण में पीसीवी टीके को शामिल किया है। यह टीका निमोनिया से बचाव में काफ़ी असरदार है।

ठंड के मौसम में अधिक ख़तरा:

सिविल सर्जन डॉ माधवेश्वर झा ने बताया कहा कि बदलते मौसम में शिशुओं की बेहतर देखभाल जरूरी है। इस मौसम में शिशुओं में निमोनिया होने का खतरा अधिक हो जाता है। निमोनिया एक संक्रामक रोग है जो एक या दोनों फेफड़ों के वायु के थैलों को द्रव या मवाद से भरकर उसमें सूजन पैदा करता है। इससे बलगम वाली खांसी, बुखार, ठंड लगना और सांस लेने में तकलीफ हो सकती है। निमोनिया साधारण से जानलेवा भी हो सकता है। इसलिए इस मौसम में शिशुओं को ठंड से बचाना चाहिए। इससे बचाव के लिए पीसीवी का टीका बच्चे को जरुर लगवाना चाहिए।

शिशुओं व 65 वर्ष उम्र से अधिक व्यक्तियों को खतरा:

आमतौर पर निमोनिया से शिशुओं, बच्चों एवं 65 वर्ष से ऊपर आयु वाले लोगों या कमजोर प्रतिरोधक प्रणाली वाले लोगों को अधिक ख़तरा होता है। यह एक संक्रामक रोग है जो छींकने या खांसने से फ़ैल सकता है। जिले में सर्दी के मौसम के शुरुआत से ही बच्चों में निमोनिया एवं ठंड से जुडी अन्य बीमारियों में बढ़ोतरी हुयी है ।

निमोनिया के प्रकार-

• बैक्टीरियल निमोनिया: यह विभिन्न प्रकार के बैक्टीरिया के कारण होता है। इससे कमजोर प्रतिरक्षण प्रणाली वाले लोगों, कुपोषित बच्चे तथा बीमार लोगों को अधिक ख़तरा होता है।

• वायरल निमोनिया: इस प्रकार का निमोनिया फ्लू सहित विभिन्न वायरस के कारण होता है तथा इससे बैक्टीरियल निमोनिया होने की संभावनाएं भी बढ़ जाती हैं।
• माइक्रोप्लाज्मा निमोनिया- इसके लक्षण अलग होते हैं और इसे एटीपीकल निमोनिया कहा जाता है। यह आम तौर पर हलके परन्तु बड़े पैमाने पर निमोनिया का कारण बनता है जो सभी आयु समूहों को प्रभावित करता है।

• एसपीरेशन निमोनिया: यह किसी भोजन, तरल पदार्थ, गैस या धुल से होता है. निमोनिया के इस प्रकार को कभी -कभी ठीक करना मुश्किल हो जाता है क्यूंकि इससे ग्रसित लोग पहले से ही बीमार होते हैं।

• फंगल निमोनिया: इस प्रकार का निमोनिया विभिन्न स्थानीय कारणों से होता है तथा इसका निदान काफी कठिन होता है।

निमोनिया के लक्षण-

 बलगम वाली खांसी
 कंपकपी वाला बुखार
 सांस लेने में तकलीफ या तेजी से सांस चलना
 सीने में दर्द या बेचैनी
 भूख कम लगना
 खांसी में खून आना
 कम रक्तचाप
 जी मचलना और उलटी

निमोनिया से बचाव:

पीसीवी वैक्सीन बच्चों को निमोनिया से बचाने में सहायक होता है. इसे सरकार द्वारा नियमित टीकाकरण में शामिल किया गया है। इसे तीन खुराकों में दिया जाता है तथा यह बच्चों को निमोनिया से बचाने में अहम् भूमिका अदा करता है। चिकित्सक 2 साल से कम आयु के बच्चों और 2 से 5 साल के बच्चों को अलग अलग निमोनिया के टीकों की सलाह देते हैं। धुम्रपान से परहेज, स्वस्थ एवं संतुलित जीवन शैली तथा साफ़ सफाई का ध्यान रख निमोनिया से बचा जा सकता है।