पटाखे के जहरीली धुआं से फेफडा हो सकता है प्रभावित
छपरा : कोरोना महामारी में त्यौहारों पर लोगों की सुरक्षा के लिए स्वास्थ्य विभाग प्रयासरत है। वायु प्रदूषण और नमी से पटाखे का जहरीला धुआं फेफड़ों को प्रभावित कर सकता है। स्वास्थ्य विभाग पटाखों से दूरी बनाने की सलाह दे रहा है। दीपावली का त्यौहार इस साल कोरोना से सतर्क रहते हुए मनाना है।
जीवन में यह मिठास का पर्व खास रहे और कोरोना के कारण किसी परिवार को परेशान न होना पड़े, इसके लिए छोटी-छोटी सावधानियां ही उपाय हैं। न तो कोरोना अभी खत्म हुआ है और न ही इसकी दवाई आई है। टीका आने में भी समय है, इसलिए बचाव का सबसे सुंदर और सरल उपाय है कि लोगों ने मार्च से जिन कोरोना समुचित व्यवहारों का पालन किया है उन्हें आगे भी जारी रखें। शहर समेत गांव के पुरूष और महिलाओं ने भी सतर्कता व प्रदूषण मुक्त दिवाली मनाने का संकल्प लिया है।
सावधानी से मनाना होगा उजालों के पर्व दीपावली:
इस दीपावली को कई मायनों में हमें ख़ास बनाना होगा। दीपावली का पर्व अंधेरों पर प्रकाश की जीत का है। अभी के दौर में कोविड-19 अंधेरों का पर्याय बनने को आतुर भी दिख रहा है। लेकिन हम थोड़ी सतर्कता एवं सावधानी से उजालों के पर्व दीपावली को संक्रमण मुक्त कर सकते हैं एवं त्यौहार की खुशी लोगों के साथ साझा कर सकते हैं। इसके लिए हमें संक्रमण के प्रति एहतियात बरतने की सख्त जरूरत है।
पड़ोसियों को भी जागरूक करेंगे:
“पर्यावरण हितैषी दिवाली मनाने के लिए मैं पूरी तरह से प्रतिबद्ध हूं। दिवाली खुशियों का त्यौहार है। ऐसा कोई काम न करें, जिससे दूसरों की जिंदगी प्रभावित हो। इस बारे में अन्य लोगों को भी जागरूक करेंगे, ताकि इस बार की दिवाली बिना पटाखों वाली हो। कोरोना काल से निपटने के लिए जरूरी है कि सभी नागरिक अपनी जिम्मेदारी निभाएं।”
दो गज की दूरी के साथ करेंगे अतिथियों का स्वागत:
दीपावली पर अगर कोई अतिथि आपके घर आता है तो उसका स्वागत सावधानी के साथ दो गज दूरी से ही करेंगे। अतिथि को भी मास्क लगाने के लिए प्रेरित करेंगे और खुद भी मास्क लगाएंगे। बिना हाथों की सफाई कराए किसी भी अतिथि को घर का कोई सामान न छूने देंगे। अतिथियों से आग्रह करेंगे कि यह उनकी सुरक्षा के लिए किया जा रहा है।
सोनू कुमार, आईआईटी छात्र, सारण
दीप जलाते समय सैनिटाईजर प्रयोग न करें:
दिपावली पर सेनिटाइजर के इस्तेमाल के प्रति सचेत रहना जरूरी है. सैनिटाइजर में एल्कोहल होता है। यह आग तेजी से पकड़ता है। दीपक जलाने से पहले इसका इस्तेमाल नहीं करें। आतिशबाजी से दूरी बनायें। यदि दीप जला रहे हों तो सैनिटाइजर को अपने साथ नहीं रखें। इसे आग से दूर सुरक्षित स्थान पर रखें। इस मौके पर घर में बनाये गये या डिब्बाबंद मिठाईयों का इस्तेमाल करें। दीपावली पर यदि घर पर कोई मेहमान पहुंचते है तो सबसे पहले साबुन पानी से हाथ धुलवायें। गले नहीं लगें व इसकी जगह उनका अभिवादन हाथ जोड़ कर करें। यदि उनके द्वारा कोई गिफ्ट दिया जाता है तो उसे सैनिटाइज कर लें।
‘नर्स और डायबिटीज’ के थीम से मनाया गया विश्व मधुमेह दिवस
छपरा : आमजनों को जागरूक करने के उदेश्य से प्रत्येक वर्ष 14 नवंबर को विश्व मधुमेह दिवस के रूप में मनाया जाता है। हर साल मधुमेह का जश्न मनाने के पीछे अलग-अलग लक्ष्य होते हैं। इस वर्ष विश्व मधुमेह दिवस का थीम ‘नर्स और डायबिटीज’ है। यह विषय मधुमेह की रोकथाम और मैनेजमेंट में नर्सों की भूमिका पर प्रकाश डालता है। सिविल सर्जन डॉ. माधवेश्वर झा ने कहा कि अगर किसी व्यक्ति को मधुमेह की समस्या है तो उस व्यक्ति के लिए इस बीमारी से छुटकारा पाना असंभव हो जाता है।
लेकिन अगर मधुमेह के रोगी अपनी बीमारी के बारे में थोड़ी सी भी सावधानी बरतें, तो मधुमेह से होने वाले बड़े खतरों से बचा जा सकता है। कारण असंतुलित भोजन ही नहीं है, लेकिन कभी-कभी प्राकृतिक और आनुवंशिक कारणों से हमें मधुमेह हो जाता है। हमें दो कारणों से मधुमेह हो सकता है, पहला कारण यह है कि हमारे शरीर में इंसुलिन बनना बंद हो जाता है, या फिर शरीर में इंसुलिन का प्रभाव पहले से कम हो जाता है। जो भी स्थिति हो सकती है, दोनों कारणों से, हमारे शरीर में ग्लूकोज की मात्रा अधिक होती है जिसके कारण हमें मधुमेह नामक बीमारी होती है।
मधुमेह रोगी अपने आहार का विशेष ध्यान रखें:
सीएस डॉ माधवेश्वर झा ने कहा कि मधुमेह रोगी अपने आहार का विशेष ध्यान रखें। मधुमेह एक ऐसी बीमारी है जो किसी व्यक्ति के जीवन के अंत तक रहती है। इसलिए मधुमेह के खतरे से बचने के लिए सभी आवश्यक सावधानियों को आजमाना महत्वपूर्ण है। जिले के सदर अस्पताल समेत सभी स्वास्थ्य संस्थानों पर मधुमेह रोगियों की जांच व परामर्श की नि:शुल्क सुविधा उपलब्ध है। वहां पर जाकर अपनी जांच करा सकते है। जिला हेल्थ एंड वेलनेस सेंटरों पर भी जांच की सुविधा उपलब्ध करायी गयी है। जहां पर प्रशिक्षित नर्सों के द्वारा स्क्रिनिंग की जाती है।
दो तरह का होता है मधुमेह:
श्रेणी-1: मधुमेह अक्सर हमारे बचपन या किशोरावस्था में होता है, जिसमें हमारे शरीर में इंसुलिन के उत्पादन में अचानक कमी होती है। साथ ही, शरीर में ग्लूकोज की मात्रा अधिक होने के कारण, इसे नियंत्रित करने के लिए इंसुलिन का इंजेक्शन लगाना आवश्यक हो जाता है। टाइप वन मरीजों की मात्रा बहुत कम पाई गई है।
श्रेणी-2: मधुमेह के रोगी आमतौर पर 30 साल के बाद लोगों में धीरे-धीरे होने लगते हैं, टाइप 2 मधुमेह वाले अधिकांश लोग अपने सामान्य वजन से अधिक हो जाते हैं। उनका पेट बाहर निकलने लगता है। कभी-कभी यह आनुवांशिक होता है, कई मामलों में यह खराब जीवन शैली से संबंधित होता है। अधिकांश मधुमेह के रोगी टाइप टू श्रेणी में आते हैं।
मधुमेह रोगी धूम्रपान से रहें दूर:
जिला गैर संचारी रोग पदाधिकारी डॉ. एचसी प्रसाद ने कहा कि मधुमेह के रोगियों को आइसक्रीम, चीनी, गुड़, जैम, केक, पेस्ट्री आदि से दूर रहना चाहिए। उन्हें उबला हुआ भोजन खाना चाहिए। तला हुआ खाना या प्रोसेस्ड खाना उनके लिए बेहद हानिकारक साबित हो सकता है। डायबिटीज के मरीजों के लिए शराब कोल्ड ड्रिंक्स आदि कहीं से भी कम नहीं है। मधुमेह के रोगी को धूम्रपान से भी दूर रहना चाहिए। आलू, मूंगफली, शकरकंद जैसी सब्जियां बहुत कम मात्रा में खानी चाहिए या उन्हें नहीं खाना चाहिए। ऐसे व्यक्ति को केला, शरीफा, चीकू, अंजीर, खजूर आदि फलों से भी बचना चाहिए।
कुछ महत्वपूर्ण सावधानियां भी बरतनी चाहिए:
• शुगर लेवल की जांच अवश्य करवाएं
• छोटे गाँव को खुला न छोड़ें
• जूस पीने के बजाय फल चबाएं
• नियमित रूप से समर्थन करें और अपने वजन को लगातार मापें
50 झोपड़ीनुमा घरों में लगी आग लाखों की सामान हुआ खाक
छपरा : रिविलगंज शहर के बड़का बैजू टोला ब्लॉक के पीछे स्थित दलित बस्ती में बृहस्पतिवार रात 8:00 बजे की बीती रात 50 झोपड़ीनुमा घरों में अचानक आग लग गई, जिसमें लाखों की सामान जलकर नष्ट हो गई। इस अगलगी की घटना से दलितों पर मुसीबत के पहाड़ खड़ा हो गया है। सूत्रों के मुताबिक अगलगी की घटना खाना बनाने समय गैस सिलेंडर फटने से बतायी जा रही है। इस स्थिति में गरीब परिवार को बेघर होना पड़ा।
इसमें छपरा के जाने-माने समाजसेवी धर्मेन्द्र सिंह शुक्रवार को घटनास्थल पर पहुंचकर बेघर हुए लोगों को खाद्य सामग्री, साड़ी, धोती, कंबल, मोमबत्ती, माचिस व अन्य जरूरी सामानों की व्यवस्था कर उनके बीच वितरण किया। इस मौके पर समाजसेवी धर्मेन्द्र सिंह ने जिला प्रशासन से अविलंब उनलोगों को सुरक्षित जगह रहने की व्यवस्था करने और साथ ही खाने-पीने के लिए भी समुचित इंतजाम करने की बात कही। उन्होंने इस विकट स्थिति में सांत्वना देते हुए कहा कि घबराने की बात नहीं है। गरीबों व असहायों के प्रति हमेशा खड़ा रहेंगे। किसी भी परिस्थिति में पीड़ितों को खुले आसमान के नीचे रहने को मजबूर नहीं किया जाएगा। जिला प्रशासन से हर सम्भव मदद के लिए कहा जाएगा। इस मौके पर जोगेंद्र सिंह भाई बिरेंद्र सिंह भोला सिंह रविंद्र सिंह संजीव चौधरी मोहन गुप्ता वार्ड कमिश्नर तारकेश्वर सिंह पवन सिंह हरेराम सिंह हरिशंकर राम सिताब दियारा व अन्य सहयोगी टीम समाजसेवी के साथ शामिल थी।