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27 अक्टूबर : आरा की मुख्य खबरें

चुनाव से पहले आरा में जदयू विधायक पर जानलेवा हमला, गाड़ियां हुई क्षतिग्रस्त

आरा : बिहार विधानसभा चुनाव के पहले चरण के मतदान से ठीक पहले जेडीयू के भोजपुर जिले की अगिआंव विधानसभा सीट से निवर्तिमान विधायक और इस चुनाव में जदयू प्रत्याशी प्रभुनाथ राम पर जानलेवा हमला किया गया है.जेडीयू विधायक का आरोप है कि इन पर ये हमला माले उम्मीदवार के समर्थकों और कुछ असामाजिक तत्वों ने किया है।

यह घटना भोजपुर जिले के अजीमाबाद थाना इलाके में घटी, जहां किरकिरी पंचायत के चिलहर गांव में जेडीयू विधायक प्रभुनाथ राम पर जानलेवा हमला किया गया है. इस हमले में इनकी कई गाड़ियों को भी क्षतिग्रस्त किया गया हैं. जानकारी के अनुसार एक गाड़ी का शीशा भी टूट गया है और विधायक के 3-4 समर्थकों को चोट भी आई हैं. इस सम्बन्ध में एक विडियो भी वायरल हुआ है|वीडियो में दिख रहा है कि बड़ी संख्या में ग्रामीण प्रभुनाथ वापस जाओ के नारे लगा रहे हैं। साथ में रोड नहीं, तो वोट नहीं के नारे भी लग रहे हैं। ग्रामीणों के भारी विरोध को देखते हुए विधायक ने क़ाफ़िले को पीछे छोड़कर वहां से भागना ही बेहतर समझा। बाद में उन्होंने इस घटना का आरोप असामाजिक तत्वों और महागठबंधन समर्थकों पर लगा दिया है।

अगिआंव विधानसभा सीट से जेडीयू विधायक प्रभुनाथ राम के अनुसार चुनाव प्रचार के आखिरी दिन सोमवार की देर शाम वह जनसंपर्क कर वापस घर लौट रहे थे. इसी दौरान किरकिरी पंचायत के चिलहर गांव के पास अचानक से कुछ असामाजिक तत्वों ने उनके काफिले पर हमला बोल दिया. इस जानलेवा हमले में काफिले में शामिल गाड़ियां क्षतिग्रस्त हो गईं. विधायक की माने तो हमलावर सैकड़ों की संख्या में थे. जनसंपर्क कर लौटने के दौरान उन्होंने काफिले को रोकने की कोशिश भी की।

विधायक ने बताया कि उनमें से कई लोग अपने हाथों में लाठी-डंडे लिए हुए थे और कुछ लोग तो बाइक से आगे भी खड़े थे. घटना के बारे में बताते हुए विधायक ने कहा कि हमलावर लगा कि वो गाड़ी में आगे में बैठे हैं, यही सोच पहली गाड़ी पर हमला बोल दिया जिससे गाड़ी का शीशा टूट गया. हम अपनी गाड़ी के साथ किसी तरीके से आगे की ओर निकले, लेकिन थोड़ी दूर पीछा करने के बाद पत्थरबाजी शुरू कर दी गई. काफिले में एक स्विफ्ट डिजायर गाड़ी थी, जो क्षतिग्रस्त हो गई।

विधायक प्रभुनाथ राम ने आगे बताया कि इस घटना के बाद जब वह आगे बढ़े तो दर्जनों की संख्या में असामाजिक तत्व गोलबंद होकर महागठबंधन के समर्थन में नारे लगाने लगे. पीड़ित विधायक ने कहा कि यह हमला पूरी तरह से सुनियोजित तरीके से किया गया था. विधायक ने कहा कि जिन लोगों ने इस घटना को अंजाम दिया है उनके खिलाफ वह कानूनी कार्रवाई करेंगे। जेडीयू विधायक ने जानकारी देते हुए कहा कि इस घटना की सूचना संबंधित थाने में दी गई है. जिले के सीनियर अफसरों को भी इसके बारे में जानकारी दी गई है. अगर हमलावर हमारे सामने आएंगे तो हम उन्हें हम पहचान लेंगे. विधायक पर जानलेवा हमले को लेकर जब भोजपुर पुलिस से बात की गई तो अधिकारियों ने मामले की छानबीन करने की बात कही।

मूर्ति विसर्जन में डीजे बजाने को लेकर दो गुट आपस में भिड़े

आरा : बिहार के भोजपुर के मुफस्सिल थाना क्षेत्र के बरौली पुल के समीप मूर्ति विसर्जन में डीजे बजाने को लेकर दो गुट आपस में भिड़ गए और डंडे और ईट पत्थर जमकर चले जिसमें दो युवक बुरी तरह से घायल हो गए। घायल युवकों में मुफस्सिल थाना क्षेत्र के अलीपुर गांव निवासी तेतर पासवान के पुत्र विकास कुमार और जाटोली पासवान के पुत्र महेश कुमार बताए जा रहे हैं । घायल युवक महेश पासवान ने बताया कि कल यानी मूर्ति विसर्जन कर लौट रहे थे तभी डीजे पर गाना बजाने को लेकर दो गुटों में झड़प हो गयी| कुछ देर बाद समझाने बुझाने के बाद मामला शांत भी हो चुका था। पर जब हम लोग अकेले अपने घर की ओर चल दिए तो कुछ युवकों ने हम लोगों पर डंडे और पत्थर से हमला कर दिया जिसमें 2 लोग बुरी तरह से घायल हो गए हैं। वही मामला थाने में दर्ज हो चुका है और पुलिस मामले की छानबीन में जुटी हुई है।

सात दशक बाद भी बड़हरा प्रखंड में बाढ़ और कटाव का दंश झेल रहे लोग

आरा : बड़हरा प्रखंड क्षेत्र के किसान बाढ़ और कटाव से काफी परेशान रहते हैं। किसानों की फसल कभी बाढ़ से नष्ट हो जाती हैं तो कभी कटाव व सुखा से बर्बाद हो जाती है। बड़हरा प्रखंड क्षेत्र की सबसे बड़ी पंचायत खवाशपुर के आम लोगों को छह माह नाव के सहारें गंगा नदी पार करना पड़ता है। तो छह माह तक इन्हें पीपा पुल का सहारा मिलता है। इसके बाद आरा छपरा का नया पुल बनने से आरा छपरा की दूरी तो काफी कम हो गई। बावजूद फोरलेन पथ पर बबुरा से कोईलवर तक पथ पर जाम रहना भी एक बड़ी समस्या है। इससे आम लोग त्रस्त रहते हैं। इस फोरलेन पथ का समुचित लाभ आम लोगों को नहीं मिल पाता है। वहीं आरा सिन्हा मुख्य पथ जर्जर हो चुका है। इससे सरैयां बाजार पर हल्की बारिश में भी सड़क जलमग्न हो जाती है। इससे आए दिन छोटी बड़ी घटनाएं होती रहती हैं। वही सरफेस वाटर सप्लाई केंद्र मौजमपुर, नूरपुर से अनियमित जलापूर्ति भी एक बड़ी समस्या है। इससे इलाके के लोगों को मजबूरीवश आर्सेनिक युक्त जल पीना पड़ता है।

किसान राकेश कुमार सिंह (सोहरा) ने बताया कि बाढ़, कटाव और दियारा इलाके के खोतों के विवाद से किसान परेशान रहते हैं। आजादी के तकरीबन सात दशक बाद भी दियरा इलाके के किसानों की समस्या जस की तस बनी हुई हैं। ग्रामीण जितेंद्र कुमार सिंह (केशोपुर) ने बताया कि बाढ़ से बड़हरा प्रखंड के किसान काफी परेशान रहते हैं। किसानों की फसल प्रत्येक वर्षे बाढ़ से बर्बाद हो जाता है। इससे किसानों के परिवार दूसरे राज्यों में पलायन करने के लिए मजबूर है। राजीव कुमार सिंह (कुदरियां) ने बताया कि युवाओं को रोजगार एक बहुत बड़ी समस्या है। सरकारी नौकरी में भी बहुत सा पद खाली पड़ा है। अगर सरकार इन पदों पर भी युवाओं को बहाल कर दें तो कुछ हद तक ठीक रहेगा। छात्र सुमित कुमार पाण्डेय ने बताया कि सरकार ने जगह-जगह विद्यालय तो खोल दिया है। बावजूद शिक्षा व्यवस्था में सुधार नहीं हो पा रहा है। विद्यालय में पढाई नहीं हो पा रहा है। शिक्षक की संख्या भी बहुत कम है।

युवा नेता बिष्णु मिश्रा ने लोजपा प्रत्याशी के पक्ष में किया जनसंपर्क

आरा : युवा नेता बिष्णु मिश्रा ने रविवार एवं सोमवार को भोजपुर के जगदीशपुर से लोजपा उम्मीदवार श्री भगवान सिंह कुशवाहा एवं बक्सर के बम्हपुर से लोजपा उम्मीदवार हुलास पांडेय के समर्थन में जनसंपर्क अभियान चलाया। इस दौरान उन्होंने दोनों विधानसभा क्षेत्र में घूम-घूम कर प्रत्याशियों के लिए समर्थन मांगा। जगदीशपुर से अंतिम जनसंपर्क अभियान के दौरान उन्होंने सभी मतदाताओं से अपील की कि इस बार के चुनाव में आप ऐसे प्रत्याशी का चयन करें जो आपके बीच आपके सुख-दुख में हमेशा साथ रहता हो। विकास की बात करता हो।

युवा नेता ने कहा कि श्री भगवान सिंह ने अपने कार्यकाल में जगदीशपुर विधानसभा क्षेत्र समेत अन्य जगहों पर विकास के अनेक काम किए हैं। इस बार उनके हाथ को मजबूती प्रदान करें। मैं विश्वास दिलाता हूं कि वे अपने वादों पर खरे उतरेंगे। श्री मिश्रा ने बम्हपुर विधानसभा क्षेत्र में लोजपा प्रत्याशी हुलास पांडेय के समर्थन में कई गांवों में जनसंपर्क किया। उन्होंने कहा कि हुलास पांडेय ने विधान पार्षद रहते हुए क्षेत्र में कई विकास का काम किया है। वे आगे भी अपने विकास के कार्यों को जारी रखेंगे। इसलिए आप उन्हें सहयोग व समर्थन दें।

आरा शहरी क्षेत्र में भारी वाहनों के परिचालन और प्रवेश पर लगी रोक

आरा : विधानसभा चुनाव को लेकर पोलिंग पार्टी और पीसीसीपी के आवागमन को देखते हुए पुलिस- प्रशासन द्वारा आरा शहर की नयी यातायात व्यवस्था तय की गयी है। इसके तहत नया रूट चार्ट तैयार किया गया है। यह रूट चार्ट 27 अक्टूबर की सुबह आठ बजे से शाम चार बजे तक और 28 अक्टूबर को शाम पांच बजे से रात नौ बजे तक प्रभावी रहेगा। प्रशासन के अनुसार पोलिंग पार्टी और पीसीसीपी के आवागमन को लेकर शहर में वाहनों की संख्या में बढ़ोतरी हो जायेगी। ऐसे में प्रशासन द्वारा आम नागरिकों से यथासंभव चार पहिया वाहन के प्रयोग से बचने का अनुरोध भी किया गया है। 27 अक्टूबर 2020 को ट्रैफिक व्यवस्था (समय-सुबह 8 बजे से संध्या 5 बजे तक ) 28 अक्टूबर 2020 को ट्रैफिक व्यवस्था (समय-संध्या 4 बजे से रात्रि 9 बजे तक) निम्न प्रकार है।

  • जीरो माईल से सभी प्रकार के वाहनों को उतर दिशा (धोबीघटवा) जाने की मनाही रहेगी।
  • सभी प्रकार के वाहनों को चंदवा मोड से पुलिस लाईन के तरफ जाने की मनाही रहेगी
  • पकडी चौक से कतीरा मोड की तरफ सभी प्रकार के वाहन जाने की मनाही रहेगी।
  • मौलाबाग से रमना मैदान की तरफ सभी प्रकार के वाहन जाने की मनाही रहेगी
  • धर्मन चौक, गोपाली चौक से रमना मैदान के तरफ सभी प्रकार के वाहन जाने की मनाही रहेगी
  • महावीर टोला से रमना मैदान के तरफ सभी प्रकार के वाहन जाने की मनाही रहेगी
  • जज कोठी मोड़ से रमना मैदान की तरफ सभी प्रकार के वाहन को जाने की मनाही रहेगी
  • स्टेशन रोड से कतीरा मोड के तरफ सभी प्रकार के वाहन का परिचालन बंद रहेगा।

सभी प्रकार के भारी वाहनों का परिचालन आरा शहरी क्षेत्र के तरफ प्रतिबंधित रहेगा, जिसके लिए पुरब तरफ से सकड्डी, दक्षिण तरफ से जिरोमाईल एवं तेतरीया मोड़, पश्चिम तरफ से बामपाली से कोई भारी वाहन शहर में प्रवेश नहीं करेंगी। पोलिंग पार्टी /पीसीसीपी की गाड़ी दिगांक-27 अक्टूबर 2020 को रमना मैदान से पकडी, कतीरा से होते हुए ओवरब्रीज से होकर बाजार समिति की तरफ एकल दिशा में जाएगी। पोलिंग पार्टी/पीसीसीपी की गाड़ी दिनांक-28 अक्टूबर 2020 को धोबी घटवा मोड़ से बाजार समिति की तरफ प्रवेश करते हुए रमना मैदान एकल दिशा में जायेगी।

भोजपुर जिले में कुल 34 सुपर जोन का किया गया गठन

आरा : बिहार विधान सभा आम निर्वाचन-2020 के तहत भोजपुर जिला अंतर्गत कुल 7 विधानसभा क्षेत्रों में मतदान की प्रक्रिया को स्वच्छ, निष्पक्ष एवं शांतिपूर्ण वातावरण में संपन्न कराने के लिए संपूर्ण जिले में कुल 34 सुपर जोन का गठन किया गया है। इसको लेकर वरीय पदाधिकारियों को दंडाधिकारी के रूप में प्रतिनियुक्त किया गया है।

इन 34 वरीय दंडाधिकारियों का कर्तव्य होगा कि वे पुलिस पदाधिकारी के साथ अपने-अपने प्रखंड क्षेत्र में नक्सल एवं क्रिटिकल मतदान केंद्रों, भवनों पर विशेष निगरानी करें तथा लगातार भ्रमणशील रहकर यह सुनिश्चित करेंगे कि संबंधित मतदान केंद्रों पर किसी भी प्रकार की गड़बड़ी नही हो।.सुपर जोनल दंडाधिकारी एवं पुलिस पदाधिकारी का दायित्व होगा कि प्रखंड क्षेत्र में मतदान के दौरान किसी भी प्रकार की गड़बड़ी की सूचना मिलने पर तुरंत वहां पहुंचकर निर्वाचन आयोग से प्राप्त निर्देशों के आलोक में आवश्यक कार्यवाई करते हुए तत संबंधित सूचना संबंधित विधानसभा क्षेत्र के निर्वाचित पदाधिकारी अथवा जिला नियंत्रण कक्ष को देगें।

सुपर जोनल दंडाधिकारी एवं पुलिस पदाधिकारी अपने प्रखंड क्षेत्रों के भौगोलिक स्थिति से पूर्णता अवगत होकर यह सुनिश्चित कराएंगे के चिन्हित भेद्य मतदाता स्वच्छ, निष्पक्ष एवं शांतिपूर्ण ढंग से अपने मताधिकार का प्रयोग कर सकें सुपर जोनल दंडाधिकारी अपने प्रखंड क्षेत्र के अंतर्गत प्रतिनियुक्त सेक्टर ऑफिसर, जोनल मजिस्ट्रेट, फ्लाइंग स्क्वायड इत्यादि के कार्यों का पर्यवेक्षण करना सुनिश्चित करेंगे तथा उनके निर्धारित दायित्वों का निर्वहन कराना सुनिश्चित कराएंगे।

का. रामनरेश राम की विरासत को लेकर माले चुनाव लड़ रही है : का. दीपंकर

आरा : भाकपा-माले ने कम्युनिस्ट आंदोलन के चर्चित नेता सहार के पूर्व विधायक का. रामनरेश राम के स्मृति दिवस को सामाजिक परिवर्तन संकल्प दिवस के रूप में सोमवार की शाम मनाया। सहार में सोन के किनारे स्थित का. रामनरेश राम की प्रतिमा पर भाकपा-माले के राष्ट्रीय महासचिव का. दीपंकर भट्टाचार्य, पोलित ब्यूरो सदस्य का. स्वदेश भट्टाचार्य, राज्य सचिव का. कुणाल, का. कविता कृष्णन, का. अमर, का. सुदामा प्रसाद, का. राजू यादव समेत कई नेताओं ने माल्यार्पण किया। वहां स्मृति संकल्प सभा को संबोधित करते हुए का. दीपंकर ने कहा कि एकवारी से मास्टर जगदीश, रामेश्वर यादव और रामनरेश राम ने जो लड़ाई शुरू की, उससे भोजपुर और बिहार के गरीबों ने मान-सम्मान और वोट देने का अधिकार हासिल किया।

आज का. रामनरेश राम की पार्टी भाकपा-माले पूरे देश में लोकतंत्र और संविधान की रक्षा, गरीबों के हक अधिकार, शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार और सत्ता के लिए संघर्ष कर रही है। आज नीतीश कुमार और नरेंद्र मोदी के खिलाफ नौजवानों, गरीबों, मजदूर-किसानों और महिलाओं का जो आक्रोश नजर आ रहा है, जो जागरण दिख रहा है, उसके पीछे भाकपा-माले और रामनरेश राम की विरासत है। एक कम्युनिस्ट विधायक को कैसा होना चाहिए इसकी उन्होंने मिसाल पेश की थी। का. रामनरेश राम का यह सपना था कि बिहार के दबे-कुचले लोग एक मजबूत ताकत बनकर उभरें, आज वह ताकत पूरे बिहार में दिख रही है। आज हम एक नए दौर में प्रवेश कर रहे हैं। इस चुनाव में लाल झंडे के साथ हरे झंडे की ताकत मिली है। लोगों के अंदर उत्साह और उर्जा का संचार हुआ है। सबको उम्मीद है कि माले का एक मजबूत जत्था विधानसभा में पहुंचे और वहां उनके हक में काम करेगा।

का. दीपंकर ने कहा कि नीतीश कुमार और भाजपा वाले सोच रहे थे कि कोरोना काल में गरीब परेशान हैं, महामारी और लाॅकडाउन की मार झेल रहे हैं, इसी बीच वे चुनाव करके जनादेश की चोरी कर लेंगे। लेकिन एनडीए के खिलाफ गरीबों, नौजवानों, दबेकुचले लोगों, किसानों, महिलाओं की मजबूत एकता बन गई है। महागठबंधन और माले की जीत को सुनिश्चित करने के लिए वे अपनी पूरी ताकत लगाएंगे। आरा के क्रांति पार्क समेत भोजपुर के कई गांवों में का रामनरेश राम की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया गया और सामाजिक राजनीतिक परिवर्तन के उनके संघर्ष की विरासत को आगे बढ़ाने का संकल्प लिया गया। चुनाव प्रचार के आखिरी दिन सोमवार को तरारी विधानसभा क्षेत्र के एकवारी और अगियांव विधानसभा क्षेत्र के पवना में विशाल चुनावी सभाएं हुईं, जिसे माले और राजद के नेताओं ने संबोधित किया।

एकवारी में चुनावी सभा को संबोधित करते हुए का. दीपंकर भट्टाचार्य ने कहा कि माले ने मना किया था कि कोरोना के दौरान चुनाव न कराया जाए, पर सत्ता की भूखे नीतीश कुमार और मोदी ने जबरन चुनाव करवाया। उनकी साजिश थी कि दलबदल और जनादेश बदल की तरह वे इस बार चुनाव की भी चोरी कर लेंगे, पर बिहार की जनता ने ठान लिया है कि उन्हें ऐसा करने नहीं देगी। नीतीश कुमार और मोदी दोनों इस बार चुनाव में हारेंगे। प्रवासी मजदूरों के साथ बिहार सरकार ने जो निर्मम व्यवहार किया, महागठबंधन द्वारा दस लाख नौकरी देने की घोषणा का जिस तरह मजाक उड़ाया और कोरोना काल में भाजपा ने जो किसान विरोधी बिल पास किया तथा वोट के लिए कोरोना का टीका जो अभी तक बना ही नहीं है, उसे निःशुल्क उपलब्ध कराने का शर्मनाक झांसा दिया, उससे बिहार की जनता ने स्वयं को अपमानित किया है। इसका नीतीश कुमार और भाजपा दोनों को जवाब मिलेगा।

दीपंकर ने कहा कि कोरोना काल में मोदी सरकार ने शिक्षा, रेलवे और कृषि को कारपोरेट के हवाले कर देने वाले कानून पास किए हैं। निजीकरण से महंगाई बढ़ेगी। शिक्षा महंगी होगी, रेलवे से सफर महंगा होगा। इलाज महंगा होगा। किसान विरोधी बिल के जरिए मोदी ने जमाखोरों और मुनाफाखोरों को छूट दे दी है। पंजाब में सत्ता और विपक्ष दोनों के विधायकों ने इसे लागू करने से इंकार कर दिया है। महागठबंधन का भी यह मानना है कि खेती की नीलामी और किसानों की गुलामी का यह कानून नहीं चलने दिया जाएगा। महागठबंधन की सरकार बनेगी तो इसे बिहार में लागू नहीं किया जाएगा। का. दीपंकर ने कहा कि यह चुनाव बदलाव के लिए है। तरारी में भाजपा की ए और बी टीम घूम रही है। भाजपा सामंतवाद और मनुस्मृति के साथ-साथ बड़े कारपोरेट और अमीरों के हित में काम करने वाली पार्टी है। लेकिन उसे तरारी-सहार की क्रांतिकारी धरती पर सफल होने नहीं दिया जाएगा।

तरारी के माले-महागठबंधन के प्रत्याशी सुदामा प्रसाद ने कहा कि बिहार की नीतीश सरकार निकम्मी और अत्याचारी है। वह जनाता के आंदोलनों की मांग नहीं सुनती। यहां बंटाईदारों को उनका अधिकार नहीं मिला, भूमिहीनों को पांच एकड़ जमीन नहीं मिली, शराबबंदी के कानून के तहत एक लाख उन्नतीस हजार गरीबों को जेल में डाल दिया गया, जबकि शराब के असली कारोबारी अब भी खुलेआम यह धंधा कर रहे हैं। नौजवानों को रोजगार नहीं है। नौजवान और मजदूर पलायन करने को विवश हैं। कोरोना के समय में लौटकर आए तो उनके साथ इस सरकार ने बेहद अन्यायपूर्ण व्यवहार किया। इसका सबक इस सरकार को जरूर मिलेगा। एकवारी में सभा की अध्यक्षता रामकुमार यादव ने की। संचालन उपेंद्र जी ने किया। सभा को कविता कृष्णन, राजू यादव, राजद दलित प्रकोष्ठ के उपेंद्र पासवान, लाल बिहारी यादव, जिला पार्षद उपेंद्र यादव आदि ने भी संबोधित किया।

पवना में सभा को संबोधित करते हुए का. दीपंकर ने कहा कि यह चुनाव बदलाव के लिए हो रहा है। बिहार में महागठबंधन की लहर चल रही है। रोजगार, शिक्षा, महंगाई जैसे बुनियादी मुद्दे इस बार चुनाव के केंद्र में हैं। कोरोना की महामारी के इस समय में इस सरकार ने जिस तरह गरीबों के पेट पर लात मारी है, उनका अपमान किया है, उसका वे बदला जरूर लेंगे। का. दीपंकर ने कहा कि उत्तर प्रदेश में भाजपा की सरकार जिस तरह दमन और अत्याचार का शासन चला रही है, उसे देखते हुए बिहार की जनता उससे सचेत है। कहीं भी बलात्कार होता है, तो भाजपा और उसके मंत्री बलात्कारियों को बचाने के लिए सामने आ जाते हैं। बिहार में तो सरकारी शेल्टर होम में बच्चियों के साथ बलात्कार और उनकी हत्या की नृशंस घटना हुई, पर उसके दोषी को नीतीश कुमार ने टिकट दे दिया। भाजपा-एनडीए वाले जो नारे देते हैं, ठीक उसके उल्टा व्यवहार करते हैं।

अच्छे दिन कहके वे बुरे दिन ले आए। काला धन लाने की बात कहकर बैंकों में जमा जनता के धन को माल्या, मोदी और मेहुल चौकसी जैसे पूंजीपतियों के जरिए देश से बाहर भेजने का काम किया। नोटबंदी करके आम अवाम को तबाह किया। जब लोगों को अपने घर पहुंचाया जा सकता था, उस वक्त अचानक लाॅकडाउन करके इसने मजदूरों को त्रासद स्थिति में धकेल दिया। लेकिन आज भाजपा बेशर्मी से कह रही है कि उसने मजदूरों को सकुशल उनके घर पहुंचाया। यहां तक कि अब वे कोरोना का निःशुल्क टीका देने का फर्जी वादा करके वोट मांगने लगे हैं। का. दीपंकर ने कहा कि अभी तक कोरोना का टीका नहीं बना है। अगर टीका बनेगा तो उसको सबको इलाज के लिए उपलब्ध कराया जाएगा, चाहे उसने किसी को वोट दिया हो।

का. दीपंकर ने कहा कि इस चुनाव में भाजपा और नीतीश कुमार के पास कोई मुद्दा नहीं है। उनके जुमलों पर अब किसी को विश्वास नहीं रह गया है। नौजवान अपने लिए नया रास्ता चाहते हैं, वे नई उम्मीद तलाश रहे हैं। माले ने छात्र-युवा आंदोलन से जुड़े मनोज मंजिल, संदीप सौरभ, अजीत कुशवाहा, किसान आंदोलन के नेता सुदामा प्रसाद और अरुण सिंह, इंसाफ मंच के नेता क्यामुद्दीन अंसारी और आफताब आलम, रसोइया बहनों और आशाकर्मियों की नेता शशि यादव जैसों को अपना उम्मीदवार बनाया है। जो लोग नौजवानों के अनुभव की बात कर रहे हैं, उनसे सवाल यह है कि नीतीश कुमार और मोदी के अनुभव से बिहार और देश की जनता को क्या फायदा हुआ है? महागठबंधन अपने 25 सूत्री संकल्प पत्र के प्रति प्रतिबद्ध है। माले और महागठबंधन के उम्मीदवार जीत कर विधानसभा में जाएंगे तो जनता के हक की आवाज बुलंद करेंगे। नौजवानों, किसान-मजदूरों, महिलाओं के लिए काम करेंगे, रोजगार, शिक्षा, स्वास्थ्य का जनसुलभ बनाने के लिए काम करेंगे।

का. दीपंकर ने कहा कि एनडीए ने विकास करने का वादा किया था, परंतु रोजगार, शिक्षा, स्वास्थ्य सारे क्षेत्रों को बर्बाद कर दिया। आज जनता को बकवास नहीं विकास चाहिए। बिना शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार के विकास का दावा झूठ है। उन्होंने कहा कि नीतीश के कंधे पर भाजपा की बंदूक है, यह यहां के दलितों, अल्पसंख्यकों, पिछड़ों, महिलाओं, गरीबों, किसान-मजदूरों और छात्र-नौजवानों को अच्छी तरह पता है। दहशत, नफरत और उन्माद की सियासत बिहार में नहीं चलेगी। का. कविता कृष्णन ने कहा कि भाजपा और नीतीश कुमार दोनों की सरकारों का रिकार्ड महिला सुरक्षा के प्रति बेहद खराब है। बिहार की महिलाओं को इन्हें वोट नहीं देना चाहिए। यूपी के हाथरस और बिहार के मुजफ्फरपुर की नृशंस घटनाएं इसका साक्ष्य हैं।

माले प्रत्याशी मनोज मंजिल ने कहा कि गांवों में एकता के दो फूल खिले हैं- एक लाल है और दूसरा हरा। यह लोगों की जिंदगी में खुशहाली लाएगा। जो पार्टियां मोदी की गोदी में बैठ चुकी हैं, उनकी हुकूमत इस बार मिट्टी में मिल जाएगी। हम अपने गांव के गरीबों, किसान-मजदूरों, मां-बहनों के सपनों को साकार करने के लिए विधानसभा जाएंगे। सबको शिक्षा, सबको स्वास्थ्य का हक हासिल हो, समान काम का समान वेतन मिले, हमारा यह लक्ष्य होगा।
चुनावी सभा को माले नेता कविता कृष्णन, चंद्रदीप सिंह, राजू यादव ने संबोधित किया। मंच पर पोलित ब्यूरो सदस्य का. स्वदेश भट्टाचार्य, राज्य सचिव का. कुणाल, का. अमर, का. संतोष सहर, का. जवाहरलाल सिंह, रवि राय, ओम प्रसाद, जनकवि निर्मोही संचालन गड़हनी प्रखंड के सचिव नवीन कुमार ने किया। अध्यक्षता अगियांव राजद के प्रखंड अध्यक्ष सह महागठबंधन चुनाव संचालन समिति के अध्यक्ष नंद कुमार यादव ने की। इस मौके पर गड़हनी राजद के प्रखंड अध्यक्ष मो. रफी, चरपोखरी प्रखंड अध्यक्ष विमल यादव तथा गड़हनी के प्रखंड प्रमुख निर्मल यादव भी मौजूद थे।

का. दीपंकर भट्टाचार्य ने सोमवार को आरा विधानसभा क्षेत्र में रोड शो किया, जो गोठहुला से शुरू होकर जमीरा, दौलतपुर, भकुरा, पिरौटा, रामनगर, धोबहां, पुरानी पुलिस लाईन, अबरपुल होते हुए आरा बस स्टैंड पहुंचा। इस दौरान इन सभी जगहों पर माले महासचिव, माले-महागठबंधन प्रत्याशी क्यामुद्दीन अंसारी, पूर्व लोकसभा प्रत्याशी राजू यादव, राजद के जिला पार्षद धनंजय यादव एवं पूर्व जिला पार्षद असमंजस यादव समेत कई नेताओं ने चुनावी सभाओं को भी संबोधित किया।

माले महासचिव का. दीपंकर ने कहा कि पिछले चुनाव में बिहार के जनादेश का ही अपहरण कर लिया गया था, नीतीश कुमार बिहार की जनता को अपमानित करके एनडीए में गए, जबकि उन्होंने कहा था कि वे मिट्टी में मिल जाएंगे, पर भाजपा से हाथ नहीं मिलाएंगे। इस बार का चुनाव नीतीश कुमार और भाजपा द्वारा बिहारी जनता के साथ किए गए अपमान के खिलाफ सम्मान और स्वाभिमान का चुनाव है। का. दीपंकर ने कहा कि इस बार बिहार में जो महागठबंधन बना है, उसमें कोई भागने वाला नहीं है, बल्कि लाल और हरे झंडे के मिलन से गांव-गांव में उत्साह नजर आ रहा है। महागठबंधन की जीत तय है, अब इसे महाजीत में बदलने की कोशिश की जा रही है। बिहार में एक नई शुरुआत हो गई है और इस पर पूरे देश की नजर है। भाजपा और एनडीए द्वारा की जा रही बर्बादी और तबाही को रोकने के लिए यह एकजुटता जरूरी थी।

का. दीपंकर ने कहा कि आज रोजगार का सवाल महत्वपूर्ण सवाल है। महागठबंधन ने दस लाख नौकरियां देने का वादा किया है, जो खाली पदों को देखते हुए मुश्किल नहीं लगता, पर नीतीश कुमार कहते हैं कि इतनी नौकरियां कहां से देंगे? लेकिन रोजगार का सवाल जब चुनाव का मुद्दा बन गया है तो अब एनडीए 19 लाख रोजगार देने का वादा कर रही है! शिक्षक समान काम और समान वेतन की मांग कर रहे हैं, रसोइया बहनें और आशाकर्मी उचित वेतन की मांग कर रही हैं, लेकिन अपने पूरे कार्यकाल में नीतीश कुमार ने तमाम आंदोलनों पर लाठी-गोली चलाने का ही काम किया है।

का. दीपंकर ने कहा कि भाजपा-एनडीए वाले जो कहते हैं, ठीक उसके उल्टा व्यवहार करते हैं। अच्छे दिन कहके वे बुरे दिन ले आए। काला धन लाने की बात कहकर काला धन बाहर भेजने और दोषी पूंजीपतियों को देश से बाहर भगाने का काम किया। नोटबंदी करके आम अवाम को तबाह किया। जब लोगों को अपने घर पहुंचाया जा सकता था, उस वक्त अचानक लाॅकडाउन करके इसने मजदूरों को त्रासद स्थिति में धकेल दिया। नीतीश कुमार ने प्रवासी मजदूरों को बिहार में प्रवेश करने से रोककर उनके साथ निर्ममतापूर्ण व्यवहार किया, लड़कर जब वे बिहार में आए तो उन्हें ऐसे क्वारांइटन सेंटरों में डाल दिया गया, जहां उचित व्यवस्था नहीं थी। लेकिन आज भाजपा बेशर्मी से कह रही है कि उसने मजदूरों को सकुशल उनके घर पहुंचाया।

का. दीपंकर ने कहा कि एनडीए ने विकास करने का वादा किया था, परंतु रोजगार, शिक्षा, स्वास्थ्य सारे क्षेत्रों को बर्बाद कर दिया। आज जनता को बकवास नहीं विकास चाहिए। बिना शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार के विकास का दावा झूठ है। उन्होंने कहा कि नीतीश के कंधे पर भाजपा की बंदूक है, यह यहां के दलितों, अल्पसंख्यकों, पिछड़ों, महिलाओं, गरीबों, किसान-मजदूरों और छात्र-नौजवानों को अच्छी तरह पता है। दहशत, नफरत और उन्माद की सियासत बिहार में नहीं चलेगी। का. दीपंकर ने कहा कि हम सब आत्मनिर्भरता चाहते हैं, पर यह सरकार तो जनता के प्रति अपने कर्तव्य से ही पीछा छुड़ाती जा रही है, यह तो अडानी-अंबानी के लिए सबकुछ कर रही है। आपदा में अवसर का मतलब यह साबित हुआ कि जनता तो आपदा झेलती रही और वे कोरोना जैसे आपदा का इस्तेमाल शिक्षा और रेलवे के निजीकरण के लिए करते रहे। उन्होंने कहा कि निजीकरण का महंगाई से सीधा संबंध है। निजीकरण का परिणाम है- महंगी शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा और यातायात। निजीकरण आरक्षण के अधिकार से भी वंचित करता है। उन्होंने कहा कि भाजपा कृषि को कारपोरेट मुनाफाखोरों के हाथों में दे देना चाहती है, जिसका पूरे देश में विरोध हो रहा है। अगर बिहार में महागठबंधन की सरकार बनेगी तो किसान के लिए मौत के फरमान और गुलामी के इस दस्तावेज यानी कृषि बिल को खारिज कर दिया जाएगा।

भाजपा द्वारा कोरोना के मुफ्त टीका की घोषणा को शर्मनाक बताते हुए का. दीपंकर ने कहा कि अभी तक कोरोना का टीका कहीं नहीं आया है। अगर टीका बनेगा भी तो उसको सबको इलाज के लिए उपलब्ध होना चाहिए, चाहे उसने किसी को वोट दिया हो। का. दीपंकर ने कहा कि सियासत के केंद्र में युवाओं, किसानों, मजदूरों और महिलाओं के सवाल आ गए हैं। हिंदू-मुसलमान करने वालों की नीयत को जनता पहचान चुकी है। उत्तर प्रदेश के योगी की सरकार ने जिस तरह हाथरस में एक दलित बच्ची के बलात्कार के दोषियों का पक्ष लिया है और उसकी लाश तक को जला दिया, वह नृशंसता की पराकाष्ठा है। बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ- यह नारा बहुत अच्छा है, पर वास्तविकता यह है कि आदमखोर भाजपा की सरकार, उसके मंत्री और जनप्रतिनिधि बलात्कारियों और हत्यारों को बचाने में लगे हुए हैं। अब लोग कह रहे हैं कि भाजपाइयों और एनडीए वालों से बेटी बचाओ।

का. दीपंकर ने कहा कि भाजपा की विभाजनकारी सियासत कितनी खतरनाक है, यह आसाम के लोगों ने देख लिया है, जहां एनआरसी में मुसलमानों से भी अधिक हिंदुओं और बिहारियों के खिलाफ कार्रवाई हो गई। उसी दौरान पूरे देश में कागज नहीं दिखाएंगे जैसा नारा लोकप्रिय हुआ। उन्होंने कहा कि हम सब इस देश के नागरिक हैं और यह अधिकार कोई छिन नहीं सकता। आरएसएस मुसोलिनी और हिटलर के रास्ते पर देश को ले जा रही है, लेकिन हम इसे भगतसिंह अंबेडकर के रास्ते पर ले जाएंगे। संविधान को नष्ट करने और मनुस्मृति थोपने की साजिश को सफल नहीं होने देंगे। माले प्रत्याशी क्यामुद्दीन अंसारी ने कहा कि वे जनता की आवाज बनकर विधानसभा में जाएंगे और सदन के भीतर भी रोजगार, शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क-बिजली, बाढ़-सुखाड़ की स्थिति मंे लोगों की सहायता, खेती-किसानी की बेहतरी, महिलाओं की सुरक्षा आदि सवालों पर संघर्ष करेंगे।

लोकसभा के पूर्व माले प्रत्याशी और केंद्रीय कमिटी सदस्य राजू यादव ने कहा कि क्यामुद्दीन अंसारी जनता के बीच रहने वाले और उनके सवालों पर संघर्ष करने वाले उम्मीदवार हैं। उनको विधानसभा में भेजना जनता की आवाज के वहां पहुंचने की गारंटी होगी। उन्होंने यह भी कहा कि पूरे भोजपुर में महागठबंधन की लहर चल रही है। गोठहुला में चुनावी सभा की अध्यक्षता दयाशंकर जी, जमीरा में हसनपुरा पंचायत के मुखिया उपेंद्र सिंह, दौलतपुर में विष्णु जी, पिरौंटा में हरिशंकर प्रसाद आदि ने की।