नवादा में गरजे चिराग पासवान- कहा नीतीश में हिम्मत है तो अकेले लङकर दिखायें चुनाव
नवादा : लोक जनशक्ति पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान ने एक बार फिर से बिहार के सीएम पर हमला बोला है।
नवादा में चिराग ने कहा कि नीतीश कुमार की सरकार सभी मोर्चों पर फेल रही है और उनके द्वारा बनाए गए सभी पॉलिसीज पूरी तरह से बिहार की जनता को समर्पित नहीं की जा सकी और यही कारण है कि लोगों में नीतीश कुमार को लेकर भरपूर आक्रोश है। चिराग ने कहा कि मेरे पापा अक्सर बोला करते थे कि शेर का बच्चा होगा तो जंगल चीरकर निकलेगा, गीदड़ रहेगा तो मारा जाएगा। इसलिए मैं शेर का बच्चा हूं और जंगल चीर कर रहूंगा।
चिराग पासवान के द्वारा दिए गए एक बयान पर कि मैं पीएम का मैं हनुमान हूं उस बयान पर चिराग पासवान ने यह बताया कि बीजेपी नेताओं से मेरे संबंध हमेशा अच्छे रहे हैं। आवाज भले ही बीजेपी की है मगर विचार सीएम के ही हैं। चिराग ने कहा कि उनके ही इशारे पर ऐसी बयानबाजी हो रही है। मुख्यमंत्री की कार्यशैली ही ऐसी रहती है कि वह कुछ बोलते नहीं है हमेशा दूसरों से बुलवाते हैं। लोगों को अक्सर वह बुलवाने का काम करते हैं। इस बात से वह दुखी जरूर है की मगर बीजेपी नेताओं को लेकर हमेशा अच्छे संबंध रहे हैं।
चिराग ने कहा कि गिरिराज सिंह से भी हमारे व्यक्तिगत तौर पर अच्छे संबंध रहे हैं और मैं उन्हें अच्छे से जानता हूं। घंटों हमारी उनसे बात बिहार की राजनीति को लेकर होती है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बारे में गिरिराज सिंह क्या विचार रखते हैं सभी से छिपा नहीं है। क्योंकि ज्यादा वक्त नहीं बीता है जब खुद गिरिराज सिंह सीएम के खिलाफ अपनी आवाज बुलंद की थी, इसलिए सीएम को केवल खुश करने के लिए वह उनकी भाषा बोल रहे हैं।
पिता की मौत की राजनीति पर चिराग पासवान ने बताया कि वह इस बयान से अत्यंत दुखी हैं। अभी पिताजी को गुजरे हुए कुछ वक्त ही हुए हैं और लोगों के सामने मजबूती से आने के लिए मैं हिम्मत जुटाकर लोगों के सामने आता हूं। लोगों को कम से कम इतना तो श्रेय देना चाहिए कि 38 साल का एक अकेला नवयुवक अकेले अपने दम पर चुनाव लड़ने के लिए मैदान में आया है और किसी भी पार्टी में इतनी हिम्मत क्यों नहीं है कि वह अकेले मैदान में चुनाव लड़ने के लिए आए। चिराग ने कहा कि मुख्यमंत्री ने इतनी हिम्मत क्यों नहीं है कि वह अपने 15 साल के विकास कार्यों के दम पर अकेले चुनाव लड़ें। मैं तो भाजपा से भी सवाल करता हूं कि वह अकेले मैदान में क्यों नहीं आते हैं जबकि उनके पास नरेंद्र मोदी जैसे नेता हैं जिनकी देश-दुनिया में पूछ होती है।
चिराग ने कहा कि मैं भाजपा से बस केवल इतना आग्रह करूंगा कि वो शब्दों की मर्यादा जरूर रखें। आखिर क्या ऐसे कारण हो गए कि कल तक जो नेता उन्हें श्रद्धांजलि देते नहीं थक रहे थे और मेरा हौसला बढ़ाने का सभी कार्य कर रहे थे, आखिर कौन सी ऐसी मजबूरी आ गई कि लोग इस पर भी राजनीति करने को उतारू हो गए हैं। जमुई सांसद ने कहा कि मेरी भाजपा के किसी भी नेता से नाराजगी नहीं है पर मैं दुखी हूं जिस वक्त मुझे सबसे ज्यादा इन लोगों का साथ चाहिए था उसी वक्त उन लोगों ने मेरे ऊपर ऐसी बयानबाजी की। मैंने तो उस वक्त भी पीएम का साथ दिया था, जब मुख्यमंत्री उन्हें अकेले छोड़कर चले गए थे।