छठ महापर्व को लेकर सूर्यमंदिर सेवासमिति के सदस्यो मे दहशत व्याप्त
छपरा : उत्तर बिहार के सारण जिला स्थित कोठिया-नरांव का प्रसिद्ध मनोकामना पूर्णी सूर्यमंदिर पर छठ महापर्व के दिन लगभग एक दर्जन गाॅवो के अलावे जिले व प्रदेश के अन्य हिस्सो से भी कोठिया-नरांव सूर्यमंदिर पर छठ करने पहुॅचते है छठ व्रति । बिहार प्रदेश के बाहर के भी कुछ व्रतियों द्वारा मनोकामना पूर्ण होने पर यहाॅ छठ किया जाता है । पिछले वर्ष महाराष्ट्र तक के छठ व्रतियो ने आकर यहाॅ महापर्व रखा व यहाॅ के प्रवंधन समिति व प्रशासनिक मुस्तैदी को धन्यवाद दिया ।
इस वर्ष वैशाख से ही लगातार वारिष होने के कारण सूर्य मंदिर के जलकुण्ड की समस्त सीढियाॅ डूब चुकी है । सूर्यकुण्ड मे चालीस फीट के करीब पानी होने से के आस पास के ग्रामीणो व सूर्यमंदिर प्रवंधन समिति व सूर्यमंदिर सेवासमिति के सदस्यो मे दहशत व्याप्त है । सूर्य कुण्ड इतना बडा है कि गोताखोर दल व प्रशासनिक अधिकारीयों के मुस्तैदी के बावजूद भी किसी अनदेशा से इनकार नहीं किया जा सकता।
चारो तरफ पक्के की बनी सीढियाॅ इतनी चौडी है कि केवल सीढी पर ही एक हजार के करीब व्रतियो द्वारा दौडा रख पूजा किया जाता था।लेकिन इस बार घाटो के डूबने से सूर्यमंदिर परिसर पर अत्यधिक भीर रहने की संभावना है।सभी व्रतियो को अर्घ्य अर्पित करने मे भी परेशानी होगी इसको लेकर सूर्यमंदिर प्रवंधन समिति व सेवा समिति की पिछले सप्ताह से दो बार मंदिर पर बैठक हो चुकी है।प्रशासनिक स्तर पर समाचार प्रेसन तक किसी प्रखंड कया जिला के पदाधिकारीयो द्वारा नीरिक्षण नही किया गया है इससे लोगों मे प्रशासनिक उदासिनता के प्रति नाराजगी भी है।
लाइलाज का जल्दी पहचान व जल्दी उपचार हो : डॉ माधवेश्वर झा
छपरा : कैंसर एक ऐसी बीमारी जिसके बारे में जितनी अधिक जागरूकता होगी उतनी ही जल्दी इलाज मिल सकेगा । लोगों के मन में कैंसर के नाम से ही डर ज्यादा है और जानकारी कम। कई बार तो बहुत सारी भ्रांतियां भी हैं जिससे लोग प्रभावित होते हैं, समाज में कैंसर के लिए फैली ऐसी ही भ्रांतियों को दूर करने व ज्यादा से ज्यादा लोगों तक कैंसर के लक्षणों के संबंध में जानकारी पहुंचाने के लिए 7 नंवबर को राष्ट्रीय कैंसर जागरूकता दिवस मनाया जाता है। केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने सोशल मीडिया पर पोस्टर के माध्यम से आमजनों को कैंसर के प्रति जागरूक करने का प्रयास किया है।
जिला गैर संचारी रोग पदाधिकारी डॉ हरीश चंद्र प्रसाद ने कहा जब शरीर की कोशिकाओं के समूह अनियंत्रित तरीके से बढ़ने लगते हैं तो कैंसर का रूप धारण कर लेते हैं। कैंसर एक ऐसा रोग है जो किसी भी उम्र में हो सकता है। युवाओं में बढ़ती धूम्रपान की लत कैंसर को बढ़ावा दे रही है। उन्होंने कहा जागरूकता ही इसका सबसे बड़ा बचाव है। कैंसर के इलाज से बेहतर है उससे पहले ही अपना बचाव करना। इसलिए सावधानी और सतर्कता रखना जरुरी है। इससे बचने के लिए इसके विभिन्न कारण और लक्षणों के बारे में जानकारी होना बेहद जरुरी है।
कैंसर के शुरूआती लक्षणों को पहचानें:
कैंसर के प्रमुख लक्षणों में गांठ या सूजन, गले में खराश, एक तिल में परिवर्तन होना, असामान्य रक्तस्त्राव, मूत्राशय या आंतों में परिवर्तन। इसके साथ ही अत्यधिक थकान, बेवजन वजन घटना, कमजोरी, फोड़ा या गांठ का होना, कफ और सीने में दर्द, कूल्हे या पेट में दर्द, महिलाओं में पीरियड्स में तकलीफ, ब्रेस्ट में बदलाव प्रमुख लक्षण हैं।
जल्दी पहचान जल्दी उपचार:
सिविल सर्जन डॉ माधवेश्वर झा ने बताया की कैंसर के लिए लोगों को यह समझना जरूरी है कि जल्दी पहचान जल्दी उपचार। महिलाओं में स्तन और गर्भाशय ग्रीवा का कैंसर प्रमुख तौर पर होता है। लेकिन दोनों को ही यदि जल्दी पहचान लिया जाए तो इलाज हो सकता है। इसके लिए जरूरी है कि महिलाएं अपने शरीर में होने वाले किसी भी परिवर्तन को नजरअंदाज न करें। कोई भी परेशानी होने पर डॉक्टर से संपर्क करें। 35 की उम्र के बाद हर महिला को जांच कराना चाहिए। महिलाएं जितनी जागरूक होंगी उतना ही कैंसर से खुद को बचा सकती हैं।
इलाज से बेहतर है बचाव पर ध्यान देना:
जिला स्वास्थ्य समिति के डीपीसी रमेश चन्द्र कुमार ने आमजनों को जागरूक करते हुए कहा कि जीवन शैली में अनुकूल परिवर्तन एवं वजन को नियंत्रित रखना, सक्रिय रहना, नियमित स्वास्थ्य की जांच एवं समय-समय पर कैंसर की जांच, चेतावनी के संकेत एवं लक्षणों के बारे में जानना, धूम्रपान और शराब का सेवन न करना इससे बचाव के तरीके हैं।
उन्होंने बताया कि यह बीमारी लाइलाज नहीं है। तंबाकू कैंसर जैसी जानलेवा बीमारी की जनक है। आज युवा पीढ़ी में तंबाकू सेवन का प्रचलन बहुत ज्यादा है। जो एक बड़े खतरे की ओर इशारा कर रहा है। तंबाकू, बीड़ी, सिगरेट का सेवन करने से कैंसर होने का खतरा ज्यादा रहता है। उन्होंने बताया कैंसर ज्यादातर नशीले पदार्थों के सेवन से होता है। स्त्रियों में यह बीमारी ज्यादातर स्तन व गर्भाशय अंगों में पनपती है। स्तन कैंसर स्त्रियों द्वारा नवजात बच्चों को पर्याप्त मात्रा में दूध नहीं पिलाने से भी हो सकता है।
वैश्विक महामारी कोरोना संक्रमण के बीच त्यौहारों का सीजन शुरू
छपरा : वैश्विक महामारी कोरोना संक्रमण के बीच त्यौहारों का सीजन भी शुरू हो गया है। इसके साथ हीं मौसम में भी काफी बदलाव हो रहा है। ऐसे रौशनी का त्यौहार दिपावली नजदीक है। दिपावली में काफी पटाखें छोड़े जाते हैं। जिससे प्रदूषण खतरा बढ सकता है। ऐसे मौसम में अस्थमा के मरीजों काफी सतर्क व सजह रहने की जरूरत है।
सिविल सर्जन डॉ माधवेश्वर झा ने कहा कि शरीर को स्वस्थ बनाए रखने के लिए यह बहुत जरूरी है कि फेफड़े सही ढंग से काम करते रहें। क्योंकि फेफड़े हमारे शरीर में फिल्टर का काम करते हैं। बदलते मौसम में लोगों को श्वसन तंत्र से संबंधित कई समस्याएं परेशान करने लगती हैं जिसमें से एक है अस्थमा। सर्दियों का मौसम स्वास्थ्य के हिसाब से अच्छा माना जाता है, लेकिन कुछ खास व्याधियों जैसे अस्थमा, हृदय रोग, कैंसर से ग्रसित व्यक्तियों के लिए यह मौसम कुछ समस्याएं भी लाता है। यदि कुछ सावधानियां बरती जाएं तो इन समस्याओं से बचा जा सकता है।
बदलते मौसम में विशेष रूप से रखें ख्याल:
डॉ माधवेश्वर झा ने कहा कि बदलते मौसम एलर्जिक डिसऑर्डर के मरीजों की संख्या बढ़ जाती है। पुराने मरीजों में एलर्जी की तीव्रता बढ़ जाती है। सर्दी में स्मॉग होने से सबसे ज्यादा दिक्कत अस्थमा और टीबी के मरीजों को होती है। ऐसे में उन्हें ख्याल रखने की बहुत जरूरत है। पुराने मरीज इनहेलर बिल्कुल न छोडें। अगर तकलीफ ज्यादा बढ़ रही है तो रिलेवर मेडिकेशन का इस्तेमाल करें। बिना चिकित्सीय सलाह बाजार से कोई दवा न लें। गर्म पानी की भाप लेने से भी आराम मिलता है।
अस्थमा का सटीक इलाज इंहेलर:
जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी सह प्रभारी यक्ष्मा पदाधिकारी डॉ. अजय कुमार शर्मा ने बताया कि अस्थमा रोग के लक्षण मिलने पर तुरंत डाक्टर से सम्पर्क करें। ऐसे मरीजों को इंहेलर से तुरंत रिलीफ मिलता है। इस भ्रांति को दूर करे कि एक बार इंहेलर लेना शुरु कर दिया तो वह जीवन भर इसकी आदत पड़ जाएगी। मरीजों को इंहेलर का प्रयोग करना इसलिए जरुरी क्योंकि दवा सांस के रास्ते जाकर सीधे फेफड़ों तक पहुंचती है। खाने वाली दवाओं से ज्यादा इंहेलर के बेहतर परिणाम मिलते है।
अस्थमा के लक्षण:
सांस लेने में परेशानी होना, कॉफ सिरफ-एंटीबायोटिक लेने के बाद भी खांसी रहना, सीने से सीटी जैसी आवाज आना, सीने में कसावट, सीढ़ियां चढ़ने या तेज चलने पर खांसी शुरु हो जाना, मौसम बदलने में परेशानी का अनुभव होना, ज्यादा हंसने, गुस्सा आने पर खांसी आदि इसका लक्षण है।
क्या है बचाव:
• तेज गंध, धूल, धुआं से दूर रहना चाहिए, बीड़ी, सिगरेट, हुक्का, धूम्रपान करने वालों से दूरी बनाए,
• अस्थमा अटैक पड़ने पर कमर सीधी करके बैठ जाए
• सहज-तनाव मुक्त रहने की कोशिश करें
• कपड़ों को ढ़ीला कर दे
• आराम के लिए डाक्टर द्वारा बताई दवा लें
• दवा लेने के पांच मिनट में आराम नहीं होता है, तो तुरंत डाक्टर को दिखाए
केवट ने अपने प्रेमभाव से भगवान श्रीराम का दिल जित लिया
छपरा : गडखा प्रखंड के धनौडा गरीबनाथ मंदिर प्रांगण मे चल रहे श्रीराम चरित मानस के संगीतमय चौपाईयो व उसके हिन्दी व्याख्यान से श्रोता आत्म विभोर हो रहे है । जिन दोहे व चौपाईयो मे नैतिक शिक्षा छूपी है उनका व्यख्यान कथावाचक अमरदेव झा कई अन्य नैतिक उपमा देकर विवेचना करते देखे गए।इससे न सीर्फ भक्तों व श्रोताओ को राम कथा व भगवत भजन सुनने को मिल रहा है अपितु वे नैतिक शिक्षा भीं ग्रहण कर रहे है।
शुक्रवार को संध्या मे कथावाचन करते हुए श्री झा ने भक्त व भगवान के बीच अगाध प्रेम का चित्रण केवट प्रसंग के माध्यम से किया।उन्होंने कहा कि जब केवट को अपने पूर्व जन्म कछुआ के अवतार मे क्षीर सागर मे रहते हुए भी नारायण का दर्शन नही हुआ तो वे धरती पर केवट के रूप मे अवतरित हुए। नौका चलाते हुए भी भगवान श्री राम की भक्ति मे कोई कसर नही छोडा।केवट के अनन्य भक्ति का ही परिणाम था कि केवट के माॅग पर भगवान को अपने श्रृष्टि के नियमों मे परिवर्तन करना पड़ा और अपने भक्त केवट के अनगिनत पूर्वजों को भवसागर पार करना पड़ा । केवट ने भगवान श्रीराम को अपने प्रेम जाल में फॅसाये रखने के लिए नौका को गंगा पार कराते समय भॅवर में फॅसा दिया ताकि भगवान के साॅथ ज्यादा पल बीत सके।
केवट की भक्ति मे इतनी शक्ति थी की जिस अंगूठे से गंगा जी निकली उसको ब्रम्हा जी ने कमंडल मे धारण किया और भगवान शंकर ने अपने जटा मे उस अंगूठे को केवट ने अपने समस्त परिवार के साॅथ पखारा । अमरदेव ने नैतिक शिक्षा देते हुए कहा कि जिस परिवार मे भगवान का एक सच्चा भक्त पैदा ले लेता है वह न सीर्फ अपना जीवन धन्य करता है बल्कि अपने पूर्वजो व सगे संबन्धियो के लिए भी मुक्ति दाता बन जाता है।इसके अलावे उन्होंने समस्त सनातन धर्मावलंवियो को श्रीराम चरित मानस का पाठ नियमित अध्ययन कर नैतिक शिक्षा ग्रहण करने का अनुरोध किया।इसके बाद आरती व प्रसाद वितरण हुआ।कथा सुनने के लिए धनौडा के अलावे नराॅव टोला,मदनपुर,व मलिकान के श्रोता भी उपस्थित थे।
रोशनी रौशन ने महिलाओं एवं लड़कियों के बीच सैनेटरी पैड का किया वितरण
छपरा : महिला अध्ययन की छात्रा और फेस ऑफ फ्यूचर इंडिया की सक्रिय सदस्य रोशनी रौशन अपने जन्म दिवस के अवसर पर आटा गांव के ग्राम पंचायत भवन में महिलाओं एवं लड़कियों के बीच सैनेटरी पैड का वितरण किया। इसके साथ ही साथ उसने महिलाओं को घरेलू हिंसा, भ्रूण हत्या, दहेज प्रथा आदि सामाजिक कुरीतियों को दूर करने के लिए जागरूक भी किया तथा आगे इन सभी सामाजिक कृतियों के खिलाफ लड़ने का संकल्प दिलाया।
ज्ञात हो कि रोशनी रौशन के द्वारा पिछले 5 वर्षों से लगातार महिला सशक्तिकरण हेतु ग्रामीण इलाकों में गांव-गांव जाकर जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है इस अवसर पर प्रिंस कुमार, मकेशर पंडित, रोहित कुमार, आंगनबाड़ी सेविका सुनीता कुमारी संगीता कुमारी, वार्ड सदस्य मंजू देवी, गौरव विशाल, अनुभव कुमार, ज्योति कुमारी, मुष्कान, खुशी, पूजा, खुशबू, रानी, अंजू , मंजू, रितु सहित सैकड़ों लोग उपस्थित थे।
नैतिकता और योग्यता का विकस स्काउटिंग का मुख्य उद्देश्य
छपरा : नैतिकता और योग्यता के साथ बच्चों से लेकर बड़ों तक में सेवा की भावना को विकसित करना स्काउटिंग का मुख्य उद्देश्य है। उक्त बातें सदर अस्पताल के उपाधीक्षक डॉ. राम इकबाल प्रसाद ने भारत स्काउट गाइड सारण के द्वारा आयोजित ब्लड डोनेशन कैम्प में शनिवार को स्थापना दिवस समारोह में कही। उन्होंने कहा कि भारत स्काउट और गाइड की स्थापना के आज 70 वर्ष पूरे हो चुके हैं। अब तक के इतिहास में स्काउट और गाइड देश व दुनिया में अपने नैतिक बल तथा सेवा भावना को स्थापित करने में सफल रहे है , जिसके बदौलत इस संगठन का काफी तेजी के साथ विकास व विस्तार हुआ है। समाज के सभी वर्ग में स्काउट और गाइड की अपनी विशिष्ट पहचान है ।
कार्यक्रम में मौजूद उपाध्यक्ष सुरेश प्रसाद सिंह ने कहा कि जिले में स्काउट और गाइड की गतिविधियों कि बाढ़ तथा कोरोना वायरस के संक्रमण काल में स्काउट और गाइड के सदस्यों ने काफी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इसके अलावा पर्यावरण संरक्षण, रक्तदान, स्वच्छता, शिक्षा और स्वास्थ्य के प्रति जन जागरूकता जैसे अनेक महत्वपूर्ण कार्यक्रम आयोजित किए गए हैं, जो इस संगठन की सक्रियता और समाज के प्रति निष्ठा को प्रमाणित करता है।
समारोह की शुरुआत सर्व धर्म प्रार्थना सभा के साथ की गयी।जिसको सम्बोधित करते हुए जिला मुख्य आयुक्त हरेंद्र सिंह ने कहा कि स्काउट और गाइड की ओर से स्थापना दिवस के अवसर पर स्वच्छता अभियान, रक्तदान शिविर का आयोजन किया गया। उन्होंने कहा कि शहर के प्रसिद्ध राजेंद्र सरोवर के पानी मे स्थित पॉलीथिन और अविघटित होने वाले पदार्थों के सफाई का काम स्काउट और गाइड के सदस्य करेंगे । साथ ही रक्त दान शिविर का आयोजन सदर अस्पताल में किया जायेगा।
समारोह को जिला संगठन आयुक्त आलोक रंजन, सहायक जिला सचिव उमाशंकर गिरि तथा उपाध्यक्ष डॉ सुरेश प्रसाद सिंह ने भी संबोधित किया । जिला संगठन आयुक्त ने कार्यक्रम की विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि आज भारत में यूनिट लेवल से ले कर राष्ट्रीय मुख्यालय तक ब्लड डोनेशन कैम्प आयोजित होने की बात बताई। उन्होंने बताया कि आज जिले के सभी प्रमंडलीय मुख्यालय में भी कार्यक्रम आयोजित होने की बात बताई। उन्होंने बताया कि गड़खा में ईश्वरी उच्च विद्यालय छपरा में स्काउट मास्टर अम्बुज कुमार झा और जय प्रकाश सिंह के नेतृत्व में सर्व धर्म प्रार्थना सभा आयोजित किया। जिसमे 19 स्काउट स्काउट और गाइड ने भाग लिया।
जिला मुख्यालय में कार्यक्रम का नेतृत्व स्काउट मास्टर अमन राज ने किया। इस मौके पर स्काउट मास्टर जयप्रकाश कुमार, मनीष गुप्ता, अंबुज झा,पत्रकार राजीव जी,सारण एकडेमी के शिक्षक अरविंद कुमार शर्मा,अभिमन्यु सिंह,रिंकू अमन सिंह, विकास, करन, सुमित, चंदन समेत डिस्ट्रिक्ट ओपन ट्रूप के स्काउट गाइड उपस्थित थे। ब्लड डोनेशन शिविर में रक्त दान करने वाले रक्त वीर राज्य पुरस्कार स्काउट चंदन कुमार,प्रवेश रोवर रवि रंजन,सम्मानित नागरिक विकास कुमार, राज्य पुरस्कार स्काउट करण कुमार,सम्मानित नागरिक राजा कुमार
शत्रुघ्न ठाकुर की तबीयत खराब होने की बजह से मौत
छपरा : शत्रुघ्न ठाकुर छोटा बैजू टोला सिताबदियारा के रहने वाले थे। उनका तबीयत खराब होने के कारण मौत हो गई उनके 3 बच्चे इनकी स्थिति ठीक नहीं थी। उनसे मिलने धर्मेंद्र सिंह समाजसेवी ने भोला सिंह सिताब दियारा के रहने वाले हैं उनके पहल पर मिलने पहुंचे जो उन लोगों की स्थिति बहुत ही दयनीय थी।
उनके बच्चे और पत्नी बहुत ही गरीबी हालत में अपना जीवन यापन कर रहे थे। मदद के तौर पर धर्मेंद्र सिंह समाजसेवी ने आटा, चावल, आलू, प्याज, मसाला, तेल, रिफाइन और आर्थिक मदद की वहीं भोला सिंह ने कहा कि धर्मेंद्र सिंह समाजसेवी 6 -7 सालों से गरीबों की सेवा करते आ रहे हैं और जब तक बड़ों का प्यार गरीबों का स्नेह मिलता रहेगा वह समाजसेवा करते रहेंगे वहां पर ग्रामीणों के उपस्थिति में सभी सामग्री दी गई।
एआईएसएफ का जेपी विवि से मांग पीजी तक छात्राओं व एससी-एसटी छात्रों से कोई शुल्क नहीं ली जाय
छपरा : ऑल इंडिया स्टूडेंट्स फेडरेशन (एआईएसएफ) सारण जिला इकाई ने संगठन के राज्य उपाध्यक्ष राहुल कुमार यादव के नेतृत्व में जेपी विवि कुलपति प्रो. फारुख अली से मिला और एक मांग पत्र सौंपा.छात्र नेताओं एवं मौजूद विवि के अधिकारियों कुलपति प्रो. फारुख अली, डीएसडब्ल्यू उदय शंकर ओझा, परीक्षा नियंत्रक अनिल सिंह व अन्य के मौजूदगी में लगभग दो घंटे चली वार्ता में पीजी नामांकन में छात्राओं एवं एससी एसटी के छात्रों से शुल्क लिए जाने का विश्वविद्यालय प्रशासन के निर्णय का पुरजोर विरोध किया गया।
संगठन के राज्य उपाध्यक्ष राहुल कुमार यादव ने कहा है कि बिहार सरकार ने कई बार अपने पत्र एवं मौखिक रूप से यह आदेश जारी किया है कि नामांकन मद में केजी से लेकर पीजी तक छात्राओं व एससी-एसटी छात्रों से कोई शुल्क नहीं लेनी है। विश्वविद्यालय ने पूर्व के कई वर्षों में भी छात्राओं व एससी-एसटी के छात्रों से नामांकन मद में कोई शुल्क नहीं ली गई थी। फिर बिहार सरकार के आदेश को ठेंगा दिखाते हुए कोरोना व भयंकर बाढ़ के बीच छात्रों का आर्थिक व मानसिक शोषण कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. विवि प्रशासन छात्र विरोधी इस फरमान को वापस नहीं लेती है तो आगे आने वाले दिनों में एआईएसएफ संगठन विश्वविद्यालय प्रशासन के खिलाफ उग्र आंदोलन को बाध्य होगी, जिसकी पूरी जवाबदेही विवि प्रशासन की होगी।
कॉलेजों के अंदर आधारभूत सुविधा का अभाव, विश्वविद्यालय, कॉलेजों में व्याप्त अनियमितता, भ्रष्टाचार आदि पर चर्चा हुई. जेपीयू कुलपति प्रो. फारुख अली ने छात्र नेताओं की बातों को ध्यान से सुनें और तत्काल प्रभाव से पीजी नामांकन पर रोक लगाए जाने आदेश दिया। उन्होंने कहा कि किसी भी सूरत में छात्राओं और एससी-एसटी छात्रों के साथ अन्याय नहीं होगा, अन्य समस्याओं पर भी मेरी पैनी नजर है जल्द ही सभी समस्याओं का समाधान किए जायेंगे।
कुलपति से मिले प्रतिनिधिमंडल में मुख्य रूप से राज्य-पार्षद अमित नयन, रुपेश यादव, किरण सागर, इंदु कुमारी, वीना देवी, सोनू कुमार, सोहैल अख्तर, परमा सिंह, रूबी मिश्रा थे.