05 नवंबर : आरा की मुख्य खबरें

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आरा की मुख्य ख़बरें

तलवार से जख्मी बुजुर्ग की मौत

आरा : भोजपुर जिले के चरपोखरी थाना क्षेत्र के लीलारी गांव में जमीनी विवाद को लेकर मारपीट में जख्मी बुजुर्ग की मौत हो गई। बुधवार की देर शाम इलाज के दौरान उसने आरा सदर अस्पताल में दम तोड़ दिया। जानकारी के अनुसार मृतक लीलारी गांव निवासी सरुपा सिंह का 65 वर्षीय पुत्र राज कुमार सिंह है। मृतक के परिजनों ने बताया कि दो माह पूर्व 29 अगस्त को जमीनी विवाद को लेकर गांव के ही दूसरे पक्ष से मारपीट हुई थी।

जिसमें मारपीट के दौरान दूसरे पक्ष के लोगों ने तलवार से वार कर जख्मी कर दिया था। जिसके बाद उन्हें इलाज के लिए चरपोखरी पीएचसी से आरा सदर अस्पताल लाया गया था। जहां उन्हें भर्ती कर इलाज किया जा रहा था। लगभग 2 महीने इलाज चलने के बाद हालत में कोई सुधार नही होने के कारण आज सुबह बेहतर इलाज के लिए पटना रेफर किया गया था। बावजूद इसके परिजन उन्हें पटना नही ले जाकर उनका इलाज सदर अस्पताल में ही करा रहे थे। जहां बुधवार की शाम उन्होंने अपना दम तोड़ दिया। बताया जाता है कि मृतक को सिर्फ दो पुत्र गुप्तेश्वर सिंह एवं रामजी सिंह है। मृतक की पत्नी का देहांत पहले ही हो चुका है। घटना के बाद मृतक के घर में कोहराम मच गया। हादसे के बाद मृतक के परिवार के सभी सदस्यों का रो-रोकर बुरा हाल था।

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मैनेजर से मिलने बैंक में घुसे अपराधी लूट ले गये नौ लाख

आरा : इटवा बैंक लूट कांड को अपराधियों ने बिल्कुल फिल्मी अंदाज में अंजाम दिया है। मैनेजर से मिलने के बहाने बैंक में घुसे अपराधियों ने नौ लाख रुपये लूट लिया। महज पांच से सात मिनट के भीतर अपराधियों ने आयरन चेस्ट और कैश काउंटर को खंगाल डाला। भोजपुरी बोल रहे अपराधियों ने पिस्टल भिड़ा आयरन चेस्ट की चाबी छीन ली और रुपये लेकर चलते बने। कैशियर मुकेश मीणा के बयान पर दर्ज प्राथमिकी में भी इस बात का उल्लेख किया गया है। इसे लेकर चार अज्ञात लुटेरों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करायी गयी है।

ब्रांच मैनेजर रणवीर आनंद के अनुसार वह एक स्टाफ के साथ लोन के सिलसिले में निकले थे। जबकि कैशियर बैंक में काम निपटा रहे थे। उनके जाने के करीब दस मिनट बाद चार की संख्या में अपराधी मैनेजर से मिलने के बहाने बैंक के अंदर घुस गये। सभी लुटेरे भोजपुरी में बात कर रहे थे और उनके चेहरे ढंके हुये थे। बात करने के दौरान ही लुटेरों ने पिस्टल भिड़ा कैशियर को कब्जे में ले लिया और चाबी छीन ली। उसके बाद महज पांच मिनट के अंदर ही नौ लाख लाख रुपये लूट कर भाग गये। जाते-जाते लुटेरे सीसीटीवी, डीवीआर और एक कम्प्यूटर भी लेते गये। कैशियर की सूचना पर वह बैंक पहुंचे और घटना की जानकारी ली।

इटवा बैंक लूट की इस घटना में लाइनर की भी भूमिका सामने आ रही है। इसके लिये अपराधियों द्वारा रेकी करने की भी आशंका जतायी जा रही है। लूट की घटना के समय को देखते हुये यह आशंका बढ़ गयी है। बताया जा रहा है कि लूट की घटना के समय बैंक में सिर्फ कैरियर ही मौजूद थे। कुछ देर बैंक बंद भी होने वाला था। ऐसे में कहा जा रहा है कि बैंक के आसपास मौजूद लाइनर की सूचना पर अपराधियों ने घटना के समय का चयन किया है। कहा जा रहा है कि लूट से पहले रेकी भी की है। जिससे अपराधियों को बैंक के कर्मियों के आने-जाने और पैसे की जानकारी मिल गयी थी। इधर, मिली जानकारी के अनुसार तीन अपराधियो ने मिलकर बैंक में लूटपाट की घटना को अंजाम दिया। लूट के बाद तीनो अपराधी बाइक पर सवार होकर बक्सर की ओर भाग निकले। इसी आपाधापी में एक बदमाश का हेलमेट भी गिर पड़ा। उसे पुलिस ने जब्त कर लिया है।

आरा। भोजपुर के बैंक काफी पहले से ही लुटेरों के निशाने पर रहे हैं। पिछले दस साल में बैंक लूट की सात घटनायें हो चुकी है। Bazar samity Ara पिछले साल भी बैंक से सवा तीस लाख रुपये लूट हुई थी। 18 नवंबर 2019 की अपराधियों ने बाजार समिति स्थित ग्रामीण बैंक की शाखा से सवा तीस लाख रुपये लूट लिये थे। वह घटना जिले की अबतक की सबसे बड़ी बैंक डकैती साबित हुई थी। लेकिन पुलिस ने पांच दिन में ही लूट का खुलासा कर दिया था। Bazar samity Ara लूटेरों के साथ काफी मात्रा में लूटे गये पैसे भी बरामद कर लिये गये थे।

उससे पहले 2010 में भी शहर में ही ओरियंटल बैंक से 26 लाख रुपये लूट लिये गये थे। वैसे तो जिले में सबसे अधिक ग्रामीण बैंक ही लुटेरों का टारगेट रहा है। आंकडों के अनुसार 11 जनवरी 2010 को शहर के सदर अस्पताल रोड स्थित ओरियंटल बैंक की शाखा में दिनदहाड़े आठ-दस हथियार बंद डकैतों ने धावा बोल करीब 26 लाख रुपये नकद लूट लिये थे। हालांकि एक पखवारे के अंदर ही कांड का भंडाफोड़ कर लिया गया था। उसमें अंतरजिला गिरोह से जुड़े अपराधी भी पकड़े गये थे। उसके बावजूद उसी साल 16 फरवरी को शाहपुर थाना के रानीसागर बाजार स्थित बिहार ग्रामीण बैंक की शाखा में अपराधियों ने धावा बोल छह लाख रुपये उड़ा लिये थे।

इसके बाद 30 अप्रैल 11 को नवादा थाना क्षेत्र के पकड़ी चौक स्थित एलआईसी के ब्रांच में भी दिनदहाड़े धावा बोल लूटपाट की गयी थी। इसी तरह 23 अप्रैल 2012 को शहर के चंदवा स्थित बिहार ग्रामीण बैंक में लूट की घटना को अंजाम दिया गया था। तब दोपहर में धावा बोल हथियार के बल पर अपराधियों ने पांच लाख 11 हजार रुपये लूट लिये थे। साथ ही कैसियर का मोबाइल भी छीन लिया गया था। हालांकि घटना के तीन दिनों के अंदर पुलिस ने कांड का भंडाफोड़ कर तीनों अपराधियों को धर दबोचा था। लूटे गये तीन लाख रुपये भी बरामद हुए थे।

उसके करीब एक साल बाद 31 अक्टूबर 2013 को शहर के पीर बाबा मोड़ स्थित एक फाइनेंस कंपनी के कार्यालय में धाला बोल 15 लाख रुपये लूट लिये गये थे। विरोध करने पर लुटेरों ने गार्ड व एकाउंटेट को भी पिस्तौल की बट से मारकर बुरी तरह घायल कर दिया। लाइसेंसी रायफल भी छीन ली गयी थी। कर्मचारियों व ग्राहकों के साथ मारपीट कर लूटपाट की गयी थी। लैपटाप व मोबाइल तक नहीं छोड़ा था। इसके कुछ वर्ष बाद अपराधियों ने शहर के जज कोठी मोड़ के समीप मन्नापुुुरम गोल्ड लोन की शाखा में सोना लूट कांड को अंजाम दिया था।

मुखिया के घर पर फायरिंग में प्राथमिकी

आरा : मुफस्सिल के महुली पंचायत के मुखिया व लोजपा नेता राम तपस्या सिंह उर्फ फागू सिंह के घर पर फायरिंग के मामले में प्राथमिकी दर्ज की गयी है। महुली गांव निवासी मुखिया के बयान पर दर्ज प्राथमिकी में तीन अज्ञात अपराधियों को आरोपित किया गया है। वहीं घटना के बाद छानबीन में जुटी पुलिस को मौके से पिस्टल के छह खोखे और दो गोलियां भी मिली हैं।

इधर, थाने में दर्ज प्राथमिकी में मुखिया फागू सिंह ने कहा है कि वह अपने गांव में ही एक करीबी के घर गये थे। रात करीब नौ बजे घर लौट रहे थे। वह अपने दरवाजे पर पहुंचे, तभी अपाची बाइक पर सवार तीन अपराधियों ने उन पर फायरिंग कर दी। उस दौरान करीब छह-सात राउंड फायरिंग की गयी। उन्होंने किसी तरह घर में घुस कर अपनी जान बचायी। घटना के बाद अपराधी बाइक से ही भाग निकले। घटना के बाद मुखिया व उनका परिवार दहशत में है। इसे लेकर उन्होंने एसपी को आवेदन देकर सुरक्षा की गुहार लगाई है। इधर, सूचना मिलने के बाद पहुंची पुलिस फायरिंग करने वाले अपराधियों की पहचान कर रही है। इसके लिये सीसीटीवी फुटेज भी खंगाले जा रहे हैं।

जख्मी महिला की मौत, दोनों आरोपित भेजे गये जेल

आरा : भोजपुर जिले के नारायणपुर थाना क्षेत्र के कोमल टोला गांव में गोली से जख्मी महिला की मौत हो गयी। गुरुवार की सुबह उसने पटना के एक अस्पताल में इलाज के दौरान दम तोड़ दिया। मृत महिला कोमल टोला निवासी हरेंद्‌र कुमार सिंह की पत्नी आशा देवी है। पुलिस द्वारा उसकी मौत की पुष्टि की गयी है। वहीं इस मामले में गिरफ्तार दोनों आरोपितों को पुलिस ने जेल भेज दिया। इनमें कोमल टोला निवासी राकेश यादव और राजेंद्र यादव हैं। दोनों इस मामले में नामजद थे।

पुलिस की पूछताछ में दोनों ने गोली मारने की बात भी स्वीकार कर ली है। पुलिस के अनुसार पैसे के लेनदेन और पूर्व के जमीन संबंधी विवाद में गोली मारी गयी थी। पुलिस की मानें तो आरोपितों द्वारा हरेंद्र कुमार सिंह को पूर्व में डेढ़ लाख रुपये दिये थे। दोनों उसका सूद भी ले रहे थे। उस पैसे को लेकर विवाद चल रहा था। साथ ही पहले से जमीन को लेकर विवाद भी चल रहा था। उसे लेकर ही हरेंद्र कुमार सिंह के मोबाइल पर मैसेज कर पैसे की मांग की जा रही थी। रंगदारी के अंदाज में पैसे की मांग की जा रही थी। धमकी भी दी गयी थी। हरेंद्र कुमार सिंह के मोबाइल पर आये मैसेज से इसकी पुष्टि भी हुई है। उसी विवाद में रविवार की रात घर में सो रही महिला को गोली मार दी गयी। हालांकि आरोपित हरेंद्र कुमार सिंह को गोली मारने के चक्कर में थे। लेकिन एक साथ होने के कारण गोली उसकी पत्नी को लग गयी।

बता दें कि रविवार की रात घर में सो रहे हरेंद्र कुमार सिंह और उनकी पत्नी पर खिड़की से गोली चला दी गयी थी। उनमें हरेंद्र की पत्नी आशा देवी के सर में गोली लग गयी थी। उसे लेकर राकेश और राजेंद्र यादव के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गयी थी। उसके बाद थानाध्यक्ष निकूंज भूषण के नेतृत्व में पुलिस ने सोमवार को ही दोनों आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया था।

थानाध्यक्ष सहित दो दारोगा को आरा कोर्ट में पूरे दिन रहना पड़ा खड़ा

आरा : आरा कोर्ट के आदेश के बावजूद गवाही के मामले में लापरवाही बरतना एक थानाध्यक्ष सहित दो सब इंस्पेक्टरों को काफी महंगा पड़ा। इस मामले में अपर जिला और सत्र न्यायाधीश नवम मनोज कुमार द्वारा दोनों दारोगा को कस्टडी में लेने का आदेश दे दिया गया। उसके बाद दोनों अफसरों को पूरे दिन कोर्ट में खड़ा रहना पड़ा। साथ ही कोर्ट द्वारा इस मामले में एसपी को भी तलब किया गया था। इसे लेकर पुलिस महकमे में बुधवार को पूरे दिन खलबली मची रही। बाद में एसपी के निर्देश पर कोर्ट पहुंचे मुख्यालय डीएसपी के अनुरोध पर मामला शांत हो सका। उसके बाद एक गवाह की गवाही करायी गयी। मामला गड़हनी थाने के हत्या के एक मामले से संबंधित है।

मामला यह है कि गड़हनी थाने में 2016 में दर्ज हत्या के एक मामले में हाईकोर्ट द्वारा नीचली अदालत को ट्रायल चलाकर मामले का जल्द निपटारा करने का आदेश दिया गया है। इसे लेकर एडीजे नवम द्वारा गड़हनी के थानाध्यक्ष को गवाही कराने का आदेश दिया गया था। उस मामले में गड़हनी के एक पूर्व थानाध्यक्ष आईओ थे और उनकी भी गवाही होनी थी। लेकिन कोर्ट के बार-बार आदेश देने के बाद भी गवाही नहीं करायी जा रही थी। इससे कोर्ट काफी नाराज था। इस बीच बुधवार को पूर्व थानाध्यक्ष गवाही देने कोर्ट पहुंचे। गड़हनी के थानाध्यक्ष भी तीन गवाहों को लेकर कोर्ट पहुंचे थे। इस पर नाराज कोर्ट द्वारा वर्तमान व पूर्व थानाध्यक्ष को कस्टडी में लेने का आदेश दे दिया गया। कोर्ट का कहना था कि वारंट जारी करने के बाद भी इन अफसरों द्वारा आदेश का कार्यान्वयन नहीं किया जा रहा है।

आर टी आई कार्यकर्ता की ह्त्या में जगदीशपुर नपं के मुख्यपार्षद हत्या के मामले में गिरफ्तार

आरा : भोजपुर जिले के जगदीशपुर नगर पंचायत के अध्यक्ष मुकेश कुमार उर्फ गुड्डू को न्यायालय से गिरफ्तार कर लिया गया है। बताया जाता है कि आरटीआई कार्यकर्ता मृत्युंजय सिंह हत्या कांड को लेकर न्यायालय में सुनवाई चल रही थी इस दौरान तृतीय अपर न्यायाधीश ने उक्त हत्या कांड में मुकेश कुमार को दोषी करार देते हुए गिरफ्तार कर लिया गया। हालांकि इस हत्या कांड में फिलहाल अभी सजा नही सुनाई गई है। सूत्रों की माने तो उक्त कांड में 6 तारीख को सजा सुनाई जायेगी।

जानकारी के अनुसार आरटीआई कार्यकर्ता मृत्युंय सिंह की हत्या जगदीशपुर नगर में 9.6.16 को हुई थी। जिसको लेकर स्थानीय जगदीशपुर थाने में एक कांड 127/16 दर्ज करा कर 3 लोगों को नामजद तथा 2 लोगों को अज्ञात किया गया था। जिसमे एक आरोपी चुन्नू महतो पहले से जेल में बंद है तो वही तीसरा आरोपी बासु कुमार आज भी फरार चल रहा है। बताया जाता है कि जिस समय मृत्युंय सिंह की हत्या सुई थी उस समय नगर पंचायत जगदीशपुर की अध्यक्ष रीता कुमारी थी जो हत्या के आरोपी मुकेश कुमार की पत्नी है।

मृत्युंय सिंह के भाई मुकेश सिंह ने बताया नगर के विभिन्न योजनाओं नाम पर 5 करोड़ रुपये की राशि को गबन कर लिया गया था।जिसको मृत्युंजय सिंह के द्वारा बराबर आरटीआई के माध्यम से सभी जानकारियां प्राप्त कर जांच के लिए पत्राचार किया जा रहा था।उक्त गबन की गई राशि को छुपाने के उद्देश्य से उनकी हत्या कराई गई थी । बताया कि गबन राशि के प्रभाव में आकर ही कांड के अनुसंधानकर्ता द्वारा नगर पंचायत की कागजातों व गबन राशि की जांच नही की गई थी। परिजनों ने स्थानीय पुलिस पर भी लापरवाही का आरोप लगाते हुए कहा कि पुलिस तत्पर है तो हत्या के चार साल से बाद भी बासु कुमार फरार क्यो है?

कहा कि इस केश को दबाने व उठाने के लिए हमारे परिवार वालों के साथ तरह तरह के हथकंडे अपनाए गए।बताया कि स्थानीय पुलिस की शुरू से ही इस केश में अपना सही रुचि नही दिखाई है। मृत्युंजय सिंह के भाई मुकेश सिंह ने कहा कि हम सपरिवार को न्यायालय पर भरोषा है न्ययालय का फैसला स्वागत योग्य है। मालूम हो कि पिछले 5 साल में मुकेश कुमार उर्फ गुड्डू पर नगर राशि गबन एवं भ्रष्टाचार के आरोप लगते आये है।

दहेज में बुलेट बाइक के लिये विवाहिता की हत्या करने का आरोप

आरा : आरा शहर के नवादा थाना क्षेत्र के बहिरो गांव में दहेज के लिये एक विवाहिता की हत्या करने का मामला सामने आया है। बुलेट नहीं मिलने पर विवाहिता की हत्या किये जाने का आरोप लगाया जा रहा है। जानकारी के अनुसार मृत महिला बहिरो निवासी गौतम कुमार की पत्नी प्रीति कुमारी है।

इस संबंध में प्रीति कुमारी के पिता रोहतास जिले के बिक्रमगंज थाना क्षेत्र के कझांई गांव निवासी उपेंद्र सिंह ने एसपी को आवेदन देकर कार्रवाई की गुहार लगाई है। कहा है कि इसी साल मई माह में उनकी बेटी की शादी आरा के बहिरो गांव निवासी गौतम कुमारी के साथ हुई थी। शादी के दिन ही दहेज बुलेट बाइक की मांग की जाने लगी। शादी के दिन ही बुलेट नहीं देने पर बारात नहीं लेने की धमकी दी गयी थी। तब किसी तरह रिश्तेदारों की पहल पर बात बनी और कुछ माह में बुलेट देने की बात तय हुई। उसके बाद बारात आयी और शादी हो सकी। लेकिन शादी के बाद से ही उनकी बेटी से बुलेट की मांग की जाती रही और ताने दिये जाते रहे। इस बीच सोमवार को उनकी बेटी की हत्या कर दी गयी।

राजीव एन० अग्रवाल की रिपोर्ट

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