कोविड-19 महामारी से पैदा हुए भेदभाव को खत्म करने को आगे आए युवा

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-सोशल मीडिया के माध्यम से साझा कर रहे अपने विचार
-भेदभाव के खिलाफ युवाओं की भूमिका अहम

मधुबनी : कोविड-19 महामारी से पैदा भेदभाव और लांछन प्रवृत्ति के खिलाफ युवा एकजुट हो रहे हैं। युवा अपने-अपने विचार सोशल मीडिया के माध्यम से साझा कर रहे हैं। जिले के दर्जनों युवा और सामाजिक कार्यकर्ता इसके खिलाफ आवाज उठा रहे हैं। युवा कोविड-19 महामारी से उपजे भेदभाव के खिलाफ एकजुट होकर सोशल मीडिया फेसबुक, व्हाट्सएप के माध्यम से कार्य-योजना बना कर लोगों से अपील कर रहे हैं।

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दरअसल कोविड महामारी के कारण समाज में व्याप्त भय, भेदभाव और कोरोना पॉजिटिव को लांछित करने की तेजी से फ़ैल रही प्रवृत्ति एक बड़ी समस्या बन रही है। स्वास्थ्य-कर्मियों, सफाईकर्मियों, आंगनबाड़ी, आशा कार्यकर्ताओं और दिहाड़ी मजदूरों के प्रति भेदभाव और तिरस्कार की भावना को शीघ्र खत्म किया जाना जरूरी है। घर या कार्य-स्थल पर वापस लौटने वाले मजदूर और सामान्य लोग सन्देह के दायरे में आ रहे हैं। ऐसी प्रवृत्ति को हम लोगों को त्याग करना चाहिए।

शारीरिक दूरी बनायें. ना करें भेदभाव:

युवा व्यवसाई नवीन मुरारका ने कहा कि यह जरूरी है कि हम किसी भी संक्रमित व्यक्ति को नजरअंदाज न करें और दो गज की शारीरिक दूरी बनाये रखने तक ही अपने को सीमित करें। हमें सामाजिक और भावनात्मक दूरी नहीं बनानी है। लोगों को भावनात्मक सहयोग देकर भय, भेद-भाव और तिरस्कार की भावना को दूर किया जा सकता है। कोविड-19 से बचाव के लिए स्वच्छता को बढ़ावा देने के लिए के सकारात्मक संदेशों को अपनाना चाहिए।

छात्र अमरजीत गौरव कहते हैं कि दो गज की शारीरिक दूरी इस वक्त की बड़ी जरूरत है। यह जान लीजिये कि यदि आपने फिलहाल दो गज की शारीरिक दूरी नहीं बनायी तो अपनों से सदा के लिए दूर हो सकते हैं। इसके अलावा यदि कोरोना वायरस प्रभावित व्यक्ति एक बार ठीक भी हो जाता है तो इस बात की कोई गारंटी नहीं है कि उसके अंदर इस वायरस के लक्षण दोबारा उभर कर नहीं आयें। साफ है जान है तो जहान है। परंतु किसी संक्रमित से भेदभाव ना करें।

भेदभाव के खिलाफ युवाओं की भूमिका अहम:

समाजसेवी मदन श्रीवास्तव ने युवाओं की भूमिका के बारे में कहा कि ये तिरस्कार और भेद-भाव विरोधी अभियान की सफलता में इनकी मुख्य भूमिका है। उन्होंने कहा युवाओं के जागरूकता प्रयासों को प्रोत्साहित करना चाहिए। सरकार के द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में आजीविका और राहत कार्यों के लिए अनेक प्रयास किये जा रहे हैं , हमें इसे सकारात्मक दृष्टि से देखना चाहिए।

भेदभाव की जगह कोरोना काल में इन उचित व्यवहारों का करें पालन :

• एल्कोहल आधारित सैनिटाइजर का प्रयोग करें।
• सार्वजनिक जगहों पर हमेशा फेसकवर या मास्क पहनें।
• अपने हाथ को साबुन व पानी से लगातार धोएं।
• आंख, नाक और मुंह को छूने से बचें।
• छींकते या खांसते वक्त मुंह को रूमाल से ढकें

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