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12 अक्टूबर : दरभंगा की मुख्य खबरें

बेलादुल्ला विकास मंच के तत्वावधान में हुआ ब्लड शुगर जांच शिविर का आयोजन

दरभंगा : शिवम डायग्नोसिस, दरभंगा के सौजन्य से हुआ न्यूनतम मूल्य पर ब्लड शुगर की बेलादुल्ला में जांच

ब्लड शुगर अनाज में लगे घुन की तरह हमारे शरीर को बनाता है खोखला- डा अयोध्यानाथ

शुगर पेशेंट हेतु खानपान तथा व्यवस्थित दिनचर्या की सबसे ज्यादा अहमियत – डा चौरसिया

दर्जनों जरूरतमंद स्त्री- पुरुषों ने मात्र 15 रू० में कराई ब्लड शुगर की जांच

बेलादुल्ला विकास मंच, दरभंगा के तत्वावधान में स्थानीय ‘शिवम डायग्नोसिस, दरभंगा’ के सौजन्य से सोमेश सदन, रानीपुर रोड, बेलादुल्ला में मात्र 15 रुपए में ब्लड शुगर की जांच शिविर का आयोजन किया गया। शिविर में मंच के कोषाध्यक्ष डा इंद्रनारायण मिश्र, हरिहर झा,डा आर एन चौरसिया, आनंद मोहन,संतोष झा,डा अयोध्यानाथ झा,दीपक कुमार चौधरी,अमित कुमार,मदन मिश्रा,शशि भूषण,मदन मोहन मिश्रा,रानी झा,लोकेश झा,प्रो रेणुका सिन्हा,उदय कुमार झा,लोकेश झा,प्रेमलता झा, रमेश झा,राज नारायण झा, संजय कुमार झा,सरोज झा, जयकृष्ण तिवारी,रानी देवी आदि उपस्थित थे।


मिथिला विश्वविद्यालय के प्राचीन भारतीय इतिहास के विभागाध्यक्ष तथा मंच के अध्यक्ष डा अयोध्यानाथ झा ने कहा की ब्लड शुगर अनाज में लगे घुन की तरह हमारे शरीर को खोखला बनाता है। वर्तमान दिनचर्या में शारीरिक श्रम की कमी तथा मानसिक श्रम की वृद्धि से डायबिटीज रोग बढ़ता जा रहा है। ब्लड शुगर जांच से गड़बड़ी का पता चलता है,जिससे लोग उचित इलाज एवं सावधान रहकर स्वास्थ समाज का निर्माण किया जा सकता है।

मिथिला विश्वविद्यालय के पूर्व एनएसएस पदाधिकारी तथा मंच की सेवा-समिति के संयोजक डा आर एन चौरसिया ने कहा कि शुगर पेशेंट हेतु उचित खानपान तथा व्यवस्थित दिनचर्या की सबसे अधिक अहमियत है। प्रदूषित वातावरण,जंक फूड एवं फास्ट फूट का अधिक प्रयोग तथा अनुचित रहन-सहन के कारण ब्लड शुगर बढ़ता है,जिससे हम व्यायाम,योग-प्राणायाम,खेल-कूद,अधिक शारीरिक श्रम तथा शुद्ध एवं संतुलित खानपान को अपनाकर बच सकते हैं।

अन्य वक्ताओं ने कहा कि डायबिटीज एक साइलेंट किलर है जो रोगी के खून में ग्लूकोज की मात्रा अधिक हो जाने के कारण होता है। डब्ल्यूएचओ के अनुसार भारत में करीब 6.5 करोड़ से अधिक लोग मधुमेह से ग्रसित हैं।भारत को डायबिटीज कैपिटल यानी मधुमेह रोगियों का गढ़ भी कहा जाता है।ब्लड में अत्यधिक शुगर से किडनी भी खराब हो जाता है।साथ ही साथ अन्य कई समस्याएं उत्पन्न होती हैं। शिविर में दर्जनों जरूरतमंद लोगों ने भोजन के पूर्व तथा भोजन के बाद ब्लड शुगर की जांच करवाकर उचित परामर्श प्राप्त किया।

प्रो सुरेन्द्र प्रताप सिंह ने कहा शिक्षक को हमेशा दीपक की तरह जलते रहना चाहिए

दरभंगा : “शिक्षक को हमेशा दीपक की तरह जलते रहना चाहिए। वह उतनी देर तक प्रकाश देता रहेगा जितनी देर तक उसमें तेल रहेगा । निर्धारित सीमा से बाहर निकलकर सोचने एवं कार्य करते रहने की ज़रूरत है । अच्छी पहचान बनाने के लिए आपको दूसरों से अलग सोचना होगा, कार्य करना होगा । इस तरह आप सोचेंगे तो वही सोच इनोवेटिव हो जायेगी । सबसे उत्तम कोटि के शिक्षक वही कहलाते हैं जिन्हें छात्र खोजते हैं ।”

उक्त बातें आज कुलपति प्रो सुरेन्द्र प्रताप सिंह ने विश्वविद्यालय विभागों के सह प्राचार्यों एवं सहायक प्राचार्यों को नरगौना परिसर स्थित जुबली हॉल में संबोधित करते हुए कहा।” उन्होंने आगे कहा कि हमने आपका परिचय आपका आकलन करने के लिए नहीं किया बल्कि अपने आप का आकलन करने के लिए किया हूँ । अच्छा सेनापति वही होता है जो अपनी ताक़त सेना की ताक़त को समझता हो । आप जितने लोग सामने बैठे हैं वे विश्वविद्यालय की आत्मा हैं ,प्राण हैं ।उन्होंने शिक्षकों से कहा कि यू जी सी बहुत पूर्व से ही अनुदान देना बंद कर दिया है ।

अब आपको व्यक्तिगत परियोजनाओं पर ही अपनी ताक़त लगानी होगी , संभावनाओं को तलाशना होगा। उन्होंने शिक्षा में हुए क्रमिक बदलाव की चर्चा करते हुए गुरुकुल शिक्षा से आधुनिक शिक्षा तक कितने बदलाव हो चुके हैं इसके बारे में विस्तार से बताया।सभी शिक्षकों को उन्होंने कहा कि अपने आपको आप इस तरह तैयार करें कि प्रत्येक शिक्षक के पास एक शोध परियोजना होनी चाहिए। अपने संबोधन में प्रतिकुलपति प्रो डॉली सिन्हा ने कहा कि मिथिलांचल की धरती में आइ क्यू लेवल बहुत हाई हुआ करता था ।यहाँ के स्कूल नेटरहाट विद्यालय को टक्कर देता था ।आज शिक्षा के क्षेत्र में मिथिला पीछे हो गया है ।

उन्होंने भरोसा दिलाया कि कुलपति महोदय के साथ चलकर कोशिश करूँगी कि नैक और एन आइ आर एफ रैंकिंग में विश्वविद्यालय को स्थान दिला सकूँ। उन्होंने कुलपति महोदय की सोच एवं अवधारणा दोनों पॉज़िटिव बताते हुए कहा कि कुलपति के मार्गदर्शन में हमें कामयाबी अवश्य मिलेगी । यहाँ सबों में कार्य करने की क्षमता है ।

उन्होंने कहा कि शिक्षक एवं छात्र विश्वविद्यालय के महत्वपूर्ण घटक होते हैं । 2017 बैच में नियुक्त युवा शिक्षकों से उन्होंने कहा कि अपनापन की भावना रखना बड़ी बात होती है । आपका पब्लिकेशन भी बहुत अच्छा है ।आपसे हमें बहुत उम्मीदें हैं । हमारा दृष्टिकोण समस्या समाधान का होना चाहिये । डी एस डब्लू के रूप में कार्य करने के अनुभव के आधार पर उन्होंने कहा कि शिक्षकों द्वारा छात्रो को मोटिवेट की जानी चाहिए । शिक्षक ही छात्रों के अच्छे काउंसिलर होते हैं । बैठक के आरंभ में कुलसचिव डा मुश्ताक़ अहमद ने बैठक के औचित्य पर प्रकाश डाला। बैठक के अंत में विश्वविद्यालय मीडिया कोषांग के अध्यक्ष प्रो रतन कुमार चौधरी ने धन्यवाद ज्ञापन किया।

विश्वविद्यालय मैथिली विभाग द्वारा किया गया शोध-पत्रिका प्रकाशित

दरभंगा : ” मैथिली” का विमोचन ल०ना० मिथिला विश्वविद्यालय,दरभंगा के माननीय कुलपति प्रो०सुरेन्द्र प्रताप सिंह के कर-कमलों से सम्पन्न हुआ । “मैथिली” शोध-पत्रिका के इस पन्द्रहवें अंक में कुल 82 शोध-निबंध प्रकाशित हुआ है।

विमोचन के अवसर पर माननीय कुलपति ने कहा कि उक्त शोध-पत्रिका मैथिली विभाग के साथ विश्वविद्यालय के लिए भी उपयोगी एवं महत्त्वपूर्ण है , कारण नैक मूल्यांकन के दृष्टिकोण से ऐसे शोध पत्रिकाओं का महत्त्व बढ़ जाता है । उन्होंने विभागाध्यक्षा सहित विभाग के शिक्षकों को आश्वासन दिया कि उक्त शोध पत्रिका को यूजीसी रेफर्ड जर्नल की सूची में सम्मिलित करबाने का प्रयास करेंगे ।

प्रो० रमण झा पत्रिका के सम्बन्ध में विस्तार से जानकारी कुलपति को समर्पित किये । उन्होंने कहा कि उक्त पत्रिका विगत पन्द्रह वषों से नियमित वार्षिक प्रकाशित हो रहा है । इस पत्रिका में शिक्षक, शोधार्थी एवं छात्रों का शोध आलेख प्रकाशित हुआ है। इस सारस्वत आयोजन के अवसर पर विभागाध्यक्ष सह संकायाध्यक्ष प्रो० प्रीती झा,विभाग के प्राचार्य सह सीनेट सदस्य प्रो० नारायण झा, प्राचार्य सह सिन्डीकेट सदस्य प्रो० अशोक कुमार मेहता, डॉ० अमृता चौधरी, कुलानुशासक प्रो० अजीत चौधरी, सोनी कुमारी ,अनिल कुमार आदि उपस्थित थे ।

मुरारी ठाकुर की रिपोर्ट