Swatva Samachar

Information, Intellect & Integrity

बाढ़ बिहार अपडेट बिहारी समाज

SDM शुभम कुमार की मौजूदगी में संपन्न हुआ गोपाल गौशाला प्रबंध समिति का चुनाव

बाढ़ : बाढ़ अनुमंडल के एनएच 31 पर गौरक्षणी स्थित गोपाल गौशाला प्रबंध समिति का चुनाव काफी उठा-पटक के बाद एसडीएम शुभम कुमार की देखरेख में संपन्न हुआ, जिसमें क्रमशः सचिव नवीन कुमार, उपाध्यक्ष राजेश कुमार उर्फ राजू तेली एवं कोषाध्यक्ष अजय कुमार गुप्ता निर्वाचित हुये निर्वाचित गौशाला समिति के सचिव नवीन कुमार सहित अन्य निर्वाचित सदस्यों को नगर परिषद अध्यक्ष संजय कुमार गायमाता एवं उपाध्यक्ष प्रतिनिधि रवि विद्यार्थी सहित कई लोगों ने बधाई दिया।

सच है कि तत्कालीन सचिव दयानन्द प्रसाद, राणा सिंह चौहान, संजय कुमार, विवेक शाह, संजीव कुमार मुन्ना, रंजीत कुमार चुन्नू आदि की काफी मशक्कत करने के बाद पहलीवार गौशाला प्रबंध समिति की चनाव होने की वजह से इन सबों की हार में भी जीत मानी जा रही है।

वहीं, किसान एवं समाजसेवी राणा सिंह चौहान ने बताया कि इसके पूर्व कुछ विशेष तबके के लोग अपने चहेते लोगों को अधिक से अधिक सदस्य बनाकर प्रबंध समिति को अपने पॉकेट में रखे हुये थे और करीब पांच दशकों से गौशाला की आय ब्यय का हेराफेरी कर रहे थे। जिसे हमने पारदर्शिता से आमजनता के बींच लाकर गौशाला प्रबंध समिति का चुनाव कराने पर विवश किया।

कृषक चौहान ने बताया कि सैकड़ों वर्ष पुराने गौरक्षणी स्थित गोपाल गौशाला की काफी अचल संपत्ति तथा वर्षों से व्यवसायों से गौशाला के नाम पर धर्मादा की राशि वसूलने के बाद भी गोपाल गौशाला अपनी जर्जरता पर आंसू बहा रहा है और गौशाला प्रबंध समिति चंद लोगों के बीच सिमट कर रह गया था।

लोगों का मानना है कि पहली बार गोपाल गौशाला प्रबंध समिति के पदेन अध्यक्ष एसडीएम शुभम कुमार की मौजूदगी में अनुमंडल सभागार में करायी गयी है तो अब गौशाला की चहुमुंखी विकास की संभावना बढ़ गयी है और गौशाला प्रबंध समिति में पूरे पारदर्शिता से अक्षम और नकारा लोगों को जगह सक्षम लोगों को सदस्य भी बनाया जायेगा, जिससे कि प्रबंध समिति में कर्मठ एवं योग्य लोगों का चुनाव किया जा सकेगा।

दर्जनों लोगों ने बताया कि गोपाल गौशाला प्रबंध समिति पुराने नियमों में संशोधन किया जाना निहायत ही जरूरी है,जिससे कि गौशाला के लिये केंद्र या राज्य सरकार द्वारा मिलने बाली अनुदान राशि भी गोपाल गौशाला को मिल सके और गौशाला का आधुनिकीकरण कर सुचारू रूप से चलाया जा सके।

सत्यनारायण चतुर्वेदी की रिपोर्ट