तेजस्वी की मांग, बिहार की समस्याओं को लेकर सर्वदलीय नेताओं का एक शिष्टमंडल करें PM से मुलाकात
पटना : बिहार के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने अब राज्य के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को पत्र लिखकर एक बड़ी मांग की है। उन्होंने अब एक बार फिर से देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात करने के लिए समय की मांग की है।
दरअसल, बिहार के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने पीएम मोदी से मुलाकात करने का समय इसलिए मांगा है कि बिहार के सर्वदलीय नेताओं का एक शिष्टमंडल कर बिहार में बाढ़ से उत्पन्न समस्याओं को प्रधानमंत्री के सामने रखें।
नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने अपने दो पन्ने के पत्र में लिखा है कि बिहार देश का एक ऐसा राज्य है जो प्रतिवर्ष बाढ़ की भयानक विभीषिका के साथ-साथ सुखाड़ की गंभीर समस्याओं को भी झेलता है, जिससे प्रतिवर्ष करोड़ो लोग प्रभावित होते हैं। हजारों लोगों की असामयिक मृत्यु होती है और अरबों रूपयों की फसल और जान-माल की क्षति होती है।
बिहार के कम-से-कम 20 जिले हर साल बाढ़ से प्रभावित
उन्होंने कहा कि बिहार के कम-से-कम 20 जिले सीतामढ़ी, शिवहर, सुपौल, किशनगंज, दरभंगा, मुजफ्फरपुर, गोपालगंज, पश्चिम चम्पारण, पूर्वी चम्पारण, खगड़िया, सारण, समस्तीपुर, सीवान, मधुबनी मधेपुरा, सहरसा, भागलपुर कटिहार, वैशाली पटना आदि ऐसे हैं, जो हर साल बाढ़ से गंभीर रूप से प्रभावित होते हैं।
स्थायी और ठोस समाधान की दिशा में ईमानदार कोशिश नहीं
बिहार की बाढ़ समस्या के समाधान हेतु केन्द्र और राज्य सरकार द्वारा सिर्फ घोषणाएँ ही की जा रही है लेकिन इस समस्या के स्थायी और ठोस समाधान की दिशा में ईमानदार कोशिश नहीं हो रही है।
राज्य की नदियों को जोड़ने की माँग l
इसके अलावा तेजस्वी यादव ने कहा कि “इन गंभीर समस्याओं के निदान हेतु कई नहरों और बराजों के निर्माण कराने के साथ-साथ राज्य की नदियों को जोड़ने की माँग पहले से की जाती रही है। साल 2011 में राज्य में River Linking Projects की घोषणा की गई थी। इसमें राज्य की कई नदियों को जोड़ने के लिए अनेक योजनाओं बागमती-बूढ़ी गंडक लिंक, बूढ़ी गंडक – बाया- गंगा लिंक, कोसी- बागमती गंगा लिंक आदि की बात कही गई थी। केन्द्र सरकार ने वर्ष 2019 में इनमें से मात्र एक “कोशी-मेची” नदी को जोड़ने की योजना को Clearance दिया था लेकिन दुर्भाग्यपूर्ण है कि इस योजना का कार्यान्वयन अभी तक शुरू नहीं हुआ है।”
ये नदियाँ लाती हैं भयंकर तबाही
कोशी, बागमती, गंडक, बूढ़ी गंडक, कमला बलान, घाघरा महानन्दा आदि सभी बारहमासी नदियाँ हैं और बरसात के मौसम में इन नदियों के Catchment Areas में बारिश होने पर पानी के बहाव की मात्रा और प्रबलता अचानक अत्यधिक हो जाती है, जो प्रभावित लोगों को संभलने का मौका ही नहीं देता। जिससे ये नदियाँ भयंकर तबाही लाती है। राज्य में बाढ़ की विभीषिका के स्थायी समाधान हेतु इन नदियों को राज्य की अन्य नदियों जिनमें कम पानी रहता है, इसे जोड़ना अति आवश्यक है।
योजनाओं को तीव्र गति से मिशन मोड में करने की आवश्यकता
उन्होंने कहा कि हर साल हजारों जानमाल और अरबों की आर्थिक क्षति को देखते हुए इन योजनाओं को तीव्र गति से मिशन मोड में करने की आवश्यकता है। यह योजना बाढ़ नियंत्रण, पेय जल की उपलब्धता, सिंचाई, पनबिजली उत्पादन सहित राज्य की आंतरिक जलमार्ग के रूप में अति उपयोगी साबित होगा, जिससे राज्य के चहुंमुखी विकास का मार्ग प्रशस्त होगा। लेकिन दुर्भाग्यपूर्ण है कि नदियों को जोड़ने की योजना कछुए की गति से चल रही है और एकमात्र योजना के Clearance के तीन वर्ष बीतने के उपरांत भी अभी तक इस पर कोई कार्यावन्यन शुरू नहीं हुआ है।”
केंद्र और राज्य दोनों जगह NDA की ही सरकार
“चूंकि वर्तमान में केंद्र और राज्य दोनों जगह NDA की ही सरकार है, ऐसी स्थिति में राज्य के लोगों के जान-माल से जुड़ी तथा राज्यहित की इन अत्यंत महत्वपूर्ण योजनाओं के कार्यान्वयन में इतनी उदासीनता समझ से परे है। विदित है कि डबल इंजन की सरकार और 40 में से 39 NDA के लोकसभा सांसद होने के बावजूद राज्य को विशेष दर्जा देने की बात तो दूर अभी तक विशेष पैकेज भी नहीं मिल पाया है।
केन्द्र से बिहार को उचित मदद नहीं मिल पाई
विगत चार वर्षों में बाढ़ राहत के लिए केन्द्र से बिहार को उचित मदद नहीं मिल पाई। जबकि बिहार से कम जनसंख्या वाले राज्यों को, जहाँ बिहार की तुलना में बाढ़ की विभीषिका भी काफी कम होती है, उन राज्यों को भी बिहार से अधिक आर्थिक सहायता मिली है। यह भी विचारणीय है।”
राष्ट्रीय योजना घोषित कराने की माँग
“अनुरोध है कि नदियों को जोड़ने, बांधों एवं नहरों को बनाने की उपर्युक्त सभी योजनाओं को केंद्र सरकार से “राष्ट्रीय योजना” घोषित कराने की माँग की जाए, जिससे एक तरफ तो इन योजनाओं के ससमय क्रियान्वयन हेतु निधि की शतप्रतिशत उपलब्धता सुनिश्चित हो सके और वहीं दूसरी तरफ राज्य के अल्प संसाधनों की उपयोगिता राज्य की अन्य विकासात्मक और कल्याणात्मक योजनाओं के कार्यान्वयन में हो सके।”
प्रधानमंत्री जी से मिलकर उपर्युक्त मांगों को रखे
तेजस्वी ने कहा कि “मेरा सुझाव और आग्रह है कि राज्यहित में प्रतिवर्ष बाढ़ की विभीषिका के कारण होने वाले नुकसान और नदी जोड़ने की योजना के महत्व के संदर्भ में आपके नेतृत्व में एक सर्वदलीय प्रतिनिधि मंडल माननीय प्रधानमंत्री जी से मिलकर उपर्युक्त मांगों को रखे।”