वेबिनार में डिजिटल इज द फ्यूचर : इमर्जिंग ट्रेंड्स इन न्यूज मीडिया पर हुई चर्चा, नवोदित पत्रकारों को डार्क जोन पर काम करने की सलाह
पटना : “डिजिटल इज द फ्यूचर : इमर्जिंग ट्रेंड्स इन न्यूज मीडिया ” विषय पर एक वेबिनार का आयोजन पटना विमेंस कॉलेज के कम्युननकेटिव् ईंग्लिश एण्ड मीडिया स्टडीज विभाग में शनिवार को किया गया। सत्र की शुरुआत पांचवी सेमेस्टर की छात्रा प्रियांशी सिंह ने वक्ताओं व् विभाग शिक्षकों का अभिनन्दन करते हुए उनका परिचय छात्रों से कराया।
अपने स्वागत संबोधन में विभागाध्यक्ष डॉ. तौसीफ हसन ने इस बदलते दौर में न्यू ऐज मीडिया के बारे में बताया और कहा कि हमने इस स्मार्टफोन को अपने जीवन में शामिल कर लिया है तो इस तकनीक से हमें भी स्मार्ट बनाने की जरूरत है। इस महामारी में डिजिटल मीडिया के अच्छे प्रभावों की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि इसने लोगों को जागरूक करने का भी काम किया है, दिनों दिन अब इन्टरनेट उपभोक्ता की संख्या बढ़ती जा रही है और इससे डिजिटल मीडिया का क्षेत्र भी बढ़ेगा।
वक्ता नंदगोपाल राजन ने डिजिटल मीडिया के महत्व और उसके नए आयामों पर चर्चा की। साथ ही साथ उन्होंने इस माध्यम के तकनीकी पहलुओं के बारे में बताया और एक न्यूज़ के माध्यम से क्लीक बीट और बाउंसिंग रेट जैसे नए व्यवहारों पर विस्तार से चर्चा की। गूगल और अन्य ऐसे डिजिटल प्लेटफार्म के विषय पर भी चर्चा की। उन्होंने शब्दों की निर्धारण और अपने पाठकों को बाँध कर रखने की जिम्मेदारी भी बताई कि कैसे 300 से 800 शब्दों के रेंज में पाठक अपनी रूचि खोने लगता है, जिसे डार्क जोन के नाम से जाना जाता है, तो इस चुनौती से नवोदित पत्रकारों को कम करने की कोशिश करनी होगी।
वहीं, संघमित्रा मजुमदार ने इस क्षेत्र में रोजगार के नए अवसरों पर भी चर्चा करते हुए खबरों की प्राथमिकता और उसकी तथ्यों के सत्यापन पर जोर दिया। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि खबरों में आगे जाने की होड़ में हमसे कोई गलत खबर लोगों के बीच नहीं जानी चाहिए। इसलिए हमेशा दोनों पक्षों के बयान या उसकी पुष्टि करनी जरूरी है।
कार्यक्रम के अंत में प्रश्नोत्तर दौर रहा, जिसमें छात्राओं ने अपने सवाल वक्ताओं के सामने रखे। धन्यवाद ज्ञापन पांचवी सेमेस्टर की छात्रा स्नेहा शांडिल्य ने किया। कार्यक्रम में विभाग के शिक्षक अमिताभ रंजन, प्रशांत रवि, अजय कुमार झा, आश्रिता और रुना मौजूद रहे।