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दीनदयाल उपाध्याय का सपना था ‘आत्मनिर्भर भारत’: डॉ. एल. मुरुगन

नई दिल्ली : एकात्म मानव दर्शन और अंत्योदय के प्रणेता पं. दीनदयाल उपाध्याय की 105वीं जयंती के अवसर पर केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण राज्यमंत्री डॉ. एल. मुरुगन ने शनिवार को भारतीय जन संचार संस्थान (आईआईएमसी) का दौरा किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि कोरोना के दौर में सरकार ने ‘आत्मनिर्भर भारत’ बनाने पर विशेष ध्यान दिया है। पं. दीनदयाल उपाध्याय का भी ‘अंत्योदय’ के माध्यम से भारत को आत्मनिर्भर बनाने का सपना था। डॉ. मुरुगन ने कहा कि सशक्त और प्रगतिशील राष्ट्र के निर्माण के लिए दीनदयाल जी ने अपना पूरा जीवन समर्पित कर दिया। सेवा और समर्पण का उनका मंत्र आज भी हमें प्रेरणा देता है। उनके विचार और दर्शन भारत की आने वाली पीढ़ियों को भी प्रेरित करते रहेंगे।

डॉ. मुरुगन ने कहा कि अधिकतर लोग दीनदयाल जी को एक राजनीतिक चिंतक के रूप में जानते हैं, लेकिन वे देश में असंख्य पत्रकारों एवं संपादकों के मार्गदर्शक थे और स्वयं भी एक दर्जन से अधिक पुस्तकों के लेखक थे।

इस अवसर पर डॉ. मुरुगन ने भारतीय जन संचार संस्थान के डीन (छात्र कल्याण) प्रो. प्रमोद कुमार द्वारा लिखित पुस्तक ‘दीनदयाल उपाध्याय:वर्ल्ड ऑफ लिटरेचर’ का भी विमोचन किया। साथ ही उन्होंने आईआईएमसी द्वारा प्रकाशित पत्रिका ‘राजभाषा विमर्श’ एवं ‘आईआईएमसी न्यूज’ के नए अंक का विमोचन भी किया गया। ‘राजभाषा विमर्श’ के संपादक प्रो. गोविंद सिंह एवं ‘आईआईएमसी न्यूज’ की संपादक प्रो. संगीता प्रणवेंद्र हैं।

सूचना एवं प्रसारण राज्यमंत्री ने भारतीय जन संचार संस्थान स्थित पं. युगल किशोर शुक्ल ग्रंथालय एवं ज्ञान संसाधन केंद्र का भी दौरा किया। उन्होंने आईआईएमसी द्वारा अपने पुस्तकालय का नाम भारत में हिंदी पत्रकारिता की शुरुआत करने वाले पं. युगल किशोर शुक्ल के नाम पर रखने की सराहना की। आईआईएमसी का यह पुस्तकालय हिंदी पत्रकारिता के प्रवर्तक पं. शुक्ल के नाम पर देश का पहला स्मारक है।

इस दौरान आईआईएमसी के महानिदेशक प्रो. संजय द्विवेदी ने सूचना एवं प्रसारण राज्यमंत्री को संस्थान की वर्तमान शैक्षिक गतिविधियों एवं रचनात्मक कार्यों की जानकारी दी। डॉ. मुरुगन ने मीडिया शिक्षा और अनुसंधान के क्षेत्र में किए गए महत्वपूर्ण प्रयासों के लिए भारतीय जन संचार संस्थान की प्रशंसा की। कार्यक्रम में प्रो. आनंद प्रधान, प्रो. सुनेत्रा सेन नारायण, प्रो. अनुभूति यादव, प्रो. सुरभि दहिया, प्रो. शाश्वती गोस्वामी, प्रो. वीरेंद्र कुमार भारती, डॉ. प्रतिभा शर्मा एवं डॉ. पवन कौंडल सहित अधिकारियों एवं कर्मचारियों ने भी हिस्सा लिया।