शहर के लेकर गांव तक वायरल बुखार का कहर जारी है. वायरल बुखार का कहर रुकने का नाम नहीं ले रहा है. शहर से लेकर गांव तक बच्चे और बड़े इसकी चपेट में आ रहे हैं. लगातार लोगों के बुखार से पीड़ित होने पर परिजन भी परेशान हैं. गोपालगंज जिले में वायरल बुखार की चपेट में आने से 10 बच्चों की जान चली गई है.
गोपालगंज मॉडल सदर अस्पताल में हर रोज 15-20 नवजात पहुंच रहे हैं. अस्पताल के स्पेशल न्यूबॉर्न केयर यूनिट के सभी 15 बेड फुल हैं. यहां मांझा, जादोपुर, थावे और कुचायकोट से पहुंचे बीमार पांच नवजात को रविवार को भर्ती नहीं लिया गया. शहर के सदर अस्पताल से लेकर प्राइवेट अस्पतालों में बच्चों और बड़ों की भीड़ जुट रही है. सभी में सिर्फ बुखार, सर्दी और खांसी के लक्षण हैं.
बताया जा रहा है कि जिले में वायरल फीवर से अबतक 10 बच्चों की मौत हो चुकी है. फिर भी स्वास्थ्य विभाग लापरवाही कर रही है. ग्रामीणो का आरोप है कि अधिकांश डॉक्टर ड्यूटी से गायब रहते हैं. ऐसे में कैसे चलेगा जब तक पर स्वास्थ्य विभाग अलर्ट नहीं होगी. बीमार होकर अस्पताल पहुंचने पर एसएनसीयू और शिशु वार्ड में डॉक्टर ही नही रहते है, जिसके करण बच्चों का इलाज यहां तैनात नर्स करती हैं.
स्वास्थ्य विभाग के शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. सौरभ अग्रवाल के अनुसार वायरल निमोनिया से पीड़ित बच्चों में सांस लेने में दिक्कत और हांफने की शिकायत अधिक है. ऐसे बच्चों को मेडिसिन के साथ-साथ भाप देने की अधिक जरूरत है. उन्होंने कहा कि भाप देने से बच्चों में हाफने की तकलीफ कम होगी और संक्रमण धीरे-धीरे खत्म होगा. डॉक्टर के मुताबिक इस मौसम में अक्सर बच्चे बीमार होते हैं. घराबने की जरूरत नहीं है. इधर, सदर अस्पताल के इमरजेंसी व ओपीडी में बच्चों को भाप देने की कोई इंतजाम नहीं है.