पटना कॉलेज के जनसंचार विभाग में हिंदी सप्ताह समारोह आयोजित
पुस्तक केंद्रों व पुस्तकालयों का बंद होना दु:ख की बात: प्राचार्य
पटना : देश कागज पर बना नक्शा नहीं होता/कि एक हिस्से के फट जाने पर/बाकी हिस्से उसी तरह साबुत बने रहें…। उसके बाद— करने को तो हम क्रांति भी कर सकते हैं/अगर सरकार कमज़ोर हो/और जनता समझदार/लेकिन हम समझते हैं/कि हम कुछ नहीं कर सकते हैं/हम क्यों कुछ नहीं कर सकते हैं/यह भी हम समझते हैं…। छात्र—छात्राओं ने जब इन पंक्तियों का पाठ किया, तो लोग वाह—वाह कर उठे।
अवसर था बुधवार को पटना कॉलेज के जनसंचार विभाग में हिंदी सप्ताह के अंतर्गत हिन्दी दिवस समारोह के आयोजन का। करीब डेढ़ घंटे तक चले इस कार्यक्रम में पटना कॉलेज से विभिन्न विभागों के छात्र-छात्राओं ने अपनी स्वरचित रचनाओं के साथ-साथ हिंदी भाषा के महान कवियों की कविताओं का पाठ किया। कार्यक्रम का शुभारंभ दिनकर जी को याद करते हुए उनकी पुस्तक रश्मिरथी के तृतीय सर्ग के पाठ से हुआ। विद्यार्थियों ने अटल बिहारी वाजपेयी, सर्वेश्वर दयाल सक्सेना एवं गोरख पाण्डेय जैसे हिंदी के कई महान कवियों की कविताओं का प्रभावी पाठ कर कार्यक्रम में चार चाँद लगा दिया।
मुख्य अतिथि के तौर पर उपस्थित पटना कॉलेज के प्राचार्य प्रो. रघुनंदन शर्मा ने छात्र-छात्राओं को सम्बोधित करते हुए अपनी भाषा पर पकड़ बनाने की बात कही। उन्होंने कहा कि भाषा राष्ट्र को एकसूत्र में बांधने की सबसे बड़ी शक्ति है। अपनी बात आगे बढ़ाते हुए डॉ. शर्मा ने हिन्दी पत्रिकाओं एवं पुस्तकालयों के बंद होने पर दुःख व्यक्त किया एवं हिंदी भाषी क्षेत्र के लोगों के द्वारा भी हिन्दी के प्रति उदासीनता को दुःखद ठहराया।
मुख्य वक्ता के तौर पर उपस्थित पटना विवि के हिंदी विभागाध्यक्ष प्रो. तरुण कुमार ने उपस्थित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए संविधान सभा द्वारा हिंदी को राजभाषा बनाए जाने को लेकर हुई बहसों की याद दिलायी एवं तिथिवार ऐतिहासिक घटनाओं। उन्होंने हिंदी दिवस मनाने के पीछे के पूरे इतिहास को संक्षिप्त में सबके सामने रखा एवं ढेर सारी अन्य महत्वपूर्ण जानकारियां छात्र-छात्राओं को दीं। साथ ही, उपस्थित शिक्षकों ने भी कई महत्वपूर्ण बातों के साथ विद्यार्थियों को संबोधित किया।
पटना कॉलेज में हिन्दी विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ. कुमारी विभा ने अध्यक्षीय संबोधन में सभी छात्र-छात्राओं को सुंदर रचना पाठ के लिए बधाई दी एवं उज्ज्वल भविष्य के लिए शुभकामनाएं दी। अंत में, कार्यक्रम का संचालन कर रहे पटना कॉलेज के छात्र दीपांकर दीप ने सभी आगंतुक अतिथियों एवं शिक्षकों के साथ-साथ उपस्थित सभी छात्र-छात्राओं का धन्यवाद ज्ञापन किया। अतिथियों के अलावा इस समारोह में पटना कॉलेज के शिक्षक डॉ. मार्तण्ड प्रगल्भ, प्रशांत रंजन, रवि राजन, नम्रता कुमारी एवं रचना सिंह आदि उपस्थित थीं।