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क्या तेज के प्रताप में बुझेगी लालटेन ?

पटना : राष्ट्रीय जनता दल में विवाद थमता नजर नहीं आ रहा है। राजद के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह द्वारा किए गए कार्यवाही से लालू प्रसाद के बड़े पुत्र तेज प्रताप यादव बिफरे हुए हैं। अपने समर्थक आकाश यादव को राजद छात्र इकाई के अध्यक्ष पद से हटाए जाने के बाद तेज प्रताप आर – पार की लड़ाई लड़ने का मन बना चुके हैं।

जगदानंद सिंह ने पार्टी के संविधान का उल्लंघन किया

तेज के अनुसार जगदानंद सिंह ने पार्टी के संविधान का उल्लंघन किया है और अगर उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं होती है, तो वह कोर्ट जाएंगे। इसके साथ ही तेज ने कहा कि उनपर कार्रवाई नहीं होने तक वे पार्टी की किसी गतिविधि में भी भाग नहीं लेंगे।

राजद में विवाद की शुरुआत

पार्टी में तेज प्रताप के आने के बाद अक्सर विवाद हो रहा है। गत लोक सभा चुनाव में तेज प्रताप यादव ने विधायक भाई बीरेंद्र को उनकी औकात बता दी थी। पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री स्व रघुवंश नारायण सिंह अपनी नाराजगी कई बार जाहिर कर चुके थे। विधान सभा चुनाव के समय भी तेज प्रताप यादव ने कुछ नेताओं पर अशिष्ट टिपण्णी की थी।

राजद की स्थापना दिवस से उठा विवाद

नया विवाद प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह और तेज प्रताप यादव के बीच हुआ है। यह विवाद 5 जुलाई को सतह पर दिखा। राजद की स्थापना के रजत जयंती समारोह का इस दिन आयोजन था। कार्यक्रम में ही तेज प्रताप ने प्रदेश अध्यक्ष के कार्य शैली की तुलना हिटलर से कर डाली। मंच पर तेजस्वी, तेजप्रताप के साथ जगदानंद सिंह भी उपस्थित थे। इस घटना से जगदानंद सिंह इतने नाराज हुए कि उन्होंने अपने पद से इस्तीफा देने की पेशकश की। हालांकि राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद ने उनका इस्तीफा स्वीकार नहीं किया। इसके बाद भी गाहे बेगाहे तेज प्रताप की नाराजगी सामने आती रही।

पोस्टर बैनर में तेजस्वी का फोटो तक नहीं

अभी कुछ दिन पहले अगस्त माह में ही छात्र राजद के कार्यक्रम का आयोजन हुआ था। तेजप्रताप की अगुआई में हो रहे इस कार्यक्रम के पोस्टर बैनर में तेजस्वी का फोटो तक नहीं लगा था। इस बात का मलाल तेज प्रताप को नहीं हुआ।

राजद के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह ने 7 अगस्त के बाद से वीरचंद पटेल रोड स्थित पार्टी कार्यालय जाना छोड़ दिया। हालांकि वे समय के बहुत पाबंद है और स्थितियां ठीक रहती तो वे हर दिन 11 बजे पार्टी ऑफिस के अपने चैम्बर में आकर बैठ जाते हैं। लेकिन पिछले 8 अगस्त के दिन से उन्होंने पार्टी कार्यालय जाना छोड़ दिया। नाराज जगदानंद सिंह घर से ही पार्टी कार्यालय में लगे 22 कैमरों के सहारे सब कुछ देख रहे थे।

छात्र राजद के प्रदेश अध्यक्ष आकाश यादव की छुट्टी

काफी मान मनौअल के बाद पार्टी कार्यालय आना शुरू किया। आते ही उन्होंने छात्र राजद के प्रदेश अध्यक्ष आकाश यादव की छुट्टी कर दी। उनके स्थान पर गगन यादव को छात्र राजद की कमान सौंपी। आकाश यादव को तेज प्रताप का करीबी माना जाता है। इस कार्रवाई के बाद तेज प्रताप आक्रोशित हो गए। कहा कि पार्टी संविधान के खिलाफ जाकर आकाश यादव को हटाया गया है। वे छात्र राजद के संरक्षक हैं, बावजूद उनसे पूछे बिना यह कार्रवाई की गई। उन्‍होंने कहा कि जगदा बाबू की हैसियत है तो उनपर कार्रवाई करके दिखाएं। तेज प्रताप यहीं नहीं रुके। एक निजी चैनल से बातचीत में उन्‍होंने यह भी कहा कि जगदानंद सिंह पार्टी में मनमानी कर रहे हैं। ऐसे में उनकी हत्‍या भी कराई जा सकती है। तेज प्रताप ने आरोप लगाया कि जगदानंद सिंह भाई-भाई में झगड़ा लगाने का काम कर रहे हैं।

हरियाणवी सलाहकार पर भी भड़के तेजप्रताप

तेज प्रताप ने अपने छोटे भाई तेजस्‍वी के हरियाणवी सलाहकार को भी इस दौरान नहीं छोड़ा। जगदानंद के साथ ही तेज प्रताप ने तेजस्वी के राजनीतिक सलाहकार संजय यादव का नाम लिये बिना उन पर भी हमला बोला। अपने ट्वीट में लगातार प्रवासी सलाहकार शब्द का इस्तेमाल करने के सवाल पर तेज प्रताप ने कहा कि सब लोग उनको जानते हैं। उसका नाम हम क्यों लें? वही तेजस्‍वी को मुख्‍यमंत्री नहीं बनने दे रहा। उसने दिल्‍ली में मॉल बनवा लिया है। वह आदमी जो अपने परिवार से किसी को सरपंच नहीं बनवा सका, वह मेरे अर्जुन को क्‍या खाक मुख्‍यमंत्री बनाएगा। वह प्रवासी सलाहकार सिर्फ हमारे परिवार और दल में विवाद पैदा कर सकता है।

Who is Tej Pratap Yadav के बाद विवाद और गहराया

इधर तेज प्रताप की शैली से नाराज जगदानंद सिंह से जब तेजप्रताप के बारे में पूछा गया तो उन्होंने उत्तर दिया कि वे किसी तेजप्रताप को नहीं जानते। वे सिर्फ लालू प्रसाद और तेजस्वी यादव को जानते हैं। अपने समर्पण की बात भी कही कि पार्टी को उन्होंने अपना समझ कर सींचा है। पार्टी के खिलाफ जब उनका लड़ा तो उसे हराने में कोई कसर नहीं छोड़ी।

तेज प्रताप इस बात से नाराज हो गए। इसके जवाब में तेज ने कहा, “आपने कह दिया हू इज तेज प्रताप यादव लेकिन लालू जी से जाकर पूछिए हू इज तेज प्रताप यादव। कल तक तो ये भी बोल सकते हैं कि हू इज लालू यादव, हू इज तेजस्वी यादव, हू इज मीसा यादव। इनका मकसद है कि किस तरह से कृष्ण और अर्जुन की जोड़ी तोड़ी जाए।”

इस विवाद की जड़े परिवार से जुड़ी हैं

वास्तव में इस विवाद की जड़ पारिवारिक विवाद से जुड़ी है। लालू परिवार का विवाद सतह पर आ गया है। पत्रकार प्रशांत रंजन इसे परिवार के अंदर सुलग रहे आग का एक धुंआ मानते हैं। तेजस्वी का नेतृत्व सबको नहीं भा रहा है। सांसद डॉ मीसा भारती की अपनी ख्वाहिश है। परिवार में बड़ा होने के कारण राजनैतिक नेतृत्व पर अपना स्वाभाविक हक समझती हैं। तेज प्रताप का लगाव मीसा भारती से कुछ ज्यादा है। लालू प्रसाद की दूसरी पुत्री रोहिणी आचार्य भी इन दिनों सोशल मीडिया पर काफी सक्रिय हैं। 2015 से सब अपनी रोटी सेंकने में लगे थे लेकिन लालू प्रसाद ने पार्टी की कमान तेजस्वी यादव के हाथों देने का निर्णय लिया। छोटे पुत्र होते हुए भी तेजस्वी उपमुख्यमंत्री बन गए। सत्ता की चमक के कारण विवाद थमा हुआ था लेकिन जब लालू प्रसाद जेल गए तो इस आग की चिंगारी दिखने लगी।

संजीव कुमार की रिर्पोट