नयी दिल्ली : भारतीय रिजर्व बैंक ने कहा है कि अगर नकदी की कमी की वजह से ग्राहक को ATM से खाली हाथ लौटना पड़ा तो संबंधित बैंक पर इस वर्ष पहली अक्टूबर से जुर्माना लगाया जाएगा। यानी अब अपने एटीएम में पर्याप्त नकदी नहीं रखना बैंकों को भारी पड़ने वाला है। इस संबंध में आरबीआई ने एक सर्कुलर जारी कर कहा है कि किसी भी बैंक के एटीएम में एक महीने में ज्यादा से ज्यादा 10 घंटे तक नकदी की कमी स्वीकार्य है, और इससे ज्यादा समय होने पर बैंकों पर प्रति एटीएम में नकदी के हिसाब से 10—10 हजार जुर्माना लगाया जाएगा।
1 अक्टूबर से लागू हो जाएगा नया नियम
विदित हो कि आरबीआई पर बैंक नोट जारी करने की जिम्मेदारी है। अपने सर्कुलर में आरबीआई ने कहा है कि यह नियम लागू करने के पीछे उसका मकसद एटीएम में नकदी की कमी से होने वाली दिक्कत से ग्राहकों को निजात दिलाना है। सर्कुलर में साफ कहा गया है कि अगर किसी बैंक के किसी एटीएम में 10 घंटे से ज्यादा देर तक नकदी की कमी पाई गई तो बैंक को प्रति एटीएम 10,000 रुपये का जुर्माना देना होगा।
नकदी की कमी से होने वाली असुविधा अक्षम्य
सर्कुलर में आरबीआई ने कहा है कि बैंकों और व्हाइट लेबल एटीएम (वैसी कंपनियां जिन्हें आरबीआइ ने सिर्फ एटीएम परिचालन का लाइसेंस दिया है) आपरेटर्स को अपना तंत्र मजबूत रखना होगा। उन्हें सुनिश्चित करना होगा कि उनके तहत आने वाले किसी भी एटीएम में नकदी की कभी भी कमी नहीं हो। अगर ऐसा नहीं किया गया तो बैंकों पर मौद्रिक जुर्माना लगेगा। यही नहीं अगर किसी व्हाइट लेबल एटीएम में नकदी की कमी मिलती है तो जुर्माना उस बैंक पर लगाया जाएगा, जिससे उस एटीएम में रकम डालने का करार है।