दियारा इलाके में बना है दबाव, अगले चौबीस घंटे बाद से राहत की उम्मीद
बक्सर : जिले में गंगा खतरे के निशान से 30 सेंटी मीटर उपर बह रही हैं। सोमवार की दोपहर बारह बजे जलस्तर 60.62 मीटर आंका गया। वैसे बढऩे की रफ्तार एक प्रति घंटा 9 मिली मीटर है। जो एक दिन पहले प्रति घंटे एक सेंटी मीटर थी। लेकिन, अभी गंगा के जलस्तर मे वृद्धि जारी है। इस लिए चिंता बरकरार है। यह स्थिति राजस्थान के धवलपुर डैम से छोड़े गए 18 लाख क्यूसेक पानी की वजह से पैदा हुआ है।
अधिकारिक सूचना के अनुसार फरक्का का बराज भी खुल गया है। इस वजह से यह अनुमान लगाया जा रहा है। मंगलवार से राहत की खबर मिलेगी। क्योंकि पानी घटेगा। लेकिन, चंबल का पानी जमुना में आ रहा है। जो पानी प्रयागराज में आकर गंगा से मिल रहा है। इसी कारण वाराणसी, गाजीपुर और बक्सर में बाढ़ की स्थिति बनी है। हालांकि आठ वर्ष पहले 2013 में पानी का उच्चतम स्तर 61.43 मीटर के लगभग पहुंच गया था। तब इस जिले में थोड़ी परेशानी महसूस की गई थी। फिलहाल वैसी स्थिति नहीं है।
बक्सर जिला में कहां-कहां बना है दबाव
गंगा उफान पर हैं। इस लिए उनकी सहायक नदियों का भी जलस्तर बढ़ा हुआ है। कर्मनाशा में दबाव बनने से चौसा के बनारपुर प्रभावित है। धर्मावती में दबाव बनने से खिरी, नागपुर, तिवाय के खेतों में पानी पसर गया है । ठोरा में दबाव बढऩे के कारण इटाढ़ी प्रखंड के बिझौरा पंचायत व खतिबा के पास तथा गंगा के कारण सिमरी प्रखंड के श्रीकांत राय के डेरा, तिलक राय हाता, रामदास राय के डेरा आदि इलाकों में पानी भर गया है। लेकिन, यह वैसे गांव हैं। जो बांध की दूसरी तरफ गंगा की तलहटी में बसे हैं। अन्य गांवों का संपर्क अभी जिला अथवा प्रखंड मुख्यालय से कटा नहीं है।