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30 जुलाई : सारण की मुख्य खबरें

व्यवहार न्यायालय परिसर में किया जाएगा राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन

छपरा : बिहार राज्य विधिक सेवा प्राधिकार पटना के निर्देशानुसार जिला विधिक सेवा प्राधिकार सारण छपरा के तत्वाधान में 11 सितंबर 2021 को पूर्वाहन 10.30 बजे राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन व्यवहार न्यायालय परिसर सारण छपरा में किया जाएगा। जिसमें सुलहनीय वादों का निष्पादन आपसी समझौते के आधार पर किया जाएगा।

प्रभारी सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकार सारण छपरा के द्वारा बताया गया है कि सुलहनीय वादों यथा आपराधिक मामलों, दीवानी मामलों दुर्घटना बीमा दावा, पारिवारिक विवाद, श्रम विवाद, अधिग्रहण,राजस्व,बिजली-पानी एवं अन्य विपत्र से संबंधित विवाद, एन आई एक्ट 138 के अंतर्गत दर्ज केस, बैंक ऋण, कर्मचारियों के वेतन एवं पेंशन से संबंधित विवादित मामलों का निपटारा सुलह समझौते के आधार पर किया जाएगा।

संबंधित पक्षकार से अनुरोध है कि इस अवसर का लाभ उठाते हुए अपने विवादों को राष्ट्रीय लोक अदालत में सुलह समझौते के आधार पर बिना खर्च बिल्कुल मुफ्त में तत्काल समाप्त करा लें। अपना वाद लोक अदालत में ले जाने के लिए उस न्यायालय से संपर्क करें जहां आपका वाद लंबित है।

मुख्यमंत्री के महत्वकांक्षी योजना सात निश्चय पार्ट-2 साबित हो रही जीवनदायनी

छपरा : मुख्यमंत्री के महत्वकांक्षी योजना सात निश्चय पार्ट-2 में शामिल बाल हृदय योजना से जन्मजात दिल में छेद से ग्रसित बच्चों के लिए जीवनदायनी साबित हो रही है। सारण जिले के अब कई बच्चों का इस योजना के तहत सर्जरी किया जा चुका है।

राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम की टीम के द्वारा चयनित सारण जिले के एकमा प्रखंडा के नवतन गांव निवासी द्वारिका प्रसाद के तीन वर्षीय पुत्र राम रतन कुमार प्रसाद व इनायतपुर गांव निवासी विनोद साह के तीन वर्षीय पुत्र शिवम कुमार को बाल हृदय योजना के तहत हार्ट के निःशुल्क ऑपरेशन एम्बुलेंस वाहन को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया गया। दोनों बच्चों को पटना हवाई अड्डे से निःशुल्क हवाई यात्रा के माध्यम से अहमदाबाद पहुंचाया जाएगा। जहां श्री सत्य साईं हॉस्पिटल में इन बच्चों का ऑपरेशन किया जाएगा।

फ्लाइट से अहमदाबाद भेजे गये दोनों बच्चे :

राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के जिला समन्वयक डॉ. अमरेंद्र कुमार सिंह ने बताया कि सारण जिले से कुल दो बच्चों को दिल के ऑपरेशन हेतु अहमदाबाद भेजा जा रहा है। जिसमें एकमा व मांझी प्रखंड क्षेत्र के एक-एक बच्चे चयनित किए गए है। डॉ. अमरेंद्र सिंह के नेतृत्व में बिहार के विभिन्न जिलों के कुल 21 बच्चे इस ऑपरेशन हेतु अहमदाबाद हेतु गुरुवार को अपराह्न में हवाई मार्ग से रवाना होंगे।

प्रखंड स्तर पर आरबीएसके की टीम करती है स्क्रीनिंग :

सिविल सर्जन डॉ. जेपी सुकुमार ने बताया कि योजना के तहत हृदय में छेद के साथ जन्मे बच्चों की पहचान के लिए जिलास्तर पर स्क्रीनिंग की जाती है। जिसमें विशेषज्ञ डॉक्टरों के अलावा अन्य अधिकारी भी शामिल होते हैं। जहां से बच्चों को इलाज के लिए आइजीआइएमएस या फिर अहमदाबार रेफर किया जाता है। स्क्रीनिंग से लेकर इलाज पर आने वाला पूरा खर्च सरकार उठाती है। किसी बच्चे के हृदय में छेद हो जाता है तो किसी को जानकारी रहती नहीं है। बाद में कुछ उम्र के बाद बच्चों को कई तरह की कठिनाई होने लगती है। इसको ध्यान में रखते हुए यह बच्चों की निःशुल्क जांच एवं ईलाज की व्यवस्था की गयी है।

एंबुलेंस की सुविधा नि:शुल्क :

सिविल सर्जन डॉ. जर्नादन प्रसाद सुकुमार ने कहा कि बाल हृदय योजना के तहत बच्चों को नि:शुल्क एंबुलेंस की सुविधा मुहैया करायी जाती है। बच्चों को घर से अस्पताल या अहमदाबाद जाने के लिए एयरपोर्ट, या अस्पताल से घर तक पहुंचाने के लिए एंबुलेंस या प्राइवेट वाहन की सुविधा मुहैया करायी जाती है। जिसका खर्च विभाग की तरफ से वहन किया जाता है। आरबीएसके कार्यक्रम मुख्य रूप से बच्चों के बीमारी दूर करने का कार्यक्रम है। इसके तहत कई बीमारी का इलाज किया जा रहा है। टीम के सदस्य ऐसे गांव में पीड़ित परिवार से जाकर मिलते हैं। उन्हें सरकारी कार्यक्रम की जानकारी देते हैं। इसके बाद बच्चों का इलाज होता है।

कालाजार मुक्त करने को लेकर चलाया जा रहा व्यापक स्तर पर अभियान

छपराः कालाजार उन्मूलन की दिशा में विभाग के द्वारा लगातार प्रयास किया जा रहा है। सारण जिले को कालाजार मुक्त करने के लिए व्यापक स्तर पर अभियान चलाया जा रहा है। इसी कड़ी में कालाजार उन्मूलन के लिए केंद्रीय टीम के द्वारा सारण जिले के कालाजार प्रभावित गांव का निरीक्षण किया गया। दो दिवसीय दौरे पर आयी टीम के द्वारा पहले दिन बनियापुर और इसुआपुर आईआरएस छिड़काव अभियान का निरीक्षण किया गया।

कालाजार के मरीजों से मुलाकात कर आवश्यक जानकारी दी गई तथा फीडबैक लिया गया। इस टीम में दिल्ली डब्ल्यूएचओ के पदाधिकारी डॉ ध्रुव , डब्ल्यूएचओ स्टेट कॉर्डिनेटर डॉ राजेश पांडेय, जोनल कॉर्डिनेटर डॉ आरती, पीसीआई के राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी अशोक सोनी समेत अन्य कई पदाधिकारी शामिल है। टीम के सदस्यों ने कालाजार को लेकर चलाए जा रहे जागरूकता अभियान का भी जायजा लिया। सभी प्रखंडों में सिंथेटिक पैराथायराइड का छिड़काव भी शुरू कर दिया गया है। 66 दिनों तक यह अभियान चलेगा 15 जुलाई से इस अभियान की शुरुआत की गई है।

आशा सेविका व जीविका दीदियों की सहभागिता महत्वपूर्ण :

निरीक्षण के दौरान पदाधिकारियों ने गांव में आशा कार्यकर्ता, सेविका, जीविका दीदी तथा पंचायत के प्रतिनिधियों के साथ बैठक की और बैठक के दौरान कालाजार मरीजों की पहचान कर स्वास्थ्य संस्थानों पर पहुंचाने के लिए प्रेरित किया गया। इस मौके पर डॉ ध्रुव ने बताया कि कालाजार उन्मूलन में सभी की सहभागिता अति आवश्यक है। अगर आसपास के किसी व्यक्ति में लक्षण दिखे तो उसे कालाजार की जांच करा लेना आवश्यक है और इस अभियान में जीविका दीदी आंगनबाड़ी सेविका आशा कार्यकर्ता और मुखिया तथा जनप्रतिनिधियों की सहयोग अपेक्षित है।

कालाजार उन्मूलन की ओर अग्रसर है सारण :

जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ. दिलीप कुमार सिंह ने बताया कि जिले में कालाजार मरीजों की संख्या में भी कमी आयी है। वर्ष 2021 तक कालाजार मुक्त करने का लक्ष्य रखा गया है जिसे हर हाल में पूरा करना है। कालाजार पीड़ित व्यक्ति को 6600 रुपये राज्य सरकार की ओर से और 500 रुपए केंद्र सरकार की ओर से दिए जाते हैं। यह राशि वीएल (ब्लड रिलेटेड) कालाजार में रोगी को प्रदान की जाती है।

जन-जागरूकता व सामूहिक सहभागिता से हारेगा कालाजार :

पीसीआई के राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी अशोक सोनी ने कहा कि कालाजार समाज के लिए काली स्याह की तरह है। इस बीमारी को जन-जागरूकता व सामूहिक सहभागिता से ही हराया जा सकता है। कालाजार तीन तरह के होते हैं । जो वीएल कालाजार, वीएल प्लस एचआइवी और पीकेडीएल हैं। बताया कि कालाजार रोग लिशमेनिया डोनी नामक रोगाणु के कारण होता है। जो बालू मक्खी काटने से फैलता है। साथ ही यह रोग एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में भी प्रवेश कर जाता है। दो सप्ताह से अधिक बुखार व अन्य विपरीत लक्षण शरीर में महसूस होने पर अविलंब जांच कराना अति आवश्यक है। इस मौके पर पीसीआई के आरएमसी संजय कुमार यादव, केयर इंडिया के डीपीओ आदित्य कुमार समेत अन्य मौजूद थे।

टीकाकरण लक्ष्य को शत-प्रतिशत हासिल करने को लेकर विभाग प्रतिबद्ध

छपरा : जिले में कोरोना संक्रमण से सुरक्षा के लिए टीकाकरण अभियान को जोर-शोर से चलाया जा रहा है। टीकाकरण के लक्ष्य को शत-प्रतिशत हासिल करने के लिए विभाग प्रतिबद्ध है। इसको लेकर तमाम प्रयास किये जा रहें है। जिले में अभी भी कुछ ऐसे फ्रंटलाइन वर्कर या हेल्थ केयर वर्कर है जो कोविड टीकाकरण का दूसरा डोज नहीं लिये है। इसको लेकर राज्य स्वास्थ्य समिति के कार्यपालक निदेशक ने पत्र जारी कर आवश्यक दिशा-निर्देश दिया है। जारी पत्र में कहा गया है कि निर्धारित समय सीमा पार करने के बावजूद भी फ्रंटलाइन वर्कर व हेल्थ केयर वर्कर ने सेकेंड डोज नहीं लिये है।

वैक्सीन का दोनों डोज लेना अनिवार्य है। दूसरे डोज से वंचित लाभार्थियों को एक सप्ताह के अंदर टीकाकृत करने का निर्देश दिया गया है। जिले में 7596 फ्रंटलाइन वर्करों ने कोविशिल्ड का दोनों डोज ले लिया है। लेकिन अभी भी 2246 फ्रंटलाइन वर्कर ऐसे है जो दूसरे डोज से वंचित है। जिले में 17204 हेल्थ केयर वर्करों ने कोविशिल्ड का दोनों डोज लिया है, जबकि 4764 ऐसे हेल्थ केयर वर्कर जो सेकेंड डोज नहीं लिये हैं। एक सप्ताह के अंदर सभी को वैक्सीनेट करने का निर्देश दिया गया है।

सुरक्षा के लिए दोनों खुराक हैं जरूरी जिले में कोरोना संक्रमण की दूसरी रफ्तार थमी जरूर है, लेकिन खतरा अभी टला नहीं है। तीसरी लहर की आशंका बना हुई है। ऐसे में लोगों को सुरक्षित रहने के लिए कोरोना बचाव के दोनों टीके लगवाने जरूरी है। यूं तो शहर से लेकर ग्रामीणों में टीकाकरण को लेकर जागरूकता बढ़ी है। यही वजह है कि स्वास्थ्य विभागद्वारा दिए जा रहे लक्ष्य से अधिक लोग टीका लगवा रहे हैं।

दोनों डोज लगने के बाद हीं हो पायेंगे सुरक्षित:

सिविल सर्जन डॉ. जेपी सुकुमार ने कहा कि विभाग की प्राथमिक लोगों को दूसरी डोज देकर महामारी से सुरक्षित करना है। लोग दूसरी डोज जरूर लगवाएं, दोनों डोज लगने के बाद ही कोरोना वायरस से लड़ने की क्षमता मिलेगी।दोनों डोज लगने के बाद ही आप पूर्ण तरह सुरक्षित रह पाएंगे।

ऐसे रोकें संक्रमण का प्रसार :

• एक साथ 2 मास्क का प्रयोग करें
• आंतरिक स्थानों पर वायु संचार सुनिश्चित करें
• दूरी बनायें रखने का हरसंभव प्रयास करें
• साबुन से नियमित हाथ साफ़ करते रहें
• कोविड मरीजों को अलग कमरे में रखें
• सतहों को नियमित रूप से कीटाणुनाशकों से नियमित रूप से साफ़ करें

पंचायतों मे लगातार आयुष्मान कैंप आयोजित कर बनवा रहे गोल्डेन कार्ड : राजीव प्रताप रुडी

छपराः जन-जन तक स्वास्थ्य सेवा पहुंचाना प्रधानमंत्री के नेतृत्व में केंद्र की राजग सरकार ने अपना कर्तव्य समझा है। इसी के मद्देनजर स्थानीय सांसद सह भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता राजीव प्रताप रुडी प्रधानमंत्री के सपनों को जन-जन तक पहुंचाने के लिए अपने सांसद सेवा वाहन के माध्यम से आमजन तक प्रधानमंत्री जन आरोग्य सारण सांसद राजीव प्रताप रूडी सारण के सभी पंचायत मे लगातार आयुष्मान कैंप आयोजन कर बनवा रहे गोल्डेन कार्ड।

रिविलगंज प्रखंड के सेमरिया नगर पंचायत के वार्ड नंबर 2 पंचायत के अनुरंजन प्रसाद के घर पर आयुष्मान गोल्डन कार्ड के लिये पंजीयन शिविर का आयोजन किया गया। इस दौरान योजना के कुल 105 लाभुकों का पंजीयन किया गया है जिन्हें गोल्डन कार्ड बनाकर दिया जाएगा। इस दौरान कार्यक्रम में मौजूद भाजपा के राणा प्रताप सिंह ने उपस्थित ग्रामीणों को योजना के महत्व को बताया एवं रूडी नियंत्रण कक्ष (18003456222) के महत्व को बताये।

वहीं कार्यक्रम मे उपस्थित भारतीय जनता पार्टी के पूर्व जिला अध्यक्ष रमेश प्रसाद ने कहाँ कि देश के पहले सांसद राजीव प्रताप रूडी जी है जो गाँव – गाँव तक सरकार के सभी योजनाओं को जनता के पास पंहुचाते है वही 24 घंटे जन -जन तक क्षेत्र एम्बुलेंस सेवा से ग्रामीणों को लाभ मिल रहा है इस मौके उपस्थित सभी ग्रामीणों ने सांसद राजीव प्रताप रूडी जनोपयोगी इस पहल के लिए धन्यवाद दिया। कार्यक्रम मे मुख्य रूप से बिहार भाजपा क्रीरा प्रकोष्ठ के क्षेत्रीय प्रभारी धर्मेन्द्र सिंह चौहान, नगर भाजपा अध्यक्ष अनुरंजन प्रसाद, राणा प्रताप सिंह, नगर युवा अध्यक्ष सुधीर सिंह,

नगर भाजपा आईटी सेल के अमित सिंह, रमेश दास, सतेन्द्र शर्मा , प्रखंड किसान मोर्चा अध्यक्ष उज्जवल सिंह, अलोक सिंह, रितेश कुमार तथा सैकड़ो लाभुक उपस्थित थे। विदित हो कि PMJAY प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी की महत्वाकांछि योजना है जिसका उद्देश्य आर्थिक रूप से कमजोर मरीजों को निःशुल्क और बेहतर चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराना है।

प्रधानमंत्री की इस योजना को आज सारण में पूरी तरह साकार कर रहे है सांसद रूडी। सांसद रूडी द्वारा अपने सांसद निधि से कंप्यूटर, प्रिंटर व अन्य आवश्यक सुविधाओं से लैस सेवा वाहन उपलब्ध कराया है जिसके द्वारा SEPMAF और RYCC द्वारा पंचायतों में जाकर आयुष्मान भारत योजना समेत अन्य सरकारी योजनाओं के प्रति लोगों को जागरूक किया जाता है और पूरी जानकारी दी जाती है साथ ही लाभुकों के बीच आयुष्मान गोल्डन कार्ड भी बनाया जाता है। का लाभ पहुंचा रहे है।