Swatva Samachar

Information, Intellect & Integrity

Featured Trending अवसर देश-विदेश शिक्षा

क्या है ऑल इंडिया कोटा? क्या अब NEET में जेनरल की घटेंगी सीटें?

नयी दिल्ली : तकनीकी शिक्षा में ऑल इंडिया कोटा की व्यवस्था सन 1986 में सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर लागू की गई थी। इसके तहत मेडिकल कॉलेजों में सीटों का आवंटन ऑल इंडिया कोटा और स्टेट कोटा के आधार पर किया जाता है। एमबीबीएस की कुल सीट के 15% जबकि पीजी की कुल सीट के 50% पर ऑल इंडिया कोटा के तहत एडमिशन मिलता है। बाकी 85% एमबीबीएस और 50% पीजी सीट पर जहां मेडिकल कॉलेज स्थित है, उस राज्य के बच्चों को एडमिशन दिया जाता है।

कैसे डिसाइड होता है ऑल इंडिया और स्टेट कोटा

नीट में सफल विद्यार्थियों की मेरिट लिस्ट तैयार की जाती है। इसमें जिन स्टूडेंट्स की रैंकिंग हाई होती है, उन्हें ऑल इंडिया कोटा के तहत देशभर के किसी भी कॉलेज में एडमिशन मिलता है। जिस स्टूडेंट का स्कोर हाई रैंकिंग के लिहाज से पर्याप्त नहीं होता है, उन्हें स्टेट कोटा के तहत संबंधित राज्य के ही किसी कॉलेज में एडमिशन मिलता है।

क्या आरक्षण बढ़ने के बाद जेनरल की सीटें घटेंगी

वर्ष 2009 में जब उच्च तकनीकी शिक्षा में ओबीसी कोटा लागू किया गया था तो उसी अनुपात में गैर-आरक्षित सीटों में भी इजाफा किया गया था। उद्देश्य था कि जनरलट सीटों का प्रतिशत कम नहीं हो। इसलिए, ओबीसी आरक्षण लागू करने वाले उच्च शिक्षण संस्थानों ने अपने यहां सीटों में 50% का इजाफा कर दिया था। इसी तरह, ईडब्ल्यूएस कैटिगरी को 10% आरक्षण देने के लिए भी शैक्षिक संस्थानों को 20% सीटें बढ़ानी पड़ी थीं। मतलब साफ है कि मेडिकल-डेंटल कॉलेजों में ऑल इंडिया कोटे की सीटों पर केंद्र सरकार के आरक्षण पर नए ऐलान के बाद भी सीटें बढ़ाईं जाएंगी ताकि सामान्य श्रेणी के छात्रों की संख्या कम नहीं हो।