अब ऑक्सीजन के लिए लोगो को भटकना नहीं पड़ेगा :- अमित कुमार
मधुबनी : डीएम अमित कुमार ने मधुबनी मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल परिसर मे स्थित ऑक्सीजन प्लांट का फीता काटकर उद्घाटन किया गया। इस ऑक्सीजन प्लांट 600लीटर प्रति मिनट की उत्पादन क्षमता है। इस मौके पर मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल के चैयरमैन फैयाज अहमद, डायरेक्टर तौसीफ अहमद एवं आसिफ अहमद के साथ संस्थान के कई कर्मचारी उपस्थित थे। उद्घाटन से पूर्व कॉलेज एंड हॉस्पिटल प्रशासन के द्वारा मिथिला की परंपरा के अनुसार पाग, चादर एवं माला से स्वागत किया गया।
डीएम अमित कुमार द्वारा ऑक्सीजन प्लांट का बारीकी से निरीक्षण किया गया। कॉलेज एंड हॉस्पिटल प्रशासन द्वारा उन्हे इनसे संबंधित कई अहम जानकारी दी गई। डीएम अमित कुमार ने खुशी जाहिर करते हुये कहा की जिले मे इस तरह के बड़े ऑक्सीजन प्लांट लगने से मधुबनी जिले के लोगो को ऑक्सीजन के लिए अब भटकना नही पड़ेगा।
वही, मधुबनी मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल के चैयरमैन फैयाज अहमद, डायरेक्टर तौसीफ अहमद एवं आसिफ अहमद ने मीडिया से बात करते हुए कहा की मधुबनी मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल मे कम कीमत मे मरीजो का संपूर्ण ईलाज करने के लिए हमलोग कृतसंकल्प है, एवं बिहार मे नंबर एक सुविधा यहा हो इसके लिए हमलोग हमेशा कोशिश करते रहते है।
कोरोना की दूसरी लहर मे ऑक्सीजन की कमी के कारण कई लोगो की मृत्यु हो गई। ऑक्सीजन के लिए मरीज के परिजनो के बीच अफरातफरी का माहौल रहा। इसी को देखते हुए हमने जिलेवासियो के लिए विदेश मे निर्मित उच्च कोटि का ऑक्सीजन प्लांट लगाया है, जिसकी उत्पादन क्षमता 600लीटर प्रति मिनट है। सरकार के द्वारा टैक्स मे कई तरह की रियायतें देने के कारण ऑक्सीजन प्लांट की मशीन कम कीमत मे विदेश से मंगाना आसान हुई। दो महीने के अंदर इस ऑक्सीजन प्लांट मे रीफलिंग यूनिट भी लगाई जायेगी। रीफलिंग यूनिट लगने के बाद पूरे जिले मे हॉस्पिटल,नर्सिंग होम एवं जरूरतमंदो के बीच संस्थान से ऑक्सीजन की आपूर्ति की जायेगी।
पेट्रोल, डीजल एवं रसोई गैस सहित खाद्य सामग्री में बेतहाशा वृद्धि के विरोध कम्युनिस्ट पार्टी के कार्यकर्ताओं का धरना प्रदर्शन
मधुबनी : जिले के बिस्फी प्रखंड में भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के द्वारा प्रखंड सह अंचल कार्यालय के परिसर में विभिन्न मांगों को लेकर धरना प्रदर्शन का आयोजन किया गया। जिसकी अध्यक्षता पूर्वांचल मंत्री लाल बाबू अकेला ने की। इस मौके पर पेट्रोल डीजल एवं रसोई गैस सहित खाद्य सामग्री में बेतहाशा वृद्धि वृद्धि का विरोध, पंचायत एवं प्रखंड में जन कल्याणकारी योजना तथा आवास निर्माण, खाद्य सुरक्षा सात निश्चय योजना के तहत हर घर नल-जल योजना एवं गली-नली सड़क योजना में व्यापक पैमाने पर सरकारी तंत्र प्रतिनिधि गठजोड़ एवं भ्रष्टाचार स्वास्थ्य व्यवस्था एवं कानून में गिरावट, गरीबों को राशन कार्ड देने भूमिहीन परिवारों को गृह निर्माण करने मनरेगा में 200 दिन की काम की गारंटी देने सामाजिक सुरक्षा पेंशन में 1000 प्रतिमाह करने सहित अन्य अन्य ज्वलंत मुद्दों एवं अतिवृष्टि बाढ़ से प्रभावित मुद्दों को लेकर पार्टी के कार्यकर्ताओं ने जमकर सरकार विरोधी नारे लगाए।
वहीँ नूरचक, नवटोली बिस्फी मार्ग होते हुए जुलूस निकाला गया। इस मौके पर पार्टी के जिला मंत्री मिथिलेश झा ने उपस्थित जन समूह को संबोधित करते हुए कहा कि सरकार पूरी तरह फेल हो चुकी है। भ्रष्टाचार चरम पर है, महंगाई से लोग परेशान हो चुके हैं। लोग त्राहिमाम त्राहिमाम कर रहे हैं। सभी योजनाओं में भ्रष्टाचारी एवं एवं अफसरशाही बढ़ गई है। एक तरफ बाढ़ एवं जलजमाव से प्रखंड क्षेत्र के लोग तबाह है, तो वही सरकार तबादले में लगी हुई है।
उन्होंने जोर देते हुए कहा कि किसान मजदूरों एवं बाढ़ से प्रभावित लोगों को बाढ़ के पानी में डूबे 10 मृत को अभी तक परिवार के मुआवजा नहीं मिल पाई है। किसानों को फसल चक्र का मुआवजा समय रहते नहीं देती है, तो पार्टी सड़क से सदन तक आंदोलन करेगी। इस मौके राज्य परिषद सदस्य सूर्य नारायण महतो, जिला कार्यकारिणी सदस्य अशेश्वर यादव, हरीनाथ यादव, अंचल मंत्री महेश यादव, तिलक राम भारती, रामविलास पासवान, गणेश यादव, लक्ष्मीनिया देवी सहित कई लोग उपस्थित थे।
बाढ़ राहत अनुश्रवण सह निगरानी समिति की हुई बैठक आयोजित
मधुबनी : जिले के बिस्फी प्रखंड मुख्यालय स्थित टीपीसी भवन के सभागार में शनिवार को बाढ़ राहत अनुश्रवण सह निगरानी समिति की बैठक आयोजित की गई। उक्त बैठक की अध्यक्षता प्रखंड प्रमुख शीला देवी ने की, जबकि बैठक का संचालन उप-प्रमुख मो० चांद उस्मानी ने किया। इस मौके पर नव पदस्थापित बीडीओ, सीओ सहित अन्य पदाधिकारियों का उपस्थित सदस्यों से परिचय कराया गया। उसके बाद प्रखंड क्षेत्र में एक दर्जन से अधिक आपदा से निधन होने के कारण एक मिनट का मौन धारण कर श्रद्धांजलि अर्पित की गई।
इस बैठक मे बाढ़ पूर्व तैयारी एवं अचानक आई बाढ़ एवं जलजमाव के कारण हो रही परेशानी बाढ़ पीड़ितों को सहायतार्थ आपदा प्रबंधन के द्वारा किए गए कार्यों की जानकारी देने को कहा प्रखंड प्रमुख शीला देवी ने समिति की बैठक में प्रखंड क्षेत्र के सभी पंचायतों को बाढ़ क्षेत्र घोषित करते हुए राहत कार्य चलाने का प्रस्ताव रखा, जिसको उपस्थिति सदस्यों ने ध्वनिमत से पारित करते हुए बाढ़ पीड़ितों के बीच खाने-पीने चारा की व्यवस्था यातायात नाव दवा पॉलिथीन सहीत सुखा भोजन देने की मांग किया।
मौके पर सीओ श्रीकांत सिन्हा ने नव पदस्थापित होने की जानकारी देते हुए बाढ़ राहत की समीक्षा करने की बात कही। वहीं अधीनस्थ कर्मियों को निर्देश देते हुए कहा कि बाढ़ की स्थिति का रिपोर्ट जमा करे। बीडीओ मनोज कुमार ने कहा कि बाढ पीड़ित परिवारों को सहायता राशि देने के लिए बनाए गए सूची को राशन कार्ड से जोड़ा जाए। वही परिवार के मुखिया के तौर पर महिलाओं को ही नाम दर्ज करने को कहा कि प्रखंड स्तर एवं पंचायत स्तर पर एक टीम बनाकर इसकी सूची तैयार की जाए पंचायत बाढ़ राहत अनुसरण निगरानी समिति से पास करा कर आपदा विभाग में जमा करें वहीं टूटी हुई सड़क की सूची बनाने को कहा, ताकि उसे मरम्मत कर यातायात बहाल की जा सके।
इस मौके पर बीएसओ मुकेश कुमार, जेपीएस चंद्रेश्वर नारायण सिंह, सीआई बसंत झा, नागेंद्र प्रसाद, सुनील कुमार चौधरी, गंगानाथ झा, जय जय राम यादव, मनोज कुमार यादव, श्रीकांत यादव, बेचन यादव, रामसकल यादव, ललन झा, मुखिया गंगानाथ झा, नवल किशोर यादव, मो० कफील अहमद, मनोज झा, मो० मुन्ना, मनोज कुमार साह, पवन कुमार, मो० अफरोज, घनश्याम ठाकुर, मो० फिरोज, मो० शालहीन सहित कई जनप्रतिनिधि एवं पार्टी कार्यकर्ता उपस्थित थे।
छह महीने पहले हो चुका कार्य अवधि समाप्त, वाहन चालक रोज हो रहे दुर्घटना का शिकार, लोगों का फूटा गुस्सा
मधुबनी : जिले के बासोपट्टी प्रखंड अंतर्गत बीरपुर दिघीया पोखर टोल से अमाटोल को जानेवाली निर्माणाधीन सड़क जानलेवा बन गया है। जहां हर रोज बाइक व साइकिल चालक गिर कर घायल हो रहे है, जिससे संवेदक के विरुद्ध लोगों का गुस्सा फूटने लगा है। दरअसल करीब दो माह से उक्त मार्ग पर मोटी-मोटी पत्थर व गिट्टी बिछाकर छोड़ दिया गया है, और निर्माण कार्य बंद कर संवेदक फरार चल रहे है। जिससे वाहन चालक तो घायल होते ही है, साथ ही सड़क किनारे बसे दर्जनों परिवार को पैदल चलना भी दूभर हो रहा है। जो तस्वीरों में साफ साफ देख सकते है।
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत बनाई जा रही उक्त मार्ग का निर्माण कार्य मार्च में ही पूरा कर लेना था, जो कि योजना बोर्ड में भी स्पष्ट रूप से लिखा हुआ है। लेकिन कार्य समाप्ति की अवधि के चार महीने बाद भी कार्य पूरा नही हुआ है। शायद लापरवाह संवेदक तब नींद से जागेंगे जब कोई बड़ी दुर्घटना हो जाएगी।
आपको बता दें कि बासोपट्टी प्रखंड अंतर्गत बासोपट्टी मछहट्टा से लेकर कोदरकटा को जाने वाली मार्ग समेत कई ऐसा मार्ग निर्माणाधीन है, जो समय अवधि समाप्त होने के बावजूद आरडव्लूडी विभाग के लापरवाही के कारण कार्य अधूरा है। जिससे विभागीय अधिकारियों पर कई तरह का सवालिया निशान खरे हो रहे है। इस संबंध में कार्यपालक अभियंता चंद्र किशोर शाहा ने बताया कि संवेदक को कह कर जल्द कार्य को पूरा कराई जाएगी।
भाकपा-माले के राज्यब्यापी आंदोलन के तहत रहिका स्वास्थ्य उप केन्द्र पर चिकित्सा पदाधिकारी को सौंपा मांग पत्र
मांग पत्र में निम्न मांगों की मांग की गई है :-
1). स्वास्थ्य उपकेंद्र, पीएचसी, सीएचसी, रेफरल और जिला अस्पतालों को सम्पूर्ण मेडिकल सुविधाओं से लैस करो।
2). डॉक्टर, नर्स सहित स्वास्थ्यकर्मियों के तमाम सृजित पदों पर अविलम्ब बहाली करो।
3). तीन महीने के अंदर सबके टीकाकरण की गारंटी करो.
4). राज्य के कुल बजट का 10 प्रतिशत स्वास्थ्य पर खर्च करो और प्रति रोगी पर खर्च को कम से कम दुगुना करो।
5). सरकारी सुपर स्पेशलिटी अस्पतालों की संख्या में बढ़ोतरी करो।
6). निजी अस्पताल-नर्सिंग होम की लूट के खिलाफ रेगुलेटरी ऐक्ट बनाओ।
7). एंबुलेंस सेवा को एनजीओ के नियंत्रण से मुक्त करो! अस्पतालों के सीधे नियंत्रण में इसका संचालन करो।
इस मौके पर भाकपा-माले के रहिका प्रखंड सचिव अनिल कुमार सिंह, प्रेम कुमार झा एवं अन्य माले नेता मौजूद रहे।
भारत-नेपाल सीमावर्ती क्षेत्रों में बाढ आने से हजारों एकड़ जमीन डूबा, किसानों में छाया मायुसी
मधुबनी : जिले के हरलाखी प्रखंड अंतर्गत इंडो-नेपाल बॉर्डर पर जमुनी नदी में उछाल आने से किसानों में तवाही का मंजर खड़ा हो गया है। नेपाल के पहाड़ी इलाके में भारी बारिश के कारण हर वर्ष सीमावर्ती क्षेत्रों में बाढ़ आ जाती है, जिससे किसान का सैकड़ों एकड़ काधान का खेती बर्वाद हो जाता है। इस समस्यों को लेकर किसानों में भारी आक्रोश देखने को मिल रहा है। स्थानीय किसान अनिल सीन ने बताया कि यह समस्या वर्षो से है।
प्रत्येक वर्ष बरसात के मौसम में एक बार नही बल्कि दो से तीन बार बाढ़ आ जाता है, जिससे किसानों का मेहनत बेकार तो होता ही है। साथ ही खेती में लागत लाखों रुपया बर्बाद हो जाता है। लेकिन हम किसानों का समस्या न तो सरकार और न ही यहाँ के जनप्रतिनिधि सुन रहे है। चुनाव के वक्त हम किसानों के साथ बड़े बड़े वादा करते है। फिर घूम कर भी नही आते है। स्थानीय लोगों ने कहा कि हजारों एकड़ जमीन में बाढ़ आने के बावजूद भी इस प्रखंड को बाढ़ प्रभावित क्षेत्र नही घोषित किया जाता है।
गौरतलब है कि जब क्षेत्र के विधायक और सांसद ही सो रहा हो ऐसे में किसानों का समस्या भला सुने कौन। हरलाखी सीमावर्ती क्षेत्र में बाढ़ कोई नई बात नही है। यहाँ हर वर्ष नेपाल से पानी छोड़ा जाता है। बाढ़ आने से एक गांव नहीं बल्कि क्षेत्र के इटहरवा, हरिने, कमलाबरपट्टी, नहर्निया, महादेवट्टी उमगांव, दुर्गापट्टी, पीपरौन, फुलहर, गंगौर समेत दर्जनों गांव के किसानों को सैकड़ों एकड़ फसल बर्बाद हो जाता है। बहरहाल देखना है कि पीड़ित किसानों को सरकार क्या मुआवजा देते है?
सुमित कुमार की रिपोर्ट