पटना : बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पांच साल बाद जनता दरबार में फिर से फरियादियों से बातचीत कर रहे हैं। मुख्यमंत्री के जनता दरबार में आए फरियादियों की कोरोना जांच भी करवाई गई है। इसी बीच मुख्यमंत्री के जनता दरबार में आए छात्र फरियादी ने नीतीश कुमार के ड्रीम प्रोजेक्ट को लेकर उनसे शिकायत की है।
दरअसल, जनता दरबार कार्यक्रम में आए स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड से जुड़ी कई शिकायतें पहुंची। फरियादियों ने मुख्यमंत्री से मांग की कि साल 2018-19 में एडमिशन लेने के बाद उन्हें स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना के तहत पहली किस्त भी मिल चुकी थी। लेकिन सरकार की तरफ से किए गए बदलाव के बाद अब राशि नहीं मिल पा रही है। कई युवाओं की पढ़ाई योजना की राशि नहीं मिलने के कारण बाधित है।मुख्यमंत्री ने इन मामलों को गंभीरता से सुना। इसके बाद उन्होंने इस मामले में जांच की आदेश दिया है।
हड़ताल पर जाने के कारण गई नौकरी
इसके साथ ही जनता दरबार में संविदा पर काम करने वालों को सेवा से हटाए जाने से जुड़ा मामला पहुंचा। एक शख्स ने मुख्यमंत्री के जनता दरबार में पहुंचकर यह शिकायत की कि बिजली विभाग में कॉन्ट्रैक्ट पर नाइट गार्ड के तौर पर वह नौकरी करता था। हड़ताल पर जाने के कारण उसे सेवा से हटा दिया गया।
कॉन्ट्रैक्ट पर काम करने वाले इससे नाइट गार्ड ने कहा कि कॉन्ट्रैक्ट पर जिस एजेंसी ने रखा वह मनमानी कर रही है। मामला श्रम विभाग में भी पहुंचा और वहां भी सुनवाई हुई है। हैरानी की बात यह है कि जिस शख्स को नाइट गार्ड की सेवा से हटाया गया, उसके साथ हटाए गए दूसरे लोगों को वापस काम पर रख लिया गया।
वहीं इसके अलावा जनता दरबार में उस वक्त हड़कंप मच गया जब मुख्यमंत्री के सामने बैठे एक युवक ने कहा कि उसे ब्लैक फंगस है हुआ है। इतना सुनते ही नीतीश कुमार तुरंत एक्शन में आए। सुरक्षाकर्मियों ने भी अलर्ट होते हुए तत्काल उसे मुख्यमंत्री के सामने से उठाया। इसके बाद स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के पास उस फरियादी युवक को भेजा गया।
नीतीश कुमार ने तत्काल स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिया कि एक युवक जो खुद को ब्लैक फंगस से पीड़ित बता रहा है। उससे बात करें। उसे क्या परेशानी है। तत्काल उसे देखें।इसके साथ ही साथ स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना के अलावे प्रोत्साहन राशि योजना का मामला भी मुख्यमंत्री के जनता दरबार में पहुंचा।