कैबिनेट विस्तार : पशुपति को लेकर चिराग का कड़ा विरोध, कहा- दिल्ली उच्च न्यायालय में याचिका दाखिल

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दिल्ली : नरेंद्र मोदी सरकार का आज कैबिनेट विस्तार होने वाला है। सरकार गठन के बाद आज पहली बार कैबिनेट का विस्तार हो रहा है, जिसमें 43 नए मंत्री शामिल हो रहे हैं। इनमें से सहयोगी दलों से भी कुछ नेता मंत्री बनने जा रहे हैं।

कैबिनेट विस्तार में बिहार कोटे से शामिल हो रहे मंत्रियों में सबसे ज्यादा चर्चा पशुपति कुमार पारस को लेकर है। इन्होंने लोजपा को तोड़कर अलग गुट बनाकर लोजपा होने का दावा किया है। इसको लेकर चिराग गुट के तरफ से काफी विरोध हो रहा है और मंत्री बनाये जाने पर कोर्ट जाने की भी बात कही जा रही है।

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इस बीच मंत्रिमंडल में शामिल होने की खबरों पर चिराग पासवान ने ट्वीट कर कहा कि लोक जनशक्ति पार्टी ने आज माननीय लोकसभा अध्यक्ष के प्रारम्भिक फ़ैसले जिसमें पार्टी से निष्कासित सांसद श्री पशुपति पारस जी को लोजपा का नेता सदन माना था के फ़ैसले के ख़िलाफ़ आज दिल्ली उच्च न्यायालय में याचिका दाखिल की गई है।

लोकसभा अध्यक्ष के द्वारा पार्टी से निकाले गए सांसदों में से श्री पशु पति पारस जी को नेता सदन मानने के बाद लोक जनशक्ति पार्टी ने माननीय लोकसभा अध्यक्ष के समक्ष उनके फ़ैसले पर पुनः विचार याचिका दी थी जो अभी भी विचाराधीन है।

प्रधानमंत्री जी के इस अधिकार का पूर्ण सम्मान है कि वे अपनी टीम में किसे शामिल करते हैं और किसे नहीं। लेकिन जहां तक LJP का सवाल है, श्री पारस जी हमारे दल के सदस्य नहीं हैं। पार्टी को तोड़ने जैसे कार्यों को देखते हुए उन्हें मंत्री, उनके गुट से बनाया जाए तो LJP का कोई लेना देना नहीं है।

पार्टी विरोधी और शीर्ष नेतृत्व को धोखा देने के कारण लोक जनशक्ति पार्टी से श्री पशुपति कुमार पारस जी को पहले ही पार्टी से निष्काषित किया जा चुका है और अब उन्हें केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल करने पर पार्टी कड़ा ऐतराज दर्ज कराती है।

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