पटना : बिहार में नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली सरकार के कामकाज पर अब उन्हीं के मंत्री और सहयोगी दलों के नेता सवाल उठाने लगे हैं। बिहार सरकार के मंत्री ने राज्य में कथित अफसरशाही और भ्रष्टाचार के मुद्दे पर सरकार पर निशाना साधा है। बिहार सरकार के समाज कल्याण मंत्री मदन साहनी के बाद अब उनके समर्थन के एक और मंत्री आ गए हैं।
बिहार सरकार के मंत्री नीरज बबलू ने कहा कि मदन साहनी जो कह रहे हैं वह सही कह रहे हैं कभी-कभी ऐसा होता है कि अधिकारी अधिक मनमानी करते हैं। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री को इस मामले को गंभीरता से लेना चाहिए। उन्होंने कहा कि मैंने अपने विभाग के अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिया है कि वह मीडिया से बात ना करें। नीरज बबलू ने कहा कि जनप्रतिनिधियों का सम्मान होना चाहिए और अफसरशाही कहीं से भी सरकार के लिए ठीक नहीं है।
इसके साथ ही उन्होंने कहा कि यदि अधिकारियों पर मनमानी का आरोप लग रहा है तो मुख्यमंत्री को तत्काल इस बात का संज्ञान लेना चाहिए। उन्होंने कहा कि सरकार के भले ही कई मंत्री नाराज हो लेकिन अगर कोई एक मंत्री भी नाराज हो तो यह सरकार के लिए अच्छी बात नहीं है। उन्होंने कहा कि सरकार चलाना मंत्रियों का काम होता है सरकार की योजनाओं के बारे में जानकारी देना भी मंत्रियों का अधिकार क्षेत्र में और यदि मंत्रियों के अधिकार क्षेत्र का हनन होगा तो यह ठीक नहीं है।
नए सोच के साथ काम करना चाहते हैं मंत्री
इसके अलावा उन्होंने कहा कि कुछ मंत्री ऐसे हैं जो नए सोच के साथ काम करना चाहते हैं लेकिन अगर अधिकारी सपोर्ट ना करें और पेंच फंसा कर काम में अड़ंगा लगा है तो यह दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति होगी। उन्होंने कहा कि यदि सरकार पर जदयू कोटे के मंत्री आरोप लगा रहे हैं तो जरूर कोई बड़ी बात होगी।
नीरज बबलू ने कहा कि वह बीजेपी कोटे के मंत्री हैं अगर उनके तरफ से कोई बात कही जाती तो संभव है इस पर कई और नजरिया लगाया जाता लेकिन जब जदयू के ही मंत्री आरोप लगा रहे हैं तो मुख्यमंत्री को इस पर संज्ञान लेना चाहिए।
गौरतलब है कि इससे पहले बिहार सरकार में जदयू कोटे से मंत्री मदन सहनी ने आरोप लगाते हुए कहा था कि बिहार सरकार में मंत्रियों की बात नहीं सुनी जाती बल्कि अधिकारी जो कहते हैं वहीं सर्वमान्य होता है। इसको लेकर यह अपने इस्तीफा की भी पेशकश कर चुके हैं।