बिहार में सीरियल ब्लास्ट की घटना चिंताजनक, बड़े नेताओं का चुप रहना दुर्भाग्यपूर्ण- सुमो
पटना : बिहार में इस महीने सिलसिलेवार ढंग से जून महीने में 5 बम धमाके हुए हैं। इन धमाकों में कुछ लोगों की मौतें भी हुई है, साथ ही कई लोग घायल हुए हैं। इन धमाकों को लेकर बिहार के सेक्युलर नेताओं की जुबान बन्द है। वहीं, भाजपा नेताओं ने इन धमाकों को आतंकवादी संगठनों से जोड़ रहे हैं।
बीते दिन भागलपुर में हुए बम विस्फोट के बाद भाजपा के वरिष्ठ नेता व राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी ने ट्वीट कर कहा कि पिछले दो सप्ताह में बिहार के अलग-अलग चार स्थानों बांका, दरभंगा, सिवान और अब भागलपुर में बम ब्लास्ट होना चिंताजनक है। मगर ब्लास्ट की किसी भी घटना की आलोचना को लेकर राजद, कांग्रेस जैसे दल के किसी बड़े नेता का कोई सार्वजनिक बयान न आना दुर्भाग्यपूर्ण है।
पुलिस और NIA जैसी केंद्रीय जांच एजेंसी ने अपनी जांच में इनमें से कई ब्लास्ट के तार पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी व जेहादियों से जुड़े होंने की आशंकाओं से इनकार नहीं किया है। क्या वोट बैंक की टुच्ची राजनीति के लिए विस्फोट पर कथित सेक्युलवादी विपक्ष ने मौन नहीं साध लिया है?
सुमो ने कहा कि जिस तरह से एक के बाद एक विस्फोट हो रहे हैं, वैसे में यह चिंता गहरा रही है कि कहीं बिहार किसी बड़ी आतंकी साजिश के निशाने पर तो नहीं है? ऐसे में यह सवाल उठना लाजिमी है कि किसी घटना में पाकिस्तान या आतंकी-जेहादी के नाम जुड़ने मात्र से यहां के विपक्ष को सांप क्यों सूंघ जाता है?