कोरोना संक्रमण दर में गिरावट देखते हुए परिवार नियोजन सेवाओं को नियमित करने का लिया गया निर्णय
छपरा : जिले में वैश्विक महामारी कोरोना संक्रमण की दर में गिरावट को देखते हुए परिवार नियोजन सेवाओं को नियमित करने का निर्णय लिया गया है। इस संबंध में राज्य स्वास्थ्य समिति के कार्यपालक निदेशक मनोज कुमार ने पत्र जारी कर आवश्यक दिशा-निर्देश दिया है। जारी पत्र में कहा गया है कि नियमित सेवा सामान्य होने तक योग्य दम्पत्ति को महिला बंध्याकरण, पुरुष नसबंदी एवं आईयूसीडी की सुविधा प्रदान किया जाना स्थगित रखे जाने को निर्देश निर्गत किया गया था। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के द्वारा 11 जुलाई 2021 को विश्व जनसंख्या दिवस के अवसर पर 27 जून 2021 से 10 जुलाई 2021 तक दम्पत्ति संपर्क पखवाड़ा एवं 11 जुलाई से 24 जुलाई 2021 तक जनसंख्या स्थिरता पखवाड़ा आयोजित करने का निर्देश प्राप्त हुआ है।
पुरुष नसबंदी व महिला बंध्याकरण की सेवाएं होंगी शुरू :
जारी पत्र के माध्यम से निर्देश दिया गया है कि कोविड-19 की घटती संख्या को देखते हुये यह निर्णय लिया गया है कि परिवार नियोजन कार्यक्रम के अंतर्गत सभी प्रकार की सेवाओं यथा- महिला बध्याकरण, पुरुष नसबंदी एवं आईयूसीडी सहित सभी परिवार नियोजन सेवा को पूर्व की भांति नियमानुसार नियमित रूप से संचालित किया जाय। स्वास्थ्य केन्द्रों पर परिवार नियोजन कार्यक्रम के अंतर्गत सभी प्रकार की सेवाओं को पूर्व की भांति नियमित रूप से संचालित किया जाय, जिसमें पीपीपी मोड अंतर्गत संबंधित संस्थान से भी नियमानुसार कार्य लिया जा सकता है।
परिवार नियोजन की अस्थाई सेवाओं को करें सुनिश्चित :
कार्यपालक निदेशक ने निर्देश दिया है कि सभी स्वास्थ्य संस्थानों पर यह सुनिश्चित किया जाए कि दैनिक गर्भनिरोधक गोली, साप्ताहिक गर्भनिरोधक गोली, आपातकालीन गर्भनिरोधक गोली, निरोध एवं गर्भ जाँच किट एवं एमपीए (अंतरा) की पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध हो। इसके लिए आवश्यकतानुसार एफपीएलएमआईएस के माध्यम से मांग एवं आपूर्ति सुनिश्चित किया जाय। उक्त गर्भनिरोधक सामग्रियों की आशा / ए०एन०एम० के पास उपलब्धता सुनिश्चित करायी जाए। स्वास्थ्य संस्थानों में कंडोम बॉक्स एवं कंट्रासेप्टिव डिस्पले ट्रे में भी संबंधित गर्भनिरोधकों की आवश्यक मात्रा में उपलब्धता सुनिश्चित की जाए।
दो चरणों में पूरा होगा पखवाड़ा :
इस कार्यक्रम को दो चरणों में मनाया जाना प्रस्तावित है, पहला चरण “जनसंख्या जागरूकता पखवाड़ा” सह दंपति संपर्क पखवाड़ा 27 जून से 10 जुलाई तक जो परिवार नियोजन के महत्व के बारे में लोगों की जागरूकता और जागरूकता पर केंद्रित होगा और दूसरा चरण “जनसंख्या स्थिरीकरण पखवाड़ा” 11 से 24 जुलाई, तक जो सेवा प्रावधान पर ध्यान केंद्रित करेगा। विकल्पों की टोकरी पर ग्राहकों की परामर्श” में गतिविधियों के दौरान टेली परामर्श को प्राथमिकता दी जयेगी। गांवों में जागरूकता पैदा करने के लिए नेहरू युवा केंद्रों/स्थानीय गैर सरकारी संगठनों को सूचीबद्ध किया जाएगा| यह सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म (जैसे व्हाट्सएप/एसएमएस) के माध्यम से भी किया जाएगा।
जनसंघ संस्थापक डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी का बलिदान दिवस श्रद्धा पूर्वक जिला कार्यालय में मनाया गया
छपरा : भाजपा ने श्रद्धा पूर्वक मनाया डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी का बलिदान दिवस भारतीय जनता पार्टी छपरा सारण के तत्वधान में भाजपा जिलाध्यक्ष रामदयाल शर्मा के नेतृत्व में जनसंघ के संस्थापक डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी का बलिदान दिवस जिला कार्यालय में श्रद्धा पूर्वक मनाया गया भाजपा जिलाध्यक्ष रामदयाल शर्मा ने अपने संबोधन में कहाभूमि, जन तथा संस्कृति के समन्वय से राष्ट्र बनता है।
संस्कृति राष्ट्र का शरीर, चिति उसकी आत्मा तथा विराट उसका प्राण है। भारत एक राष्ट्र है और वर्तमान समय में एक शक्तिशाली भारत के रूप में उभर रहा है। राष्ट्र में रहने वाले जनों का सबसे पहला दायित्व होता है कि वो राष्ट्र के प्रति ईमानदार तथा वफादार रहें। प्रत्येक नागरिक के लिए राष्ट्र सर्वोपरि होता है, जब भी कभी अपने निजी हित, राष्ट्र हित से टकराएं, तो राष्ट्र हित को ही प्राथमिकता दी जानी चाहिए, यह हर एक राष्ट्रभक्त की निशानी होती है।
भारत सदियों तक गुलाम रहा और उस गुलाम भारत को आजाद करवाने के लिए असंख्य वीरों ने अपने निजी स्वार्थों को दरकिनार करते हुए राष्ट्र हित में अपने जीवन की आहुति स्वतंत्रता रूपी यज्ञ में डालकर राष्ट्रभक्ति का परिचय दिया। ऐसे ही महापुरुष थे डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी। जिला मीडिया प्रभारी श्याम बिहारी अग्रवाल ने संबोधित करते हुए कहा डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी केवल राजनीतिक कार्यकर्ता नहीं थे।
उनके जीवन से ही राजनीतिक दलों के कार्यकर्ताओं को सीख लेनी चाहिए, उनका स्वयं का जीवन प्रेरणादायी, अनुशासित तथा निष्कलंक था। राजनीति उनके लिए राष्ट्र की सेवा का साधन थी, उनके लिए सत्ता केवल सुख के लिए नहीं थी। डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी राजनीति में क्यों आए? इस प्रश्न का उत्तर है, उन्होंने राष्ट्रनीति के लिए राजनीति में पदार्पण किया। वे देश की सत्ता चाहते तो थे, किंतु किसके हाथों में ? उनका विचार था कि सत्ता उनके हाथों में जानी चाहिए, जो राजनीति का उपयोग राष्ट्रनीति के लिए कर सकें।
प्रवक्ता विवेक कुमार सिंह ने कहा पंडित जवाहरलाल नेहरू ने उन्हें अंतरिम सरकार में उद्योग एवं आपूर्ति मंत्री के रूप में शामिल किया। लेकिन नेहरू और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री लियाकत अली के बीच हुए समझौते के पश्चात 6 अप्रैल, 1950 को उन्होंने मंत्रिमंडल से त्यागपत्र दे दिया और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक गुरु गोलवलकर जी से परामर्श लेकर मुखर्जी ने 21 अक्टूबर, 1951 को जनसंघ की स्थापना की। भारत में जिस समय जनसंघ की स्थापना हुई, उस समय देश विपरीत परिस्थितयों से गुजर रहा था। जनसंघ का उदेश्य साफ था। वह अखंड भारत की कल्पना कर कार्य करना चाहता था। वह भारत को खंडित भारत करने के पक्ष में नहीं था। जनसंघ का स्पष्ट मानना था कि भारत एक शक्तिशाली राष्ट्र के रूप में दुनिया के सामने आएगा।
डॉ. मुखर्जी के अनुसार अखंड भारत देश की भौगोलिक एकता का ही परिचायक नहीं है, अपितु जीवन के भारतीय दृष्टिकोण का द्योतक है, जो अनेकता में एकता का दर्शन करता है। जनसंघ के लिए अखंड भारत कोई राजनीतिक नारा नहीं था, बल्कि यह तो हमारे संपूर्ण जीवनदर्शन का मूलाधार है।
कार्यक्रम में भाजपा जिलाध्यक्ष रामदयाल शर्मा, अल्पसंख्यक मोर्चा प्रदेश अध्यक्ष तुफैल खान कादरी, महामन्त्री शान्तनु कुमार, जिला मीडिया प्रभारी श्याम बिहारी अग्रवाल, जिला प्रवक्ता विवेक कुमार सिंह, जिला मंत्री सत्यानंद सिंह, सुपन राय, गायत्री देवी, आईटी सेल संयोजक निशांत राज, अनूप यादव, शत्रुघ्न भगत, साहेब रजा खान आदि उपस्थित हुए। बलिदान दिवस पर भाजपा जिलाध्यक्ष रामदयाल शर्मा ने अगस्त का पौधारोपण भी किया। छपरा सारण जिला के सभी बूथ पर डॉक्टर श्यामा प्रसाद मुखर्जी का बलिदान दिवस श्रद्धापूर्वक मनाया गया।
कोरोनाकाल में भी मानव सभ्यता की प्राचीन साक्ष्यों से परिपूर्ण चिरांद की विरासत को लोगों के सामने लाने के लिए चिरांद विकास परिषद प्रतिबद्ध
छपराः डोरीगंज कोरोनाकाल में भी मानव सभ्यता की प्राचीन साक्ष्यों से परिपूर्ण चिरांद की विरासत को जनमानस के बीच सामने लाने के लिए चिरांद विकास परिषद प्रतिबद्ध है। इसी के निमित्त बुधवार को एक वेबिनार का आयोजन किया गया है, जिसका उद्घाटन केंद्रीय स्वास्थ्य राज्यमंत्री अश्विनी कुमार चौबे करेंगे। इस दोपहर एक बजे से आरंभ होने वाले वेबिनार में विशिष्ट अतिथि के तौर पर बिहार के कला, संस्कृति एवं युवा विभाग के मंत्री आलोक कुमार झा और बिहार विधान परिषद के सदस्य ई. सच्चिदानंद राय रहेंगे। वेबिनार का विषय है— ‘चिरांद: मानव सभ्यता की अनवरत विकास यात्रा का साक्षी’। उक्त आशय की जानकरी चिरांद विकास परिषद के सचिव श्रीराम तिवारी ने मंगलवार को दी।
उन्होंने बताया कि इस दौरान प्राचीन इतिहास एवं भारतीय सभ्यता के विशेषज्ञ देश—दुनिया के विभिन्न कोनों से वेबिनार में भाग लेंगे व अपनी बात रखेंगे। ज्ञात हो कि चिरांद गंगा, सरयू और सोन के संगम पर स्थित विश्व का दुर्लभ पुरातात्विक स्थल है। वाल्मीकि रामायण व रामचरितमानस जैसे ग्रंथों में इस स्थल का वर्णन है। इस प्रकार यह स्थल रामायण परिपथ एक महत्वपूर्ण केंद्र है। प्रत्येक वर्ष ज्येष्ठ पूर्णिमा के दिन गंगा, सरयू व सोन के संगम पर गंगा महाआरती के माध्यम से चिरांद का वार्षिकोतसव मानाने की परंपरा रही है। इस वर्ष कोरोना के कारण समारोह के आयोजन नहीं होंगे। लेकिन, प्रतीकात्मक प्रतिनिधित्व शैली में गंगा महाआरती का आयोजन किया गया है, जिसका प्रसारण क्षेत्रीय व राष्ट्रीय चैनलों के अलावा विभिन्न सोशल मीडिया के मंचों के माध्यम से होगा।