दिल्ली: विरासत की कुर्सी संभालने के लिए भाई ने भाई के बंगले पर कब्जा कर लिया है। इस बीच बंगले से बेघर होता देख भतीजा ने चाचा के समक्ष मां को बंगले की मालकिन बनाने का प्रस्ताव रखा है।
दरसअल, लोजपा ने गुटबाजी होने के बाद पार्टी को बचाने के लिए दोनों गुटों की तरफ से लॉजिक दिए जा रहे हैं। नेतृत्व परिवर्तन को लेकर रचे चक्रव्यूह के बारे में लोजपा नेता पशुपति पारस ने कहा कि पार्टी को टूटने से बचाने के लिए हमलोगों ने ऐसा किया है। अगर संसदीय दल का नेता व पार्टी सुप्रीमो चिराग रहेगा तो पार्टी टूट जाएगी और हमलोग रामविलास पासवान के सपनों को पूरा नहीं कर पाएंगे।
वहीं, विरासत की गद्दी संभालने के जद्दोजहद में लगे चिराग ने चाचा के द्वार पर लंबे इंतजार के बाद पार्टी के शीर्ष नेतृत्व के समक्ष यह प्रस्ताव रखा है कि पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष का पद छोड़ने के लिए तैयार हैं। लेकिन, मेरे जगह पार्टी का सुप्रीमो स्व रामविलास पासवान की पत्नी रीना पासवान को बनाया जाय।
चिराग के इस कदम को लेकर माना जा रहा है कि आने वाले समय मे अगर फिर से लोजपा की कमान उनके हाथ मे आती है तो सारी रूपरेखा पहले से ही तैयार रहेगी। क्योंकि, अगर रीना पासवान पार्टी सुप्रीमो बनती है तो पार्टी पर पूरा कंट्रोल चिराग का ही रहेगा। इसलिए सहानुभूति का सहारा लेते हुए चिराग और पशुपति दोनों विरासत की कुर्सी संभालने के लिए अपना-अपना दांव चल रहे हैं।