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07 जून : आरा की मुख्य खबरें

तरारी प्राथमिक स्वस्थ्य केंद्र नही हो रही आर टी-पीसीआर जांच

आरा : भोजपुर जिले के तरारी प्राथमिक स्वस्थ्य केंद्र पर कोविड की आरटी-पीसीआर जांच जांच नही हो रहा जबकि लोगो को अधिकांशतः नौकरी में आरटी-पीसीआर रिपोर्ट की ही मांग हो रही है।

नाम नहीं बताने की शर्त पर प्राथमिक स्वस्थ्य केंद्र में बताया गया कि किट उपलब्ध है लेकिन ऊपर के पदाधिकारी ने आरटी-पीसीआर जांच से मना किया गया है। ऐसे में नौकरीपेशा लोगों की कई परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है| ग्रामीणों खासकर नौकरीपेशा लोगों ने भोजपुर जिला पदाधिकारी से प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर आरटी-पीसीआर जांच शुरू करवाने की अपील की है।

कोविड-19 के संक्रमण से ठीक होने के बाद भी नियमों का पालन बहुत जरूरी

आरा : भोजपुर जिले में कोरोना संक्रमण के नये मामलों की संख्या में कमी तो दर्ज की जा रही है। संक्रमण की दूसरी लहर में लोग डर से ही सही, नियमों के पालन व टीकाकरण के प्रति जागरूक हुए हैं। बीते दिनों लॉक डाउन के बावजूद भी जिले में संक्रमण का प्रसार जारी रहा। जिसको देखते हुए राज्य सरकार ने प्रतिबंधों की अवधि कुछ नये नियमों के साथ विस्तारण की है। जिससे जिले में प्रतिदिन कोरोना पाजिटिविटी दर दहाई अंकों को पार नहीं कर सकी। दूसरी ओर, जिला प्रशासन व स्वास्थ्य समिति की संयुक्त समन्वय से संक्रमण के खिलाफ तीन स्तरों पर व्यवस्था की गई है।

सिविल सर्जन डॉ. ललितेश्वर प्रसाद झा ने कहा सरकार के अगले आदेश तक जिले में प्रतिबंध जारी है। बाजारों को एक निश्चित अवधि के लिए खुला रखना आवश्यक है, किन्तु इस दौरान ऐसा देखा जाता है कि सडकों पर काफी भीड़ रहती है जो काफी चिंता का विषय है। एक साथ कई लोग एक ही दुकान पर खरीददारी करते पाये जा रहे हैं। इस दौरान लोग असंयमित होकर एक दूसरे के काफी नजदीक आ जाते हैं।

कुछ ही लोग ऐसे हैं जिनके पास सैनिटाइजर होता है। खरीददारी के दौरान किये जाने वाली बात-चीत के दौरान मास्क का प्रयोग उचित ढंग से नही कर रहे है। लोगों का यह व्यवहार कोरोना संक्रमण को न्योता देने के बराबर है। इसलिए आवश्यक है कि आप कोरोना के नियमों का पालन उचित तरीके से करें। खरीददारी के लिए जब भी घरों से निकलें अपने साथ सैनिटाइजर अवश्य रखें।

सिविल सर्जन ने बताया यदि आप कोरोना संक्रमित होकर ठीक हो चुके हैं फिर भी जरूरी है कि आप कोरोना नियमों का पालन करते रहें। मास्क का उपयोग, शारीरिक दूरी, हाथों को बार-बार विषाणुमुक्त आदि बुनियादी नियमों का पालन करें। साथ ही कोरोना संक्रमण से ठीक होने के बाद धूल-कण वाले वातावरण से दूर रहें, अपना ऑक्सीजन लेवल की जांच नियमित रूप से करें, पौष्टिक आहार के साथ-साथ तरल पदार्थों का भी सेवन करें एवं हल्का व्यायाम अवश्य करें।

धर्म के प्रति श्रद्धा से परिवार हो जाता है पवित्र – जीयर स्वामी

आरा : सदाचार एवं नैतिकता विहीन मनुष्य मानव कहलाने का अधिकारी नहीं है। व्यक्ति को जीवन में अनैतिकता एवं दुराचार से बचना चाहिए। अनैतिकता से जीवन और मरण दोनों अमंगलमय हो जाते हैं। भावी पीढ़ी भी कलंकित हो जाती है। अनैतिकता से जीवन यापन करने वाले को कभी यश प्राप्त नहीं होता। इसलिए स्वयं तथा अपनी पीढ़ियों के निमित्त मानव को मर्यादानुकूल जीवनयापन करना चाहिए। उपरोक्त बातें श्री लक्ष्मी प्रपन्न जीयर स्वामी ने कहीं।

जीयर स्वामी ने कहा कि भगवान कभी पक्षपात नहीं करते। उन्होंने मनुष्य के अलावे दैत्य पुत्र प्रहलाद एवं पशु गजेन्द्र पर भी कृपा की है। भगवान का शब्दिक अर्थ भा से प्रकाश, ग-ज्ञान, वा से वैभव और न से नेक है। भगवान से ही ये गुण पैदा होते हैं। भगवान सब को प्रकाशित करते हैं। जिससे वे अपना प्रकाश हटा लेते है उस जीव का तेज समाप्त हो जाता है। तेजहीन जीव अजीव की अस्मिता समाप्त हो जाती है।

स्वामी जी ने कहा कि जिस परिवार में धर्म के प्रति श्रद्धा होती है, वह परिवार पवित्र और धन्य हो जाता है। जिस कुल में वैष्णव उत्पन्न होते हैं वह कुल पवित्र हो जाता है। माता कृतार्थ हो जाती हैं। देश लोक पृथ्वी और पिता धन्य हो जाता है। अर्थात् वह कुल पवित्र हो जाता है। पृथ्वी पवित्र एवं धन्य हो जाती है। वह देश धन्य हो जाता है तथा उसके पितर लोग धन्य हो जाते हैं। भगवान का भक्त होना कल्याण कारक है।

स्वामी जी ने कहा है कि छेय, ज्ञेय, प्रेय और त्रेय नारायण ही एक माह भगवान एवं शास्त्र के वचनों पर संतों का सहज एवं मौलिक अधिकार होता है। भगवान ने एक बार नारद जी से कहा कि आप तय करें कि सबसे बड़ा कौन है ? नारद जी ने कहा कि जो सबसे बड़ा कार्य करे वही बड़ा है। यानी पृथ्वी है। भगवान ने कहा कि पृथ्वी का भार शेष जी उठाते हैं तो शेष जी बड़े है उनसे भी बड़े शंकर जी हैं, जो उन्हें अपने शरीर में लपेटे रहते है।

शंकर जी से बड़े रावण है जो अंगूठे पर शंकर जी को उठा लिया। उससे बड़े बालि है जो रावण को छः माह तक कांख में दबाये रखा, उनसे बड़े राम है, जो बालि का वध किए। लेकिन राम से भी बड़े भगवान के भक्त है जो अपने हृदय में उन्हें सूक्ष्म रुप में सदा धारण किए रहते हैं। भगवान के भक्तों से बड़ा दुनिया में कोई नहीं है। भगवान के भक्तों के साथ कभी अपचार नहीं करना चाहिए।

भोजपुर में खुलेगा बिहार का दूसरा एग्रीकल्चर इंजीनियरिंग कॉलेज समस्तीपुर के पूसा के बाद

आरा : आरा विधायक एवं सूबे के कृषि मंत्री अमरेन्द्र प्रताप सिंह की पहल पर भोजपुर में एग्रीकल्चर इंजीनियरिंग कॉलेज खुलने की कवायद तेज़ हो गयी है जो बिहार का समस्तीपुर के पूसा के बाद दूसरा एग्रीकल्चर इंजीनियरिंग कॉलेज होगा| कृषि मंत्री के निर्देश पर कृषि विभाग इसका प्रस्ताव तैयार कर रहा है| प्रस्ताव तैयार होते ही इसे कैबिनेट में भेजा जायेगा। कैबिनेट की मुहर लगते ही भोजपुर में इसकी नींव रखने का मार्ग प्रशस्त हो जायेगा। बता दें कि आरा के विधायक अमरेंद्र प्रताप सिंह ने पिछले साल कृषि मंत्रालय का प्रभार संभालने के बाद ही भोजपुर में कृषि विभाग की ओर से एक महत्वपूर्ण संस्थान खोलने की इच्छा जताई थी। आरा में आयोजित एक कार्यक्रम में उन्होंने इसकी घोषणा भी की थी।

भोजपुर में एग्रीकल्चर इंजीनियरिंग कॉलेज खुलने से राजधानी व आसपास, शाहाबाद समेत दक्षिण बिहार के किसानों को इसका लाभ मिलेगा। आरा-छपरा पुल के बाद सारण के इलाके के लोगों को भी इस कॉलेज का लाभ मिलेगा। अभी बिहार में एकमात्र एग्रीकल्चर इंजीनियरिंग कॉलेज समस्तीपुर के पूसा में है। एग्रीकल्चर इंजीनियरिंग कॉलेज के लिए कृषि विभाग की नजर आरा समेत भोजपुर के विभिन्न स्थानों पर कृषि विभाग की जमीन पर नजर है। वैसे तो आरा के जापानी फॉर्म में कृष विज्ञान केंद्र की जमीन है। इस पर भी विभाग की नजर है।

इसके अलावा सकड्डी के पास कृषि विभाग का फॉर्म है। यह फोरलेन पर है और राजधानी पटना, भोजपुर जिला मुख्यालय आरा और सारण जिला मुख्यालय छपरा के निकट है। फोरलेन से महज पांच मिनट के रास्ते पर मौजूद उक्त जमीन पर आवागमन की अच्छी कनेक्टिविटी है। बताते हैं कि सकड्डी की जमीन पर वर्षों पूर्व बॉयो टेक्नोलॉजी केंद्र खोलने की कवायद शुरू हुई थी, लेकिन तब इसे अमली जामा नहीं पहनाया जा सका था। शाहपुर और जगदीशपुर में भी कृषि विभाग की जमीन है। वैसे अभी यह तय नहीं हुआ है कि किस जमीन पर एग्रीकल्चर इंजीनियरिंग कॉलेज बनेगा।

भोजपुरी कला संरक्षण मोर्चा ने लगाई चित्र प्रदर्शनी

आरा : भोजपुरी चित्रकला को स्थापित करने के लिए एवं पूर्व मध्य रेलवे प्रशासन की तंद्रा तोड़ने के लिए भोजपुरी कला संरक्षण मोर्चा द्वारा आज लगातार सातवें दिन आरा रेलवे स्टेशन पर भोजपुरी चित्रकला प्रदर्शनी लगाकर रेलवे प्रशासन का सांकेतिक विरोध किया गया। इस प्रदर्शनी में स्थानीय चित्रकारों के लगभग एक सौ भोजपुरी चित्रों को लगाया गया। स्थानीय चित्रकारों, सामाजिक कार्यकर्ताओं एवं आम लोगों की मनोभावना यह है कि भोजपुरी भाषी क्षेत्रों के रेलवे स्टेशनों एवं सार्वजनिक स्थानों पर भोजपुरी चित्रकला का चित्रांकन किया जाए। इससे न केवल भोजपुरी चित्रकला स्थापित होगी बल्कि रोजगार के नए अवसर भी पैदा होंगे।

भोजपुरी चित्रकला महज एक चित्रकला नहीं अपितु भोजपुरी भाषी क्षेत्र की संस्कृति और परम्परा है। इससे भोजपुरिया लोगों की भावनाएं जुड़ी हुई हैं। इसको देखकर आत्मीयता का बोध स्वतः होने लगता है। आधुनिकता की अंधी दौड़ में युवा वर्ग पारंपरिक चीजों को भूलते चले जा रहे हैं।

आज की चित्रकला प्रदर्शनी में चित्रकार सह कोषाध्यक्ष कमलेश कुंदन, चित्रकार रौशन राय, चित्रकार संजीव सिन्हा, युवा चित्रकार कौशलेश और कुछ युवा चित्रकारों की पेन्टिंग्स लगायी गयी थी। संयोजक भास्कर मिश्र एवं उप संयोजक विजय मेहता ने कहा कि हमारे संघर्ष की बातें अब प्रखंड औऱ ग्राम स्तर पर पहुंच रही हैं। नाट्यकर्मी अशोक मानव, रंगकर्मी एवं पत्रकार रवींद्र भारती तथा फ़िल्म निर्देशक एवं नाट्यकर्मी कृष्णेन्दु ने कहा कि भोजपुरी चित्रकला महिलाओं को रोजगार का अवसर प्रदान करेगा।

प्रदर्शनी के आयोजन को सफल बनाने में सामाजिक कार्यकर्ता रवि कुमार सूरज, ममता कुमारी, रुपेश कुमार पांडेय(ज्ञानपुरी),सु नील पाण्डेय, वेदिका कुमारी, आदित्य अतुल डब्ल्यू कुमार,धर्मेंद्र कुमार सिंह, संतोष कुमार, सावन कुमार, चित्रकार कौशलेश पांडेय, प्रकाश कुमार, अमरेंद्र शक्रवार, अभय कुमार आदि प्रमुख थे। मोर्चा द्वारा कल 8 जून 2021 को सुबह 9 से 11 बजे तक भोजपुरी चित्रकला आधारित फेस पेंटिंग एवं बॉडी आर्ट बनाकर भोजपुरी चित्रकला को समान अवसर दिलाने तथा आम जनता को जागरूक करने और एकजुटता प्रदर्शित करने के लिए किया जाएगा।

राजीव एन अग्रवाल की रिपोर्ट