पटना : चिरांद विकास परिषद द्वारा आगामी ज्येष्ठ शुक्ल पूर्णिमा (24 जून) के दिन कोरोनाकाल को देखते हुए ‘चिरांद महोत्सव’ के प्रतीकात्मक गंगा महाआरती एवं रामायण पाठ करने का निर्णय लिया गया है। साथ ही इन कार्यक्रमों का व्यापक स्तर पर डिजिटल प्रसार करने की भी योजना है, ताकि अधिक से अधिक संख्या में लोग इस पावन अवसर का साक्षी बन सकें। शनिवार को आयोजित चिरांद विकास परिषद की वर्चुअल बैठक में उक्त निर्णय लिए गए।
इस संबंध में चिरांद विकास परिषद के सचिव श्रीराम तिवारी ने बताया कि पिछले 13 वर्षों से चिरांद में लगतार ज्येष्ठ शुक्ल पूर्णिमा के अवसर गंगा महाआरती एवं रामायण पाठ का आयोजन होता रहा है। लेकिन, गत वर्ष कोरोना वायरस के प्रकोप के कारण भीड़ जुटने से बचाव के लिए केवल प्रतीकात्मक आरती हुई थी। उसी प्रकार इस बार भी 24 जून को कार्यक्रम आयोजित होंगे।
बैठक में उपस्थित भाजपा एमएलसी ई. सच्चिदानंद राय ने तकनीकी पक्ष के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि कार्यक्रम शुरू होने के पूर्व ही इसके प्रसार का नेटवर्क बने और इसको शेयर करने के लिए समर्पित टोली का निर्माण हो। वहीं बैठक में उपस्थित अर्जित शाश्वत चौबे ने सुझाव दिया कि इस आयोजन को डिजिटल रूप में जन-जन तक लोकप्रिय बनाने के लिए एक वीडियो टीज़र बनाकर उसका प्रसार किया जाए तथा उस दिन के लाइव कार्यक्रम को विभिन्न सोशल मीडिया पर व्यक्तिगत एवं संस्थागत स्तर पर शेयर किया जाए। इसके अलावा उन्होंने चिरांद को रामायण सर्किट से जोड़ने की भी बात कहीं। वरिष्ठ अधिवक्ता अजीत शुक्ल ने कहा कि चिरांद महोत्सव में लाखों लोगों की आस्था है। लेकिन, कोरोना के कारण सबका जुटान वहां संभव नहीं है। ऐसे में आयोजकों द्वारा यह व्यवस्था हो कि अगर कोई श्रद्धालु चाहे, तो दान राशि देकर अपने नाम का दीया प्रज्जवलित करवा सके।
बैठक की अध्यक्षता चिरांद विकास परिषद के अध्यक्ष कृष्णकांत ओझा ने की। इस बैठक में चिरांद विकास परिषद् के नागा बाबा, स्वामी दिव्यात्मानंद, गेंदा सिंह, रामदयाल शर्मा, रासेश्वर सिंह, प्रो. किस्मत कुमार सिंह, राजेश पांडेय, संजीव कुमार, मारुति नंदन, मृत्युंजय त्रिपाठी आदि प्रमुख रूप से उपस्थित रहे।