वर्षों पूर्व ग्रेनाइट पत्थर से निर्मित देवी-देवताओं की दो टुकड़ों में मूर्ति समेत पुरातत्विक सामग्री मिली
मधुबनी : जिले के लदनियां प्रखंड के कुमरखत गांव स्थित डीहवार स्थान परिसर में मिट्टी खोदने के क्रम में करीब सात सौ वर्ष पूर्व ग्रेनाइट पत्थर से निर्मित अलग-अलग दो टुकड़े में देवी-देवताओं की मूर्ति सहित पुरातत्विक सामग्री मिली है। मूर्ति मिलने की खबर सुनते ही लोग दर्शन को उमड़ पड़े। स्थानीय श्रद्धालुओं ने उक्त परिसर में मूर्ति को पीपल पेड़ के नीचे स्थापित कर पूजा अर्चना शुरु कर दिया है।
इस बाबत स्थानीय मदन पासवान सहित स्थानीय लोगों का कहना है कि सैकड़ों वर्ष पूर्व में इस परिसर में मंदिर रहा होगा, जो काल क्रम में जमींदोज हो गया होगा। कुछ दिनों से डीहवार स्थान परिसर को जनसहयोग से चाहर दीवारी निर्माण कार्य चल रहा है। इसी क्रम में चाहर दीवारी निर्माण के लिए जेसीबी मशीन से मिट्टी कटाई कार्य चल रहा था। मिट्टी कटाई क्रम में ठकठक की अबाज सुनाई पड़ी। मिट्टी निकालने के क्रम में अलग अलग पत्थर दो ग्रेनाइट पत्थर के टुकड़े मिले। इसमें नौ देवी देवताओं का मूर्ति उकेरे गए हैं।
लोगों का कहना है करीब साढ़े तीन फीट के ग्रेनाइट पत्थर से बना भगवान विष्णु का मूर्ति है। मूर्ति के बायां भाग लक्ष्मी जी और दायां भाग सरस्वती जी है। वहीं करीब दो फीट के पत्थर में भगवान शिव एवं गणेश जी की मूर्ति है। जेसीबी मशीन से मिट्टी काटने के समय मूर्ति के कुछ हिस्सा टूट गया है। लोगों का कहना है कि मूर्ति असलियत पुरातत्व विभाग के जानकार ही बता सकता है कि मूर्ति कितने साल पुराने हैं और किस पत्थर से बना है।
इस बाबत महाराजा लक्ष्मेश्वर सिंह संग्रहालय के संग्रहालय अध्यक्ष डॉ० शिव कुमार मिश्र का कहना है कि करीब सात सौ वर्ष पुराना ग्रेनाइट पत्थर से बना करीब साढ़े तीन फीट लंबा जलधरि मकर मुख है। वहीं एक स्तम्भ है। इसमें देवी देवताओं का मूर्ति उकेरा गया है। सात सौ वर्ष पूर्व यहां मंदिर रहा होगा, जो काल क्रम में जमींदोज हो गया। हमने उक्त आशय की लिखित जानकारी जिलाधिकारी व पुलिस अधीक्षक को नियमानुसार अपने पदाधिकारी को निर्देश देने को कहा है।